अब तक आपने पढ़ा..
ऋतिका के मुंबई से वापस आने पर मालती जी उस से रोहित के बारे मे बात करती है..और सुनीता जी को इस रिश्ते के लिए हाँ बोल देती है…
अब आगे…
ऋतिका और रोहित का रोका हो गया था… सब बहुत खुश थे.. रजत सबकी pics ले रहा था ….
रजत ने दोनो को congratulate किया और ऋतिका को कहा अब आप मेरी भाभी बन गयी है
ऋतिका वैसे ही सिर झुकाए मुस्कुराने लगी
अब कुछ ढोल बजना चाहिए ..
.राशि ने बोला शिवम लगाओ ज़रा कुछ बढ़िया सा …डांस करे हम लोग
मुकेश जी ने सुनीता जी से कहा करने दें बच्चो को enjoy हम लोग चलते है बाहर
सब बड़े बाहर चले गए ….
शिवम ने गाना बजाय तो सब मस्ती में dance करने लगे…
रजत ने रोहित को उठाया तो उसने ऋतिका ke आगे अपना हाथ बढ़ाया
ऋतिका ने ऊपर देखा रोहित उसे देख करे मुस्कुरा रहा था अपना हाथ उसने रोहित के हाथ में रख दिया
ये होते ही रजत ने सीटी बजायी ….. सब ने थोड़ी देर dance किया और फिर लंच
रजत अपने मोबाइल में कुछ देख रहा
था नेहा उसके पास आयी और बोली – रजत जी आपने जो pics ली हैं ना हमको देखनी है
रजत ने उसकी तरफ देखा और बोला..
उसके बदले में मुझे क्या मिलेगा
क्या मिलेगा मतलब?
मतलब ये कि pics ली है मैंने तो उन्हें दिखाने के बदले में मुझे भी तो कुछ मिलना चाहिए
नेहा ने उसकी तरफ देखा फिर उसके पीछे देखते हुए बोली..अरे… Aunty आप
रजत जैसे ही पीछे देखने के लिए मुडा
नेहा ने उसके हाथ से मोबाइल लिया और सीढ़ियों की तरफ भागी… रजत भी उसके पीछे भागते हुए गया ……. नेहा छत पर जाकर रुक गयी……
अब कहाँ जायेगी आप ? और फोन में लॉक लगा है आप कैसे देखेंगी pics?
नेहा पीछे की तरफ बढ़ रही थी
रजत भी उसकी तरफ बढ़ रहा था
नेहा ने कुछ सोचा और बोली ठीक है ठीक है क्या चाहिए आपको
रजत मुस्कुराया और बोला कुछ नही लाएं
फोन दें मैं लॉक खोल देता हूँ
नेहा ने हाथ बढ़ा कर फोन उसे दिया …. रजत ने फोन लिया और लॉक खोलकर उसे दिया |
नेहा वहीं फोन में pics देखने लगी pics देख कर उसने फोन रोहित को वापस किया…. और नीचे जाने लगी तो
रजत ने उसे पुकारा …. नेहा
वो रुक गयी और पीछे घूमी..
रजत ने अपने मोबाइल से उसकी ऐसे ही pic ली
वो कुछ बोलती तभी
नेहा…..
किसी ने उसे पुकारा
आयी नेहा ने कहा
और भगती हुयी नीचे चली गयी
रजत वहीं खड़ा हुआ फिर से मुस्कुराने लगा
ऐसे ही हँसी खुशी में पूरा दिन बीत गया
रात को dinner के बाद सब बैठ कर बातें कर रहे थे … लेकिन बस रोहित और ऋतिका ही थे जिन्होंने अभी तक कोई बात नही की थी..
राशि बात करते -करते रजत की तरफ देखा तो उसने उसे बाहर आने को बोला
राशि उठ कर बाहर आयी तो रजत ने कहा ये सब बड़े लोग ऐसे ही बातें करते रहेंगे और उनके बीच भाई और भाभी ऐसे ही बैठे रहेंगे….
तो….
तो क्या कुछ करो जो ये दोनो कुछ देर बात कर सके…. अब ये भी हमें ही करना पड़ेगा… भाई तो बस उन्हें देख कर मुस्कुराते ही रहेंगे देखो
राशि ने देखा तो सच में रोहित ऋतिका को देख कर मुस्कुरा रहा था… उसने कहा कभी – कभी तो मुझे लगता है कि ये अपने clint से बात करता कैसे है…. ?
अरे उसमें तो expert है भाई…आप ये सब छोड़ो अभी पहले इनके बारे में सोचो
रात है और ठंड भी है बाहर तो कोई जाने नही देगा
कहाँ जाना है …. नेहा ने पीछे से आते हुए कहा
राशि ने पीछे देखा तो बोली अरे अच्छा हुआ तुम आ गयी
क्या हुआ दी कोई परेशनी है
है ना बहुत बड़ी… रजत ने कहा
क्या परेशानी है….
ये जिनके लिए हम सब यहाँ आए हैं ना वो दोनो
मतलब.. अब तो रोका हो गया फिर क्या परेशानी है?
अरे ये दोनो सबके बीच में बैठे है
तो क्या हुआ?
आपके पास दिमाग है ?
क्या मतलब है आपका?
मेरा मतलब है कि
चुप करो तुम दोनो…अरे तुम दोनो जब मिलते हो लड़ते ही रहते हो
नेहा कोई idea दो जिस से इन दोनो को कुछ बात करने के लिए कहीं ले जा सकें
इस वक़्त कोई कहीं नहीं जाने देगा दी
बस किसी रूम में ही बैठ सकते है
रूम में रजत ने मूँह बनाते हुए कहा
और कोई option नहीं है
ठीक है तो दोनो को ले कर आओ चलते है रूम में फिर
फिर ये दोनो हम सबके होते हुए बात करेंगे ही नही
बात ना सही दोनो को पास में तो बिठा ही सकते हैं ना.. फिर हम लोग उठ कर किसी ना किसी बहाने से बाहर चले जायेंगे थोड़ी देर के लिए |
अरे वाह ….दिमाग लगा लिया आपने रजत ने कहा
नेहा ने घूर कर उसकी तरफ देखा
ठीक है तुम ऋतिका को ले कर आओ हम लाते है रोहित को राशि ने कहा
नेहा ने कमरे में जाकर मालती जी से कहा..
Aunty मैं अब ले जाऊँ ऋतु को
हाँ ले जाओ… उन्होंने कहा
नेहा ऋतिका को बाहर ले जा रही थी और रोहित उसे जाते हुए देख रहा था वो मन में ही बोला…. मत ले जाओ अभी तो मैंने कुछ बात भी नहीं की.. और मायूस हो कर दूसरी तरफ देखने लगा |
नेहा ऋतिका को रूम में ले आयी…. ऋतिका थोड़ा सा relax हुयी और बैठ गयी…
रजत भी रोहित को अपने साथ ले आया था
पाँच mnt बाद दरवाज़े पर knock हुयी हम आ जाए ?
हाँ नेहा ने कहा
ऋतिका ने देखा राशि रजत रोहित और शिवम सब एक साथ रूम मे आ रहे थे
उसकी नज़रे रोहित से मिली और वो मुस्कुरा दी
नेहा ने सबको बैठने को कहा
रजत ने ऋतिका के पास जा कर कहा भाई आप यहाँ बैठे
राशि ने नेहा से कहा चलो नेहा हम कुछ ले आते हैं बना कर और वो दोनो बाहर चली गयी
रजत दो तीन mnt बैठा फिर शिवम से बोला शिवम चलो हेल्प कर दे उनकी कुछ बाहर से लाना हो तो |
ठीक है कह कर वो दोनो भी बाहर चले गए जाते वक़्त रजत ने दरवाज़ा थोड़ा बंद कर दिया
रोहित मुस्कुराया वो समझ गया ये सब क्या करके गए हैं
उसने ऋतिका की तरफ देखा ऋतिका अभी भी नीचे ही देख रही थी
रोहित ने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और बोला… अब आप सच में मेरी हो गयी है
ऋतिका ने उसकी तरफ देखा और नज़रे नीची कर ली
आप कुछ कहेंगी नही ..देख ही लें हमारी तरफ
ऋतिका ने उसकी तरफ देखा रोहित ने ऋतिका के दोनो हाथों को अपने हाथों में लिया और बोला…. अब तो मुझे मिलेगा ना मेरा नाम आपकी मेहंदी में..
ऋतिका ने हाँ में जवाब दिया
वो बोली ….ये लोग आये नही अभी तक और उठ कर जाने
लगी
वो दो कदम बढ़ी ही थी कि रोहित ने उसका हाथ पकड़ा
और उसकी तरफ देखा रोहित ऋतिका के बहुत पास खड़ा था ऋतिका के दिल की धड़कन धीरे – धीरे बढ़ने लगी
…..रोहित ने धीरे से उसे अपनी बाहों के घेरे में ले लिया
ये होते ही ऋतिका ने अपनी आँखे बंद कर ली वो अपने में ही सिमटी जा रही थी |
तभी दरवाज़े पर किसी ने knock किया
रोहित ने अपनी बाहों के घेरे से उसे आज़ाद किया और दो कदम पीछे हो गया
ऋतिका अभी भी रोहित की छुअन को महसूस कर रही थी
आ जाओ रोहित ने कहा
नेहा और बाक़ी सब कॉफी और कुछ खाने का लेकर आ गए
क्या हुआ नेहा ने ऋतिका से पूछा –
उसने कुछ नही कहा और रोहित की तरफ देखा रोहित उसे देख कर बस मुस्कुरा रहा था |
..अगले दिन मुकेश जी को अपने relatives के यहाँ जाना था और उनको खुशखबरी भी देनी थी ..सुनीता जी ने नेहा के लिए भी मालती जी से बात की थी….. लेकिन पहले वो रोहित की शादी करना चाहती थी इसलिए उन्होंने नेहा के मम्मी पापा से कोई बात नही की |
जाते वक़्त रोहित ने नज़र भर ऋतिका को देखा वो मुस्कुरा रही थी रोहित गाड़ी में बैठ गया… उसने अपना फोन निकला और एक msg किया |
ऋतिका की msg tone बजी तो उसने देखा रोहित का msg था उसमें लिखा था …..
लोग कहते हैं, वक्त किसी का गुलाम नहीं होता…
फिर क्यूँ…
तेरी मुस्कराह पे थम सा जाता है…
दिल मेरा…!!
ऋतिका ने msg पढ़ कर उसकी तरफ देखा…. रोहित ने मुस्कुराकर उसे bye किया और गाड़ी आगे की तरफ बढ़ गयी |
मुंबई पहुँच कर सुनीता जी ने अपने ठीक से पहुँचने का फोन किया और जल्दी ही महूर्त निकालने की बात कह कर फोन रख दिया |
एक हफ्ते बाद सुनीता जी ने मालती जी को फोन किया और बताया कि शादी का महूर्त दो महीने बाद का है नहीं तो फिर छ महीने बाद का…आप बताएं जैसा आपको ठीक लगे उन्होंने दो तीन dates मालती जी को बताई….. मालती जी ने घर में सलाह मशवरा करने के बाद उन्हें उन्हें dates final करने के लिए बोला |
मालती जी ने नूतन और महेंद्र जी से बात की और छ महीने वाला महूर्त फाइनल किया उन्होंने फोन करके सुनीता जी को बता भी दिया | सबको ये बात पता चली तो सभी खुश थे |
मुकेश जी ने शादी दिल्ली से ही करनी है ऐसा मालती जी को बोल दिया था … और ये भी कि किसी भी बात के लिए वो परेशान ना हो…..
अब date fix हो गयी थी तो सब अपनी तैयारियों में लग गए | छ महीने कैसे बीत गए पता ही नही चला…..
आज से शादी की रसमें शुरू होनी थी मालती जी ने उमेश जी की तस्वीर के सामने खड़े हो कर हाथ जोड़े तो उनकी आँखें भर आयी… वो बोली आप हमें छोड़ कर गए लेकिन सब कुछ जैसे तय करके गए
ऋतु की फिक्र करने की मुझे ज़रूरत ही नहीं है …. बस आप साथ नहीं है
उन्होंने अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस किया तो ऋतिका थी…..उसकी भी आँखें भर आयीं थी मालती जी ने उसके आँसू पोंछे और बोली…. कुछ नहीं मैं तो तुम्हारे पापा से बात कर रही थी
तभी नूतन ने आते हुए कहा चलें जीजी सब रेडी है हमें अब निकालना चाहिए
और ये क्या आप रो रही अरे ये तो ख़ुशी का दिन है….. ऐसा कह कर हाथों को फैला कर नूतन ने दोनों को गले से लगा
लिया | भरी हुयी आँखों से ही मालती जी और ऋतिका मुस्कुरा दी| सब जहाँ से शादी होनी थी वहाँ पहुँचे |
दोनों की हल्दी ,मेहंदी , भात एक के बाद एक सारी रस्मों को निभाते हुए शादी का दिन भी आ गया….
ऋतिका शादी के जोड़े में बहुत प्यारी लग रही थी….. नेहा और बाक़ी सब बारात आने का wait कर रहे थे…
तभी ढोल की आने लगी नेहा खुश हो कर बोली …..आ गये तुम्हारे दुल्हे राजा मैं आती हूँ देख कर… ऐसा कह कर एक दोस्त को वहीं छोड़ वो बारात देखने के लिए चली गयी
रजत ,राशि ,संजय और बाक़ी सब डांस करते हुए आ रहे थे…. रजत ने नेहा को देखा तो उसका हाथ पकड़ उसे भी डांस करने ले आया…. नेहा ने राशि और उसके साथ डांस किया रोहित से मिली फिर ऋतिका के पास चली गयी …..
शादी की रस्में शुरू हुयी..मंत्रों और वचनों के साथ फेरे संपन्न हुए नूतन और महेंद्र जी ने कन्यादान किया ….रोहित ने ऋतिका की माँग में सिंदूर भरा …. उसे मंगल सूत्र पहनाया……और सभी बड़ों के पैर छू कर आशीर्वाद लिया… सब विधि विधान से शादी संपन्न हुयी |
अब मिलने बिछड़ने की रीत आयी जिसमें सभी की आँखें भर आयी… मालती जी ने ऋतिका को गले से लगाया और रोहित को उसका ख़्याल रखने को बोला | नेहा ने भी ऋतिका को गले से लगा लिया….दोनों की आँखें भरी हुयी थी..नेहा ने उसके आँसू पोंछे मुस्कुराई और बोली – wish you a very happy married life
ऋतिका भरी हुयी आँखों से ही भी मुस्कुरा दी |
ऋतिका रोहित की दुल्हन बन मुंबई आ गयी थी…सुनीता जी ने उसका टीका कर नज़र उतार कर उसका गृह प्रवेश कराया कुछ रस्में वहाँ भी होनी थी …
सब रस्में हो जाने के बाद राशि ऋतिका को रोहित के कमरे में आयी थी….. रजत रोहित को अपने साथ ले आया था…. दोनों को वहाँ छोड़ कर राशि और रजत चले गए |
रोहित ने कुछ कदम ऋतिका की तरफ बढ़ाये ही थे कि ऋतिका पीछे की तरफ घूम गयी…… रोहित मुस्कुराया और उसके पास गया…. उसने उसका हाथ अपने हाथों में लिया और उसे बिठाया…. ऋतिका बस नीचे ही देखे जा रही थी
रोहित ने कहा…. देखें हमारी तरफ
ऋतिका ने अपनी पलकों को उठा कर उसकी तरफ देखा… रोहित मुस्कुराया और उसके हाथ में एक बॉक्स दिया और बोला ये आपके लिए…
ऋतिका ने वो बॉक्स लिया और रोहित की तरफ देखा
खोलिए ….उसने कहा
ऋतिका ने बॉक्स खोला तो उसमें एक चेन थी और एक लॉकेट जिसमें डबल आर बना हुआ था ….
मैं पहना दूँ उसने पूछा ऋतिका ने हाँ कहा तो रोहित ने उसे वो चेन पहना दी |
ऋतिका उठ कर जाने लगी तो रोहित उसका हाथ पकड़ा ऋतिका ने पीछे मुड़ कर देखा रोहित बड़े प्यार से उसकी तरफ देख रहा था |
ऋतिका थोड़ा सा शर्मा गयी… रोहित उठा और उसके पास आ गया उसने ऋतिका को बाहों में भर लिया…..और बोला अब आप हमेशा के लिए मेरी हो गयी है |
ऋतिका ने उस से कहा मैं कुछ पूछूँ आपसे
ह्म्म्म रोहित ने बोला
क्या सच में आपको कभी किसी से प्यार नहीं हुआ
रोहित ने उसके सवाल पर उसे अपनी बाहों में और कसते हुए बोला
सच बोलूँ या झूठ ?
सच….ऋतिका ने कहा
तो सच ये है कि हुआ था
कौन थी वो ?
थी एक प्यारी सी लड़की नाम मुझे तब पता नहीं था… कुछ तो था उसमें जो मेरे दिल में बस गयी थी… उसका वो चेहरा मुझे याद है
अभी भी?
हाँ….. और अब तो वो मेरे साथ है
मतलब….
वो आप थी जो मेरे दिल में बसी हुयी थी
ऋतिका ने उसकी तरफ देखा और बोली…. क्या ?
जी….. मैं आपसे वो एक मुलाक़ात भूल नही पाया.. और आप मेरे दिल में बस गयी ये रूहानी सा इश्क़ था जिसने कभी किसी को मेरे क़रीब आने नहीं दिया |
मैं ना मिलती और आपकी शादी किसी और से हो जाती तो ?
तो….. कोई बात नहीं.. लेकिन मेरे दिल में आप ही रहती कहते हुए रोहित ने उसके होंठों को अपने होंठों से छू दिया |
ऋतिका और रोहित का प्यार मुकम्मल हो गया |
कुछ दिनों बाद मुकेश जी और सुनीता जी ने रजत और नेहा की बात मालती जी के साथ मिल कर नेहा के मम्मी पापा से की उन्होंने थोड़ा सोचा और मालती जी से सलाह मशवरा कर के रजत और नेहा के रिश्ते को भी मंजूरी दे दी |
घर में फिर शहनाई गूँजी…. नेहा रजत की दुल्हन बन कर उसके साथ आ गयी |
समाप्त
आशा करती हूँ एक प्यारी सी love story आपको पसंद आयी होगी… फिर मिलूँगी जल्दी ही एक नई कहानी के साथ |
आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया मेरी इस कहानी को इतना प्यार देने के लिए…. रोज़ समय निकाल कर पढ़ने के लिए… और इतने प्यारे – प्यारे comments करने के लिए… आपकी हौसला अफज़ही और अच्छा लिखने के लिए प्रेरित करती है
धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
अनु माथुर
एक प्यारी सी लव स्टोरी (भाग -15)
एक प्यारी सी लव स्टोरी (भाग -15) – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi
धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
अनु माथुर