चलो जी आज शिखा से मिलते हैं और जानते हैं आखिर उसकी अनोखी जन्मदिन की गिफ़्ट डिमांड थी क्या …..
तीन भाइयों के परिवार में शादी हुई शिखा की, छोटी बहू बनकर आई घर में, विशाल की दुल्हनिया बन कर ।
सास ससुर ,दो जेठानी उनके प्यारे दो बच्चे दिन भर चाची चाची करते ।
एक सामान्य सी लड़की तरह ही कई सपने आंखों में ।
विशाल ने पूरे भी किये उसके ख्वाब ,शादी के बाद घूमना फिरना भी हुआ ,नया नया सब कुछ हसीं ख्वाब सा ,विशाल बहुत ध्यान रखता उसका ।
कुछ समय बाद सामान्य दिनचर्या शुरू हो गई सबकि, विशाल ने ऑफिस जाना शुरू कर दिया ।सप्ताह के एक दिन छुट्टी रहती ,बड़ा बेसब्री से इंतजार रहता उसे ।
हो भी क्यों न नई नई शादी में तो मानो पंख लगे होते हैं ।
शुरू शुरू में तो शौक में साड़ी पहन कर जाती घूमने ।
एक छुट्टी वाले दिन उसने विशाल से कहा सूट पहन चलूं आज , विशाल ने कहा हमारे यहां सूट की परमिशन नहीं है दोनों भाभी ने भी अभी तक नहीं पहने हैं ,दरअसल मां को पसन्द नहीं सूट पहनना, नाराज सी हो गई इसमे क्या है घूमने ही तो जा रहे हैं ,घर में थोड़ी बोल रही हूँ पहनने के लिए ,मनाते हुए कहता है ओहो अब में मां से पूछुंगा तो सब बोलेगें लो ,आये हुए दिन किंतने हुए अभी और पत्नी की तरफदारी करने लगा ,कुछ दिनों में पूछ लूगाँ, वैसे ये लाल साड़ी बहुत अच्छी लग रही है तुम पर , शिखा शाम बिगाड़ने के मूढ़ में नहीं थी तो जाने दिया बात को।
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धीरे धीरे समय निकलता गया पर सूट का मामला ज्यों का त्यों था । शिखा ने भी इस बात पर बोलना छोड़ दिया था । 1 साल बाद शिखा ने ख़ुशख़बरी दी विशाल को कि नन्हा मेहमान आने वाला है । पूरा घर बहुत था ,सब उसका बड़ा ख्याल रखते।
इस बीच डॉक्टर के पास भी दिखाने जाना होता ,तो साड़ी में जाना उसे बड़ी आफत सी लगती ,शुरू में तो ठीक रहा पर जब 5 महीने हो गए तो साड़ी में उसे परेशानी आने लगी आखिर कितने बिलाउज की सिलाई सही करे ।
5 महीने पुरे हुए इस महीने ओर शिखा का जन्मदिन भी आया इस महीने ।
विशाल ऑफिस से आते समय केक ले आया । केक कटा सबने बधाई दी शिखा को ,पापा ने कहा विशाल , बहु को हमारी ओर से अच्छा सा गिफ्ट दिला देना अभी जा रहे हो घूमने तो , इतने में शिखा कहती है पापा मुझे ये गिफ्ट नही चाहिए ,मुझे अपनी पसन्द का गिफ्ट चाहिए।
बोलो क्या चाहिए पापा ने कहा, मुझे सूट पहनने की इजाजत चाहिये ।
पापा ने तुरंत हाँ कर दिया पर मां अभी चुप थीं, पापा ने उनकी ओर देखा ओर कहा तुम भी दे दो शिखा को ये तोहफा, नहीं तो वो नही पहनेगी ,तो फिर बोली मैंने कब न कहा है, पहने जो पहनना है।
पापा ने तुरंत विशाल को कहा बहु के पसंद के बढ़िया सूट दिला कर लाना आज ही, शिखा बहुत ही खुश थी ,आखिर आज जन्मदिन पर अपना पसन्द का गिफ्ट जो मिल गया था उसे।
नंदिनी