अब तक अपने पढ़ा…..
राशि की हल्दी और मेहंदी की रस्म हो गयी है… रोहित ऋतिका को संगीत के बाद बिल्डिंग के गार्डन में बुलाता है और उसकी मेहंदी में अपना नाम ढूँढने लगता है …
अब आगे…
रोहित ऋतिका के हाथों को अपने हाथों में लेकर बड़े ध्यान से उसे देख रहा था
ऋतिका उस से पूछा क्या देख रहे है आप ?
मैं अपना नाम ढूँढ रहा हूँ …
ऋतिका हँसी और बोली .. मेहंदी में नाम शादी के वक़्त …. और कहते कहते रुक गयी
रोहित उसे देख कर बोलता है…मुझे देखना है अपना नाम आपके हाथों में..
ऋतिका शर्मा कर अपना हाथ रोहित से छुड़ा लेती है और…. हल्की सी मुस्कुराहट उसके चेहरे पर आ जाती है
रोहित ने ऋतिका का हाथ अपने हाथ लिया और कहा – कल दी की शादी है…. और फिर आप भी चली जाओगी ..
क्या आप थोड़े दिन और रुक नहीं सकतीं ? अभी तो मैंने आपको जी भर कर देखा भी नही… कुछ बात ही नहीं की आपसे .. शादी में ही सारा समय निकल गया…
वो नेहा को मुंबई घूमना था तो उसने चार जनवरी का वापस जाने का reservation करवाया है
रोहित ने ये सुना तो जैसे उसे यकीन नही हुआ.. उसने उसे देखा और खुशी से पूछा क्या सच में ?
ह्म्म्म …उसने बोला कि इतनी दूर जा रहे है तो बिना मुंबई घूमे तो आयेंगे नही
Aunty को पता है…कि हम चार को जा रहे है.. मम्मी ने उनको बताया था.. Aunty तो और रुकने को बोल रहीं थी लेकिन स्कूल reopen हो जायेगा |
अरे ..वाह मतलब आप इस नये साल में मेरे साथ होंगी सच में ?
ह्म्म्म ऋतिका ने कहा
नेहा नेहा नेहा thank you soo much
ऋतिका बस मुस्कुरा रही थी
चलें….उसने कहा सब खोज रहे होंगे. और आगे बढ़ गयी
रोहित ने उसे जाते हुए देखा तो गाने लगा
अभी ना जाओ छोड़ कर कि दिल अभी भरा नही
ऋतिका ने उसकी तरफ घूम कर देखा तो रोहित ने उसका हाथ पकड़ा औरआगे गया
अभी अभी तो आयी हो.. बहार बन के छायी हो
हवा ज़रा महक तो ले ये दिल ज़रा बहक तो ले
मैं थोड़ी देर जी तो लूँ.. नशे के घूँट पी तो लूँ..
अभी तो कुछ कहा नहीं अभी तो कुछ सुना नही
ऋतिका उसका गाना सुनकर बस उसे मुस्कुराते हुए देख रही थी
ऋतिका ने इधर उधर देखा कि कोई देख तो नही रहा…
रोहित उसे ऐसे देख कर उसके थोड़ा सा और क़रीब आ गया और बोला —-रात के एक बज रहे है… कोई नहीं है यहाँ
ऋतिका ने अपना सिर झुका लिया
रोहित ने उसके चेहरे को ऊपर किया और उसके माथे को अपने होठों से छू दिया… ऋतिका की आँखे अपने आप बंद हो गयी.. ये एहसास ऋतिका के लिए नया था….. उसकी पलकें झुकी हुयी थी..
रोहित मुस्कुराया और उसका हाथ अपने हाथों में लिया और आगे की तरफ चलने लगा | ऋतिका भी उसके साथ चलने
लगी
शादी घर से थोड़ी दूर पर होनी थी सब लोग शिफ्टिंग में busy थे
ऋतिका और नेहा भी राशि का सामान रखने में busy थी…
सबको shift कर के बस राशि ऋतिका और नेहा बचे थे… रोहित और रजत लास्ट में उनको ले कर जाने वाले थे
नेहा राशि को साथ लेकर नीचे जाने लगी जहाँ रजत गाड़ी में उनका ही इंतज़ार कर रहा था..राशि के साथ ऋतिका और नेहा भी नीचे आ गए
ऋतिका ने संभाल कर राशि को गाड़ी में बिठाया और खुद उसके साथ बैठने को हुयी तो रजत ने कहा दी आप आगे बैठो ना
ऋतिका आगे वाली सीट पर बैठ गयी
राशि ने देखा तो रजत से कहा – तुम आओ मेरे साथ बैठो…. गाड़ी रोहित चला लेगा
रजत उसको बात समझ गया.. और पीछे जाकर राशि के साथ बैठर गया
रोहित driving seat पर आ गया..उसने एक नज़र ऋतिका को देखा…. दोनो एक दूसरे को देख कर मुस्कुराये और रोहित ने गाड़ी start की |
पीछे राशि, रजत और नेहा भी उन दोनो को देख कर मुस्कुरा रहे थे
सब लोग वहाँ पहुँचे जहाँ से शादी होनी थी |
शाम हो चली थी और सभी बारात आने का इंतज़ार कर रहे थे
राशि दुल्हन बनी हुयी बहुत प्यारी लग रही थी… उसके साथ ही ऋतिका और नेहा भी बहुत प्यारी लग रही थी |
बारात आयी….राशि को लेकर ऋतिका और नेहा stage तक आये…. दोनो ने एक दूसरे को माला पहनाई……
मंडप में राशि का कन्या दान मुकेश जी और सुनीन जी ने किया
सारे विधि विधान के साथ राशि की शादी संपन्न हो गयी |
भोर की बेला में राशि की विदाई हुई… एक तरफ नया रिश्ता जुड़ने और दूसरी तरफ अपने परिवार को छोड़ कर जाना मिलने और बिछड़ने की इस अनोखी रीत से सबकी आँखें भर आयी…. राशि सुनीता जी , मुकेश जी रोहित ,रजत ,ऋतिका नेहा और बाक़ी सभी से मिलकर अपने ससुराल चली गयी |
सुनीता जी ऋतिका का हाथ पकड़े हुए खड़ी थी…. रजत और रोहित मुकेश जी के साथ खड़े थे…..ऋतिका नेहा के साथ गयी और सबके लिए पानी और चाय ले कर आ गई | उसने सबको बिठाया और सबको चाय दी |
जहाँ से शादी हुयी थी वहाँ के सब काम करके सब लोग घर आ गए थे
सुनीता जी के साथ मिल कर ऋतिका और नेहा ने सब काम संभाल लिया था |
सभी लोग थके हुए थे तो सो गए थे
शाम को मालती जी का फोन आया तो सुनीता जी ने शादी की सारी बात बताई कि सब अच्छे से हो गया |
सुनीता जी ने कहा राशि के जाने से घर खाली खाली सा हो गया… अभी तो ऋतिका और नेहा है तो पता नही चल रहा
मालती जी ने भी कहत आप सही कह रही है बेटियों से घर में अलग ही रौनक होती है
सुनीता जी ने कहा मेरा तो मन कर रहा है दोनो को यहीं रोक लूँ
हम लोग जल्दी ही आयेंगे….. आपसे मिलने
जी ज़रूर.मालती जी ने कहा और फोन रख दिया
किसका फोन था मुकेश जीने ने पूछा ने पूछा
मालती जी का था सुनीता ने कहा
एक बात कहूँ आपसे मेरा मन ना कुछ लालची सा हो रहा है
मतलब….
मुझे नेहा भी पसंद है क्या ऐसा नही हो सकता कि हम नेहा को रजत की बहु बना लें
मैं फिर यही कहूंगा कि आपने मेरे मन की बात कह दी….
तो फिर बात करेंगे हम दिल्ली जा कर
ज़रूर….
दोनो की ये बात रजत ने सुन ली थी… वो नेहा के लिए कुछ तो महसूस करने लगा था…..उसके चेहरे पर खुशी दिख रही थी.., पीछे से उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा तो उसने देखा रोहित खड़ा था और मुस्कुरा रहा था |
आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा जल्दी ही फिर मिलूँगी
एक प्यारी सी लव स्टोरी (भाग -13)
एक प्यारी सी लव स्टोरी (भाग -13) – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi
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एक प्यारी सी लव स्टोरी (भाग -11) – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi
धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
अनु माथुर
13th part?
Very nice story
Waiting eagerly for part 13
Waiting eagerly for part 14
Very nicely written..
Very interesting and nice story waiting for next part
Nice story.