घर का चिराग (भाग 2)  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : टोटू छत के ऊपर भूख से बिलबिला रहा है सूरज भी धीरे-धीरे ढलकर छुप गया शाम हो गई रात का पहर शुरू हो गया रात के करीब 10:00 बजने के बाद धीरे-धीरे सभी मेहमान भंडारे का स्वादिष्ट हलवा पूरी खा — पीकर जा चुके थे

मेहमानों ने जाते-जाते जमकर तारीफ की ,,किसी ने कहा ,,कोई अगर नेक दिल इंसान है तो नारायण और कामना जैसे लोग ,,,जो भूखे को भोजन खिलाकर उनकी आत्मा को तृप्त कर देते हैं ऐसे लोग कम ही पाए जाते हैं श्री राम इनके बेटे को जल्दी इनसे मिलवा दे

रात के 11:00 बज चुके थे सभी मेहमान जा चुके थे नारायण चौधरी और कामना चौधरी बहुत थक चुके थे दिन भर की भाग दौड़ में

वह अपने कमरे में जाकर सो गए

टीना को भी गहरी नींद आ चुकी थी सोनू तो पहले ही टांगे फैला कर बिस्तर पर पड़ा हुआ था

रात के 12:00 बज चुके हैं  टोटू भूख से व्याकुल होकर छत पर अकेला भूख से फड़फड़ा रहा है वह अपना पेट पकड़कर पानी की टंकी के किनारे चहल कदमी कर रहा है और इंतजार भी कर रहा है कि शायद कोई सीढ़ी का दरवाजा खोल दे टहलते टहलते जब थक जाता तो पानी की टंकी के किनारे चुपचाप बैठ जाता

पानी की टंकी के किनारे बहुत से डेंगू मच्छरों ने टोटू पर हमला बोल दिया टोटू को इस बार कंबल भी नसीब ना हुआ

सारा शहर सुख की नींद सो रहा है शहर के सभी नन्हे बच्चे अपनी मां और पिताजी के साथ नर्म नर्म बिस्तर पर लेटकर सुख भरी नींद ले रहे है

आज पूरे मोहल्ले ने पेट भर के खाना खाया दावत उड़ाई जितना खाया — खाया ,,,जितना फेंकना था पत्तलों में छोड़ दिया

और टोटू छत पर बेचारा सिर्फ एक रोटी खाने के लिए तरस रहा था

टोटू विचार करने लगा शहर के आलीशान बंगलों में रहने वाले लोग

गाड़ी मोटरों से चलने वाले लोग क्या इतने निर्दयी भी हो सकते हैं

अपने बच्चों को तो ठूंस ठूंस कर खिलाते हैं  और हम जैसे गरीब लावारिस और अनाथ बच्चों से जी तोड़ मेहनत करवाई जाती है

और बदले में खाने के लिए रोटी के दो टुकड़े फेंक दिए जाते हैं

और आज तो अपनी शान दिखाने के लिए समाज में अपनी चमक दिखाने के लिए

मुझसे किसी ने बात नहीं की,, इस घर के लोगों ने मुझे भंडारे की एक पूरी भी ना ,, दी

टोटू छत के ऊपर से सड़क पर पड़ी जूठी पत्तलों को देखता रहा

जूठी पत्तलों में अभी भी बहुत सी बची खुची पूरियां उसे दिखाई दे रही थी लेकिन टोटू वहां तक पहुंच नहीं पा रहा था तीसरी मंजिल के ऊपर था वह लोगों की खाई हुई जूठी पत्तलों को देखते-देखते ही रात बिताता रहा

सुबह होते ही कामना चौधरी ने तुरंत छत पर आकर टोटू का कान पकड़कर मरोड़ते हुए कहा – बाहर आंगन में गाड़ी खड़ी है उस गाड़ी को तेरा बाप साफ करेगा

,,,  यहां सो रहा है बड़े मजे से,,कामचोर कही का,,

टोटू ने बड़ी मासूमियत से कहा रात भर से कुछ खाना नहीं खाया

कामना चौधरी ने टोटू के बाल मुट्ठी में पकड़कर खींचते हुए कहा ,,,एक दिन खाना नहीं मिलेगा तो मर नहीं जाएगा भूखा,, समझ गया ,,

घर का सारा काम निपटा ,,दोपहर में मिलेगा तुझे खाने के लिए ,,

टोटू जल्दी से घर के सभी कामों में लग गया

टीना की आंख खुलते ही उसने तुरंत मां को बताया ,,मम्मी कहां हो तुम

कल भंडारे में आरती आंटी आई थी उन्होंने आपको घर पर बुलाया है

कुछ जरूरी काम था

कामना चौधरी जल्दी-जल्दी अपना मेकअप करके आरती पड़ोसन के घर पहुंची आरती के घर एक तांत्रिक बैठा हुआ था लंबे-लंबे दाढ़ी मूंछ काले रंग का कुर्ता

आरती ने कहा हमने तांत्रिक को तुम्हारे खोए हुए बेटे के बारे में बता दिया है

तांत्रिक ने कामना चौधरी को देखते हुए कहा —

आपका खोया हुआ बेटा मिल सकता है मगर एक काम करना होगा बड़ा मुश्किल काम है

दस हजार रुपए का खर्चा आएगा और हमारा एक मंदिर है जहां पर बलि चढ़ाई जाती है अगर आप 11 वर्ष की उम्र का कोई बच्चा बलि के लिए हमारे मंदिर पर ले आए तो हमारी शैतानी शक्तियां प्रसन्न होगी और तुम्हारा बेटा आपको बहुत जल्द मिल जाएगा

आरती ने कहा ,,, कामना बहन सोच क्या रही हो हर साल भंडारा करवाने से क्या होगा बड़ी दूर से तांत्रिक जी आए हुए हैं अपनी मुरादे पूरी करने के लिए सभी लोग किसी न किसी की बलि देते हैं यह बात किसी को नहीं पता चल पाती

समाज में यही हो रहा है देर मत करो तांत्रिक जी फिर अगले साल ही लौट कर आएंगे

कामना चौधरी ने तांत्रिक के मंदिर का पता पूछ लिया

तांत्रिक ने बताया रविवार की रात 12:00 बजे हम बलि चढ़ाते हैं और शैतानी आत्मा से मनचाही मुराद पा लेते है आज रविवार है

बलि के लिए किसी भी नर बच्चे को आप मंदिर में ले आए

कामना चौधरी जल्दी से अपने घर पहुंची उसने अपने पति को सारी बात बताई पति नाराज होते हुए बोले,,

अपने खोए हुए बच्चे को पाने के लिए ,, तुम कह रही हो अपने घर के टोटू की बलि चढ़ाने के लिए

कामना चौधरी ने ललकारते हुए अपने पति को कहा,,, तुम्हारे बस का तो कुछ नहीं है पुलिस भी छानबीन करके थाने में चुपचाप बैठ गई

अब यह मौका मेरे हाथ लगा है मैं इसे नहीं जाने दूंगी खाली हाथ

वैसे भी टोटू हमारा है कौन,, हमने इसे ₹25000 में खरीदा है

हम इसे पाले,, जिंदा रखें ,,,मारे या इसकी बलि दे हमारी मर्जी

और वैसे भी इस देश में गरीब और अनाथ बच्चों की कोई कमी नहीं है टोटू की बलि होने के बाद कोई दूसरा बच्चा रख लेंगे काम के लिए

कामना चौधरी ने नाक चढ़ाते हुए कहा,,

नारायण चौधरी भी बेचारा क्या करता पत्नी के साथ रहना है तो पत्नी की बात तो माननी ही पड़ेगी वरना पत्नियां मायके जाने की धमकी देने लगती है

मां ने अपने दोनों बच्चों को सब कुछ समझा दिया

सोनू और टीना जल्दी से टोटू को बुला कर ले आए टोटू आंगन में खड़ी कार को साफ कर रहा था खुशी खुशी टीना के पीछे दौड़ता हुआ कमरे के भीतर आया टोटू को वहां पर एक कुर्सी पर बैठा दिया गया

कामना चौधरी ने इशारा किया तो सोनू ने टोटू का दाहिना हाथ कस के पकड़ लिया टीना ने टोटू का बाया हाथ कस के पकड़ लिया

नारायण चौधरी एक मोटी सी रस्सी ले आए टोटू को कुर्सी से बांध दिया

दोनों पैरों को कस के बांध दिया ,,,दोनों हाथों को कस के बांध दिया

कामना चौधरी ने टोटू के मुंह को बुरी तरह दबोच रखा था ताकी वह चिल्लाकर शोर न मचा सके उन्हें रात का इंतजार था

आज संडे है रात के 8:00 बज चुके हैं ,,,

,,,बाहर बिल्कुल सन्नाटा और अंधेरा फैल गया,,

टोटू को कुर्सी समेत उठाकर घर से बाहर आंगन में खड़ी गाड़ी के पीछे वाला गेट खोलकर उसमें डाल दिया

और वह गाड़ी चल पड़ी तांत्रिक के मंदिर की तरफ

आज कामना चौधरी और पूरा परिवार खुश था इस टोटू  की बलि देने के बाद हमें हमारा खोया हुआ बेटा मिल जाएगा

अगला भाग

घर का चिराग (भाग 3)  : Moral Stories in Hindi

नेकराम सिक्योरिटी गार्ड

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