जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि भावना मैम के पापा ने उन्हे समझाया कि वो राजू को अफसर बनने में मदद करे…… भावना मैम राजू की हर तरह से सहायता करती है …. उनकी और राजू की मेहनत का ही परिणाम है कि राजू आज पूरे आत्म विश्वास से आईएएस प्री का पेपर देने जा रहा है …..तभी निम्मी का फ़ोन आता है …..
निम्मी बोलती है ….
सुन रे राजू…. मैं …..
अब आगे….
हां बोल निम्मी …. क्या कह रही…..
तू अच्छे से जा राजू पेपर देने….. मैं कुछ नहीं कह रही…..
निम्मी कुछ कहना चाहती थी पर बोल नहीं पा रही थी….
बोल निम्मी …. तू क्या कह रही थी… तू नहीं बोलेगी तो मेरा मन नहीं लगेगा पेपर में…..
राजू निम्मी से बात पूरी करने की ज़िद करता है …..
कुछ नहीं राजू…. तू जा लेट हो जायेगा….. तूने सब कुछ अच्छे से पढ़ लिया ना …… करेंट अफेयर ठीक से फिर से देख ले एक बार … उससे बहुत प्रश्न आतें है … मैने पढ़ा था किताब में….
निम्मी बोली….
वो तो मैने घोट के पी लिए है ….. तू अपनी बात पूरी कर निम्मी …. मैं जाने के लिए लेट हो रहा हूँ……दूर पड़ा है सेंटर…… तू ठीक तो है ना ?? कुछ छुपा तो नहीं रही निम्मी तू मुझसे??
बोल…..
राजू…. ये बता ….. तू बचपन से आजतक मेरी फिकर क्यूँ करता आया है ?? हमेशा मेरा ब्याह तय होते ही रोक देता है …. आशीष भी अब दो बच्चे का बापू बन गया…. पर मैं क्यूँ ना करूँ ब्याह बता ??
निम्मी राजू से पूछती है …..
अच्छा तो ये बात है …. तो कर ले तू ब्याह …. कौन सा मैने तुझे रोका है …. पर ब्याह के बाद मुझे कोई बात बतायेगी तू तो ना सुनूँगा मैं ….. समझी …..
राजू बोला…..
तो क्या मैँ ब्याह ही ना करूँ…. अम्मा बापू भी कितने परेशान होते है मुझे लेके….. अम्मा बापू भगवान के पास चले गए तो मैं कहां जाऊंगी??
बोल राजू….
निम्मी हठ से बोली…..
निम्मी …. तुझसे बताया था एक बार मैने तुझे…. आई लव यू बोला था ना मैने ….. तू इस बात से गुस्सा ही हो गयी थी….. फिर से कह रहा हूँ कि मैँ अपनी निम्मी से बहुत प्यार करता हूँ…. अफसर बन गया तो सबसे पहले निम्मी से ब्याह करूँगा …… इसलिये ही तेरा ब्याह होने से रोकता रहता हूँ…..
राजू ने एक बार फिर निम्मी से प्यार का इजहार किया …..
राजू तू ये बात अम्मा बापू से क्यूँ नहीं बोलता फिर ??
अभी तूने तो जवाब दिया नहीं है …. मैं तुझे पसंद हूँ य़ा नहीं?? फिर उनसे कैसे कह दूँ निम्मी ???
राजू मेरे दिल में तेरे सिवा कोई कभी था ही नहीं…. इसलिये ही तुझे फ़ोन किया तुझे बताने के लिये कि अगर तू अफसर नहीं भी बन पाया तो भी तू मुझसे ही ब्याह करना……अब तू जा पेपर दे आ….
निम्मी बोली….
ब्याह तो मैं अपनी निम्मी से अफसर बनने के बाद ही करूँगा…..तेरे लिए ही तो ये सपना देखा है… बस तू भी एक बार बोल दे ना निम्मी आई लव यू …. तो फिर देखना कैसे सारे पेपर पास कर जाऊंगा……
राजू बोला….
राजू के कमरे के दरवाजे पर भावना मैम और उनके पापा ना जाने कबसे खड़े थे…..
राजू उनकी उपस्थिति से अंजान बस निम्मी से बात करने में व्यस्त था…..
राजू…. निम्मी का जन्म ही राजू के लिए हुआ है ….. प्यार क्या होता है … धीरे धीरे समझ आने लगा है …. निम्मी तुझसे बहुत प्यार करती है राजू……
राजू यह सुन ख़ुशी से झूम उठता है …..
निम्मी आई लव यू टू …… पता है आज मैं कितना खुश हूँ…. ऐसा लग रहा है सब कुछ मिल गया मुझे…
राजू की आँखों में आंसू थे….
भावना मैम यह सुन तिलमिला उठी… वो आगे बढ़ राजू के पास जाने वाली थी….
पुलिस ऑफिसर पापा ने उनका हाथ पकड़ रोक लिया ….
उन्होने इशारे में राजू से कुछ भी ना कहने के लिए बोला….
वो आगे बढ़कर राजू के पास आयें….
तो राजू बात हो गयी हो तो चले पेपर देने…. भावना तुम्हे छोड़ आयेगी गाड़ी से…..
सर बोलते है …
आप लोगों ने मेरे लिए बहुत कुछ किया है सर…… आप दोनों का एहसान मैं सात जन्मों में भी नहीं ऊतार सकता….
राजू भावुक हो बोलता है ….
वी आर गेटिंग लेट पापा…
भावना मैम बोली….
तो राजू गो ….. बेस्ट ऑफ़ लक राजू…..
थैंक यू सर….. राजू भगवान के हाथ जोड़ मैडम के साथ सेंटर पर आ चुका है …..
राजू तुम्हें रूम नंबर 8 में सेकंड बिलडिंग पर जाना है सो गो एंड गुड लक …
भावना मैम राजू से हाथ मिलाते हुए बोली…..
आज इतना ही…. आगे की कहानी कल…..
तब तक के लिए जय श्री राम
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एक प्यार ऐसा भी …(भाग -35) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi
मीनाक्षी सिंह की कलम से
आगरा