आप भी ना ममा पार्टी मे जा रही है किसी सत्संग या भजन संध्या मे नही, जो आपने ऐसे कपडे पहन लिए, कुछ तो ड्रेस सेंस रखा करो ना मेरी भोली, प्यारी माँ | जमाना बदल गया है, उसके साथ कदम से कदम मिला कर चलना पड़ता है, इनफैक्ट चलना नही दौड़ना होता है, नही तो लोग हमें कुचलते हुए आगे बढ़ जाते है |साक्षी अपनी फ्लो मे फिलॉस्फर की तरह, माँ कुमुद को दुनियादारी समझा रही थी |
माँ कुमुद बुत बनी अपनी बेटी के कहे शब्दों को अपनी समझ से समझने की कोशिश कर रही थी |ये बात उसके पल्ले ही नही पड़ रही थी, क्या सिर्फ मॉडर्न कपड़ो या झूठे दिखावे से ही ज़माने के साथ चल सकते है |कुमुद सोचने लगी पर उसके बाउजी तो हमेशा कहते थे “जीवन मे कुछ बनना है तो दिखावे पर नही अपने विचारों पर धयान रखो वो दूषित ना होने पाए |तभी तो वो हमेशा उन्हें गुरूजी जैसा सम्मान देती थी |ये उनकी शिक्षा का ही तो असर था, वो उस ज़माने की पीएचडी थी जब लड़किया सिर्फ मेट्रिक पास करना अपना सौभाग्य मानती थी |
कुमुद ने आईने के सामने खड़े होकर एक नज़र अपने करीने से बंधी सिल्क की साड़ी पर डाली, मैचिंग बिंदी, गजरे से सजा उसका ढीला जुडा कही से कुछ एक्स्ट्रा नही कोई तड़क भड़क नही |बहुत ही सौम्य लग रही थी |
कुमुद ने दृढ़ता से बेटी साक्षी को कुछ भी बदलाव करने से मना कर दिया |साक्षी गुस्से मे पैर पटकते हुए बोली “पापा घर पर नही है अगर उनके साथ ऐसे पार्टी मे जाती तो वो भी गुस्सा करते |”कुमुद ने मुस्कराते हुए कहा “ठीक है मेरी माँ, अब जल्दी चल देर हो रही है |”
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पार्टी मे आते ही एक बार को तो कुमुद को लगा की वो बहुत सिंपल बन कर आयी है |साक्षी भी आँखों आँखों मे उसे अपनी नाराज़गी दिखा रही थी ऐसे किसी भी मौक़े पर जब कुमुद का कॉन्फिडेंस लो होने लगता वो अपने गुरूजी जैसे बाउजी की बातें याद कर कॉंफिडेंट हो जाती |वो अक्सर कहा करते “किसी के दिल मे जगह बनानी है तो बनावटी मत बनो|”सादा जीवन उच्च विचार सारी जिंदगी बाउजी के इस जुमले पर काम किया |आज की पार्टी को देख कर लग रहा था शायद आज इस जुमले से बात ना बने, तभी कुमुद एक कोना ले कर वही फिक्स हो गयी |साक्षी घूम घूम कर पार्टी एन्जॉय कर रही थी |तभी उसने दूर से देखा साक्षी की फ्रेंड उसके बारे मे पूछ रही थी |साक्षी ने सुकचाते हुए माँ कुमुद के टेबल की तरफ इशारा कर दिया | अन्वी साक्षी की फ्रेंड कुमुद से मिलने आयी और उसके पास ही बैठ गयी |बहुत देर इंतजार करने के बाद जब साक्षी अन्वी को बुलाने आयी तो अन्वी ने पूरा मुँह खोल कर हैरानी से साक्षी को देखते हुए कहा “wow !sakshi ur so lucky, कितनी गहरी समझ है आंटी की, सब टॉपिक पर नॉलेज रखती है, यार मै तो कायल हो गयी इनकी |ड्रेस सेंस भी लाजवाब है पूरी पार्टी मे सबसे एलिगेंट और ग्रेसफुललग रही है |अब हैरानी से मुँह खोलने की बारी साक्षी की थी |और कुमुद मन ही मन एक बार फिर गुरूजी को धनयवाद देते हुए कह रही थी “आज फिर आप जीत गए बाउजी |”
मौलिक
पिंकी नारंग