घमंड का सर नीचा – — नेकराम   : Moral Stories in Hindi

सुंदर हूं तो अपनी सुंदरता दिखाती हूं ,, तुझे क्यों जलन हो रही है ,, तू भी आधे कपड़े पहन ले ,, तुझे किसने रोका है रीता ने अपनी बहन छबीली से थोड़ा ऊंचे लहजे में कहा —

रीता और छबीली 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली के विश्वविद्यालय करोड़ीमल कॉलेज में 3 वर्षों से जाना आना कर रही थी ,,

शुरुआती दिनों में तो रीता एकदम सिंपल कपड़े पहनकर कॉलेज जाया करती थी फिर धीरे-धीरे महीने फिर साल गुजरते गए और रीता के तन से कपड़े छोटे होते गए यह बात छबीली को ठीक नहीं लग रही थी आखिर छबीली ,, रीता की जुड़वा बहन है रीता में कुछ भी बुराई देखकर छबीली उसे टोक दिया करती थी

बस यही बात रीता को पसंद नहीं थी कोई उसके पहनावे को लेकर टिप्पणी करें चाहे उसकी अपनी मां हो या अपनी सगी बहन —

पिता एक मैकेनिक थे गैरेज में ही उन्होंने अपना रुकने का ठिकाना ढूंढ लिया था हर सप्ताह के अंतिम दिनों में अपनी दोनों बेटियों और अपनी पत्नी सुषमा से मिलने आ जाया करते थे ।

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छबीली अपने पिता रामेश्वर जी से रीता के बारे में बहुत कुछ बताना चाहती थी लेकिन यह सोचकर चुप रह जाती थी कि रीता मेरी ही बहन है और मुझे ही अपनी बहन को समझाना होगा मगर कैसे कॉलेज जाते समय किसी भी लड़के से लिफ्ट मांग लेती है लिफ्ट देने वाले लड़कों का व्यवहार ठीक है या नहीं उनका चरित्र कैसा है ,,यह जानने की कोशिश भी नहीं करती —

बरसात के दिनों में जानबूझकर अपने कपड़े गीले कर लेती है बरसात में नहाना तो ठीक है मगर नहाने का भी एक तरीका होता है यूं खुलेआम लड़कियों का नहाना भले घर की लड़कियों को शोभा नहीं देता बदन से सारे कपड़े चिपक जाते हैं और रीता तो पतले जालीदार कपड़े पहनती है अंदर का सब कुछ दिखता है नई फिल्मों और नाटकों का असर उस पर हावी हो चुका है फिल्म की हीरोइन तो कैमरे के सामने मौजूद रहती है और वह एक्टिंग के माध्यम से रुपए कमाकर गाड़ी बंगला नौकर चाकर खरीद रही है लेकिन रीता तो फैशन की डिग्री लिए घूमती है

कहीं उसके साथ कोई अनहोनी ना हो जाए मुझे इसी बात का डर रहता है मगर क्या करूं मेरी तो एक बात भी नहीं सुनती

कभी भी उसे अच्छी बात बताओ तो उसे बुरी लग जाती है

घर की साफ सफाई और किचन में मां के साथ हाथ बंटाना तो उसे कतई पसंद नहीं है

अब तो कॉलेज से वह मेरे साथ घर भी नहीं आती उसे इतनी समझ नहीं है पिताजी एक मैकेनिक है और हम गरीब परिवार से हैं कुछ ऊंच नीच हो गई तो हमारा पक्ष लेने वाला कोई ना होगा उल्टा दोष हम पर ही मड़ दिया जाएगा ..

जब सप्ताह का अंतिम दिन आया तो ….

शाम होते ही पिताजी घर आ गए साथ में एक सज्जन को भी ले आए रामेश्वर जी ने अपनी पत्नी सुषमा जी से कहा मेरे साथ जो सज्जन है इनका नाम रामकपूर है और इनका बेटा ,,लक्ष्य ,, उसी कॉलेज में पढ़ता है जहां रीता और छबीली पढ़ने जाती है

इनके बेटे लक्ष्य को हमारी बेटी रीता पसंद है और वैसे भी अपनी दोनों लड़कियां जवान हो चुकी है जब रिश्ता खुद चलकर ही घर आया है तो मैं रीता के हाथ पीले कर ही दूं ,, लक्ष्य ,, के पिता का शहर में अपना मकान है अच्छा खासा बिजनेस है और हमें क्या चाहिए ।

रामेश्वर जी की बात पूरी होने के बाद उनकी पत्नी सुषमा जी ने कहा आज नहीं तो कल हमें अपनी बेटियों की शादी तो करनी ही है मैं आपकी बात से सहमत हूं मुझे भी रिश्ता पसंद है बस रीता से पूछ लेते हैं ।

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रीता अंदर वाले कमरे में अपनी बहन छबीली को बता रही थी देखा मेरे लिए शादी का रिश्ता खुद चलकर आया है मैंने एक पार्टी में जबरदस्त डांस किया था बस उसी का वीडियो वायरल हो गया और कॉलेज में लड़कों ने मुझसे दोस्ती करनी शुरू कर दी और आज इनका बेटा लक्ष्य उसी वीडियो को देखकर मुझ पर फिदा हो गया और अपने पिताजी को यहां हमारे घर मेरे रिश्ते के लिए भेज दिया ।

तब छबीली ने कहा जो लड़का तेरा एक वीडियो देखकर तुझसे शादी करना चाहता है इसका मतलब है वह तेरे जिस्म से प्यार करता है तुझसे नहीं

छबीली की बात रीता को पसंद नहीं आई और गुस्से से बोली तू हमेशा मुझसे जलती हैं और ,, जलती रहेगी ,, मैं एक बड़े मकान की मालकिन बनने जा रही हूं ,, तू बस इसी छोटे से घर में झाड़ू पोंछा लगाती रहना ,,

नौकरानी कहीं की दूर हट मुझसे मेरे रिश्ते की बात चल रही है तेरी दखलअंदाजी मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है

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तभी बाहर वाले कमरे से आवाज आई छबीली ओ छबीली अपनी बहन रीता को बाहर वाले कमरे में भेज दे उनके होने वाले ससुर जी रीता से मिलना चाहते हैं

रीता पुदकर बाहर वाले कमरे में आ गई पिताजी और अपने होने वाले ससुर जी के पैर छूकर सामने ही सोफे पर बैठे गई

टेबल पर पहले से ही एक गिलास पानी से भरा हुआ रखा था

जो राम कपूर जी के हाथ लगते ही लुढ़क गया

मां ने तुरंत आवाज लगाई छबीली पोंछा लेकर जल्दी आओ

कमरे में पानी फैल गया है

छबीली सर पर दुपट्टा डाले और एक हाथ में पोंछा लिए तुरंत दौड़कर आई वहां बैठे राम कपूर जी को नमस्ते कहकर फर्श पर बिखरा पानी पोंछा से साफ करने लगी

तब राम कपूर जी ने रामेश्वर जी से कहा आपने इस बेटी का परिचय नहीं दिया

तब रामेश्वर जी बोले यह रीता की बहन छबीली है दोनों एक ही दिन पैदा हुई थी जहां रीता पढ़ती है छबीली भी उसी कॉलेज में पढ़ती है

अब तक रीता कमरे से बाहर जा चुकी थी

तब रामेश्वर की पत्नी (सुषमा )अपनी बेटी रीता से बोली — अब यह तुम्हारे ससुर जी है सर पर चुन्नी तो रख लो मां की बात सुनकर रीता ने कोई जवाब ना दिया और हंसती रही ।

राम कपूर जी थोड़ा सा मुस्कुराए फिर रामेश्वर जी की तरफ तांकते हुए बोले

आजकल तो नया जमाना है और मेरे बेटे लक्ष्य को तो फैन्सी लड़की चाहिए थी इसलिए मुझे यहां आपके घर रीता का हाथ मांगने के लिए भेज दिया ,, ठीक है अब मैं चलता हूं

चाय पानी फिर कभी ,,,

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राम कपूर जी अपने घर पहुंचे और अपने बेटे लक्ष्य और अपनी पत्नी श्यामा बाई को बुलाकर अपने पास बिठाते हुए कहा —

देखो बेटा लक्ष्य तुम्हें एक बात बतानी है हमें अपनी बहू से मॉडलिंग तो नहीं करवानी ना ही सजा – धजा कर चौराहे पर बैठाना है मैं मानता हूं आजकल के लड़कों को सुंदर और आधे कपड़े पहनने वाली ही लड़कियां पसंद आती है लेकिन शादी के बाद ही लड़कीयों की परीक्षा शुरू हो जाती है बेटियों को अपने माता-पिता और अपने परिवार का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए

यह तो तुम जानते ही हो शादी के 1 साल के बाद बच्चे हो जाते हैं मुझे तो नहीं लगता रीता तुम्हारे साथ शादी के बाद एक लंबा जीवन बिता पाएगी

लड़की कितनी भी पढ़ी लिखी हो घर का थोड़ा बहुत कामकाज तो उसे आना ही चाहिए और रिश्तों की मान मर्यादा भी तो कोई चीज होती है

जिस्म की सुंदरता देखकर शादी करने वाले अक्सर शादी के बाद बहुत पछताते हैं

मैं चाहता हूं कि तुम हमेशा खुश रहो और खुली आंखों से विवाह करो

तुम्हें अपने विवाह के लिए ऐसी जीवनसाथी मिले जो गुणवान हो जो रिश्तो को और मजबूत बनाएं जो अपने पति के साथ-साथ अपने सास  ससुर का भी ख्याल रखें जो लड़की अपने माता-पिता की सेवा नहीं कर सकती अपने माता-पिता का कहना नहीं मान सकती वह भला सास ससुर की सेवा कैसे करेगी

जो लड़की अपनी बहनों से प्रेम करती हो वह ससुराल आकर अपनी नंनद से भी घुल मिलकर रहती है

संस्कार बड़े होकर नहीं मिलते संस्कार बचपन से ही बच्चों के साथ चलते हैं

जिस्म की सुंदरता अधिक दिन नहीं टिकती

लेकिन गुणवान लड़की का गुण बुढ़ापे तक काम आता है मुझे तो रीता की बहन छबीली ज्यादा पसंद आई उसमें संस्कार है और वह गुणवान भी है देखने में सुंदर नहीं है लेकिन लड़कियों का असली गहना उसका स्वभाव और व्यवहार ही होता है जो जिंदगी भर साथ चलता है गुणवान और संस्कारी लड़की घर में लाने से घर की बरकत कभी खत्म नहीं होती

आजकल समाज में तलाक के मामले अधिक से अधिक बढ़ रहे हैं इसका मुख्य कारण यही है हम लड़कियों की सुंदरता देखते हैं उसके गुण नहीं

तो बोलो लक्ष्य तुम्हारा क्या फैसला है एक पिता ने अपनी पूरी बात खत्म करने के बाद अपने बेटे से सवाल पूछा

तब लक्ष्य ने कहा पिताजी आपकी उम्र अधिक है और आपका अनुभव भी अधिक है मेरी तो जवानी अभी-अभी शुरू हुई है इसलिए हम लड़के चमकती चीजों की तरफ आकर्षित हो जाते हैं ईश्वर ने सब नारियों को एक समान बनाया है फिर उसमें पसंद और नापसंद करने का कोई महत्व ही नहीं रह जाता

जिस लड़की में जितने ज्यादा गुण होंगे वह उतनी ही कीमती होती है वहां सुंदरता का कोई मोल नहीं रह जाता सुंदरता तो केवल एक छलावा है

आपकी बातों से तो मुझे बस यही समझ में आया

सुंदरता के पीछे नहीं गुणगान लड़की के पीछे भागना चाहिए

पिताजी आप जो भी फैसला लेंगे मैं आपके फैसले के साथ हूं

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रीता ने अपनी मां और अपनी बहन छबीली को चार बात सुनाते हुए कहा

अब तो मैं महलों में राज करूंगी

और इस पिताजी के टूटे-फूटे मकान में मैं कभी नहीं आऊंगी छबीली मेरी बहन जरूर है लेकिन मुझसे जलती है

इसी कारण इसके लिए अभी तक कोई रिश्ता नहीं आया और मेरी शादी के लिए रिश्ता फौरन आ गया

छबीली की शक्ल तो देखो शक्ल में 12:00 बजे हुए हैं आजकल के लड़कों को तो गोरी लड़कियां ज्यादा पसंद है छबीली जैसी काली कलूटी नहीं

मुझे तो नहीं लगता छबीली की इस जन्म में शादी हो सकेगी इसकी शक्ल ही ऐसी है

रीता अपनी सुंदरता के घमंड में जोर जोर से हंसने लगी ।

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कमरे में रखे टेलीफोन की घंटी अचानक बज उठी और उधर से आवाज आई — मैं राम कपूर ,, लक्ष्य ,, का पिता बोल रहा हूं

हमें आपकी बेटी छबीली पसंद है और 6 दिसंबर को शादी की तारीख फिक्स करने का हमने निर्णय लिया है

यह खबर घर में तेजी से फैल गई और यह बात जब रीता ने सुनी तो झट पिताजी के हाथ से फोन ले लिया और अपने होने वाले ससुर जी से कहा देखो मैं आपके बेटे लक्ष्य को बहुत प्यार करती हूं अगर आपका बेटा मुझे ना मिला तो मैं अपने हाथ की नस काट लूंगी

तब उधर से आवाज आई अब तुम चाहें नस काटो या आत्महत्या करो शादी तो छबीली से फिक्स हो चुकी है

क्या रीता अपनी बहन छबीली की शादी लक्ष्य से होने देगी या नहीं ? जानने के लिए दूसरा भाग अवश्य पढ़े ।

लेखक – नेकराम सिक्योरिटी गार्ड

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