हिन्दी मे सुविचार

“मुँह पर कड़वा बोलने वाले लोग कभी धोका नहीं देते, डरना तो मीठा बोलने वालो से चाइये जो दिल में नफरत पालते है और वक्त के साथ बदल जाते है….” .

जहां शमा की जगह दिल जलाए जाते हैं बड़े अदब से वहां हम बुलाए जाते हैं” .

“तकलीफ़ ख़ुद ही कम हो गई, जब अपनो.. से उम्मीद कम हो गई

“अच्छे लोगो की संगत में रहो, सुनार का “कचरा” भी, बनिये की “बादाम” से महंगा होता है..” .

“यूँ उम्र कटी दो अल्फ़ाज़ में एक आस में, एक काश में….” .

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“दहेज़ क्या है?? लड़की की मांग भरने से पहले लड़के वालों की मांग भरना..”

“ज़िन्दगी में बहुत कुछ मिल जाता है, बस सही लोगों से सही वक्त पर कदर नही मिलती…” .

“वक़्त का खास होना जरुरी नही खास के लिये वक़्त होना जरूरी हे” .

“कोई सुलह करा दे अब जिंदगी की उलझनों से… बड़ी तलब लगी है आज मुस्कुराने की…” .

 “अच्छा है आँखों पर पलकों का कफन वरना तो इन आँखों में बहुत कुछ दफन है.” .

“इतनी चाहत तो लाखो रु पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है……” .

मैं कभी सिगरेट. पीता नही, मगर हर आने वाले से पूछ लेताहूं कि माचिस है, बहुत कुछ है जिसे मैं फूंक देना चाहता हूं. गुलज़ार

किसी ने मुझ से पूछा की पूरी ज़िन्दगी मे क्या किया मैंने हंसकर जवाब दिया किसी के साथ धोखा नहीं किया 

“सब्र” सब्र एक ऐसी सवारी है जो अपने “सवार” को कभी गीरने नही देती… ना किसी के कदमो मे और न किसी के नजरो से.” .

“”समय”, “सत्ता”, “संपत्ति” और “शरीर” चाहे साथ दे न दे लेकिन “स्वभाव”, “समझदारी”, “सत्संग” और सच्चे “संबंध” हमेशा साथ देते है” .

 “जिंदगी ने मुझे एक चीज सिखा दी, अपने आप मे खुश रहना और किसी से कोई उमीद ना करना” .

“‎छोटे थे तो सब नाम से बुलाते थे….!! बड़े हुवे तो बस ه काम से बुलाते है…‎”‎ .

“कुछ बुंदे पानी की… ना जाने कब से रुकी हैं पल्कों पे… ना ही कुछ कह पाती हैं… और… ना ही बह पाती हैं!” .

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