जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि निम्मी की तबियत में सुधार हो रहा है … राजू निम्मी और उसकी अम्मा को ज़रूरी हिदायतें देकर,,अपने बाबा की दी हुई मोटर सायकिल लेकर शहर आ चुका है …. कमरे पर आराम कर अगले दिन राजू अपनी बाइक लेकर कोचिंग आय़ा है … भावना मैडम राजू को बाइक पर देख अपनी गाड़ी राजू के पास रोकती है …..
अब आगे…..
भावना मैडम गाड़ी से उतर राजू के पास आती है ….
राजू भी बाइक से उतर भावना मैडम को नमस्ते कर,,आगे बढ़ उनके पैर छूता है ……
कितनी बार बोला है मैने राजू तुमसे… मेरे पैर मत छुआ करो ….. फिर भी तुम वही करते हो हमेशा , जिसके लिए मैं तुम्हे मना करती हूँ…..
भावना मैम राजू के चेहरे पर सरसरी निगाह डालती है ….
मैम…. आप कितना भी मना करो… आप मेरी गुरु है … जब तक कोचिंग में हूँ य़ा बाहर भी कभी आपसे मिला तो आपके पैर तो हमेशा स्पर्श करूँगा …..
राजू मैडम के सामने सर झुकाये बोलता है ……
और मैम…..एक बात और….आप सबसे पैर तो छुआ लेती है …. पर मुझसे क्यूँ नहीं… ????
सबको आशीर्वाद देती है … पर मुझे क्यूँ नहीं…. ???
प्लीज बताईये मैम……?? क्या मुझसे कोई गलती हुई है ??
राजू बोला….
राजू आज तुमने पूछा है तो बताती हूँ….. प्लीज कम इन माय ऑफिस राईट नाउ ……
भावना मैम इतना बोल अपने ऑफिस में आकर बैठ गयी और राजू का इंतजार करने लगी…..
मैम…. कोई आपसे मिलने आया है ….. अन्दर भेज दूँ ????….
चपरासी भावना मैडम से बोला…..
अभी किसी को मत आने देना…. राजू नहीं आया अभी तक … उसे भेजो अन्दर ….
भावना मैडम बेचैन हो इधर उधर घूमने लगी….
चपरासी बाहर राजू को बुलाने आया…..
खुद को आईने में निहार रही थी मैडम…. कभी खुद के कपड़े ठीक करती और कभी चेहरे को…
राजू को क्लास में लड़कों ने घेर लिया था …. सभी उसे नयी बाइक की बधाईयाँ देने में लगे थे….
भावना मैडम को गुस्सा आ रहा था कि अभी तक राजू आया क्यूँ नहीं….
उन्होने राजू को फ़ोन लगाया….
राजू मैडम का फ़ोन आता देख बोला… अरे मैम ने बुलाया था… मैं तो भूल ही गया….
वो जल्दी से मैडम के ऑफिस में आया…
मे आय कम इन मैम??
यस प्लीज….. राजू कम …..
राजू अन्दर आता है …..
मैम सोरी….. मैं बाइक की ख़ुशी में भूल ही गया कि आपने मुझे बुलाया है ….
राजू बोला….
मैं तो कितनी भी बिजी रहूँ राजू पर एक पल को भी तुमको नहीं भूलती……
भावना मैम राजू को प्यार भरी नजर से देख रही है ….
जी मैम ….. ये तो अच्छी बात है ….. आप इतने सारे बच्चों में मुझे याद रखती है … थैंक यू मैम….
राजू बोला….
क्यूँकि राजू तुम मेरे लिए खास हो….. अच्छा ये बताओ राजू मैं तुम्हे कैसी लगती हूँ …..??
भावना मैम अपने बालों को आगे करते हुए अदायें बिखेरती हुई राजू के पास आकर बोली….
बहुत अच्छी लगती है मैम आप… कितनी सुन्दर है …. कितना अच्छा पढ़ाती है …. इतनी समझदार है …. बहुत अच्छी है मैम आप…..
राजू बोला……
राजू मैं घुमा फिराकर कुछ नहीं कहूँगी ….
आई लव यू राजू…… तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो……
यहीं रीजन है कि मैं तुमसे पैर नहीं छुआ सकती…..
भावना मैम ने अपने प्यार का इजहार राजू के सामने कर दिया था….
मैम…. टीचर तो अपने सभी बच्चों से बहुत प्यार करता है और बच्चे भी उनसे…. थैंक यू फिर से मैम…. आप अपने कोचिंग के बच्चों से इतना प्यार करती है …..
राजू तुम सच में बहुत भोले हो… कुछ नहीं समझते …. मैं क्या कहना चाह रही हूँ तुम समझ नहीं रहे क्या ….. ??
भावना मैम राजू के पास आ कुछ और बोलती तब तक कोचिंग के जीके पढ़ाने वाले सर आ गए…..
मैम राजू से दूर हो गयी और अपनी कुरसी पर बैठ गयी….
राजू मैम की बात को समझ नहीं पाया था…
मैम मैं क्लास में जा रहा हूँ…..
वो बाहर आ गया था…
मैम कुछ ना बोली…. वो खुद को बेबस महसूस कर रही थी…..
राजू अपने सर पर जोर देते हुए मैम की बात को समझने की कोशिश कर रहा था…
वो क्लास में आकर बैठ गया…
उसके पास में बैठा उसका दोस्त बोला…
भाई तुझे किसलिये बुलाया था मैम ने???
वैसे तुझको बुलाती बहुत है ऑफिस में…. तुझ पर कुछ ज्यादा ही प्यार आता है मैम को… हमें तो पढ़ते हुए तीन साल होने को आयें…. कभी ना बुलाया भाई ऐसे…..
वो लड़का राजू से मजाकिया लहजे में बोला…..
रवि भाई…. मुझे मैम की बात का मतलब समझ ना आया…. तू समझायेगा मुझे??
राजू रवि से पूछता है ……
हां बोल भाई… क्या पूछ रहा है ……
रवि धीरे से बोला….
रवि भाई …. भावना मैम मुझसे बोली….आई लव यू राजू……
तेरी तो निकल पड़ी भाई……
रवि चीख के बोला…..
गणित पढ़ाते सर हाथ में मारकर लिए पीछे मुड़ बोले…..
ये कौन बोला….??
रवि चुप हो गया….
सर फिर पढ़ाने में व्यस्त हो गए…..
भाई…. भावना मैम ने तुझे आई लव यू बोला…. तू इतना तो बेवकूफ नहीं लगता कि इसका मतलब ना समझ पायें ……
रवि धीरे से मुंह नीचे कर बोला…..
नहीं भाई….. समझता हूँ…. इसका मतलब यहीं हुआ ना कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ….. पर भाई गुरु तो अपने सब बच्चों को प्यार करता है ना ??
राजू रवि से पूछता है ….
भाई प्यार भी अलग अलग तरह का होता है दुनिया में….मैम तुझसे वो वाला प्यार करती है ?? समझा तू ??
कौन सा वो वाला भाई??
तू बेवकूफ है य़ा सिर्फ बनाता है सबको…..
वो ही वाला जो लड़का लड़की करते है …..
रवि अपने दोनों हाथों की ऊंगलियों के इशारे से राजू को समझाता है ……
राजू ये सुन रो पड़ता है …..
सीधा क्लास से बैग उठाके राजू सर से तबियत खराब होने का बहाना कर बाहर आता है ….
आँखों में आंसू भरे राजू बाइक उठा कमरे पर आ जाता है ….
वो शाम को बस अम्मा के फ़ोन के इंतजार में बैठा था….
अम्मा का फ़ोन राजू के फ़ोन पर आता है ….
अम्मा निम्मी आयीं है तो उसे फ़ोन दो…..
राजू तपाक से बोला….
हां कोई खैर खबर घर की ली तूने लला…. ना अपनी बतायी… सीधा निम्मी की पूछ रहा….
अम्मा बोली….
निम्मी अभी बिल्कुल ठीक ना है लला… अभी खाट पर ही लेटी रहती है ….
अम्मा फिर छुटकी के हाथ ज़रा फ़ोन भेजकर निम्मी से बात करा दे…. बहुत ज़रूरी बात करनी है उससे ……
राजू बोला…
तू भी बांवरा है लला….
भिजवा दो ना अम्मा….
ठीक है भिजवा रही….
ले लली… निम्मी जीजी से बात करा आ राजू भईया की…..
छुटकी भागते हुए फ़ोन ले निम्मी के पास आती है …
जीजी राजू भईया का फ़ोन है …. आपसे बात करना चाहे है …
राजू तू सच में पागल है …
निम्मी फ़ोन ले राजू से बोली…
निम्मी आई लव यू ….
राजू बोलता है ….
आगे की कहानी जल्द. … तब तक के लिए जय भोलेनाथ
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एक प्यार ऐसा भी …(भाग -32) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi
मीनाक्षी सिंह की कलम से
आगरा