हिचकी- बीना शर्मा Moral stories in hindi

पायल अपने कमरे में बिस्तर पर लेटी हुई आराम कर रही थी 1 दिन पहले बाथरूम में नहाते वक्त पैर फिसलने के कारण वह धड़ाम से फर्श पर गिर गई थी जिससे उसके पैर में फ्रैक्चर आ गया था उसके पति पंकज उसे तुरंत अस्पताल लेकर गए डॉक्टर ने जब उसका एक्सरा किया तो पता चला कि पैर की हड्डी टूट गई है तब डॉक्टर ने उसके पैर पर प्लास्टर चढ़ा कर उसे सवा महीने के लिए आराम करने को बोल दिया था घर आकर वह बिस्तर पर लेटी हुई अपने पापा सुमित को याद कर रही थी उसके पापा सुमित

उसे बेहद प्यार करते थे बचपन में कभी खेलते वक्त उसे जरा सी चोट लग जाती तो जब तक वह अपने पापा को अपनी चोट ना दिखा देती तब तक उसे चैन नहीं पड़ता था वैसे तो चोट लगने पर उसकी मम्मी उसे तुरंत डॉक्टर के यहां ले जाकर उसकी दवा पट्टी करवा देती थी परंतु, जब उसके पापा ऑफिस से आते तो वह अपने साथ हुई सारी घटना जब तक अपने पापा को ना बता देती तब तक वह चैन की सांस ना लेती थी तब उसके पापा प्यार से उसे खाना खिला कर अपने हाथों से दवाई देकर थपकी देकर

सुलाते थे वैसे तो उसकी मम्मी ही घर का सारा काम करती थी परंतु, जब उसे किसी चीज की जरूरत होती तो वह अपनी मम्मी के बजाय पापा के सामने ही अपनी फरमाइश रखती थी उसके पापा भी उसकी सारी फरमाइश कहते ही पूरी करते थे।

      शिक्षा पूरी होने के पश्चात जब वह विवाह योग्य हुई तब एक योग्य वर पंकज जो  काफी संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता था और एक कंपनी में मैनेजर की जॉब करता था के साथ धूमधाम से पायल का विवाह संपन्न कर दिया था ससुराल में आकर पायल काफी खुश रहती थी उसके सास ससुर पति

सभी उसे बेहद प्रेम करते थे और उसके खाने पीने का भी बहुत ध्यान रखते थे पायल भी अपने सास ससुर और पति की बहुत सेवा करती थी घर के कामों में निपुण होने के कारण वह जल्दी ही अपने परिजनों की चहेती बन गई थी।

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      उसी दौरान एक दिन उसके पापा को सोते समय दिल का दौरा पड़ गया था मायके में उसकी मम्मी और भैया भाभी उसके पापा का बहुत ख्याल रखते थे परंतु, फिर भी होनी को कौन टाल सकता है तब परिजनों के द्वारा सूचना मिलने पर वह तुरंत अपने पापा को देखने अस्पताल पहुंच गई डॉक्टर ने अच्छा इलाज करके

उनकी जान तो बचा ली थी परंतु, उसके परिजनों को सख्त हिदायत दी थी कि उनके सामने कोई ऐसी बात ना करें जिससे इन्हें तनाव हो क्योंकि तनाव के कारण उन्हें दोबारा दिल का दौरा पड़ सकता था तब डॉक्टर की बात को ध्यान में रखते हुए उसके भैया भाभी उसके पापा को घर ले आए थे पायल भी अपने पापा से मिलकर अपनी ससुराल आ गई थी वह रोजाना फोन के माध्यम से वीडियो कॉल करके अपने पापा से उनका हाल-चाल पूछती रहती थी।

     एक दिन सुबह के वक्त वो नहाने के लिए बाथरुम में गई तो बाथरूम गीला होने के कारण उसका पैर फिसल  गया था जिससे उसके पैर की हड्डी टूट गई थी उसे पता था कि यदि उसके पापा को उसके पैर में चोट लगने के बारे में पता चलेगा तो वह बहुत दुखी होंगे इसलिए उसने अपने सास ससुर और

पति से साफ मना कर दिया था कि इस बारे में उसके पापा को बिल्कुल भी पता नहीं चलना चाहिए तब उसके सास ससुर और पति ने उसकी बात का मान रखते हुए उसके घर वालों को चोट  लगने के बारे में कुछ भी नहीं बताया था।

      अगले दिन उसके ससुर ड्राइंग रूम में  बैठकर अखबार कर रहे थे कि तभी एक गाड़ी उनके दरवाजे पर आकर रुकी जब उन्होंने दरवाजा खोल कर देखा तो सामने उनके समधी सुमित खड़े थे वो आदर भाव से उन्हें अंदर बुलाकर आए तो उन्होंने उनसे सबका हाल-चाल पूछ कर जब पायल के बारे में पूछा तब वो मौन  हो गए थे तब  अपने समधी को मौन देखकर सुमित सीधे पायल के पास चले गए थे जब उन्होंने पायल को बिस्तर पर लेटे हुए देखा तो वह  मुस्कुराते हुए उससे बोले”बेटी अब कैसी तबीयत है तुम्हारी तुम्हारे पैर में दर्द तो नहीं हो रहा? यह सुनकर पायल आश्चर्य से बोली”पापा जी मैंने तो आपको चोट लगने के बारे में कुछ भी नहीं बताया था फिर आपको कैसे पता चला?

     “बिटिया तुमने क्या सोचा यदि तुम मुझे बताओगी नहीं तो मुझे पता नहीं चलेगा बाप बेटी का अटूट बंधन होता है जो दिल से जुड़ा होता है यदि एक को चोट लगे तो दूसरे को बिना बताए पता चल ही जाता है जब चोट लगने पर तुम मन ही मन मुझे याद कर रही थी तब मुझे बार-बार हिचकियां आ रही थी तब मैं समझ गया की हो ना हो मेरी बेटी किसी परेशानी में है मुझे दुख ना देने के कारण वह मुझे बताना नहीं चाहती मैंने घर वालों को बिना बताए तुरंत गाड़ी निकाली और तुम्हारे पास चला आया।”

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पापा की बात सुनकर पायल की आंखें छलक आई थी उसके पापा जैसे ही उसके आंसू पोछने उसके करीब आए वह प्यार से उनके गले से लग गई थी यह सत्य बात थी कि जब भी वह अपने पापा को मन ही मन याद करती तो उसके पापा को हिचकी आने लगती थी तब उसके पापा उससे फोन कर कर जरूर पूछते थे बेटी तुम मुझे याद कर रही हो तब पायल के द्वारा हां में जवाब देने पर उसके पापा मुस्कुरा कर कहते मुझे बहुत हिचकियां आ रही है ऐसा ही पायल के साथ होता था जब उसके पापा उसे याद करते तब उसे भी तुरंत हिचकियां  आने लगती थी। बाप बेटी का अटूट प्यार देखकर उसके सास ससुर और पति भी  खुशी से मुस्कुराने लगे थे।

दोस्तों क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है जब किसी ने आपको याद किया हो और आपको हिचकी आई हो सच्चा प्यार वह नहीं होता जिसमें कोई बनावट हो।

सच्चा प्यार वह होता है जिसमें याद वह करें और हिचकी मुझे आए।

लेखिका बीना शर्मा

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