एक प्यार ऐसा भी …(भाग -28) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप सबने पढ़ा कि राजू को भावना मैडम की कोचिंग में एडमिशन मिल गया है …. वो पूरे जोश में कोचिंग जाने के लिए तैयार है …. वो सुबह उठ नहा धोकर कोचिंग आ चुका है … राजू अपनी सीट पर बैठा ही था कि सामने से……

अब आगे….

कि सामने से भावना मैडम आ रही थी….. उन्होने राजू को सीट से बाहर आने को कहा …..

राजू थोड़ा डरते हुए बाहर आया….

हां तो स्टूडेन्ट्स ये मिस्टर राजू है ….आज से आप सबके साथ पढ़ेंगे ….. कोई दिक्कत आयें  इन्हे कुछ समझने में तो इनकी हेल्प करियेगा…. बिकोज ये सिलेबस से टू मंथस बैक चले गए है….. कोई प्रोब्ल्म आयें मिस्टर राजू तो बेझिझक पूछ सकते है आप…..

सभी लोग काफी हेल्पिंग है यहां…… सो वेलकम हिम विथ क्लैपिंग …..

मैडम भावना ने बोला….

सभी ने जोरदार तालियों से राजू का स्वागत किया ….

थैंक यू मैडम जी …..

इतना बोल राजू अपनी सीट पर बैठ गया…. पहली हिस्ट्री की क्लास भावना मैडम ही लेती थी….

उन्होने पढ़ाना शुरू किया ….

राजू के बगल में बैठा लड़का स्पीड से मैडम द्वारा बतायी गयी इंपोर्टेंट बातों को  कॉपी पर नोट करने में लगा था…..

राजू बस उस लड़के का हाथ और मैडम भावना की फर्राटेदार अंग्रेजी की बातों को सुनने में लगा था….. जो उसके सर से ऊपर से  जा रही थी…..

बगल में बैठा लड़का राजू को देख बोला….

भाई लिख…. पिछली साल इस टोपिक से 6 क्वेश्चन आयें थे…. वेरी इंपोर्टेंट राजू… नोट डाउन ….

वो लड़का फिर लिखने में लग गया…

उस लड़के के 4-5 पेज भर चुके थे….. और राजू बस पेन  से बिन्दी ही बना पाया था….

राजू रुआंसा सा हो क्लास में चारों तरफ नजर दौड़ाने लगा… सभी लड़के लड़किया बस लिखने में लगे थे अकेले राजू को छोड़कर ….

राजू पर जब ना रहा गया तो वो उठा….

मैडमजी  … एक बात कहनी है ??

यस मिस्टर राजू …. आस्क ???

मैडम जी…मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा….. आप क्या पढ़ा रहे हो…. मुझे इतनी अंग्रेजी नहीं आती ….. आप हिन्दी में बोलो ना तो मैं भी लिख पाऊँ….

राजू सर नीचे कर बोला….

भाई….. बस मैडम भावना ही इंग्लिश में पढ़ाती है बाकी क्लासेस दोनों में  होंगी हिन्दी इंग्लिश…..

राजू के बगल में बैठा लड़का राजू से बोला…..

पर भाई जी…. ये इतिहास भी तो ज़रूरी है ना समझना….. ये भी तो आयेगा ना अफसर के पेपर में…..

वो लड़का राजू की इस  बात पर कुछ ना बोला…..

मैडम भावना बोली….

मिस्टर राजू… ओके…मैं हिन्दी में भी बता दिया करूँगी…. बट यू नो  इंटरव्यू में आपको ज्यादातर सवालों का जवाब इंग्लिश में देना होगा…. तभी आपको अच्छे नंबर मिलेंगे…..

ओके मैडम जी… मैं इंग्लिश सीखने की भी कोचिंग कर लूँगा अब से….

इट्स योर विश…. ओके.. डोंट वेस्ट टाइम…. कंटीन्यू …..

मैडम भावना फिर पढ़ाने में व्यस्त हो गयी….

राजू का दाखिला कोलेज में भी हो गया…

अब वो दिन में कोलेज जाता… शाम को कोचिंग जाता… रात में पढ़ाई करता… कोचिंग और कोलेज में राजू के अच्छे दोस्त बनने लगे थे…. वो मन लगाकर पढ़ रहा था… उसे शहर में पढ़ते हुए 5 महीने होने को आयें थे…..

कल होली का त्योहार था….. राजू और कोचिंग के सभी बच्चे

अपने अपने घर जाने की तैयारी में थे… अगले तीन दिन कोचिंग की छुट्टी थी…. राजू और सभी दोस्त एक दूसरे को रंग लगाके विदाई ले रहे थे….

राजू भी मन ही मन बहुत खुश  था कि इतने महीनों बाद अम्मा , बापू, बाबा और निम्मी से मिलूँगा…..

राजू कोचिंग से बैग टांगे निकलने वाला था कि तभी चपरासी ने बोला कि राजू जी आपको मैडम भावना ने बुलाया है ……

राजू उल्टे पैर लौट आया…. भावना मैडम के ऑफिस में आया…..

मे आय कम इन मैम??

यस यस… राजू… कम …..

राजू का बातचीत का लहजा अब शहरों जैसा हो रहा था….मैडम जी से मैम बोलने लगा था… और अंग्रेजी भी सीख रहा था….

भावना मैडम लाल रंग का दुपट्टा , सफेद रंग का सूट पहने, खुले बालों में कयामत ढ़ा रही थी…

राजू अंदर ऑफिस में आ मैडम को देखता ही रह गया…

मैम सूट में बहुत सुन्दर लग रहे हो आप…. कभी नहीं देखा आपको सूट में….

राजू निश्चल भाव से बोला…..

राजू… कोई और ये बात बोलता तो मुझे बहुत गुस्सा आता …. शायद थप्पड़ भी लगा देती… बट तुमने कहा है तो अच्छा लगा….

हैप्पी होली राजू….

मैडम भावना राजू की तरफ बढ़ उसके गालों पर प्यार से  गुलाल लगाती हुई बोली…..

आपको भी हैप्पी होली मैम….. राजू ने भी थाल से थोड़ा गुलाल ले मैडम भावना के माथे पर लगा दिया…..

और उनके पैर छुये…

मैडम ने पैर पीछे खींच लिए… राजू तुम मेरे पैर मत छुआ करो  प्लीज….

मैडम भावना बोली…

थोड़ा सा गुलाल मेरे गालों पर भी लगाओ ना  राजू…. पता नहीं अब कब आओगे…..

मैडम राजू को निहारती हुई बोली…..

नहीं मैम… ये अधिकार मुझे नहीं… आप तो मेरी टीचर है .. आपके माथे पर लगा सकता हूँ पर गालों पर नहीं….. शहरों में ऐसा चलता होगा पर हमारे यहां नहीं….

राजू बोला…..

अच्छा मैम… चलता हूँ… नहीं तो गांव की बस निकल जायेगी…..

राजू बोलता है  …

ओके राजू तीन दिन बाद आ जाना….. आई विल वेट….

जी मैम…. कोर्स छूट जायेगा….आना तो पड़ेगा…..

राजू बाहर आ गया…

भावना मैडम अभी भी राजू को निहार रही थी….

राजू तुम समझते  क्यूँ नहीं….

मैडम बोली …….

मैडम के पास में खड़ी रिसेपश्न  वाली लड़की बाहर आयीं…

राजू के पास आ बोली….

राजू तुम्हे एक बात बतानी है ….

मैम… जो भी बताना है अब जब गांव से आ जाऊँ तब ही बताइयेगा…..

राजू खुश हो बस में बैठ चुका था….

उसका गांव आ चुका था….

रास्ते में निम्मी के घर रुक उसने निम्मी को आवाज लगायी….

उसकी छोटी बहन आयीं…

राजू भईया निम्मी दीदी तो ……

आगे की कहानी जल्द …. तब तक के लिए राधे राधे

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मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

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