हसीन शिकंजा – अंजना ठाकुर  : Moral stories in hindi

होटल के एक टेबल पर अचानक नीरज की नजर ठहर गई उसने नोटिस किया की एक लड़की उसी को देख रही है ।दोनों की नजर मिलते ही लड़की ने एक मुस्कुराहट दी जिसे देखते ही नीरज ने भी एक स्माइल दी  और मन ही मन खुश हो गया उसने अपने दोस्तों को भी बताया ,उन्होंने पीछे मुड़ कर देखा तो वो फिर मुस्कुरा दी।

यूं ही सिलसिला चलता रहा जब बिल देने की बारी आई तो लड़की निकिता के कार्ड मैं कुछ एरर आ गया जिसे उसने पहले से ही कर रखा था।काफी देर बाद वेटर बोला आप कैश दे दो ।

निकिता बोली कैश तो मेरे पास नहीं है ।मैं आपको बाद मैं दे जाऊंगी पर वेटर मान नही रहा था निकिता थोड़ा जोर से ही बोल रही थी जिस से नीरज सुन ले थोड़ी देर बाद नीरज खुद ही आया और वजह पूछी तो बोला मैं आपका पेमेंट कर दूंगा

निकिता ने बनावटी रूप मै मना किया और थोड़ी देर मैं राजी हो गई ।

फिर दोनों मैं पहचान हुई ।निकिता ने कहा आप अपना नंबर दे दो मैं आपसे मिलकर पैसे लौटा दूंगी

नीरज बोला उसकी जरूरत नहीं पर मैं आपसे मिलना जरूर चाहूंगा और दोनो ने अपना नंबर दिया ।नीरज ने अपने दोस्तों से मिलवाया जिनसे निकिता काफी अच्छे से मिली और निकिता बाहर आ गई ।

नीरज बहुत खुश था ।

बाहर निकलते ही निकिता ने टैक्सी ली और चैन की सांस ली आज कितने महीनों बाद उसकी मेहनत रंग लाई थी। कब से नीरज के बारे मैं पता लगा रही थी की उस से अकेले मैं मिल सके  और कुछ दिन पहले ही पता लगा की वो इस होटल मैं अक्सर आता है ।उस से इस तरह मिलना था की उसे पता नहीं चल पाए कि वो विनीता की बहन है ।

सोचते हुए निकिता की आंख मैं आंसू आ गए ।विनीता और निकिता दोनों बहन है दोनों को खूबसूरती बेशुमार मिली थी । दोनों पढ़ने मैं काफी

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होशियार थी और अपनी मां की तरह खुद को सफल बनाना चाहती थी ।उनकी मां ने हमेशा सिखाया था की स्त्री की खूबसूरती उसकी आत्मनिर्भरता है ।उनकी मां एक जानी मानी डॉक्टर है और पापा भी एक सर्जन ।।

नीरज ने जब विनीता को देखा तो उसके पीछे पड़ गया नीरज एक अमीर घर का बेटा था जिसकी हर ख्वाहिश पूरी की जाती ,जिस वजह से उसे ना सुनने की आदत नही थी ।

विनीता नीरज के बारे मैं जानती थी उसने दोस्ती करने से मना कर दिया जिस कारण नीरज के अहम को इस कदर चोट लगी उसने मन ही मन निश्चय किया की विनीता की खूबसूरती को बर्बाद कर देगा और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर विनीता पर एसिड अटैक कर दिया उनके मुंह ढके हुए थे लेकिन उसने बोला था की देख लिया नीरज को मना करने का अंजाम ।

जल्दी जल्दी विनीता को अस्पताल पहुंचाया गया उसका एक तरफ का हिस्सा काफी जल चुका था

विनीता का हौसला टूट चुका था वो काफी डिप्रेस हो गई थी निकिता दूसरे शहर से अपना कोर्स कर रही थी वो भी छुट्टी ले कर आई ।बाद मैं पुलिस केस भी हुआ पर सबूत ना मिलने पर उनको छोड़ दिया गया नीरज को ये नहीं पता था की निकिता ,विनीता की बहन है उसे – उसने देखा नही था।

निकिता ने विनीता को हौसला दिया की वो उनको सजा जरूर दिलाएगी तुम हिम्मत रखो हम कोमल जरूर है _कमजोर नही ।।

सबकी प्रेरणा से विनीता का विश्वास लौट आया और वो अपनी पढ़ाई पूरी करने लगी और दोनों मिलकर योजना बनाने लगी ।

निकिता के कॉलेज की छुट्टी लग गई थी और वो आई हुई थी और आज उसने नीरज पर जाल डाल दिया था और पक्की उम्मीद थी कि वो फंस ही जाएगा।

और जैसी उम्मीद थी बही हुआ रात को ही निकिता को कॉल आ गया ।निकिता बोली मैं आपको कॉल करने ही वाली थी बताइए कहां मिल रहे है पैसे देने है और मीठी मीठी बातें करके दुसरे दिन मिलने पहुंच गई ।

मुलाकात बढ़ती गई  निकिता दिखाने लगी की वो नीरज से बहुत प्यार करती है अब नीरज करीब आने की कोशिश करने लगा ।निकिता उसे दूर कर देती बोलती शादी के बाद ।

आज निकिता ने मौका देख कर कहा कि उसके घरवाले उसकी शादी तय कर रहे है तो तुम मुझे भूल जाओ ।और मैं भी घरवालों के खिलाफ नही जा सकती।

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नीरज एकदम से भड़क गया बोला तुम ऐसा नहीं कर सकती तुम सिर्फ मेरी रहोगी मुझे ना सुनने की आदत नही है और बात बढ़ते बढ़ते नीरज गुस्से मै विनीता पर किए हमले और भी एक दो लड़की को परेशान करने की बात बोल गया और बोला तुम्हारा भी बही हर्ष होगा ।निकिता जल्दी से भाग गई ।

दूसरे दिन नीरज और उसके दोस्तों को पुलिस ने पकड़ा इस बार सबूत था निकिता ने सब रिकॉर्ड कर लिया था नीरज इस बात से अनजान था और वो सब बोलता गया ।

उसे सजा हुई आज विनीता को सुकून मिला।और नीरज को समझ आ गया की गलत काम का अंजाम गलत ही होता है।अक्सर किसी चीज की जिद्द इंसान को इतना अहंकारी बना देती है की उसे पाने के चक्कर मैं वो इंसानियत भी भूल जाते है।

इस तरह किसी की जिंदगी से खेलना गलत है क्योंकि हादसा एक बार होता है पर जख्म जिंदगी भर नही भरते ।।

#बेटियां 6 जन्मोत्सव

#कहानी 4

स्वरचित

अंजना ठाकुर 

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