एक प्यार ऐसा भी …(भाग -33) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू के मन में निम्मी के प्रति प्रेम की भावना जागृत होने लगी है ….. भावना मैम ने भी राजू से अपनी भावनायें व्यक्त की…. राजू का कोई जवाब ना मिलने पर भावना मन राजू को अपने ऑफिस में बुलवाती है … राजू साफ साफ कह देता है कि मैम मैं निम्मी से प्यार करता हूँ…. आप मेरी गुरु है ….. यह सुन भावना मैम गुस्से से आग बबूला हो चुकी है …. वो राजू के पास आ उसकी शर्ट का कोलर पकड़ती है …. तब तक मैम के पुलिस ऑफिसर पापा ऑफिस में आते है … यह दृश्य देख उनका मुंह खुला का खुला रह जाता है…..

अब आगे….

वाट इज दिस भावना??? एंड राजू यू ….

सर बोलते है ….

भावना मैम राजू से दूर हटती है …. वो घबरायी हुई है …..

राजू यू गो टू योर क्लास……

राजू मैम और सर की तरफ देख उन्हे सोरी बोल  अपनी क्लास की ओर चला जाता है ….

बताओगी भावना…. ये क्या था जो मैने देखा… आई कांट एक्सेप्ट दिस फरॉम यू …. कैन यू एक्सप्लेन मी….???

सर जी गुस्से में बोलते है ….

पापा… रिअली वेरी सोरी…. बट आई कांट कंट्रोल माय फीलिंग्श….. आई एम हेल्पलेस पापा…. आई लव राजू सो मच …

भावना मैम रोते हुए बोली….

ओह मेरी बेटी को राजू पसंद है ??

क्यूँ पापा क्या बुराई है राजू में….. मुझे तो जब वो पहली बार बस में मिला तब से ही मैं उसे पसंद करने लगी थी …. वो दिल का बहुत साफ, सच्चा, प्यारा लड़का है ….. वो मुझे मिल जायें तो पापा आई विल मेरी हिम ….. आपने मेरे लिए कितने लड़के देखे… बट मुझे आज तक कोई पसंद नहीं आया… पर राजू को देखकर लगता है कि वो मेरे लिए ही बना है … गॉड भी उसे मेरे और आपके  पीछे पीछे भगा रहा है ….. ये इत्तफाक नहीं हो सकता पापा…….

आई एम प्राउड ऑफ यू बेटा…. मुझे तुम्हारी पसंद पर नाज है …. मुझे भी राजू का भोलापन पहली ही नजर में भा गया था…. इसमें कोई शक नहीं कि राजू एक अच्छा लड़का है ….वो गरीब फैमिली से है  उसके फैमिली वाले भी इस रिश्ते के लिए मान  ज़ायेंगे…..बट भावना….

बट वाट पापा??

बेटा….तुम जिस तरीके से राजू को अपनाना चाह रही हो वो तरीका बिल्कुल गलत है ….. ये एक अच्छी फैमिली की लड़की वो भी इतनी एजुकेटेड एंड प्रोस्पेरस कभी नहीं करेगी…..

सर जी बोलते है …..

तो क्या करूँ पापा… राजू के मन में मेरे लिए कोई फीलिंग ही नहीं है …. इतनी सुन्दर हूँ,, हर बात में उससे दो कदम आगे हूँ… वो मेरी तरफ देखता ही नहीं….. मेरे पैर छूता है …..

भावना मैडम खुद को बेबस महसूस कर रही थी……

तुम्हारी इसी बात से राजू कभी तुम्हे पसंद नहीं करेगा….. तुम्हे राजू को अपने लायक बनाना होगा…. वो तुम्हे अपनी मैम मानता है ना …. तुम्हे एक मैम बनकर ही उसको ऑफिसर बनाने में दिन रात एक करना पड़ेगा…. एंड आई नो तुम ऐसा कर सकती हो… और मेरी बेटी ने कई राजूओं को उनकी मंजिल तक पहुँचाया है …. तुम्हारी एक ईमेज है बेटा… उसे बिगाड़ो मत…. राजू को पैर छूने दो…. अपनी फीलिंग्श को काबू में रखो …. और तीन सालों में राजू को अफसर बनाओ… जो वो बनना चाहता है …. फिर राजू में खुद मैच्यूरिटी आयेगी…. वो तुम्हे ,,,तुम्हारी फीलिंग को समझेगा….. फिर मै खुद राजू से बात करूँगा इस बारें में…. ये कर सकती हो तुम ?? बोलो बेटा…..

सर जी पूछते है ….

बट पापा अगर राजू ऑफिसर बनने के बाद मुझे छोड़कर चला गया तो?? मैं तो मर जाऊंगी पापा….

पागल लड़की….. सच में तुम राजू को दिल से चाहने लगी हो… तुम्हारे पापा ने  आज तक अपनी बेटी से किया हुआ कोई प्रोमिस तोड़ा है क्या ??? बस तुमने जो राजू से ऐसा बिहेव किया है पहले उसकी भरपाई करनी होगी… जैसे तुम अपने बाकी स्टूड़ेंटस को ट्रीट करती हो वैसे ही राजू को करना होगा… ओके??

ओके पापा… आई लव यू ….. अब देखिये राजू ऑफिसर बनकर रहेगा एंड मैं मिसेज राजू….

भावना मैम पापा के सीने से लग गयी….

वेरी गुड …. अच्छा मैं चलता हूँ…. शाम को मिलते है …..

राजू क्लास में पढ़ रहा था… पर आज भावना मैम और सर के व्यवहार से वो बेचैंन था… तभी भावना मैम के पापा राजू को क्लास से बाहर बुलवाते है ….

राजू बाहर आता है …..

वो सर के पैर छूकर उन्हे प्रणाम करता है …..

राजू सर झुकाकर खड़ा हुआ है …..

राजू… बरखुर्दार  सर उठाओ ऊपर…. मुझसे बात करो…..

राजू सकुचाते हम सर ऊपर करता है ….

अफसर बनने आयें हो ना ??

यस सर….

फिर क्या अफसर सर झुकाकर खड़े होते है …. कभी नहीं …. तुम्हे एक बात बतानी थी…..

कहिये सर….

तुम्हारी कोचिंग का एक साल पूरा होने को आया है …. जानते हो ना ??

जी सर…. मैं एक साल में   ज्यादा कुछ सीख नहीं पाया….. और कोचिंग भी खत्म होने को आयी…..

राजू दुखी होकर कहता है …..

तुम्हारे लिए गुड न्यूज़ है …. भावना ने तुम्हारी लगन को देखते हुए डिसाइड किया है कि तुम जब तक ऑफिसर नहीं बन जाओगे तब तक दुर्गा कोचिंग में ही पढ़ोगे …..

एक बार को तो राजू सर की बात सुनके खुश होता है पर अगले ही पल मैम के प्यार के इजहार से वो फिर उदास हो जाता है …..

राजू… भावना के बिहेव से निराश हो…. हाहा…. वो तो बस उसने तुम्हारी परिक्षा लेने के लिए ऐसा किया …. वो जानना चाहती थी कि तुम अपने पथ से भटकते हो या नहीं… एंड तुम्हे ज़ानकर ख़ुशी होगी कि तुम पास हो गए हो….. इसलिये ही तो तुम्हे आगे पढ़ाने का फैसला किया गया है ….

सर राजू की पीठ थपथपाते हुए बोले…..

ओह तो इसलिये मैम ऐसा कर रही थी …. वहीं मैं भी सोचा सर कि मैम बहुत अच्छी है वो ऐसा क्यूँ कर रही है ……थैंक यू सो मच सर….. आप लोग बहुत अच्छे हो….

राजू के चेहरे पर ख़ुशी के भाव थे…..

पर अब ऐसे काम नहीं चलेगा राजू…. तुम्हे बार बार ये गांव जाना बंद करना होगा….. बस पढ़ाई पर पूरा फोकस करना होगा…. और ये अपनी ऊमर के लड़कों की तरह गर्ल फ्रेंड मत बनाना…. शहर की हवा से दूर रहना होगा…. समझे ….

जी सर….. अब नहीं जाऊंगा गांव…. बस त्योहार पर जाया करूंगा….

यस दैट्स गुड …..

ठीक है फिर चलता हूँ मैं ….

सर जी चले ज़ाते है …..

अगले दिन से दूसरे राजू का जन्म होता है …. जो दिन रात भावना मैम की बतायी हुई बातों और पढ़ाई पर अमल कर रहा है … भावना मैम अपनी भावनाओं पर काबू करते हुए राजू को पढ़ाने में ,,,उसके सारे डाऊट्स क्लीयर करने में लगी है ….

राजू अब सर के कहने पर भावना मैम के घर के पास ही रहने लगा है …..

वो उनकी कोचिंग में बच्चे भी पढ़ाने लगा है …. पैसे बचाकर गांव भी भेज देता है …. राजू की स्नातक पूरी हो चुकी है ….

आज वो प्री का पेपर देने जा रहा है ….

तभी निम्मी का फ़ोन आता है ….

राजू…. सुन ….. मैं …….

आगे की कहानी जल्द …. तब तक के लिए जय माता दी

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मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

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