अप्रकाशित
“पहली कहानी”
निधी को आज नींद नहीं आ रही थी…अकेली थी गौरव किसी काम से बाहर गये थे तो पुरानी यादों में गुम हो गयी…इकलौती व लाडली थी वो मम्मी-पापा की शहजादियों की तरह रहती थी क्योंकि बहुत बड़ा कारोबार था…संयुक्त परिवार था सबके लिए मन रखने वाली थी पर वक्त को उसकी खुशी मंजूर नहीं थी कि चौदह वर्ष की उम्र में एक दुर्घटना में उसने अपने मम्मी-पापा को खो दिया…फिर भी नादान सबके साथ खुश रहती थी…!!!!
सब अपने हैं उसे यही लगता था…समय बीतता गया अब वो बालिग हो गई थी… परिवार के भी हिस्सें हो गये दादीजी ने उसे चाचाजी के साथ रहने का बोला और करोड़ों की प्रॉपर्टी में उसके लिये क्या रखा ये नहीं बताया गया…वो तो जब बात मामाजी-मामीजी को पता चली तो बोले तेरा तो ज्यादा नहीं तो भी पचास लाख का हिस्सा हम तुझे दिलातें है…तो निधी ने कहा नहीं मेरे रिश्तें टूट जायेंगे तो मुझे कुछ नहीं चाहिये…फिर भी उन्होनें दादीजी से बात करना जरूरी समझा तो…उनका कहना था कि हिस्सें में बेटियों का कोई हक नहीं बनता है जो भी था वो चाचाजी को दे दिया है…वो भी चुप हो गये…!!!!
चाचाजी ने शादी पक्की कर दी तो मामाजी ने चाचाजी को कहा कि जो निधी की तीन-चार एफडियाँ है वो एक ही करके उसे दे देते है शादी में पर उनके पैरों तले से जमीन खिसक गयी जब चाचाजी ने कहा कि उसकी कोई एफडी नहीं है हमारे पास…!!!!
मामाजी ने निधी से पूछा तो उसने बताया कि वो एक-दो बार बैंक गयी है और उसने साईन भी कियें है तो मामीजी ने गुस्सें से बोला तूने पूछा नहीं पढ़ा नहीं कि कौनसे पेपर्स पर साईन कर रही है…निधी की आँखों में आँसू आ गये बोली मुझे थोड़ी पता था कि मेरे साथ ऐस धोखा करेंगे…मैंने तो विश्वास करके साईन करें थे…मामाजी-मामीजी को सब समझ आ गया था तो उन्होनें निधी के सिर पर हाथ रखकर कहा कि …बेटा!जिसने भी तेरे साथ जो भी किया पर हम तेरा हर कदम पर साथ देंगे और उन्होंने हमेशा उसका साथ दिया…भगवान कभी भी सारे रास्तें बंद नहीं करता है किसी ना किसी रूप में साथ रहता है…!!!!
“दूसरी कहानी”
निधी का रिश्ता भी चाचीजी ने अपनी पक्की सहेली के छोटे भाई से पक्का कर दिया…उनको यह बोलकर कि बिन मां-बाप की बच्ची है आपके घर जायेगी तो हमें भी तसल्ली रहेगी कि अपने जाने-पहचानें लोग है…जबकि खास वजह तो ये थी कि किसी नयी जगह जाती और वो निधी हिस्सा माँग लेतें तो..??
चाचीजी ने जल्दी ही शादी भी करा दी…निधी बहुत सी उम्मीदें मन में लिए अपने ससुराल आ गई…शादी के बाद फेरा डालने की रस्म भी वही करा दी थी….तो सूट व गहने जेठानी ने दिये कि तैयार हो जाओ… वो जल्दी से तैयार होकर सबसे मिलने गयी तो सभी उसकों देखकर खुश हो रहें थे दादीजी बड़े ध्यान से देख रही थी कि निधी ने चार चूड़ियाँ,दो कड़ें,मंगल सूत्र, सैट व बहुत मोटी व लम्बी चेन पहनी थी तो वो बोली सब बहुत अच्छा किया है…मिलकर चली गयी…!!!!
निधी को धीरे-धीरे समझ आने लगा कि गौरव का काम इतना अच्छा नहीं है और तो और उनके पास टू-व्हीलर भी नहीं है….मामीजी से बात हुई तो उन्होंने पूछा तो जब निधी ने बताया तो उन्हें बहुत बुरा लगा उन्होंने जल्दी ही निधी के यहाँ आने का प्रोग्राम बनाया और स्कूटर दिलाकर गयें…जबकि चाचाजी ने अपनी बेटी को शादी में कार दी..!!!!
एक बार किसी शादी में जाना था तो निधी ने मम्मी से कहा कि चूड़ियाँ तो मेरे पास ही हैं…मुझे कड़ें व लम्बी चैन दे दीजिये….तो उन्होनें कहा कि वो दोनो तुम्हारें नहीं है वो तो दिखानें के लिये रख दियें थे…वो तुम्हारी जेठानी जी के है…!!!!
उस समय तो निधी चुप हो गयी पर बाद में गौरव से बोला तो वो बोलें कि तुम्हारी चाचीजी ने दीदी को बोला था ऐसा करने के लिये…वो बोली कि दादीजी को बहुत है इस चीज का कि क्या दिया…कितना दिया…अब वो सोच रही थी कि मैं सोच रही थी कि यहाँ ससुराल में धोखा हुआ पर मुझे क्या पता कि उसकी जड़ तो मायके में ही थी…!!!!
फोन की घंटी की आवाज से निधी चौंक गयी गौरव का फोन था…कहाँ हो निधी कब से फोन लगा रहा हूँ मुझे चिन्ता हो गई थी…!!
अरे ! नींद लग गई थी…मैं बिल्कुल ठीक हूँ… काम हो गया..!!
हाँ हो गया सुबह तक आ जाऊँगा…तुम सो जाओ… बाय..!!
बाय…गुड नाईट..!!
निधी फिर सोचने लगी….सच वक्त के साथ सब बदल जाता है आज उसे कोई कमी नहीं थी…पर एक बात वो सबको समझाना चाह रही थी कि……हिस्सा नहीं देना है मत दो…पैसा नहीं देना है मत दो पर किसी बिन मां-बाप की बच्ची की जिम्मेदारी लो तो जब उसकी शादी करों तो ये जरूर देखो कि…वो जहाँ भी जायें वहाँ सब सुख हो…फिर आप उसे बुलाओं या नहीं उसके लियें वही हर खुशी हों…!!!!
#धोखा_
गुरविंदर टूटेजा
उज्जैन (म.प्र.)
कीड़े पड़े ऐसे लोगों को जो ऐसा धोखा करते हैं।
Absolutely