जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू को सर जी ने कमरा दिलवा दिया है …. वो सर जी के घर से भोजन कर फ़ोन खरीदते हुए अपने कमरे में आ गया है … सर जी ज़रूरी काम का कहके चले गए है … राजू सर जी की कही बात पर विचार करते हुए भावना मैडम का नंबर लगाता है …. फ़ोन उठता है …
मैडम बोलती है …
हेलो, हू इज स्पीकींग…..
अब आगे….
वो मैडम….. वो मैं राजू…. जो आपको बस में मिला था ना ….. आपने मुझे अपनी सीट दी थी बैठने को……
राजू डरते हुए बोला…..
ओह मिस्टर राजू…. मुझे पता था तुम भी उन्ही लड़कों में से होगे जो लड़कियों का नंबर मिलते ही उनसे दोस्ती करना चाहते थे….
एम आई राईट ??
मैडम भावना थोड़ा अदाओं के साथ बोली….
आप गलत समझ रहे हो मैडम जी…. मेरे सर जी ने बताया कि आप शहर की बहुत बड़ी कोचिंग की मालकिन है ….. मैं गांव का गरीब लड़का हूँ…. शहर में पढ़ने आया हूँ…. एक बड़ा अफसर बनना चाहता हूँ…. पर अफसर कैसे बनते है मुझे नहीं पता…. तो सर जी ने कहा कि आपसे बात करूँ …. आपकी कोचिंग में दाखिला मिल जायें तो …… मेरे बाबा मुझे नीली बत्ती वाली गाड़ी में देखना चाहते है ……अगर आपको मेरा फ़ोन करना अच्छा ना लगा हो तो माफी चाहता हूँ मैडम जी…. वैसे भी आप मेरे लिए गुरु है तो आपको किसी गलत वजह से तो कभी फ़ोन ना करूंगा मैं …….
राजू निश्चल भाव से अपनी बात बोल गया….
ओह…. तो मिस्टर राजू…….ये बात है ….. आपको हमारी कोचिंग में एडमिशन चाहिए….. और क्या कहा आपने आपको बड़ा अफसर बनना है …..
मैडम भावना हंसते हुए व्यंग करते हुए राजू से बोली…
क्यूँ मैडम जी… बनना है मुझे अफसर… आप हंस क्यूँ रही है …..
राजू को मैडम का हंसना बुरा लगा…..
ठीक है मिस्टर राजू…. अफसर कैसे बनते है उसके लिए क्या क्या करना पड़ता है …… वो सब मैं आपको फ्री में बताऊंगी…. कल आप मेरी दुर्गा कोचिंग आईये…… अपने सर जी को भी लेकर आईयेगा….. आगे की बातें कल होंगी…….
मैडम भावना तीखे लहजे में बोली…..
ओके मैडम जी… बहुत बहुत धन्यवाद आपका… कितने बजे आऊँ मैडम जी….??
राजू उत्सुक होते हुए बोला….
आ ज़ाईयेगा… ईवनिंग में 3-4 बजे….
ओके… मैडम जी…. प्रणाम ……
राजू बोला…..
और कोई बात मिस्टर राजू……??
और कोई बात नहीं मैडम जी…. बस एडमिशन दे देना…..
ओके राजू जी…. कल आईये… फिर बात करते है ….. बाय बाय…..
मैडम भावना बोली…..
तो मैडमजी फ़ोन काटिये …..
राजू बोला…..
आप भी तो काट सकते है मिस्टर राजू…..
नहीं मैडम जी… आप बड़ी है ……. बड़ों को ही पहले कोई काम करना चाहिए…. अम्मा कहती है ….
ओह मिस्टर राजू…. आप और आपकी प्यारी बातें ….. इसी वजह से कल आपको बुलाया है ….. वरना लोग हमसे बात करने को तरसते है …..
मैडम भावना थोड़ी नजाकत से बोली….
फिर से धन्यवाद मैडमजी ……
मैडम जी ने बाय और टेक केयर बोल फ़ोन काट दिया….
राजू को बहुत ख़ुशी हो रही थी कि मैडम जी ने बुलाया है तो पक्का दाखिला करवा देंगी….
चलो अम्मा को फ़ोन लगा लूँ अब…. अब तो साँझ हो गयी…. अम्मा के काम निपट गए होंगे….
राजू अम्मा को फ़ोन लगाता है ….
हलो… लला… कैसा है रे .????. ..
कमरा मिला य़ा ना तुझे……. ज्यादा दिन मास्टर के यहां ना रहना… अच्छा ना लागे है …. तेरी बड़ी सुध आये है ….
अम्मा राजू से बोली….
अम्मा एक बार मेई इतना कुछ पूछती हो तुम …. भूल भी गया कि क्या क्या पूछी हो…. मैं अच्छा हूँ अम्मा… सर जी की मैडम जी ने बहुत स्वाद का खाना खिलाया…. मास्साब ने कमरा भी दिला दिया है …. बहुत बड़ा कमरा है अम्मा….. बढ़िया से रह रहा हूँ…..
फ़ोन ले लिया है 1100 रूपया का….. बाकी 5 हजार रूपये बचे है … बापू से बता देना…. लाडो, बाबा , बापू मेरी रज्जो (बकरी) कैसी है ??
राजू पलंग पर बैठा अम्मा से बतिया रहा है …..
हां सब लोग अच्छे है लला… ज़रा लाडो को बुखार आ गया था… अब सही है …. काका से दवाई ले आये थे तेरे बाबा….. तू चला गया है तो तेरे बापू का डर खतम हो गया है …. रोज दारू पीके आ रहे है …… तू समझा देना…… बाबा की तबियत पहले से सही है …… अभी बस चूल्हा जला के आयी हूँ…..
अम्मा बोली….
ठीक है अम्मा…… बापू की शिकायत दरोगा बाबू से कर दूँगा ……
समझ ज़ायेंगे……
निम्मी कैसी है अम्मा ??
राजू बोला….
ले तूने निम्मी का नाम लिया …. आ गयी निम्मी …. रोज इसी बखत आती है तेरी खबर लेने…. ले बात कर ले निम्मी से…. और हां लला तेरा बापू कह रहा था कि तुझे पैसों की ज़रूरत हो तो बता देना……
ठीक है अम्मा….ला निम्मी से बात करा ……
क्या चाची…. राजू का फ़ोन है …. लाओ… इसकी खबर लूँ… इतने दिन से कोई खबर ही नहीं है इसकी…
निम्मी अम्मा के हाथ से फ़ोन ले लेती है ….
कैसी है निम्मी ??? …. मुझे याद तो ना किया ज्यादा तूने…..
राजू के चेहरे पर मुस्कान थी……
ये बता राजू… तूने दो दिन से कोई खबर क्यूँ नहीं की…. मैं तो जैसी थी वैसी ही हूँ… तू तो ठीक है ना राजू …… कुछ खाया तूने……??
निम्मी बोली…..
तू तो अम्मा की तरह फिकर करे है रे निम्मी मेरी….. हां अच्छा हूँ मैं … तेरे से बात हो गयी तो और अच्छा लग रहा है ….
अच्छा राजू … तू अफसर बन जायेगा तो मुझे अपनी नीली बत्ती वाली गाड़ी में बैठायेगा ना ??
निम्मी मासूमियत से बोली….
हां री निम्मी … तू तो मेरे बिल्कुल बगल में बैठेगी….. समझी ….
क्या सच में राजू?? सच्ची…..
हां री …. तू ही तो मेरी पक्की वाली दोस्त है …..
अच्छा निम्मी …. सर जी का फ़ोन आ रहा है … खाने पे बुला रहे है शायद…. तेरे से कल बात करता हूँ… अम्मा के पास इसी बखत आ जाना….
राजू बोला…
ठीक है रे राजू… जा तू खाना खा आ… अच्छे से खायेगा पीयेगा…. तभी तो मन लगेगा तेरा पढ़ने में…..
अच्छा निम्मी … टेक केयर ….
राजू मैडम भावना के शब्दों को दोहराता है …..
ये टेक केयर माने यही हुआ ना राजू…. सुरक्षा लो…..
निम्मी बोली…
हां सर जी ने तो यही बताया था निम्मी …..
हां… तू तो अंग्रेजी भी बोलने लगा…. वाह रे राजू….
राजू खुश हो गया…..
अच्छा बाय बाय निम्मी ….
बाय राजू…..
अगले दिन राजू और सर जी मैडम भावना की दुर्गा कोचिंग आ चुके है …. पर यहां तो भावना मैडम…..
अगला भाग
एक प्यार ऐसा भी …(भाग -24) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi
मीनाक्षी सिंह की कलम से
आगरा