घर की छोटी बहु जब जलील करने लगी !! – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : लाखों में एक हैं तेरी बहु सोनिया तो गिरिजा , जैसा तेरे बेटे रोहित की कुंडली में लिखा हैं वैसी ही सुंदर बहु मिल गई तुझे मौसी जी ने अपनी बहन गिरिजा से कहा !!

गिरिजा मुस्कुरा दी और अपनी बडी बहु कामिनी से बोली कामिनी बहु , जल्दी से आरती की थाल और तिलक के लिए कुंकुम और चावल ले आ !!

कामिनी भी रसोई में जाकर फटाफट आरती का थाल तैयार कर ले आई !! सोनिया और रोहित के गृह प्रवेश के बाद सारी रस्में शुरू की गई !! कुंकुम वाले पानी की थाल में से जब अंगूठी ढूंढने की रस्म शुरू हुई तब तीनों बार अंगूठी सोनिया के हाथ में ही आई और रोहित इस रस्म में सोनिया से हार गया !!

भई वाह !! सोनिया का ही राज चलेगा घर में , रोहित तो तीनों बार हार गया सोनिया से , अब तो सोनिया जैसा बोलेगी वैसा ही होगा , मेहमानों की भीड़ में सभी एक एक करके बोल उठे और ठहाकों की गूंज के साथ सारी रस्में खत्म की गई !!

गिरिजा जी अपने बड़े बेटे रोशन से एकांत में बोली रोशन पुरा घर मेहमानों से भरा पडा हैं , आज रोहित और सोनिया की शादी का पहला दिन हैं और सोनिया अपने मायके से बहुत सारा सामान भी लेकर आई हैं जिसे वह उपर वाले कमरे में नहीं रख पाएगी क्योंकि वह कमरा तो बहुत छोटा है इसलिए मुझे समझ नहीं आ रहा इनको कौन सा कमरा रहने दिया जाए !!

रोशन बोला मम्मी यह भी कोई पूछने की बात हैं और इतना टेंशन लेने वाली बात भी नही हैं जितना आप ले रही हो एक काम करो आप हमारा कमरा दे दिजिए रोहित को , मैं और कामिनी उपर के कमरे में शिफ्ट हो जाएंगें !!

कामिनी ने जब यह सुना तो उसके कान यह सुनकर सुन्न रह गए क्योकि उपर का कमरा बहुत छोटा था जहां कामिनी को भी एडजस्ट करने में परेशानी होती मगर वह कुछ बोली नहीं और सोचने लगी एक बार रोशन मुझसे तो पूछ लेते वैसे भी मैं कहां उनका विरोध करने वाली थी ?? रोशन और मैंने वैसे भी इस घर के लिए बहुत बलिदान दिए हैं तो एक ओर सही सोचकर कामिनी ने अपने मन को समझा दिया !!

रोशन और कामिनी के दोनों बच्चों का कमरा अलग था जहां उनकी किताबों का बुक शेल्फ , स्टडी टेबल और उनके अलग अलग बेड़ पहले से थे , सास गिरिजा जी का कमरा पुजा घर वाले कमरे से बिल्कुल नजदीक था , रोहित का कमरा बहुत छोटा था क्योंकि वह अब तक वह कुंवारा था और अब बचा रोशन और कमिनी का कमरा जहां पहले से डबल बैड़ और सुविधाओं की चीजें मौजूद थी !!

दूसरे दिन से सोनिया भी रसोई में आकर बड़ी जेठानी कामिनी की रसोई के कामों में मदद करने लगी !! सोनिया ने लाल रंग की साड़ी , लाल बिंदी और बडे बडे झुमके पहने थे जिसमें वह बहुत सुंदर लग रही थी !! सोनिया एक संपन्न परिवार की बेटी थी और मायके से तगड़ा दहेज लेकर आई थी !! वाशिंग मशीन , फ्रिज , तीन अलमारी और भी काफी महंगी – मंहगी चीजें जिसे घर में अभी पैंकिंग में ही रखा गया था क्योंकि घर में पहले से यह सब मौजूद था !!

घर की इकलौती ननद शीला भी अपनी छोटी भाभी के आने से बहुत खुश थी और अपनी सारी सहेलियों से सोनिया को हंस हंसकर मिलवा रही थी मगर सोनिया जल्दी ही इन सब चीजों से उबकर अपने कमरे में चली गई !! शीला को अपनी भाभी का यह बर्ताव थोड़ा सा अजीब लगा मगर वह सोचने लगी अब भाभी हैं ही इतनी सुंदर और संपन्न परिवार की बेटी तो थोड़ी तो अकड़ दिखाएगी ही !!

गिरिजा जी भी छोटी बहु सोनिया को पलकों पर बैठाकर रखती ताकि ससुराल में उसका मन लगा रहे !! दरहसल गिरिजा जी का घर काफी मध्यमवर्गीय घर था , वह तो बेटे रोहित की अच्छी नौकरी के कारण उसे ऐसे ऊंचे घर की लड़की मिल गई थी !! थोडे दिनों बाद रोहित की चाची ने सभी घरवालों को खाने पर बुलाया जहां जाने के लिए सेनिया ने गाउन पहन ली !!

जब कामिनी ने सोनिया को गाउन पहने देखा तो वह बोली सोनिया हम लोग किसी के घर खाने पर जा रहे हैं , कोई पार्टी में नहीं जा रहे जो तुमने गाउन पहन ली हैं इस पर सोनिया बोली भाभी शायद आपको नहीं पता कि फैंशन सैंस क्या होता हैं ?? अब आप ठहरी इतने सालो से शादी शुदा और मैं आज की लड़की हुं तो हम दोनों में थोड़ा तो फर्क होगा ना !!

कामिनी को सोनिया से ऐसे जवाब की उम्मीद ना थी क्योंकि सोनिया अब तक जेठानी कामिनी से अच्छा व्यवहार करती आई थी इसलिए तो कामिनी ने देवरानी को बहन समझ कर नसीहत दे दी थी !! कामिनी को सोनिया के गाउन से कोई आपत्ति ना थी बस उसका मानना था कि जहां जो परिधान सुट करें वह पहनना चाहिए !! चाचीजी और चाचाजी के घर खाने पर यदि सोनिया सलवार – कमीज या साड़ी पहनेगी तो वह ज्यादा सुट करेगा मगर सोनिया ने बात का मतलब पुरा उल्टा कर दिया था !!

गिरिजा जी भी छोटी बहु को इस रूप में देखकर कहना तो बहुत कुछ चाहती थी मगर कामिनी को दिया जवाब सुन चुकी थी इसलिए कुछ बोली नहीं !!

सभी लोग जब चाचीजी के घर खाने पहुंचे तब चाचीजी को भी थोड़ा सा अजीब लगा !! सोनिया ने शुरुवाती दौर में अपने आप को जितना संस्कारी और अच्छी बताने की कोशिश की थी उतनी वह असल में थी नहीं यह अब सभी को दिखाई पड़ रहा था सिवाय रोहित के !!

अब सोनिया ना जल्दी उठती थी और ना ही जेठानी को घर के कामों में मदद करने लगती थी ! जब गिरिजा जी रोहित से सोनिया के देर तक सोने की शिकायत करती तो रोहित अपनी मां को ही दो बातें सुना देता और कहता मां सोने दोना सोनिया को , वैसे भी वह अपने मायके में भी आराम से उठती थी !!

रोहित तो बस सोनिया का गुलाम बनकर रह गया था , उसी की हां में हां मिलाता था इसलिए अब रोहित को भी कुछ कहने का फायदा नहीं था !!

गिरिजा जी के पति आलोक जी जल्द ही बच्चों को अनाथ छोड़कर भगवान के घर चले गए थे !! रोशन उस वक्त बारहवी कक्षा में पढ़ता था और उसने उस वक्त पढ़ाई छोड़ पिताजी की दुकान संभालनी शुरू कर दी थी , पहले कुछ वक्त तो गिरिजा भी दुकान पर आती मगर धीरे धीरे रोशन अपने काम में एक्सपर्ट हो गया , जिस वजह से वह अकेला ही दुकान संभाल लेता था !! घर में दो छोटे भाई बहन पढ़ भी रहे थे इसलिए रोशन गिरिजा जी से घर पर आराम करने को कहता ताकि मां आराम के साथ साथ घर और छोटे भाई बहन की पढ़ाई भी देख सकें !!

रोशन के रहते गिरिजा जी भी पति के गम से जल्दी उभर पाई थी क्योंकि रेशन ने सारे घर का बोझ अपने सिर पर उठा लिया था फिर धीरे धीरे रोशन बड़ा होने लगा और उसकी शादी कामिनी से करवा दी गई !!

कामिनी भी नम्र और सुशील स्वभाव की थी इसलिए पति की सारी बातें मानती चली गई !! रोशन ने पहले भाई बहन का फर्ज निभाया , उन्हें खुब पढ़ाया लिखाया और दोनों भाई बहन भी अब अच्छी नौकरी पर लग गए थे और अब रोशन अपने बच्चों के प्रति फर्ज निभा रहा था !!

बेटी रीमा का इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला हो गया था और वह अब पचास किलोमीटर दूर एक पी .जी में रहकर वहीं के कॉलेज में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर रही थी और बेटा अभी दसवीं कक्षा में पढ़ रहा था ! छोटी बहन शीला की शादी की डेट भी आ चुकी थी इसलिए रोशन अभी उसी खर्च के लिए पैसे एकत्रित कर रहा था , इस बार भाई रोहित भी बराबर पैसे खर्च करने वाला था क्योंकि वैसे भी घर खर्च पुरा रोशन ही उठाता था !!

एक दिन ननद शीला के ससुराल में पुजा रखी गई थी जहां शीला को बुलाया गया था !! अभी शादी में कुछ महिने बाकी थे इसलिए किसी ने शादी की शांपिग शुरू नहीं की थी !! शीला ने अपनी सोनिया भाभी से साड़ी मांगते हुए कहा भाभी सिर्फ चार घंटे के लिए साड़ी चाहिए तो सोचा आपकी पहन लूं क्योंकि आपकी शादी को ज्यादा समय नहीं हुआ अभी , इसपर सोनिया बोली शीला अगर मेरी साड़ी पर कुछ दाग वाग लग गया तो …. मेरी साडियां बहुत महंगी हैं समझी , मैं किसी को नही देती जल्दी मेरी साड़ी पहनने !!

वहीं दूसरी ओर कामिनी भाभी बोली शीला मेरे पास लेटेस्ट फैशन की साड़ियां तो नहीं मगर इस अलमारी में तुझे जो भी साडी पसंद आए पहन लें कहकर पुरी अलमारी खोलकर शीला को दिखाने लगी !!

 जो बहु सोनिया सभी को इतनी पसंद थी , अब वही बहु सभी को जलील करने लगी थी क्योंकि उसने ससुराल को अब तक अपना घर नहीं माना था , बस दिनभर मायके वालों से फोन पर बतियाना और अपनी मां बहन की बात सुनना यही करती थी सोनिया !! यहां उसे गिरिजा जी और कामिनी की बातें फिजूल लगती थी !!

दो महिने बाद शीला की भी शादी हो गई और वह अपने ससुराल चली गई !! अब गिरिजा जी भी उम्र हो जाने के कारण बीमार रहने लगी थी और बीमारी के चलते एक दिन अचानक उनका भी निधन हो गया !! उनके निधन को अभी एक महिना ही हुआ था कि सोनिया ने घर में अपने अलग रहने की मांग कर ली !! सोनिया अपने मायके के शहर जाकर शिफ्ट होना चाहती थी मगर यहां जेठ जी रोशन बोले अभी मां को मरे दिन ही कितने हुए हैं सोनिया ?? कम से कम थोड़ा तो रुको ताकि हम इस दुःख से उभर पाए मगर सोनिया ने घर से अलग होने के नए नए तरीके अपनाने शुरू कर दिए !!

रीमा छुट्टियों में पी.जी से अपने घर आई हुई थी , जब भी वह अपने घर आती अपने हफ्ते के कपड़े वाशिंग मशीन में धो जाती और मां के हाथ के सुखे स्नैक्स भी ले जाती !! रीमा अपने कपड़े वाशिंग मशीन में डाल ही रही थी कि सोनिया आकर बोली मेरे मायके से आए वांशिंग मशीन को टच मत करो , अपने कपड़े धोने हो तो अपने मां बाप से कहो कि तुम लोगों के लिए अलग वांशिंग मशीन ले आए और आइंदा से मेरे मायके से आई चीजों को हाथ लगाने की कोशिश मत करना !! यह सुनकर रीमा ने अपनी मां कामिनी को सब बताया जो कि रसोई में बेटी के ले जाने के लिए सुखा नाश्ता तैयार कर रही थी !!

कामिनी ने जब यह सब सुना तो दंग रह गई क्योंकि इतने सालों से इस घर में कभी तेरा मेरा नहीं हुआ था और आज अचानक इस घर में तेरा मेरा कहां से हो गया ?? 

कामिनी अब ओर जलील नहीं होना चाहती थी इसलिए उसने सोनिया से पूछना मुनासिब नहीं समझा और सीधे पति रोशन से बोली मुझे हमारे लिए एक वाशिंग मशीन ला दिजिए !!

रोशन बोला यह कैसी बातें कर रही हो तब कामिनी ने सब बताया कि वह क्यों ऐसा कह रही हैं ??

रोशन समझ गया था सोनिया इस घर से निकलने के लिए शायद यह सब कर रही हैं !! रोशन ने रोहित से बुलाकर कह दिया कि कल वह रिश्तेदारों को बुलाकर घर का बंटवारा कर देगा !! सारी बातों से अनजान रोहित बोला क्यों भैया ?? इतनी क्या जल्दी हैं बंटवारे की ……

अभी अभी तो मां की मृत्यु हुई हैं !! रोशन बोला बेहतर होगा कि यह सब सवाल तुम अपनी पत्नी से जाकर पूछो तो ……

रोहित ने जब आकर सोनिया से पूछा तो सोनिया बोली रोहित अब तुम्हारी मां भी नहीं रही और हम कब तक इन लोगो की गुलाम बनकर रहेंगे ?? मेरे मायके के शहर शिफ्ट होने में ही हमारा फायदा हैं रोहित , यहां तुम्हारे भैया भाभी ने अपना राज जमा रखा हैं घर के सारे निर्णय भी इन लोगो के हिसाब से होते हैं और तुम इतना अच्छा कमाते हो , यहां इन लोगो से दबकर क्यूं रहना भला ?? बड़े शहर चलेंगे और वहां का स्टैंडर्ड अपनाएंगे , यहां गुलामों की तरह रहने में क्या फायदा ??

रोहित जानता था बचपन से बड़ा भाई ही उसका सहारा रहा हैं , वह ना होता तो आज रोहित इस मुकाम पर ना होता मगर पत्नी सोनिया का भी कहना सही था कि यहां उन्हें बड़े भाई के हिसाब से रहना होता हैं इसलिए उसे भी अलग जाकर रहना ही आजादी जैसे प्रतीत हो रहा था !!

दूसरे दिन ही रोहित और सोनिया बोले हमारे हिस्से का सामान हमें दे दिया जाए तो हम जल्द ही यहां से शहर में शिफ्ट हो जाए !! 

कामिनी जो भी घर के बर्तन अलग कर सकती थी उसने किए और रोशन ने भी जमीन जायदाद का बंटवारा करने के लिए उसके मोसा , फुफा वगैरह को बुला लिया ताकि रोहित और सोनिया के मन में कोई रंजिश ना रह जाए कि भैया ने बराबर बंटवारा नही किया !!

दस दिन बाद ही सोनिया और रोहित दूसरे शहर आ बसे जहां से सोनिया का मायका नजदीक पड़ता था !!

रोहित और सोनिया ने अपना नया घर संसार बसाया मगर यहां अकेले रहकर रोहित को समझ आने लगा कि वहां भैया सारे खर्चे दुकान से निकाल लेते थे इसलिए रोहित की सैलेरी की तक उन्हें गरज नहीं पड़ती थी मगर यहां शहर में रोहित की सैलेरी से ही घर खर्च , घर का हर महिने का किराया ,  मैनटेनेंस खर्च , कार पार्किंग के अलग से हर महिने पैसे और कहीं घूमने जाओ तो उसका खर्च अलग रोहित को भारी पडने लगा था और सोनिया प्रेंग्नेट थी वह अलग खर्च !!

दिन ऐसे ही गुजर रहे थे कि सोनिया ने नौ महिने बाद एक बेटी को जन्म दिया !! बेटी का नाम उन लोगों ने मुन्नी रखा !! बेटी के आ जाने के बाद रोहित का खर्चा ओर बढ़ गया जिस वजह से सोनिया ने अपना ब्यूटी पार्लर खोल दिया ताकि वह भी खर्चे में हाथ बंटा पाए !! सोनिया अपनी बेटी को ज्यादातर अपने मायके छोड देती ताकि वह अपने पार्लर पर फोकस कर सकें मगर थोडे ही महिनों बाद सोनिया की भाभी को यह बात अखरने लगी और अब उसे अपने मायके से भी सपोर्ट मिलना बंद हो गया क्योंकि उसकी मां भी कहती कि छोटी बच्ची को संभालना मुश्किल होता हैं , तुम्हारी भाभी और मुझसे नहीं हो पाएगा और बड़ी बहन भी कोई ना कोई बहाना बनाकर ना नकुर कर देती !! सोनिया जिनके भरोसे यहां तक आई थी वे सब तो अब कुछ काम ही नहीं आ रहे थे !!

सोनिया अब बेटी को रखना और पार्लर चलाना दोनों काम अकेले नहीं कर पा रही थी इसलिए उसने पार्लर पर कम ध्यान देना शुरू कर दिया मगर रोहित की सैलेरी से गुजारा करना भी तो मुश्किल हो गया था !!

संपन्न मायके की बेटी को आज अपने आप पर गुस्सा आ रहा था कि क्यों वह वहां से अलग होकर यहां आ गई ?? बेचारे भैया भाभी बहुत अच्छे थे , मैं ही उन्हें समझ नहीं पाई !! 

दिवाली नजदीक थी और भले घर किराए का हो सफाई तो करनी ही पडेगी यही सोचकर सोनिया सफाई करने स्टूल पर चढ़ी !! आज इतवार था रोहित भी घर पर था , रोहित बोला बालकनी में उपर चढकर जालो की सफाई मैं कर दुंगा सोनिया , तुम मुन्नी को संभालो !!

रोहित बालकनी में स्टूल पर चढ़कर सफाई कर रहा था मगर यह क्या बैलेंस कब बिगड़ा पता ही नहीं चला और रोहित नीचे गिर गया !! धम्म की आवाज सुनकर सोनिया भागकर आई तो देखा रोहित नीचे गिरा हुआ हैं , उसके सर से खून की धारा बहती जा रही है !!

रोहित को सभी ने मिलकर जल्दी से अस्पताल पहुंचाया और वहां उसे एडमिट कर दिया !! दिवाली का काम रहते अब तक सोनिया के मायके से कोई नहीं आया था मगर इतनी दूर से उसके जेठ जेठानी आ गए थे !!

कामिनी को देखते ही सोनिया उसके गले लग कर जोर-जोर से रो पड़ी !! रोशन बोला तुम बिल्कुल चिंता मत करो सोनिया , मैं रोहित को कुछ नहीं होने दुंगा !!

रोशन घर से पैसे लेकर आया था जो उसने हॉस्पिटल में जमा कर दिए और सोनिया को सांत्वना दी !! लगभग दस दिन बाद रोहित को होश आया था और डॉक्टर ने पुरा एक महिना उसे हॉस्पिटल में रहने का फरमान सुना दिया था मगर सोनिया के पास तो इतने पैसे भी नही थे , ऐसे समय में रोशन और कामिनी ने ही रोहित और सोनिया की सारी मदद की जबकि रोशन के पास भी इतने पैसे नही थे मगर उसने अपने भाई के लिए अपने हिस्से आई जमीन बेच दी थी !!

ठीक होने के बाद रोहित को जब यह बात पता चली तो उसने अपने हिस्से आई जमीन भैया के नाम कर दी !!

सोनिया और रोहित ने अपने भाई भाभी से माफी मांगी और उन लोगों ने इन्हें माफ भी कर दिया !!

दोस्तों , यही होता हैं भाई भाई का प्यार मगर कुछ पत्नियां यह बात नहीं समझ पाती और भाई भाई को अलग कर खुश होती हैं मगर वे यह भूल जाती हैं कि खुन के रिश्ते बहुत गहरे होते हैं !!

आपको यह कहानी कैसी लगी कृपया अपनी प्रतिक्रिया जरुर दीजिएगा तथा मेरी लिखी अन्य रचनाएं पढ़ने के लिए मुझे फॉलो अवश्य करिएगा !!

धन्यवाद !!

#जलील

लेखिका : स्वाति जैन

(GKK M)

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