अब तक आपने पढ़ा…
रोहित और ऋतिका दोनो अपने प्रेम का इज़हार कर देते है….सुनीता जी मालती जी से रोहित और ऋतिका के रिश्ते की बात करती हैं….
अब आगे…
शाम के वक़्त मुंबई में
राशि चाय लेकर रजत के साथ सुनीता जी के कमरे में जाती है उस वक़्त सुनीता जी कुछ लिखने का काम कर रही थी…
राशि चाय को table पर रखती है और पूछती है…
मम्मी आप busy है?
सुनीता जी बिना सिर उठाए हुए ही जवाब देतीं है….. हाँ बस हो ही गया वो मैं ज़रा लिस्ट बना रही थी
अच्छा आप चाय लीजिए
ह्म्म्म रख दो…. कहने के साथ ही उन्होंने लिखना बंद किया और उपर की तरफ देखा अरे.. दोनो यहाँ… क्या बात है ?
तभी मुकेश जी भी कमरे मे आ गए
आप दोनो को कुछ बताने आए है
किस बारे में?
भाई और ऋतिका दी के बारे में
क्या….
यही कि आप खुश हो जाए क्योंकि ऋतिका को इस घर की बहू बनाने की आपकी इच्छा भगवान् ने पूरी कर दी… राशि ने कहा
वो कैसे… सुनीता जी ने पूछा
भाई को ऋतिका दी पसंद है और ऋतिका दी को भाई
तुम्हें कैसे पता ?? मुकेश जी ने पूछा
पापा अब कैसे पता ये सब बातें रहने दीजिए ना… हमने जासूसी कर के पता कर लिया और ये confirm news है
आप तो बस मालती aunty से बात करें ….
राशि ने कहा
उनसे बात हुयी मेरी…मैंने सोचा था कि वो आयेगी तो यही बात करेंगे लेकिन वो नही आ रही हैं
हाँ पता चला हमें कि ऋतिका और नेहा ही आ रहे है….ऋतिका से बात हुयी थी मेरी …राशि ने कहा
मैंने कहा उनको कि कोई जल्दी नही है आप सोच लें… और वैसे भी रोहित भी तो नही जा पाया था उनके घर.. तो उन्होंने देखा ही कहाँ है रोहित को
हाँ तुम्हारी मम्मी सही कह रही है….. जब तक मालती जी रोहित से एक बार मिल नही लेती तब तक हम उन्हें किसी बात के लिए बोल नही सकते… रोहित उस दिन साथ में होता तो अलग बात थी…..मुकेश जी बोले
राशि और रजत दोनो इस बात को समझ गए थे
रजत ने कहा …..वैसे भाई के लिए aunty मना कर ही नहीं सकती… वो हैं ही इतने अच्छे ……वो तो बाद में देख लेंगे पहले भाई और ऋतिका दी ने जो एक दूसरे को नही देखा है उस बात पर आते है …
तो उसमें क्या बात करनी है ऋतिका तो आ ही रही है ना… मिल लेंगे दोनो सुनीता जी ने कहा
मम्मी अब इतने दिन ये दोनो नही मिले तो इतनी आसानी से तो नही मिलेंगे….
कुछ बनाते है plan…. जिससे कि भाई जब ऋतिका दी से मिले तो वो पल उन दोनो के लिए यादगार हो…
अब तुम क्या करने की सोच रहे हो ?
मम्मी मुझे पक्का पता है कि ऋतिका दी को लेने के लिए भाई ज़रूर जायेंगे…. लेकिन आप उनको कैसे भी रोक लेना
लेकिन मैं कैसे रोकूँगी… और क्या कहूंगी?
कुछ भी ऐसा जो भाई मना ना कर सके
अच्छा मान लो मम्मी ने रोक लिया फिर….. राशि ने पूछा
इसके आगे अभी मैंने सोचा नहीं… और दांत दिखा कर हसने लगा
राशि ने अपने माथे पर हाथ मार कर बोला ये कैसा plan है अधूरा
अरे रुको ना दी आप… मैं करता हूँ कुछ…..देखो मेरा पहले वाला plan भी काम किया ना जिस से हमें सब पता चला
तो ऐसे ही आगे भी आप अपने इस भाई पर भरोसा रखो
सब उसकी तरफ देख रहे थे…. रजत ने फिर कहा…. मम्मी आप तो ये सोचो की भाई को रोकना कैसे है बाक़ी हम सोच लेंगे कि कैसे मिलाना है उनको
चलो दी सोचते है कुछ…. कह कर रजत राशि के साथ कमरे से बाहर आ गया |
ये रजत क्या करने को कह गया है राजधानी से आ रही है ऋतिका अब इतनी सुबह मैं रोहित को कैसे रोकूँगी… ??
मुकेश जी ने हँसते हुए कहा तो आप भी हो ही गयी रजत के plan में शामिल
क्या करूँ मैं आप कुछ बताने की बजाए मेरा मज़ाक बना रहे हैं??
अरे नही….. देखो रजत सोच रहा है ना तो हम भी सोच लेंगे कुछ हम तो हमेशा ही आपके साथ है ..
सब अपनी अपनी तैयारियों में लगे हुए थे सुनीता और मुकेश जी शादी की तैयारियों में busy थे……
रोहित और ऋतिका की बातों का प्यार भरा सिलसिला चल रहा था….
और साथ में रजत और नेहा की भी नोक झोक हो जाती थी….
राशि ने एक whatsapp ग्रुप बना दिया था …उन तीनों का उस पर बात कम बस रजत और नेहा की लडाई ज़्यादा होती थीl
अब सिर्फ 15 दिन बचे थे..
राशि ने रजत से कहा …. सिर्फ 15 दिन बचे है… तुमने कुछ सोचा.. ??
नहीं दी कुछ समझ नही आ रहा
नेहा कुछ कहती भी है तो तुम सुनते नही हो एक लड़ने लगते हो बच्चो की तरह
अरे मैं कहाँ लड़ता हूँ… वो ही लड़ती है हर बात पर question mark …..कुछ भी कहो तो.. ये कैसे होगा बस फिर मेरा मूड खराब हो जाता है
अच्छा उसको छोड़ो तुम…… मुझे बताओ
क्या करें कुछ समझ नही आ रहा….
तो फिर ठीक है… ऋतिका को ले कर आ जायेगा रोहित वही सही है…. दोनों मिल लेंगे |
रजत कुछ बोलता नही है… बस कमरे में इधर -उधर घूमने लगता है ..,
राशि भी थोड़ा सा मायूस हो जाती है ..
नही …भाई station तो नहीं जायेंगे कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं बाक़ी…. राधे राधे
राधे राधे मतलब?
मतलब वो कहते है ना कि जब कोई रास्ता ना सूझे तो भगवान् पर छोड़ देना चाहिए तो बस अब उन पर है |
ह्म्म्म चलो ठीक है फिर मम्मी ने क्या सोचा है उनको रोकने के लिए ये भी नही बताया
अरे आप tention मत लो मम्मी कुछ ना कुछ कर ही लेंगी |
ऐसे ही 15 दिन बीत गए….. आज ऋतिका और नेहा दोनो को निकालना था ….
ऋतिका ने अपना laptop खोला और देखा तो रोहित का msg था..
रोहित : hi … कैसे हो आप?
ऋतिका ने मुस्कुरा कर reply किया
ऋतिका : हैलो
मैं अच्छी हूँ.. आप?
रोहित ने उसका msg देखा तो तुरंत reply किया
रोहित : मैं भी ठीक हूँ और आपकी सब तैयारी हो गयी ?
ऋतिका : जी..
रोहित : बस.. कुछ घंटों की बात है सुबह आप हमारे साथ होंगी हमारे शहर में
ऋतिका :
रोहित : आप आये …. Happy journey
ऋतिका : Thank You..
Byee
रोहित : Byee
ऋतिका ने अपना laptop बंद किया तभी नेहा आयी और बोली चलो……. यहाँ से station पहुँचने में time लगेगा और पापा भी चल रहे है
अरे उनको क्यों बोल दिया तुमने वैसे भी ठंड है और हम चले जायेंगे
वो ही बोले साथ में चलने को
अच्छा चलो…
ऋतिका और नेहा दोनो station के लिए निकल गयी..
इधर रोहित बहुत खुश था… खुश तो बाक़ी सब भी थे… बस दोनो की पहली मुलाक़ात यादगार बनाने का जो plan था वो नही बन पाया था |
ऋतिका और नेहा ट्रेन में बैठ गए थे….. नेहा ने ग्रुप में msg कर दिया कि हम ट्रेन में बैठ गए
राशि ने msg देखा तो नेहा को call किया कुछ देर दोनो से बात की और कल मिलते है कह कर फोन रख दिया |
अगले दिन सुबह रोहित अपने कमरे में रेडी हो रहा था कि तभी उसके कमरे में सुनीता जी ने knock किया
रोहित…
जी मम्मी…. आ जाइये
रोहित तुम रेडी हो गए ?
हाँ बस हो ही गया
अच्छा सुनो तुम रेडी हो तो मेरे साथ मन्दिर चलो
मन्दिर?
हाँ वो पंडित जी मिलेंगे नहीं फिर
अभी सुबह – सुबह आपको इतना ज़रूरी क्या काम है उनसे…. कुछ है तो आप फोन से बात कर लीजिए ना
फोन पर करने वाली बात नहीं है
कहते – कहते वो दोनो कमरे से बाहर आ गए
चलें भाई ….रजत ने कहा
रजत तुम चले जाओ मैं रोहित के साथ मन्दिर जा रहीं हूँ
तो आप रजत को मन्दिर ले जाओ ना.. मैं
तुम बड़े हो कि वो…अगर कुछ कहा पंडित जी ने तो वो समझ नही पायेगा
पापा तो जा रहे है ना
नहीं रोहित मैं नही जा रहा मेरी तबियत कुछ ठीक नही लग रही है
क्या हुआ आपको ?
बस थोड़ी थकान है मेरा अभी कही जाने का मन नही है
रजत और राशि ये सब देख कर मन ही मन खुश हो रहे थे
तो क्या करें… रजत ने कहा
अरे तुम जाओ ये लो गाड़ी की चाबी राशि ने कहा उनकी ट्रेन आ जायेगी…वो दोनो station पर तुमको ढूँढेंगी
पर मैं… ठीक है जाओ रोहित ने उदास होते हुए कहा |
रजत चाबी ले कर चला गया और सुनीता जी रोहित के साथ मन्दिर. चली गयी
ट्रेन station पर आ गयी थी और रजत भी coach के सामने ही खड़ा था….
ऋतिका और नेहा कुछ देर में ट्रेन से उतर कर नीचे आ गयी
रजत ने ऋतिका और नेहा को हैलो बोला उनका सामान रखने में मदद की
ऋतिका इधर – उधर देख रही थी लेकिन उसे कोई रजत के साथ कोई दिखाई नही दिया
नेहा को रजत ने msg कर दिया था कि उनका क्या plan है इसलिए वो निश्चिंत हो करे खड़ी थी
रजत ने कहा – चले
हाँ ….ऋतिका ने उदास मन से कहा
नेहा और रजत एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे |
रजत ने सारा सामान गाड़ी में रखा ऋतिका और नेहा को बैठने के लिए बोला
उसने राशि को बता दिया कि वो लोग station से चलने वाले है .. वो गाड़ी में बैठने ही वाला था कि
तभी उसका फोन बजा उसने देखा तो रोहित का फोन था….
हाँ भाई
कहाँ पहुँचे तुम?
Station पर ही हूँ ऋतिका दी और नेहा आ गए है बस हम निकल ही रहे है… भाई आप ?
मम्मी को जो बात करनी थी वो हो गयी हम भी यहाँ से निकल ही रहे हैं
ठीक है भाई
Ok…
रोहित घर की तरफ जा ही रहा था कि उसका फोन बजा
हाँ विकास बोलो
सर आप कहाँ है
मैं बाहर हूँ.. क्या हुआ?
सर वो जो शर्मा जी है ना हमारे clint… उनको कुछ discuss करना है आपसे ….तो आप आ सकते है.. बस थोड़ी देर के लिए
विकास मैं छुट्टी पर हूँ
हाँ सर पता है.. लेकिन शर्मा जी ने काम रुकवा दिया है.. वो आपसे मिलना चाहते हैं
कहाँ हो तुम और शर्मा जी ?
वो सर मेरे साथ है यही ठाणे में ठीक है मैं आता हूँ
मम्मी आप यहाँ से कैब से चली जाइये मैं करवा देता हूँ.. वो एक ज़रूरी काम है
ठीक है मैं चली जाऊँगी
रोहित ने सुनीता जी को कैब में बिठा कर भेज दिया और विकास ने location भेजी वहाँ पहुँच गया |
इधर रजत ऋतिका को लेकर घर आ गया…. राशि ने दोनो को गले से लगा लिया
सुनीता जी भी तब तक आ गयी थी वो भी दोनो को देख कर बहुत खुश हुयी उन्होंने भी दोनो को गले से लगा लिया
मुकेश जी भी बहुत खुश हुए दोनो को देख कर
सुनीता जी ने पूछा – सफर कैसा रहा?
अच्छा रहा aunty
ऋतिका की नज़रें रोहित को ढूँढ रही थी
सब उसे नोटिस कर रहे थे
सुनीता जी ने रजत को धीरे से बताया कि रोहित किसी clint के पास गया है थोड़ी देर में आयेगा
रजत मुस्कुरा दिया और राशि msg कर दिया
भाई को किसी clint ने बुला लिया अब तो भगवान् भी यही चाहते है कि इन दोनो का मिलना याद गार बने
राशि भी msg पढ़ कर मुस्कुरा दी
नेहा ने पूछा दी जीजू का msg है जो आप मुस्कुरा रहे हो
नहीं.. उनका नही है
अच्छा तुम लोग fresh हो जाओ और रजत इनका सामान रखवाओ… मेरे कमरे में ये दोनो मेरे ही साथ रहेंगी
ठीक है दी कह कर रजत ने काम करने वालो से सामान रखवा दिया
रोहित का काम आधे घंटे में हो गया… वो वापस घर आ रहा था…… इधर रजत को कुछ समझ नही आ रहा था
घर पर मेहमान आने लगे थे
सुनीता जी और मुकेश जी सबको attend कर रहे थे…
रजत ने रोहित को फोन लगा कर पूछा आप कितनी देर में आ रहे हो
बस 5 mnt में कुछ लाना है?
नहीं…. आप आ जाओ
Ok
रजत, राशि और नेहा तीनों ही कुछ भी सोच नही पाए…. कि क्या करे
राशि ने कहा रहने दो अब 5 mnt में क्या ही करेंगे
अब यहीं मिल लेंगे दोनो और क्या
ह्म्म्म नेहा और रजत ने एक साथ कहा
क्या हुआ दी आप परेशान लग रहे हो? ऋतिका ने पूछा
नहीं कोई परेशानी नही है …
सुनीता जी ने राशि को बोला – बेटा ज़रा अपना बैग ले आना वो blue वाला सबको दिखा दें तुम्हारी साड़ियाँ
Aunty मैं ले आती हूँ. दी आप बैठो ऋतिका ने बोला
अच्छा वो मेरे बेड के side में रखा है
ऋतिका राशि के कमरे में गयी ही थी कि
रोहित कुछ bags हाथ में लेकर घर में आया… दी ये सूट है आपके वो नीचे वो प्रेस वाला आया था देने के लिए
रजत, की आँखे खुशी से चमकने लगी
रोहित ने नेहा को देखा तो मुस्कुरा कर हैलो बोला और इधर उधर देखने लगा …
नेहा कुछ बोलने ही जा रही थी कि रजत बोला अरे भाई दी को क्या दे रहे हो रख दो ना उनके कमरे में जा कर
सबने उसकी तरफ देखा….और शायद उसकी बात समझ गए
रोहित ने चारों तरफ देखा लेकिन उसे ऋतिका कहीं दिखायी नहीं दी
उसने ठीक है कहा और राशि के कमरे की तरफ बढ़ गया
रजत ने कहा….. राधे राधे… और सबकी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा
रोहित ने राशि के कमरे का दरवाज़ा खोला और अंदर चला गया..
उसने कपड़े बेड पर रखे और देखा कि कोई बैग बेड के पीछे से निकालने की कोशिश करे रहा है लेकिन कौन ये ये उसे पता नही था
उसने कहा…. मैं help कर दूँ आपकी
ऋतिका ने बैग निकाल लिया था… वो बोली जी हो गया… और रोहित की तरफ घूमी तो उसका पैर बैग के step में फस गया वो गिरने को हुयी तो रोहित ने आगे बढ़ कर उसे थाम लिया अरे आप. ..वो इतना ही बोला और ऋतिका की तरफ देखने लगा……. ऋतिका भी उसकी तरफ देख रही थी रोहित ने ऋतिका का हाथ अपने हाथ में थाम रखा था….
ऋतिका ने अपनी नज़रे नीची कर ली…..हल्की सी मुस्कान उसके चेहरे पर आ गयी
रोहित ने पुकारा ऋतु…
ह्म्म्म …..
आशा करती हूँ कि कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा….. जल्दी ही फिर मिलूँगी
धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
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धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
अनु माथुर