एक तारीफ़ ऐसी भी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

राजन नया नया ऑफ़िसर बन कर अपनी ड्यूटी देने नई जगह पर स्थानांतरित हो कर आया ही था कि पता चला बड़े साहब ऑफिस का दौरा करने आने वाले है।

राजन पहले जहाँ भी जॉब में रहा यही देखता था कि जब भी बड़े साहब लोग आने वाले होते है तो ऑफिस को पूरा चमका दिया जाता है…बहुत कुछ नया ख़रीद कर साहब को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं…और तो और खाने के लिए सब बढ़िया सामान मंगवा लिया जाता था ।

राजन ये सब सोच कर अपने अधीन कर्मचारियों से सब व्यवस्था करने को कहने लगा ।

सब एक दूसरे का मुँह देख रहे थे कोई अपने से ऊँचे ओहदे को ऑफ़िसर को भला क्या ही बोल सकता था

सब लग गए व्यवस्था करने में … 

“ साहब छोटी मुँह बड़ी बात होगी पर आपसे कहे बिना नहीं रह सकता … ये सब आप मत करवाइए… बड़े साहब को ये सब जरा भी नहीं पसंद है.. मैं कई साल से यहाँ मुलाजिम हूँ… मैंने उनको देखा भी है और समझा भी है ।” राजन के लिए नियुक्त चपरासी जो उम्र में थोड़ा बड़ा था हिम्मत कर उसके कमरे में आकर बोला

“ आप मुझे ये सब मत समझाइए… आप अपना काम कीजिए ।” कहते हुए राजन बड़े साहब को प्रभावित करने के हर हथकंडे अपनाने की कोशिश में लग गया

बेचारा चपरासी अपना सा मुँह लेकर भुनभुनाते हुए कमरे से निकल गया… बाहर सब यही चर्चा कर रहे थे… जब जूते पड़ेंगे तब साहब को समझ आएगा ।

जब साहब आए तो पूरे ऑफिस की बारीकी से जाँच पड़ताल करते हुए राजन के केबिन में आकर बैठ गए बाहर सारा स्टाफ़ खड़ा था ।

सामने तरह तरह के खाने की चीजें परोस दी गई थी … नए कप सेट में चाय आ गया ।

“ ऐसा है राजन आपने सब कुछ एकदम ए वन व्यवस्था करवाया है… लग रहा है आपको अपने बॉस को प्रभावित करना बहुत अच्छे से आता है पर जो समय और ऑफिस का पैसा इन सब में बर्बाद किया वो किसी अच्छे काम में लगाते तो ज़्यादा अच्छा होता आप अच्छी तरह अपने काम पर फ़ोकस कीजिए नहीं तो आपका तबादला करते हमें देर ना लगेगी ।” बड़े साहब थोड़े क्रोधित होकर तेज स्वर में राजन को डाँटते हुए बोले और चले गए 

ऑफिस के सब स्टाफ़ के सामने राजन को जो जीते पड़े वो शर्मिंदा होकर रह गया ।

इधर राजन सोच रहा था चपरासी ने ठीक ही कहा था पर मैं अपनी अकड़ में करता चला गया और जब जूते पड़े तब समझ आया कभी कभी पुराने लोगों की बात भी मान लेनी चाहिए ।

रचना पर आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा ।

धन्यवाद 

रश्मि प्रकाश 

#मुहावरा 

#जूतेपड़ना(बहुतनिंदाहोना)

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