एक प्यारी सी लव स्टोरी (भाग -2) – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

अब तक आपने पढ़ा..

ऋतिका को messenger पर रोहित का msg आता है… और वो उसे अपने बारे में बताते हुए कुछ बीती बातों का ज़िक्र करता है.

अब आगे..

ऋतिका अपना laptop बंद ही कर रही थी कि… रोहित का msg आया..

Ok..

Hi…

Are you there..?

ऋतिका ने reply किया

Hello

Yes..

बहुत दिनों की बात हो गयी इसलिए aunty को याद नही होगा..

हम लोग मुंबई में रहते है… मेरे पापा का नाम

मुकेश शर्मा और मम्मी का नाम सुनीता है..हम तीन भाई बहन है… Aunty को ठीक याद है..

मेरी बड़ी बहन राशि, फिर मैं और रजत… |

Msg पढ़कर ऋतिका ने अच्छा में reply किया

रोहित  :  मैं कुछ पूछूँ आपसे?

ऋतिका : ह्म्म्म

रोहित : uncle को क्या हुआ…?  अगर आप बताना चाहें तो?

ऋतिका :  पापा को कुछ हुआ नही था.. पाँच साल पहले अचानक रात को उनकी तबियत खराब हुयी…. हम लोग doctor के पास उनको ले कर गए… लेकिन वो पहलेे ही हमें छोड़ कर चले गए थे |

रोहित : I am sorry… वो मुझे जानना था बस… इसलिए

ऋतिका : कोई बात नहीं… अब तो पापा नहीं है… लेकिन उनकी अच्छाइयाँ हमारे साथ है |

कहते हुए उसकी आँखों में नमी तैर गयी

रोहित : सच में बहुत अच्छे थे uncle… वरना कौन किसी अजनबी को अपने घर में लाता है |

वैसे एक और बात पूछ सकता हूँ क्या मैं?

ऋतिका : जी पूछे

रोहित : आप अभी कहाँ पर है?

उसके ये पूछने पर ऋतिका ने सोचा बताऊँ या नहीं?

रोहित : अगर आप नहीं बताना चाहती तो कोई बात नहीं…

ऋतिका  : नहीं ऐसी कोई बात नहीं.. अब जब आपसे पहचान है तो बताने में कोई हर्ज़ नहीं..

मैं और मम्मी Delhi में रहते है…  मौसी , मौसाजी और उनका बेटा शिवम उनके साथ में |

रोहित :  Delhi… Ok  आप तो बहुत ख़ास जगह रहती है… देश की राजधानी में

ऋतिका :

रोहित : दिल्ली दिलवालों की

Ok….तो अभी इन बातों के सिलसिले को यहीं विराम देते है मेरी meeting है अभी 10 mnt में…..आपसे फिर बात करता हूँ |

Byee

Take care

ऋतिका ने भी byee

Take care लिखा और laptop बंद कर दिया…

ऋतिका सोचने लगी.. दुनिया सच में गोल है शायद…

अरे … मैं तो भूल ही गयी ये पूछना कि आप रुद्रपुर क्यों गए थे…. और मुझे कैसे ढूँढा जबकि मेरी कोई pic भी नही है |

चलो फिर कभी बात हुयी तो पूछ लूँगी…. ऋतिका अपने कामो में लग गयी |

दो तीन दिन ऐसे ही निकल गए   saturday को ऋतिका की छुट्टी थी

वो आराम से उठी और चाय पी रही थी तभी दरवाज़े की bell बजी…

कहाँ हो ऋतु… कहते हुए नेहा अंदर की तरफ आ रही थी

यहाँ हूँ…उसने जवाब दिया

लो ये मैडम अभी तक सो कर उठी नही है… भूल गयी क्या CP  जाना था shopping करने |

ओह…. सच में भूल गयी थी… ऋतिका ने कहा ….

जल्दी तैयार हो…. वरना लौटने में देर हो जायेगी…

नेहा ऋतिका के साथ ही पढ़ाती थी दोनों ने साथ में join किया था और अच्छी दोस्त भी बन गयी थी |

हाँ कह कर ऋतिका तैयार होने चली गयी.. थोड़ी देर में वो तैयार हो कर आ गयी

दोनों मेट्रो में थी… ऋतिका ने नेहा को रोहित वाली बात बतायी तो उसे भी थोड़ी हैरानी हुयी..

दोनों ने शाम तक शॉपिंग की और घर लौट आयी… वो दोनों काफी थक गए थे…change करके दोनों ही सो गए  …नेहा आज ऋतिका के यहाँ ही रुक गयी थी.. अगले दिन sunday था तो वो आराम से वापस अपने घर जा सकती थीl

सुबह नेहा ने ऋतिका से कहा – तुमने मुझे आगे की बात तो बतायी ही नही

कौन सी बात?

Rohit वाली

बस इतनी ही बात हुयी थी मेरी…. मैं पूछ ही नही पायी कि वो क्यों रुद्रपुर गए थे और मुझे कैसे ढूँढा |

तो देख laptop खोल के क्या पता उसका msg आया हो… अब तो मुझे भी जानना है कि कैसे ढूँढा तुझे |

वैसे तुम facebook फोन पर use क्यों नहीं करती हो? इससे जब उसका msg आयेगा तब तुम्हें तुरंत ही पता चल जायेगा |

मेरे लिए ये एक सिरदर्दी whatsapp ही काफी है…. वैसे भी मुझे सोशल मीडिया से ज़्यादा कुछ लगाव नही है… मेरे पास इन सबके लिए time नहीं है…. जितना वक़्त मैं फोन पर बिताऊंगी उससे अच्छा है कि मैं कुछ पढ़ लूँ |

तुम और तुम्हारे logics रहने ही दो कभी- कभी तो मुझे लगता है तुम गलत साल में पैदा हो गयी हो… जहाँ दुनिया tecnology की तरफ आकर्षित हो रही है वहाँ तुम बाबा आदम के ज़माने में रहती हो.. तुम्हें इन सबसे मतलब ही नही रहता |

ऋतिका उसकी बात सुनकर मुस्कुरा कर बोली …..क्या करना है facebook book या और किसी सोशल मीडिया का..

कौन सा वो मेरी life बदल देंगे.. तो उस पर क्यों समय बर्बाद करना…. जो life बदले उस पर समय खरच करो… किताबें पढ़ो… अपनी hoobies पर ध्यान दो..

तुम्हारा मतलब है कि बाक़ी लोग जो सोशल मीडिया use करते है वो बेकार है |

मैंने ऐसा कब कहा… अपनी – अपनी पसंद है |

छोड़ो इस बात को…. मैं तुमसे नहीं जीत सकती मान लिया

चलो अब laptop खोलो भी

और उसे धक्का देती हुयी table की तरफ ले गयी |

ऋतिका उसकी बात पर मुस्कुराई और उसने अपना laptop खोला … नेहा उसके पास ही chair ले कर बैठ गयी

रोहित का msg notification मे 1 घंटे पहले का show कर रहा था….

नेहा ने देखा तो बोली….. ओहो इनको पता है कि तुम आज fb पर आने वाली हो

Very funny कहते हुए ऋतिका हँस दी

चल open तो कर msg

ऋतिका ने msg open किया

उसमें लिखा

Hi…..

Good morning

कैसी हैं आप?

नेहा ने उसे कहा… लिखो जवाब फिर वो हो तो पूछना सारी बात..

ऋतिका ने reply किया

Hello…

Good morning

मैं अच्छी हूँ…. और आप  ?

5 mnt तक कोई जवाब रोहित की तरफ से नहीं आने पर ऋतिका उठने लगी तो

रोहित का reply आया

रोहित : मै भी ठीक हूँ.. मैंने आपका msg देख लिया था… लेकिन मैं किसी से बात कर रहा था तो reply नही दे पाया

ऋतिका : अच्छा…. तो आप busy है मैं बाद में बात करती हूँ

रोहित : अरे नहीं…. बात हो गयी आप बताए?

ऋतिका : मैं आपसे कुछ पूछना चाहती थी…

रोहित : जी …..कहे

ऋतिका : मैं पूछना चाहती थी कि आप रुद्रपुर क्यों गए थे..?

रोहित :   जिनके घर हम शादी में गए थे उनके यहाँ फंक्शन था… उनकी कोई मन्नत थी जो उनको रुद्रपुर में ही पुरी करनी थी… तो इसीलिए जाना हुआ…. मैं और पापा ही गए थे बस…

जब तक रोहित टाइप कर रहा था… तब तक नेहा laptop में बड़े ध्यान से देख रही थी जैसे उसमें कुछ बाहर आने वाला हो |

ऋतिका ने उसे ऐसे देखा तो वो ज़ोर से हँसी… उसको देखकर नेहा ने मूँह बना लिया |

रोहित का reply आया तो दोनों बड़े गौर से पढ़ा

अच्छा  ऋतिका ने जवाब दिया

दूसरी वाली बात भी पूछ ना उस से कि तुम्हारा id कैसे मिला? नेहा ने कहा

ऋतिका ने फिर पूछा – मैं एक बात और पूछ सकती हूँ आपसे

रोहित  : जी ज़रूर

ऋतिका : आपको मेरे id के बारे में कैसे पता चला… मेरे कहने का मतलब ये है कि आप तो मुझे जानते नही होंगे नाम से फिर?

रोहित : जी… सही कहा आपने… मैं आपको नाम से नहीं जनता था…

उस दिन जब मैं और पापा अपने उन्हीं रिश्तेदार से पूछ कर आपके घर वाली गली में पहुँचे…. तो काफ़ी कुछ बदल गया  था….

पापा को आपका घर लेकिन याद था… हम कुछ आगे बढ़े तो आपका घर दिखाई दिया…. और उस पर लगा हुआ lock… आस – पास कोई नही दिखा जिस से हम पूछते…… हमें वापस भी जाना था..

पापा बहुत निराश हो गए थे… इतने सालों बाद आए लेकिन कोई मिला नही…

तभी कोई आपके पड़ोस में जो रहते थे उन्होंने हमें ऐसे आपके घर पर देखा तो हमसे पूछा….तो हमने उन्हें बताया यहाँ जो रहते थे वो  कहाँ गए ? तो वो confuse हो गए शायद आपके घर में कोई और भी रहता था….फिर पापा ने उन्हें बताया कि उनकी एक बेटी थी तब वो समझे | उन्होंने आपका नाम ऋतु बताया |

तब उन्होंने बताया कि आप सब ये घर छोड़ कर चले गए… आपके पापा के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वो अब नही है आपकी मम्मी के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मुझे नही पता मम्मी को पता है कि आप कहाँ है |

मैंने बोला उनसे पूछ कर बता दें आप.. उन्होंने बोला वो market गयी है… फोन किया तो उन्होंने उठाया नहीं

उसने फिर मुझे आपका id दिखाया जो facebook ka था वो बोले अगर कुछ ज़रूरी है तो आप इस पर बात कर सकते है वो मेरी friendlist में है |

हम जल्दी में थे  ……मैंने उनको बोला ठीक है . जाने कीजल्दी में मैंने उसे फोन नंबर ना दिया ना लिया |बस उसके फोन से id का screen shot ले  लिया |

घर आकर screen shot देखा तो उसमें अभी भी आपका address में रुद्रपुर ही लिखा था |

ऋतिका ने msg पढ़ा और लिखा

ऋतिका :   ऐसा होता है क्या?

रोहित  : hahaha  हाँ जी होता है… लगता है आपको यकीन नहीं हुआ मेरी बात का ?

लेकिन मैंने आपको खोज लिया….और आप मुझे मिल गयी और वो कहते हैं ना कि जिसे शिद्दत से चाहो तो पूरी क़ायनात उसे आपसे मिलाने में लग जाती है ….

और  मेरी चाहत सच्ची थी

नेहा ने ये सब  पढ़ा तो वो अपनी जगह से उछल पड़ी…. अरे क्या बात कही रोहित जी दिल खुश कर दिया आपने….

इसमें खुश होने वाली क्या बात है? ऋतिका ने पूछा

अरे देख ज़रा उसकी बातों में चाहत, तलब, तुझे मिलने की आस सब तो है

पागल……  ऋतिका ने कहा कुछ भी बोलती रहती है

तभी रोहित का msg फिर आया

क्या हुआ आपने  कुछ कहा नहीं?

जी…. ऋतिका ने बस इतना ही लिखा

रोहित : मुझे कुछ चाहिए आपसे मिलेगा?

ऋतिका : जी… क्या?

रोहित : आपका फोन नंबर मिलेगा?

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा… जल्दी ही फिर मिलूँगी |

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धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर

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