शिखा , जरा जल्दी हाथ चलाओ , आज होली है !! अभी थोडी देर में तुम्हारी ननद और ननदोई भी आ जाएंगे , फिर तुम्हे भी तो होली खेलने जाना होगा इसलिए पहले जल्दी जल्दी खाना बना लो , फिर तुम सब होली खेलने चले जाना और शेखर कहां हैं दिखाई नहीं दे रहा ममता जी अपनी बहु शिखा से बोली !!
शिखा जो कि पहले से ही रसोई में खाने की आधी तैयारी कर चुकी थी वह बोली मम्मी जी , शेखर बाजार से मिठाई लाने गए हैं मगर अभी उनका फोन आया था कि होली की वजह से बाजार में सारी दुकाने बंद हैं !! दीदी – जीजाजी आ रहे हैं और उन्हें रसगुल्ले बहुत पसंद हैं इसलिए शेखर उनके लिए मीठा लाने गए हुए हैं !!
ममता जी बोली – अरे , मैंने शेखर से कहा भी था कि मिठाई रात को ही लाकर रख दे , अब जमाई बाबु थोडी रोज रोज घर आते हैं , खैर अब मिठाई बाजार में नहीं मिल रही हैं तो कोई बात नहीं !! फ्रिज में गुलाब जामुन का तैयार पैकेट पडा हैं शिखा तुम उसी के गुलाब जामुन बना देना !!
शिखा की मेहनत ओर बढ़ गई क्योंकि अब खाना बनाने के साथ साथ उसे गुलाब जामुन भी बनाने थे और वह जानती थी जब भी घर की बेटी पारूल और उसके पति विकास घर आते थे ममता जी या तो शिखा से मिठाई बनवाती है या खरीदकर लाने कहती , खैर अब बाजार में मिठाई मिल नहीं रही थी इसलिए उसे घर में ही मिठाई बना नी पड़ेगी यही सोचकर उसने जल्दी से फ्रिज से गुलाब जामुन का पैकेट निकाला और गुलाब जामुन बनाने लगी !!
शिखा ने बचपन में ही अपने माता पिता को खो दिया था इसलिए वह अपने आप को अभागन मानती थी मगर पति शेखर ने उसे इतना प्यार दिया था कि वह अपने आप को अब बहुत खुशनसीब मानती थी !! सास ममता जी बहुत कड़क मिजाज महिला थी मगर शिखा ने ससुराल में सभी को अपना बनाने की भरसक कोशिश की थी !!
एक अच्छी बहू का टैग उसे जब भी मिलता उसे लगता मानो उसकी मेहनत सफल हो गई !! अपने माता पिता के प्यार से वंचित शिखा ससुराल में सबको खुश रखती , उसे तो बस बदले में सबसे प्यार और सम्मान की अपेक्षा रहती !!
थोडी देर बाद घर की बेटी पारूल और विकास होली खेलने आ गए और शेखर भी घर आ चुका था !! सभी लोग छत पर जाकर होली खेलने लगे !!
शेखर शिखा को भी होली खेलने के लिए लेने आया तो देखा कि शिखा का तो अब तक रसोई में काम ही खत्म नहीं हुआ हैं !!
शिखा बोली शेखर तुम लोग खेलो बस मैं थोड़ी देर में आती हुं !!
शेखर बोला नहीं तुम्हें अभी मेरे साथ होली खेलने चलना होगा शिखा !! काम तो पुरे दिन चलता ही रहेगा और शिखा का हाथ पकड़कर उसे छत पर होली खेलने ले गया !!
सभी लोग होली खेलने में व्यस्त थे कि थोड़ी ही देर बाद एक झन्नाटेदार चाटे की आवाज सुनाई दी !!
सभी की नजरे शिखा पर गड़ गई क्योंकि शिखा ने घर के जमाई बाबु विकास जी के गाल पर एक कसकर थप्पड़ जड़ दिया था !!
ममता जी तो यह नजारा देखकर हक्की बक्की रह गई और बिना देर किए बोली पागल हो गई हो क्या शिखा ?? होली के नशे में यह भी भूल गई कि यह हमारे घर के जमाई बाबू हैं !!
मम्मी जी पागल मैं नहीं , पागल तो आपके जमाई बाबु हो गए हैं जो होली के बहाने मुझसे छेड़छाड़ करने लगे थे !!
पारूल बोली भाभी !! चुप रहो मेरे पति पर इल्जाम लगाने से पहले सौ बार सोच लो कि इनकी पत्नी इस घर की बेटी हैं और यह भला तुम्हें क्यों छेंडेंगे ?? तुम कोई र्स्वग की अप्सरा हो क्या ?? शेखर तेरी बीवी ने आज सारी हदें पार कर ली देखा तूने कैसे तेरे जीजाजी पर इल्जाम लगा रही हैं !!
शेखर बोला – दीदी , मेरी पत्नी क्यों बिना वजह जीजाजी पर इल्जाम लगाएगी !! जीजाजी को ऐसी हरकत करने से पहले बिल्कुल भी शर्म नहीं आई छी……
विकास बोला मेरा यकीन करो शिखा झूठ बोल रही हैं , मैंने ऐसा कुछ नहीं किया हैं !!
ममता जी बोली कलमुही तुने आखिर अपनी औकात दिखा ही दी !! सच कहते हैं लोग बहू पराए घर से आती हैं और हमेशा पराई ही रहती हैं !!
शिखा बोली तो जमाई कौन सा आपके घर का होता हैं मम्मी जी !! वह भी तो पराए घर का ही होता है !! बस फर्क इतना हैं कि आपको अपनी बेटी और जमाई की बातों पर विश्वास हैं मगर बेटे और बहू की बातों पर नहीं !!
शेखर बोला बहुत हो गया तमाशा !! दीदी और जीजाजी बेहतर होगा आप लोग यहां से चले जाए !!
ममता जी बोली रुको यह लोग यहा से नहीं जाएंगे पहले शिखा से कहो कि वह विकास जी से माफी मांगे और आइंदा से कभी ऐसी हरकत दोबारा ना करे !!
शेखर बोला मम्मी !! शिखा की क्या गलती हैं जो वह माफी मांगेगी !! ग़लती तो विकास जीजाजी की हैं , उन्होंने ऐसी नीच हरकत की हैं !!
ममता जी बोली इस कल की आई हुई लड़की के लिए शेखर तु अपने जीजाजी के खिलाफ कुछ भी कैसे बोल सकता हैं ?? यह लड़की सरासर झूठ बोल रही हैं !!
शेखर बोला मम्मी मेरी और शिखा की शादी को तीन साल हो चुके हैं और आप इसे कल की आई लड़की कैसे बोल सकती हो !! क्या इन तीन सालों में आपको एक बार भी ऐसा लगा कि शिखा इतना बड़ा झूठ बोल सकती हैं !!
शिखा अभी की अभी हमारे घर के जमाई बाबु से माफी मांगो ममता जी कठोर आवाज में बोली !!
बात शिखा के आत्मसम्मान की थी शिखा बोली – मम्मी जी माफी तो विकास जी को मुझसे मांगनी होगी वर्ना इनकी इस हरकत के लिए मैं उन्हें कभी माफ नही कर पाऊंगी !!
ममता जी गुस्से में बोली – शेखर तुम्हे और तुम्हारी पत्नी को यह घर छोड़कर जाना होगा अभी की अभी !!
इस बदचलन बदजात औरत को अब हम अपने घर में नहीं रख सकते !! जो औरत घर के जमाई का सम्मान नही कर सकती वह हमारे घर में रहने के लायक नही हैं !!
अपने लिए ऐसे शब्दो का इस्तेमाल सुनकर शिखा की रुलाई फूट पड़ी क्योंकि आज सही होते हुए भी वह अपने लिए कुछ कदम नहीं उठा पा रही थी सिर्फ इसलिए क्योंकि आज भी समाज में बहू- बेटे की बातों से ज्यादा बेटी और जमाई की बातों को ज्यादा तवज्जो दी जाती हैं !!
शेखर को भी अपनी मां से यह उम्मीद नहीं थी !!
शेखर और शिखा अपने कमरे में आ गए और अपना सारा सामान पैकिंग करने लगे !! शिखा की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे मगर उसे इस बात की तसल्ली थी कि उसका पति शेखर उसके साथ था !!
दोनों ने अपना सामान लिया और घर से बाहर जाने लगे !! घर में से किसी ने भी उनकी तरफ मुड़कर तक नहीं देखा !!
शेखर और शिखा दो चार दिन अपने दोस्तों के यहां रहे फिर शेखर ने दूसरे शहर में एक किराए का मकान ले लिया और वे लोग दूसरे शहर जाकर बस गए !!
दोनों का शुरुवाती सफर बहुत मुश्किलो भरा रहा !!
शेखर ने नई नौकरी की तलाश की और बहुत कम पैसो में शिखा को अपना घर चलाना पड़ा !!
शुरुवाती दो साल बहुत कठिन रहे फिर धीरे धीरे उनकी गाड़ी पटरी पर आ गई और शेखर की सेलेरी बढ़ गई !! लगभग पांच साल हो चुके थे उस बात को मगर अब भी शिखा के ससुराल वाले शिखा से बात नहीं करते थे !! वे लोग शेखर के टच में थे , शेखर से कभी कभार वे लोग फोन पर बात कर लेते थे !!
शेखर को आज ममता जी का फोन आया और वह बोली – तेरे छोटे भाई रोशन की सगाई हो गई हैं , अगले महीने की पंद्रह तारीख को उसकी शादी हैं तो तु शादी में आ जाना !!
अब तक ममता जी शिखा से बात नहीं करती थी और शिखा भी अपने आत्मसम्मान की वजह से रिश्तों में झुकना नहीं चाहती थी इसलिए शेखर अकेले ही अपने भाई की शादी में पहुंचा !!
आज शिखा फिर से एक बार अपने आप को अकेला महसूस कर रही थी क्योंकि पुरा परिवार होते हुए भी उसका कोई नहीं था !!
शेखर को अकेला देख शादी में उपस्थित सभी रिश्तेदार शिखा के बारे में पूछने लगे !!
रिश्तेदारों में बच्चों की परीक्षा का बहाना बना दिया गया ताकि लोग बारबार शिखा के बारे में ना पुछे !!
खुब धूमधाम से रोशन का विवाह संपन्न हुआ और रागिनी घर की दुल्हन -बनकर आ गई !!
रागिनी भी अब धीरे धीरे परिवार में गुल- मिल गई मगर वह जब भी शिखा भाभी के बारे में बात करने की कोशिश करती उसे कोई घर में जवाब नहीं मिलता !!
पारूल , ममता जी सब यही कहते कि शिखा बहुत तेज स्वभाव की लड़की थी इसलिए उसकी घर में किसी से नही बनती थी और अब वे लोग शेखर की दूसरे शहर में नौकरी के चलते वहीं दूसरे शहर में बस गए हैं इसलिए यहां कम ही आते हैं !!
धीरे धीरे रागिनी घर में रच बस गई और उसकी शादी को भी दो साल होने आए थे , बस उसे हमेशा इस बात का मलाल रहता कि काश !!
वह अपनी जेठानी से मिल पाती , बातें कर पाती मगर उसने तो अब तक शिखा को देखा भी नहीं था और रोशन ने भी पहले ही रागिनी को बोल दिया था
अगर घर में सुख शांती चाहती हो तो इस घर में शिखा भाभी का कभी नाम भी मत लेना !!
फिर से आज घर में खुब चहल पहल थी , सभी लोग छत पर होली खेल रहे थे !!
रागिनी भी सभी के साथ खुशी खुशी होली खेल रही थी !!
थोडी देर बाद रागिनी रसोई में आ गई और सासू मां का काम में हाथ बटाने लगी !!
ममता जी बोली – रागिनी तू इतनी जल्दी होली खेल कर क्यों आ गई अभी तो सभी लोगों की आवाज़ आ रही है छत पर , सभी तो छत पर ही हैं फिर तु क्यों जल्दी वापस आ गई ??
रागिनी बोली बस मम्मी जी मन नहीं कर रहा होली खेलने का !! कुछ अजीब लग रहा था इसलिए वापस चली आई !!
ममता जी से तो झूठ बोल दिया था रागिनी ने मगर खुद से वह झूठ नहीं बोल पा रही थी !!
अब तक वह यही सोच में थी कि आज विकास जीजाजी ने जो उसके साथ किया वह सच था या उसकी कोई गलतफहमी !!
दरहसल आज विकास ने रागिनी को भी होली के बहाने गंदी तरह से छुआ था जिसे रागिनी समझ नही पा रही थी कि वह अनजाने में हुआ था या जान बुझकर !!
थोडी देर में रोशन छत से नीचे आया और रागिनी को जबरदस्ती छत पर होली खेलने वापस ले गया !! रागिनी वापस होली खेलने जाना नहीं चाहती थी मगर रोशन ने उसकी एक ना सुनी !!
विकास ने जब वापस रागिनी को छत पर देखा तो उसे लगा कि रागिनी को मेरे छूने से कोई आपत्ति नही हुई
और वह वापस होली खेलने आई है !! विकास इसे अपने लिए इशारा समझने लगा और वह रागिनी के पास गया और उसे फिर से गलत इरादो से छूने लगा !!
इस बार रागिनी विकास के गलत इरादो को भांप गई और रागिनी विकास से डरकर भागी और रोशन से गले लगकर रोने लगी !!
रोशन बोला क्या हुआ रागिनी ?? तुम रो क्यों रही हो ??
रागिनी बोली रोशन , विकास जीजाजी मुझे गलत तरीके से छुए जा रहे हैं !! उनके इरादे गंदे हैं !!
अचानक रोशन को पांच साल पहले की घटना याद आ गई जब शिखा भाभी ने भी तो विकास जीजाजी पर यही इल्जाम लगाया था और घरवालो ने शेखर भैया और शिखा भाभी को ही गलत करार दे दिया था !!
रागिनी ने तो कभी शिखा भाभी को देखा तक नहीं , शिखा भाभी से बात करना तो दूर की बात थी !!
रोशन ने तुरंत सारे घरवालो को जमा करके सारा मामला बताया !!
पारूल बोली जरूर शिखा भाभी ने ही तेरी बीवी के कान भरे होंगे रोशन , तभी तो यह भी आज उन्हीं की बोली बोल रही हैं !! दोनों जेठानी देवरानी ने मिलकर अच्छा प्लान बनाया हैं मेरे पति को फंसाने का ….
पीछे से विकास बोला हां तुम बिल्कुल सही कह रही हो पारूल !! शिखा तो यहां से चली गई मगर मेरे पीछे इसको लगा गई !!
रागिनी यह सब सुनकर हक्की-बक्की रह और बोली जीजाजी !! कुछ तो शर्म करो , आपने मेरे साथ जब पहले यह हरकत की तो मुझे लगा
शायद मेरी ही गलतफहमी होगी मगर दूसरी बार मुझे समझ में आ गया कि आप कितने गिरे हुए इंसान हो और शिखा भाभी उनके बारे में तो मुझे घर में कुछ ओर ही बताया गया हैं , उनसे बात करना तो दूर मैंने तो आज तक उनकी शक्ल तक नहीं देखी !!
ममता जी अब सब समझ चुकी थी !!
वे बोली पारूल अपने गवार पति को लेकर अभी की अभी मेरे घर से निकल !! तु हर बार तेरे पति की ढाल बनकर खड़ी हो जाती हैं और मैं मुर्ख तुम लोगों की बात में आ गई !!
तुम लोगों की वजह से मैं अब तक अपनी गुणवान बहु पर शक करती रही और इतने साल अपने बेटे – बहु से दूर रही !!
पारूल तेरी सबसे बड़ी गलती यह हैं कि तु अपने पति के मान सम्मान के चक्कर में उसको नहीं सुधार पाई और तेरी इन्हीं हरकतों की वजह से तेरे पति विकास को बढ़ावा मिलता गया !!
काश !! तुने पहली बार ही अगर तेरे पति के खिलाफ कदम उठाए होते तो आज दूसरी बार हम सभी को यह दिन ना देखना पड़ता !!
पारूल और विकास की नजरें शर्मिंदगी से झुक चुकी थी और दोनों वहां से चले गए !!
ममता जी ने फोन करके अपने बेटे शेखर और शिखा से माफी मांगी और बोली काश !! मैंने उस दिन शिखा की बात पर विश्वास कर लिया होता मगर मैं भी बेटी और जमाई के प्यार में अंधी थी जो सही और गलत में फर्क नहीं कर पाई !!
कोई बात नहीं अब भी कुछ देर नहीं हुई बेटा , तुम लोग वापस आ जाओ !! हम सब वापस साथ में मिलकर रहेंगे !!
शेखर की वहां बहुत अच्छी जॉब हो चुकी थी जिसे वह छोड़ नहीं सकता था !!
शेखर बोला – मम्मी हमें इसी बात की खुशी है कि आपको सच्चाई का पता चला वर्ना जिंदगी भर शरीर पर यह बोझ रह जाता कि हमें गलत इल्जाम में घर से निकाला गया !! हम लोग अब वहां आते जाते रहेंगे , आप फिक्र ना करें !!
शिखा बोली हां मम्मी जी आपको सच पता चल गया हमारे लिए यही काफी हैं !!
आज शिखा को फिर से अपना परिवार वापस मिल गया था !!
दोस्तों , आज भी समाज में बेटे और बहुओं से ज्यादा दर्जा बेटियों और जमाईयों को दिया जाता हैं !! जबकि मां पिता के सारे फर्ज बेटे बहु पुरे करते हैं फिर भी एक बहु की बात को बेटी की बात के आगे तवज्जो नहीं दी जाती !!
यह हमारे समाज के गलत रूल हैं जिसे बदलना चाहिए !!
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आपकी सखी
स्वाती जैंन