घर का चिराग (भाग 5)  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :

कामना चौधरी ने टोटू को गले से लगाते हुए कहा तुम ही हमारे खोए हुए बेटे हो आज से 10 बरस पहले तुम मेले में हमसे बिछड़ गए थे तुम्हारे सीने पर तुम्हारे पापा नारायण चौधरी ने श्री राम का चित्र बनवाया था जो तुम्हारे सीने में आज भी मौजूद है

टोटू जल्दी से उस कमरे में गया जहां वह कैद था उसने कोट पैंट और टाई उतार कर फेंक दी और वही कालिया प्रसाद के दिए हुए पुराने कपड़े पहन लिए जिन कपड़ों को पहनकर वह पहले दिन इस मकान में आया था

टोटू कमरे से बाहर निकल कर सड़क पर आ पहुंचा

नारायण चौधरी और कामना चौधरी टोटू के पीछे-पीछे भागे बेटा राम कहां जा रहे हो रुको ,, तुम ही हमारे खोए हुए बेटे हो

टोटू ने रोते हुए कहा ,, दूर हटो मुझे हाथ लगाने की जरूरत नहीं है

मेरा बापू तो कालिया प्रसाद है तुम जैसे निर्दयी लोग मेरे मां-बाप नहीं हो सकते

तुम लोग तो मेरी बलि चढ़ाना चाहते थे अगर तांत्रिक पकड़ा ना जाता

और चेकिंग के दौरान अगर तुम मुझे घर वापस ना लाते तो अभी तक मेरी बलि चढ़ चुकी होती

टोटू दौड़ता हुआ नजदीकी पुलिस स्टेशन पर पहुंचा वहां मौजूद पुलिस कमिश्नर को सारी बात बता दी कि मेरा ही नाम टोटू है यह मेरे माता-पिता नहीं है अब तक नारायण चौधरी और कामना चौधरी भी थाने में पहुंच चुके थे

कमिश्नर साहब ने नारायण चौधरी से कहा ,, यह आपका बेटा राम खुद को टोटू बता रहा है आखिर माजरा क्या है

नारायण चौधरी ने सारी बात कमिश्नर साहब को साफ-साफ बता दी

कमिश्नर साहब ने कामना चौधरी और नारायण चौधरी को फटकार लगाते हुए कहा आप लोग पढ़े लिखे है समाज के जिम्मेदार नागरिक होकर भी आप लोगों ने ऐसी घटिया हरकत की

एफआईआर तो दर्ज हमें करनी ही होगी , आप लोगों के खिलाफ

सवाल आपके बेटे होने या ना होने से नहीं है

पुलिस कमिश्नर ने टोटू की शिकायत दर्ज कर ली

मामला कोर्ट में चला गया

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जज साहब ने नारायण चौधरी और कामना चौधरी को 2 वर्ष की सजा सुना दी

कोर्ट में बैठे सभी लोगों ने टोटू के लिए जोरदार तालियां बजाई

जज साहब ने टोटू से पूछा ,,क्या तुम हमारे इस फैसले से खुश हो

टोटू ने जज साहब को बताया मैं आपके फैसले से बिल्कुल भी खुश नहीं हूं आरोपियों को सजा देने से समाज में हो रहे इस तरह के घृणित कार्य पर रोक नहीं लग सकती

यह जो कटघरे में खड़े हुए हैं नारायण चौधरी और कामना चौधरी

अगर यह मुझे अपना बेटा मानते हैं।  तो इनसे कहिए

इस समाज के बड़े-बड़े बंगलो ,, मकानों ,,फ्लैटों के फौलादी दीवारों के बीच  जो मासूम बच्चे आज भी कैद है वह वहां दर्दनाक जिंदगी जी रहे हैं

यह उन सभी बच्चों को वहां से मुक्त करवाकर सभी मासूम बच्चे और बच्चियों को स्कूल में दाखिला दिलवाएं

समाज को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए गरीब से गरीब बच्चों को शिक्षित होना जरूरी है नन्हे बच्चों के हाथों में झाड़ू पोंछा,, छेनी हथौड़ी,, चाय की केतली   नहीं होनी चाहिए

एक हाथ में किताब और दूसरे हाथ में कलम होनी चाहिए

जज साहब ने खड़े होकर टोटू के लिए तालियां बजाई और कहां

नारायण चौधरी और कामना चौधरी को सूचित किया जाता है

जितने भी मासूम बच्चे फ्लैटो में,,बड़े मकान में ,,कैद है जिनका जीवन वहां नर्क बना हुआ है कारखाने में,, और दुकानों में ,,उन बच्चों को वहां से छुड़वाकर सरकार की तरफ से जो सरकारी आश्रम बनाए गए हैं बच्चों के लिए विशेषकर,, वहां पहुंचना है सुरक्षित ,,आप लोगों को पुलिस की पूरी मदद मिलेगी

नियम यह रहे

पहले दिन तुम्हें       10   बच्चे बंद कमरों से मुक्त करवाने होंगे

दूसरे दिन तुम्हें        20   बच्चे बंद कमरों से मुक्त कराने होंगे

तीसरे दिन तुम्हें       40   बच्चे बंद कमरों से मुक्त कराने होंगे

चौथे दिन तुम्हें        80   बच्चे बंद कमरे से मुक्त कराने होंगे

पांचवें दिन तुम्हें    160   बच्चे बंद कमरे से मुक्त कराने होंगे

छठवें दिन तुम्हें     320  बच्चे बंद कमरे से मुक्त कराने होंगे

सातवें दिन तुम्हें    640   बच्चे बंद कमरे से मुक्त कराने होंगे

आठवें दिन तुम्हें 1280    बच्चे मुक्त कराने होंगे

नोवे दिन तुम्हें     2560   बच्चे मुक्त कराने होंगे

दसवे दिन तुम्हें   5120   बच्चे मुक्त कराने होंगे

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                    10230  टोटल

   10 दिनों में 10230 बच्चों को मुक्त करवाना होगा    

यह तो केवल 10 दिनों का आंकड़ा है

1 महीने तक यह आंकड़ा 20 लाख से ऊपर पहुंच जाएगा

देशभर में कुल आबादी सवा सौ करोड़ बताई गई है

देशभर में एक करोड़ से ज्यादा कारखाने है उन कारखानों में कहीं ना कहीं मासूम नन्हें बच्चे कलम की जगह औजार हाथ में लिए हुए हैं

कारखाने के मालिक कम मजदूरी देकर चोरी छिपे नाबालिक बच्चों से जबरन काम करवाते हैं उनका शोषण किया जाता है यहां तक कि उनके साथ मारपीट भी की जाती है

देश की लाखों करोड़ों दुकानों में नाबालिक बच्चों को दो रोटी खिलाने के नाम पर उन पर प्रतिदिन अत्याचार किया जाता है

गरीब मां बाप बच्चों को पैदा कर देते हैं पैदा करने के बाद उनमें इतनी क्षमता नहीं होती कि वह बच्चों को पढ़ा लिखा सके अंत में उन नन्हें बच्चों को कारखानों में धकेल दिया जाता है दुकानों में फेंक दिया जाता है

जनसंख्या नियंत्रण पर हमने कई अभियान चलाए किंतु हमारे सारे अभियान फेल हो रहे हैं समाज को बेहतर बनाने के लिए समाज के लोगों को जागरूक होना ही पड़ेगा

कुछ माता-पिता यह भी कहेंगे हमने तो जनसंख्या को देखते हुए केवल दो ही बच्चे पैदा किए हैं और हम उन बच्चों को पेट भर के खाना खिलाते हैं कपड़े देते हैं और शिक्षा देते हैं इसलिए अब हमें दूसरों के बच्चों से कोई लेना-देना नहीं

मैं उन माता-पिता से कहना चाहता हूं अनाथ आश्रम में जो बच्चे रह रहे हैं जो पैदा हो चुके हैं उन्हें भी जीने का अधिकार है आप लोग अपना परिवार चलाइए मगर दो निवाले अनाथ आश्रम में पल रहे नाबालिग बच्चों के लिए भी छोड़ दिजिए

टोटू जैसे बच्चे जो आज सड़कों पर भीख मांगते हैं फटे पुराने कपड़े पहनकर ,,,

हम महंगी गाड़ियों में चलने वाले लोग अनाथ आश्रम में खुलकर दान करें ,,,

और इस समाज की कामना चौधरी जैसी महिलाओ का काम होगा

नाबालिक बच्चा जहां भी मिले मजदूरी करता हुआ चाहे वह बेटा हो या बेटी समाज के बुरे और दरिंदों लोगों से बचाना  जो अपनी मोटी मोटी कमाइयां करने के चक्कर में,, अपनी तिजोरिया भरने के चक्कर में दूसरों के नाबालिक बच्चों का शोषण करते हैं

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बस समाज के लोगों से हमें थोड़ी सी मदद चाहिए

बस आपकी एक कॉल किसी बच्चे का भविष्य बना सकती है

जज साहब ने फैसला सुना दिया ,,

और यह भी कहा जब तक टोटू मेरे ही घर पर रहेगा नारायण चौधरी और कामना चौधरी अपने बच्चें से अब तभी मिल पाएंगे जब यह मिशन पूरा होगा

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नारायण चौधरी पत्नी को लेकर घर पहुंचे और अपनी पत्नी से कहा इतना बड़ा देश है न जाने मासूम बच्चे कहां-कहां पर कैद होंगे हम कैसे उन्हें ढूंढेंगे

जज साहब ने इस तरह की सजा सुना कर हमेशा हमेशा के लिए टोटू से हमें दूर कर दिया

कामना चौधरी ने टीना को बुलाया और कहा अपने मामा को फोन लगाओ ,, कहो जल्दी घर पर आ जाए 

इस समस्या का हल बस अब मेरा भाई   ,, हनुमान चौधरी,, ही कर सकता है 

बचपन से ही उसे कमांडो बनने का शौक था सौ सौ पर वह अकेला ही भारी है हथियार चलाना बम बारूदो से खेलना देश की हिफाजत के लिए 4 बरस पहले उसने आर्मी ज्वाइन की थी

बॉर्डर पर देश के कई आतंकियों को उसने अकेले ही मार गिराया है वीर चक्र जैसे पुरस्कारों से सम्मानित है मेरा भाई

हनुमान चौधरी

कल ही 1 महीने की छुट्टी के लिए घर पर आया हुआ है

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सोनू ने बताया मम्मी मामा जी आए हैं

लंबा कद,, चौड़ा सीना, चेहरे पर देश के प्रति समर्पित होने वाली चमक उसने शीश झुकाकर अपने जीजा नारायण चौधरी को प्रणाम किया और कामना चौधरी से कहा ,,,

दीदी मुझे सब पता चल चुका है गलती तो आप लोगों ने की है

लेकिन ऐसी गलतियां समाज के और लोग भी कर रहे हैं

तुम्हें टोटू तो मिल जाएगा मगर तुम्हें यह मकान बेंचना होगा

क्योंकि इस काम के लिए मुझे बहुत सारे रूपयों की जरूरत है

कामना चौधरी ने कहा, यह मकान मेरे बेटे से बढ़कर नहीं है

तुम्हें जितना रुपया चाहिए मिलेगा

हनुमान ने दीदी से वादा करते हुए कहा–

कोई नहीं बचेगा मेरे हाथों ,, बच्चों का शोषण करने वालों सावधान हो जाओ आ रहा है तुम्हारे पापों की सजा देने के लिए हनुमान चौधरी

22 जनवरी को श्री राम आएंगे अयोध्या उससे पहले यह हनुमान सौगंध खाता है जब तक बाल मजदूरी मुक्त भारत ना बना दूं मैं लौट कर नहीं आऊंगा दीदी तुम्हें अपना चेहरा नहीं दिखाऊंगा

दीदी,, आशीर्वाद दो मुझे मैं अपने कार्य में सफल होकर ही लोटू

,,,मासूम बच्चों का शोषण करने वालों तुमको न बक्शा जायेगा

चल पड़ा हनुमान जो टकराएगा मुंह की खाएगा,,,,

हनुमान चौधरी ने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो वायरल किया उसमें कहा–

मैं हनुमान चौधरी मेरा मोबाइल नंबर नीचे लिखा हुआ है

किसी कारखाने में ,,दफ्तर में,, दुकान में,, घर में ,,मकान में,,

सड़क पर,, फुटपाथ पर,, जहां भी कहीं भी कोई भी नाबालिग बच्चा या बच्ची काम करते हुए दिखाई दे तो मुझे तुरंत कॉल करें ,, कॉल करने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपए नगद मिलेंगे

एक लाख रुपए की खबर सुनकर हनुमान चौधरी के पास तुरंत कॉल आने लगी

जी मेरा नाम घनश्याम है मैं राजस्थान का रहने वाला हूं हमारे नजदीक एक बहुत बड़ा कारखाना है वहां करीब 500 से ज्यादा मजदूर काम करते हैं दिवाली और दशहरे में जो बम पटाखे बनाए जाते हैं ऐसी खतरनाक जगह पर मैंने कुछ नाबालिक बच्चों को भी वहां पर मजदूरी करते हुए देखा है

घनश्याम ने राजस्थान के उस कारखाने का पता बता दिया

घनश्याम का रिकॉर्डिंग हनुमान चौधरी ने राजस्थान की लोकल पुलिस को दिया और चल पड़ा वह भी राजस्थान उसी कारखाने की तरफ

आधे घंटे बाद

हनुमान चौधरी राजस्थान के पुलिस स्टेशन में खड़ा हुआ था

वहां के एक पुलिस ने बताया हम जब भी वहां पर छापा मारने जाते हैं हमें उस कारखाने के बाहर हमेशा ताला लटका हुआ मिलता है कभी-कभी बड़े अधिकारी के दबाव में जब हम वहां की तलाशी लेते हैं तो वहां पर हमें कोई नाबालिक बच्चा नहीं मिलता

हनुमान चौधरी पुलिस स्टेशन से बाहर आ गए हनुमान ने रात को 12:00 के बाद अकेले ही उस बम पटाखे बनाने वाले कारखाने में जाना उचित समझा

रात के 12:00 बज चुके हैं कारखाने के बाहर बहुत बड़ा ताला लटका हुआ है कारखाने के बाहर गार्ड डंडा लिए पहरा दे रहा है

हनुमान समझ गया इस गार्ड से कोई बात करने का फायदा नहीं है

पीछे के रास्ते से मुझे कारखाने में दाखिल होना होगा

हनुमान एक पाइप के सहारे पीछे से कारखाने की तीसरी मंजिल पर पहुंच गया छत पर सीमेंट की चादर बिछी हुई थी जो कई जगह से टूटी भी थी उन टूटी जगह के छेदों से कारखाने के भीतर का सारा दृश्य साफ दिखाई दे रहा था

12 बर्ष ,, 13 बर्ष ,, 14 बर्ष ,, और कहीं पर 10 बर्ष  के मासूम बच्चे करीब 200 से ज्यादा होंगे बम पटाखों की पैकिंग करने में लगे हुए थे

एक मोटा तगड़ा सा आदमी हाथ में एक चाबुक लिए हुए

और दूसरे हाथ में शराब की बोतल लिए हुए बच्चों के इर्द-गिर्द टहल रहा था

वह मोटा सा आदमी उन बच्चों से कह रहा था जल्दी-जल्दी हाथ चलाओ 22 फरवरी आने वाली है देश के सभी लोग

खूब बम पटाखे फोड़ेंगे जश्न मनाएंगे श्री राम के आने का

हमारे पटाखे बिकेंगे और हम कमाएंगे नोट

तभी एक 10 साल का बच्चा खड़ा हुआ और कहने लगा प्यास लगी है जोरों की क्या एक गिलास पानी मिलेगा

उस मोटे से आदमी ने उसे घूर-घूर कर देखा और एक जोरदार चाबुक उसकी पीठ पर जड़ते हुए कहा ,, देश के हर रेलवे स्टेशनों पर तुम्हारे मां-बाप तुम्हें पैदा करके वहां फेंक कर चले जाते हैं तुम जैसे लावारिस और अनाथ बच्चों का हम अच्छे से इस्तेमाल करना जानते हैं

यह समाज बड़ा ही बेरहम हैं यह तुम्हें रोटी नहीं गाली देगा

,, हम तुमसे काम करवाते हैं तो बदले में तुम्हें एक रोटी जिंदा रखने के लिए जरूर देते हैं

और तुम लोग जानते हो पानी कितना महंगा हो चुका है

24 घंटे में केवल आधा गिलास ही पानी मिलेगा पीने के लिए

यही हमारे कारखाने के मालिक फतेह खान का हुक्म है

तुम लोगों को तो वैसे भी कीड़े मकोड़े की तरह मर ही जाना है

मरते मरते फतेह खान जैसे लोगों को अमीर बनाकर मरो

फतेह खान के देश भर में बम पटाखे बनाने के कई कारखाने हैं

वहां तुम्हारे जैसे लावारिस बच्चों को हम रात दिन काम करवाते हैं और वहां का भी यही नियम है जो नियम इस कारखाने का है

और वह जोर-जोर से हंसने लगा हां हां हां हां हां

हनुमान तेजी से ऊपर से कूद कर उस मोटे से आदमी के सामने खड़ा हो गया हनुमान की आंखें क्रोध से भर चुकी थी

हनुमान ने बच्चों से कहा डरने की जरूरत नहीं है तुम्हारी रक्षा के लिए भेजा है श्री राम ने मुझें

   पापियों को सजा देने के लिए आ गया है हनुमान ,,

तभी एक बच्चा खड़ा हुआ और उसने कहा क्या तुम हनुमान हो

इस मोटू के सारे दांत तोड़ दो ,, यह हमें चाबुक से रोज मारता है

तुम भी इसे चाबुक से मार मार कर इसकी पीठ छील दो

दूसरे बच्चे ने कहा इसके हाथ पैर तोड़कर इसे अपाहिज बना दो

तीसरे बच्चे ने कहा ,, हनुमान जी इसे ऐसी मौत मारना यह दोबारा इंसान का जन्म लेने में थर-थर कांपे

चौथे बच्चे ने बताया,,  हनुमान जी पिछले सप्ताह पटाखे और बम फटने की वजह से हमारे 20 दोस्त मारे गए इस मोटू ने उनकी लाशों को कारखाने के पीछे ही गाड़ दिया

इसके शरीर में भी बम पटाखे बारूद बांधकर इसे जिंदा ही जला दो तब इसे दर्द का एहसास होगा

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घर का चिराग (अंतिम भाग )  : Moral Stories in Hindi

नेकराम सिक्योरिटी गार्ड

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