घर संसार – डॉ रश्मि सक्सेना

सत्या आज बेटी की शादी में बहुत खुश थी ।आज सभी जेठ -जेठानी एवम् ननदें उसे बधाई दे रहे थे कि बेटी की शादी का बहुत अच्छा इंतजाम किया हमारे परिवार के सबसे छोटे बेटा -बहु बहुत अच्छे से सारा काम किए।

सत्या सभी को धन्यवाद बोलती है और उसे वो दिन याद आ गए वो एक बड़े अफसर की बेटी थी पर गांव में खेती (जमीदारों)के घर से रिश्ता आया और उसके पापा को सौमिल का सीधा सादा स्वभाव पसंद आया।सौमिल बाहर नौकरी करता था तो सत्या कुछ दिन ससुराल में रह कर सौमिल के साथ उसकी नौकरी पर चली गई।सौमिल का हर तीन चार साल में स्थानांतरण होता रहता था,कुछ समय बाद बच्चे हुए तो सत्या व्यस्त हो गई छुट्टियों में ही मायके व ससुराल आ पाती थी।तभी सारे जेठ जेठानी एवम् ननदें भी वहीं ससुराल में आ जाते थे तो सबसे मिलना हो जाता था।उसे लगता था जेठ जेठानी व ननदें उससे अपनेपन से बाते नही करते हैं,उसे परिवार के मामलों से दूर रखा जाता था पति भी ज्यादा कुछ नहीं बताते थे,खेती व जमीन के बारे में उसे ज्यादा पता नही था पति से पूछती तो वो गुस्सा हो जाते थे।




   वो फिर भी ससुराल जाकर सास -ससुर व जेठ जेठानी के साथ एक दो दिन रहती और वहां जो कमी दिखती वो सामान खरीदवा देती इससे पति को भी अच्छा लगता और उसे भी घर की तरह लगता ।कहने को तो चार – चार जेठ जेठानी थे पर उसे अपनापन सिर्फ छोटे जेठ जेठानी से मिला ।एक बार किसी पूजा कार्यक्रम में शामिल होने जाते समय उसके तीन जेठाें के परिवार एक गाड़ी में थे और उस गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। सत्या और सौमिल ने सभी को हॉस्पिटल पहुंचाया और सभी को हॉस्पिटल व घर में संभाला ।सौमिल का बहुत बड़ा परिवार था एक्सीडेंट का सुनकर सभी लोग आ रहे थे वो हॉस्पिटल में जाना व सभी घायलों को उचित उपचार मिलना ये देख रहा था व सत्या घर में सभी मेहमानों और परिवार के सदस्यों की देखभाल व घायलों का खाना आदि काम में लगी थी ।तब सभी को लगा कि सत्या ने बहुत ही अपनेपन से सबका ध्यान रखा।जब सभी ठीक हो गए व घर आ गए तभी सौमिल और सत्या अपनी नौकरी पर गए ।उसके जेठ ने कहा सौमिल तो घर का बेटा है पर सत्या ने घर व हॉस्पिटल जिस तरह संभाला है प्रशंसनीय है।सत्या ने जवाब दिया दादा (बड़े भाई को दादा बोलते) ये हमारा परिवार है आप सबकी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है।ये सुनकर सभी बहुत खुश हुए।सत्या को भी अच्छा लगा कि कम से कम सभी ने अपना तो माना।उसके पति सौमिल को भी अपनी पत्नी का काम अच्छा लगा। सत्या बोली ये हमारा घर संसार है इसे अच्छा बनाना हमारा कर्तव्य है बच्चे हमे देख कर ही सीखते हैं।

   #परिवार 

मौलिक /स्वरचित 

डॉ रश्मि सक्सेना

विशाखापत्तनम

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