घर की जिस बेटी पर सभी को गर्व था , भाई भाभी की गरीब स्थिति पर उसी ने उड़ाया उनका मजाक !! : भाग 3

Moral Stories in Hindi : गीतांजली बोली भाभी , आप ही रोक देती भैया को स्कूल में गार्ड बनने से और इतनी ही परिस्थिति खराब हो गई थी तो कोई दूसरी स्कूल में गार्ड बनते , स्कूलों की कमी थोड़ी हैं शहर में !!

रक्षा बोली गीतांजली इतना कुछ हो गया मगर फिर भी मैंने तुझसे कभी रिश्ता नहीं तोडा हां यह बात ओर है कि तुने ही हम गरीबों के घर आना बंद कर दिया मगर यह मत भूल तेरी हर फरमाईश पुरी की हैं मैने और तेरे भैया ने !!

हमें तुम पर गर्व था गीतांजली मगर तुमने तो हमारे गर्व को यह सिला दिया हमें !! तुम तो हमारी हालत से अनजान ना थी ….

गीतांजली बोली मैं क्या करूं आपकी हालत से ?? इतनी ही बुरी हालत हैं तो जाओ भीख मांगो मेरी बला से , बस मेरे दरवाजे मत आना भीख मांगने !!

गीतांजली के कड़वे बोल से भावेश ओर भड़क गया और बोला मर जाएंगे मगर तेरे दरवाजे नहीं आएंगे भीख मांगने !!

लगातार यह सब बोलकर पैर पटकते हुए गीतांजली घर से बाहर निकल गई …..

 

भावेश बोला जिस बहन को भाई भाभी का यह हाल देखकर बिल्कुल दया नहीं आती ब्लकि गुस्सा आ रहा हैं , हमारा यह हाल उसी की वजह से तो हुआ हैं !! उसे तो बस उसकी इजजत की परवाह है !!

 

दुकान जल गई थी मगर इसकी शादी में कोई कमी ना आए इस वजह से दुकान की मरम्मत की बजाय हमने हमारे जमा पैसे इसकी शादी में लगा दिए मगर जब इसे पता चला कि हमारा हाल गरीबों वाला हो गया हैं तो एक रूपए की मदद तो छोड़ों इसने हमसे रिश्ता ही तोड दिया !!

रक्षा तुमने मुझे डिप्रेशन से निकाला , तुमने मेरे गार्ड बनने पर भी मुझे नीचा नहीं समझा मगर आज मेरी बहन ने तुम्हारे सामने मेरी इज्जत की बिल्कुल परवाह नहीं की !!

रक्षा बोली पडोस वाले कैलाश भैया बता रहे थे उनकी कंपनी में एक तकनिशियन की जरूरत हैं भावेश !! तुम दुकान पर बैठने से पहले तकनीशियन का काम अच्छा करते थे , जाओ और वहां आज इंटरव्यू दो !! अगर तुम्हें यह नोकरी मिल गई तो हमारे दुःख के दिन दूर हो जाएंगे और तुम्हें अपनी रूठी हुई बहन भी वापस मिल जाएगी देखना !!

भावेश ने भी हामी भरी और वह इंटरव्यू देने गया !! इंटरव्यू में पास होने से भावेश की उस कंपनी में तकनिशियन की नौकरी लग गई !!

धीरे धीरे रक्षा ने सभी के पैसे चुका दिए और आज पुरे दो साल बाद रक्षा और भावेश बहुत खुश थे !!

भावेश की कंपनी में ही काम करने वाला सुधीर भावेश की बहन गीतांजली का पडोसी था , उसी से भावेश को कभी कभार गीतांजली की खबर मिल जाती थी !!

एक दिन सुधीर से भावेश को खबर मिली कि गीतांजली के पति महेश की नौकरी चली गई हैं और लोन ना भर पाने के कारण बैंक वाले उनकी कार उठाकर चले गए हैं !!

भावेश को यह सब सुनकर झटका सा लगा और कंपनी से घर आने के बाद उसने सारी बात रक्षा को बताई !!

रक्षा बोली अब क्या होगा ?? हमें कुछ करना होगा !!

भावेश बोला तुम्हें लगता हैं कि अब भी मुझे कुछ करना चाहिए !!

बहन से इतनी बेज्जती सहन करने के बाद अब मुझसे उसके लिए कुछ करने की अपेक्षा भी मत करना !!

रक्षा बोली अगर हम भी ऐसी हालत में उसका साथ छोड देंगे तो हममे और उसमें क्या फर्क रह जाएगा ?? भावेश जाओ ओर उसके हालातों की खबर लो और तुमसे जो भी बन सकें उसकी मदद करो !!

भावेश बोला झूठ कहते हैं लोग की ननद भाभी का रिश्ता कभी अच्छा नहीं होता !!

अगर तुम्हारे जैसी भाभी हो तो कभी कोई ननद चाहकर भी रिश्ता नहीं तोड सकती !! मुझे तो लगा था कि शायद तुम भी उसकी मदद नहीं करना चाहोगी मगर तुम तो खुद मुझे उसकी मदद करने कह रही हो !!

भावेश तुरंत गीतांजली के घर पहुंचा !!

भाई को आज अपने दरवाजे देख गीतांजली की आंखो से आंसू बह निकले !!

भावेश बोला तु बिल्कुल चिंता मत कर !!

मैं और तेरी भाभी हमेशा तेरे साथ हैं !!

गीतांजली यह सुनकर ओर रो पड़ी और माफी मांगते हुए अपने भैया से बोली भैया !! मैं बहुत बुरी हुं , मैंने आप लोगों की कठीन परिस्थिति में भी आप लोगो की बिल्कुल भी मदद नहीं की , फिर भी आप आज मेरे साथ खड़े हैं !!

भावेश बोला तेरे इतने कड़वे बोल सुनकर मेरा दिल भी तेरे लिए खट्टा हो गया था गीतांजली मगर तेरी भाभी रक्षा के कहने पर मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और यहां चला आया !!

गीतांजली ने तुरंत अपनी भाभी को फोन किया और उनसे रोते हुए माफी मांगी !!

रक्षा बोली रोते नहीं पगली !! एक दिन सब ठीक हो जाता हैं …….

दुःख के दिन तो सबकी जिंदगी में आते हैं मगर हमें हिम्मत नहीं हारनी होती हैं !!

गीतांजली बोली भाभी घर में सभी को मुझ पर गर्व था !! मां – पापा , भैया और आपको मगर सही मायने में मुझे आप पर गर्व हैं कि मेरी भाभी आप हो !! आज मां पापा जिंदा होते तो उनको भी आप पर गर्व होता !! भाभी पढ़- लिखकर अच्छी नौकरी पाना तो आसान हैं मगर इतने संघर्षो को झेलकर वापस खड़े होने में बहुत मेहनत लगती हैं और बिखरे रिश्ते संवारना तो कोई आपसे सीखें क्योंकि मैं तो कभी रिश्तों को समझ ही नहीं पाई तभी तो आप सभी से आपके बुरे दिनों में किनारा कर बैठी थी मगर मेरे इतने कड़वे शब्दों के बाद भी आपने मुझे फिर से स्वीकार किया हैं !!

रक्षा बोली अब बस कर और अपनी घर की तकलीफों को खुलकर बता , हमसे जो भी हो पाएगा हम तेरे लिए जरूर करेंगे !!

गीतांजली बोली भाभी !! मैं रिश्वत लेते हुए पकड़ी गई थी जिस वजह से मुझे नौकरी से निकाल दिया गया था मगर मैंने सबसे यही कहा था कि मैंने खुद अपनी नौकरी छोड़ी हैं !! ससुर जी के हाथ का सारा पैसा तो हम पहले ही उड़ा चुके हैं और अब अचानक महेश की नौकरी भी चली गई !!

भाभी !! मैं आज समझ गई हु कि बुरा वक्त किसी पर  भी आ सकता हैं और ऐसे में अपनों का साथ कितना मायने रखता हैं !!

खैर गीतांजली की अक्ल तो ठिकाने आ गई थी मगर दोस्तों , आज भी हमारे परिवार , रिश्तेदार और दोस्तों में ऐसे कई लोग हैं जो बुरे वक्त में अपने सगे संबधियों की मदद करने के बजाय उनका मजाक उड़ाकर चले जाते हैं या उनसे दूरी बना लेते हैं मगर शायद वह यह भूल जाते हैं कि बुरा वक्त तो किसी का भी आ सकता हैं ?? वक्त बदलते देर नहीं लगती इसलिए कभी भी अपने अच्छे समय पर अहंकार मत करना !!

इस कहानी को लेकर आपकी क्या राय है जरूर बताइएगा तथा ऐसी अन्य रचनाएं पढ़ने के लिए मुझे फॉलो अवश्य करें !!

आपकी सहेली

स्वाती जैंन

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