एक प्यारी सी लव स्टोरी (भाग -14) – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

अब तक आपने पढ़ा…

मुकेश जी के घर से सारे मेहमान लगभग जा चुके थे… बस ऋतिका और नेहा ही रह गए थे…. रोहित ऋतिका से उसका फोन नंबर मांगता है और इस बार ऋतिका उसे नंबर दे देती है…

अब आगे..

घर में राशि के आने की तैयारियाँ चल रही थी…सुनीता जी के साथ बाक़ी सब भी कुछ ना कुछ काम कर रहे थे…राशि 12 बजे तक आने वाली थी.. . सारी तैयारियाँ लगभग हो ही चुकी थी

राशि के आने का wait कर रहे थे..

राशि आयी और आते ही सबसे पहले वो मुकेश जी के पास गयी….तो उन्होंने उसे गले से लगा लिया

कैसी हो उन्होंने पूछा ….

अच्छी हूँ राशि ने जवाब दिया ….

और आप संजय जी

अच्छे है पापाजी

राशि एक- एक करके सबसे मिली… उसने संजय को ऋतिका और नेहा से मिलवाया और बताया कि ये पापा के दोस्त की बेटी है….

संजय लंच के बाद राशि को छोड़ कर चले गए ..

राशि भी घर में आकर relax हो गयी थी… सब लोग उस से कुछ ना कुछ पूछ रहे थे..

रजत ने राशि से कहा   … अब आप आ गयी हैं.और रुकोगी  तो चलते हैं ना कहीं घूमने

नेहा ये सुनकर बहुत खुश हुयी और बोली.. हाँ दी चलिए ना मुझे तो मुंबई घूमना है… फिर पता नही कब आना हो और मुझे local train मे भी बैठना है

Local में वो क्यों?

युँ ही

इतनी भीड़ होती है उसमें

कोई बात नही हम रोहित जी के साथ चले जायेंगे… है ना रोहित जी आप ले चलेंगे ना हमें ?

रोहित कुछ बोलता उसे से पहले रजत जोर से हँसा… भाई आप ले जाना और फिर हँसने लगा

क्यों क्या हुआ जो आप ऐसे हँस रहे है ?

राशि ने  हँसते हुए कहा – रोहित local से कभी गया ही  नही….. रजत और मैं गए है

क्यों ?

क्योंकि local देखते ही रोहित की हालत खराब हो जाती है

ऋतिका को भी इस बात पर हँसी आ गयी

रोहित कुछ  झेंप सा गया

तो फिर..नहीं चलेंगे ?

…. बिल्कुल चलेंगे  नेहा और इनको भी बोल देंगें ये भी आ जायेंगे  राशि ने कहा

बढ़िया है… पर आज कहाँ चले मुंबई तो जा नहीं सकते उसके लिए सुबह निकालना होगा… भाई बताओ ना कहाँ चले आज?

चलते है ……फिर बाक़ी google Map देखते है

ऋतिका तुम कुछ नहीं बोल रही…

मैं क्या बोलू दी…. मुझे तो बस beach के बारे में पता  है और बाक़ी सिद्दी विनायक , मरीन drive बस….

रोहित उसकी इस  सादगी भरी बातों पर उसे देखता ही रह गया

तो ठीक है अभी तो चलो जो कुछ ठाणे में है वो घूमो कुछ शॉपिंग करनी है तो कर लो कल आप local में घूमो.. फिर एक जनवरी को हम चलेंगे मुंबई घूमने  –  रजत ने कहा

Ok कह कर सब रेडी होने चले गए

ठाणे का market घूम कर और dinner करते हुए सब लौट आए….

अगले दिन वो सब मुंबई local से वाशी गए mall में घूमें… और शाम को घर आ गए

रात को dinner करके सब राशि के कमरे में बैठे थे…. रजत रोहित का गिटार ले आया और बोला — भाई आज तो कुछ हो जाए बहुत दिन हो गए… कहते हुए उसने गिटार रोहित को दिया.

रोहित chair पर बैठ उसने गिटार हाथ में लिया और एक  धुन छेड़ दी…

एक अजनबी हसीना से यूँ मुलाक़ात हो गयी

फिर क्या हुआ ये ना पूछो

कुछ ऐसी बात हो गयी…

सब एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे..

रजत ने राशि को उठाया और उसके साथ dance करने लगा….

गाना ख़तम होने पर सबने ताली बजाई नेहा ने कहा वाह आप सबने तो समा ही बांध दिया

तो आप भी कुछ सुनाए… रजत ने कहा

अरे मुझे नही आता गाना… ये department तो ऋतु का है…

आप गाती भी है …. रजत ने कहा

थोड़ा बहुत….

तो  सुनाओ कुछ… राशि ने कहा

ऋतु वो वाला गाओ ना…. एक दिन आप यूँ हमको…. वो तुम्हरी आवाज़ में बहुत अच्छा लगता है…

ऋतिका ने गाना शुरू किया

एक दिन आप यूँ हमको मिल जायेंगे

फूल ही फूल राहों में खिल जायेंगे

मैंने सोचा ना था , मैंने सोचा ना था

रोहित ऋतिका की तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था

इस बार रजत ने नेहा की तरफ dance के लिए हाथ बढ़ाया …. नेहा ने उसे देखा और अपना हाथ उसके हाथ में दे दिया…

गाना ख़तम हुआ रजत ने ऋतिका को कहा….ऋतिका दी आप सच में अच्छा गाना गाती है    राशि ने भी उसकी तारीफ की

तभी सुनीता जी आयी और बोली चलो ……अब नया साल शुरू होने ही वाला है…. सब बाहर आ जाओ

समय का पता ही नहीं चला… चलें राशि ने कहा

सब बाहर आ गए

12 बजे सबने एक दूसरे को नया साल wish किया

सुनीता जी ने राशि के ससुराल में और मालती जी को फोन किया और नये साल की शुभकामनाएं दी

अगले दिन मुंबई के लिए सब सुबह ही निकल गए…. संजय को भी उन्होंने बुला लिया था…पहले सब  वी टी गए  ताज देखा,, गेट वे, फिर एक राउंड फेरि से लगाया

ऋतिका और नेहा समंदर  देख कर बहुत खुश हो गयी थी…..

रोहित  सबकी  pics अपने camera में लेता जा रहा था…..

सिद्धि विनायक… इस्कॉन… से होते हुए वो सब जुहू बीच गए….फिर वहाँ से मरीन drive… वहाँ पहुँचते –  पहुँचते  रात हो गयी  मरीन drive का खूबसूरत नज़रा देख कर ऋतिका और नेहा को बहुत अच्छा लगा

सब काफी थक गए इसलिए वही बैठ गए…

रजत ने नेहा से पूछा कैसा लगा मुंबई.. ?

बहुत खूबसूरत सपनो की नगरी है ये….

बिल्कुल …. तो आपने कौन सा सपना देखा है ?

जिंदगी में मैं जो बनना चाहती थी बन गयी सपना तो मुंबई घूमने का था और वो पूरा हो गया..

और कोई…. अगर हो तो ?

आप पूरा करेंगे मेरा सपना?

रजत ने कहा… कोशिश करूँगा

क्यों? आप कोशिश क्यों करेंगे.. क्या पता आपसे फिर मिलना हो ना हो ?

उसके ऐसा कहने पर रजत ने उसे देखा और फिर सामने देखते हुए बोला… क्या पता लिखा हो बाक़ी तो राधे राधे

नेहा उसकी इस बात पर मुस्कुरा दी

राशि संजय के साथ उसके हाथ में हाथ डाले हुए बैठी थी और सिर उसने उसके कंधे पर टिका रखा था |

रोहित ऋतिका के साथ बैठा हुआ था…. 

आप थक गयी…. रोहित ने पूछा

ऋतिका ने कहा ….ह्म्म्म लेकिन ये इतनी खूबसूरत जगह है कि यहाँ आ कर सारी थकान उतर गयी…

रोहित मुस्कुराया और बोला……मैंने देखा आप  सिद्धि विनायक मन्दिर में  बहुत देर तक आँखे बंद की हुयी थी… क्या माँगा आपने?

बताने से वो मन्नत पूरी नही होती… उसने मुस्कुराकर कहा …  आपने क्या माँगा ?

रोहित ने उसकी तरफ देखा और बोला…. मैं क्या माँगू उन्होंने बिन माँगे ही दे दिया   थैंक्स .,…मेरी जिंदगी में आने के लिए…

ऋतिका ने कुछ नही कहा बस मुस्कुरा दी

रात गहरी होने लगी थी लोग भी कम होने लगे थे….. रजत अपनी जगह से उठा और बोला अब चलें वरना लेट हो जायेगा घर पहुँचने में..

सब लोग अपनी जगह से उठे… रोहित ने कुछ pics ले ली…. फिर सब गाड़ी में बैठ गए…. संजय वही से कैब लेकर वापस अपने घर चले गए… और राशि सबके साथ वापस आ गयी

सब थक गए थे नेहा और राशि गाड़ी में ही सो गए थे ऋतिका बाहर देख रही थी और कभी उसकी नजर सामने वाले mirror पर पड़ती तो रोहित से मिल जाती… रजत ये सब देख कर बस मुस्कुरा देता….

सब घर पहुँचे….. काफी देर हो गयी थी.. नेहा और राशि दोनो जल्दी से रूम में गयी change की और सो गयी… रजत भी गाड़ी पार्क कर के lift की तरफ आया रोहित और ऋतिका उसका इंतज़ार कर रहे थे तीनो उपर पहुँचे….. रजत अपने रूम में चला गया….. रोहित ने ऋतिका को नज़र भर देखा और good night बोला ऋतिका ने भी उसे good night बोला और राशि के रूम मे चली गयी

अगले दिन राशि को जाना था  ….

संजय राशि को लेने आ गए थे….सबसे मिल कर राशि वापस चली गयी थी,

सुनीता जी के साथ मिल कर ऋतिका और नेहा ने उनका सारा घर ठीक करवा दिया था…

तीन तारीख को dinner के बाद सब अपने कमरे में चले गए

रोहित अपने कमरे में इधर – उधर घूम रहा था

उसका मन नहीं लग रहा  था……उसने फोन हाथ में लिया… ऋतिका को whatsapp पर msg type किया…..

Hi…

ऋतिका के फोन पर msg tone बजी तो उसने देखा रोहित का msg था

Hello ऋतिका ने जवाब दिया

सो  गयीं  आप… ?

नहीं बस जा ही रही हूँ….. क्या हुआ ?

कल आप चले जाओगे ?

ह्म्म्म

मै अभी से आपको miss कर रहा हूँ

आप miss नहीं कर रही ?

अभी तो आयी मैं रूम में बस पाँच mnt पहले

ह्म्म्म……तो हो गए ना पाँच mnt

हाँ …. सो जाए आप रात काफी हो गयी है

ह्म्म्म…. ऋतु

जी……

कुछ नहीं…. Good night

Good night..

ऋतिका ने फोन देखा और मुस्कुराने लगी

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे

क्या बात है जो छुपा रहे हो

नेहा उसको देखते हुए बोली

कुछ नही…चलो सो जाओ..

ह्म्म्म सो तो जायेंगे ही… लेकिन क्या आपको आज नींद आयेगी ??

क्यों नहीं आयेगी…?

क्योंकि….. ?

कुछ क्योंकि नही…. चलो सो जाओ

नेहा उसकी  मुस्कुराते हुए देख कर सो गयी

आज ऋतिका और नेहा को जाना था वो अपनी packing मे लगी हुई थी

सुनीता जी और मुकेश जी ने कमरे में knock किया और पूछा हम आ जाए

हाँ aunty  आइये ना

सुनीता जी अपने हाथ में कुछ सामन और मिठाई के बॉक्स ले कर आयी थी

ऋतिका ये रखो बेटा…. और ये तुम दोनो के  लिए… तुम दोनो के रहने से राशि की कमी महसूस नहीं हुयी अब जा रही हो बहुत याद आयेगी तुम दोनो की सुनीता जी की आँखे भर गयी

ऋतिका उठी और उनके हाथो को अपने हाथ में ले लिया आँखे उसकी और नेहा की  भी भर आयी थी

सुनीता जी ने अपने हाथों को फैलाया और दोनो को गले से लगा लिया |

मुकेश जी कहा आप रुला रही है इनको चलो आप रखो ये सब

सुनीता जी अपनी आँखों को पोंछती हुयी अलग हुयी और बोली मालती जी को कहना कि हम जल्दी आयेंगे उनसे मिलने

जी ऋतिका ने कहा

तभी रजत कमरे में आया और बोला आधे घंटे में निकालना है हमको हो गयी आपकी पैकिंग ?

हाँ ऋतिका ने बोला

चलो इनका सामन रखो बाहर मुकेश जी ने कहा और रोहित कहाँ है?

भाई नीचे है गाड़ी निकाल रहे है

ऋतिका और नेहा सुनीता जी और मुकेश जी से मिल कर बाहर चलीं गयी |

नीचे पार्किंग में रोहित और रजत गाड़ी में सामान रख रहे थे वो दोनो भी वहीं चली गयी |

गाड़ी में बैठ कर वो सब station के लिए निकल गए….

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा…. जल्दी ही फिर मिलुँगी

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धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर

12 thoughts on “एक प्यारी सी लव स्टोरी (भाग -14) – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi”

      • कहानी बहुत ही दिल को छूने वाली थीं, परंतु आपने बहुत खींचा । ये ज़्यादा से ज़्यादा सात या आठ भाग़ में समाप्त हो सकती थी, अंत तक आते आते हम पढ़ने का मज़ा ही ख़त्म हो गया।

        कृपया इतना ना खींचे , अन्यथा ना ले लेखन और विचार बहुत अच्छे थे

        धन्यवाद !!!
        🙏🏻

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      • कहानी बहुत ही दिल को छूने वाली थीं, परंतु आपने बहुत खींचा । ये ज़्यादा से ज़्यादा सात या आठ भाग़ में समाप्त हो सकती थी, अंत तक आते आते हम पढ़ने का मज़ा ही ख़त्म हो गया।

        कृपया इतना ना खींचे , अन्यथा ना ले लेखन और विचार बहुत अच्छे थे

        धन्यवाद !!!
        🙏🏻

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  1. प्रिय अनु जी,
    कहानी बहुत ही दिल को छूने वाली थीं, परंतु आपने बहुत खींचा । ये ज़्यादा से ज़्यादा सात या आठ भाग़ में समाप्त हो सकती थी, अंत तक आते आते पढ़ने का मज़ा ही ख़त्म हो गया।

    कृपया इतना ना खींचे , अन्यथा ना ले लेखन और विचार बहुत अच्छे थे

    धन्यवाद !!!
    🙏🏻

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