चारों तरफ से निराशा हाथ लगने के बाद शुभा उस इलाके के पंडित से मिली जो लड़के-लड़कियों की शादी करवाने के लिए प्रसिद्ध थे।
बेसहारा विधवा दो-तीन वर्षों से अपनी बेटी की शादी के लिए परेशान थी। वह अपने घर में ही घरेलू उद्यम करके कुछ उपार्जन करती थी, जिससे उसकी परवरिश होती थी।
उसने अपने रिश्तेदारों और गांव के मध्यस्थ कहे जाने वाले ग्रामीणों से भी इस बाबत संपर्क किया। किन्तु कोरा आश्वासन के सिवा कोई लाभ नहीं मिला। अधिकांश लोगों की मंशा थी कि वह अपना पुश्तैनी घर बेचकर या गिरवी रखकर अपना काम निकाल ले। परन्तु उसको ऐसा करना उचित समझ में नहीं आया।
पंडित ने मीठी वाणी में कहा कि जितने समय से वह इधर-उधर भटक रही थी, अगर पहले मिल लेती तो उसकी लड़की की शादी बहुत पहले ही हो जाती।
“माफ कीजिएगा पंडितजी!.. किसी तरह मेरी बच्ची की नैया पार लगा दीजिए..”
” देखिए मेरी सूची में हर तरह के लड़के हैं.. अमीर, गरीब, सर्विस वाला, बेसर्विस वाला, उम्रदराज, काना, ऐचाताना, दिव्यांग… आप अपनी शक्ति के अनुसार जैसा चाहेंगी वैसा रिश्ता हम चुटकी बजाते तय करवा देंगे।”
” हम समझे नहीं बाबा!.. “
” अपनी औकात के अनुसार चुनाव कीजिए!.. देखिए जजमानी सब खेल नगद नारायण का है, दान-दहेज का है..बाजार खुला हुआ है.. दूध में जितना शक्कर दीजिएगा उतना ही न मीठा होगा।.. फिर भी हम किसी को निराश नहीं होने देते हैं।.. मुफ्त में भी शादियाँ हो सकती है, लेकिन..”
“लेकिन क्या?..”
” इसके लिए किसी विन्दु पर समझौता करना पड़ेगा.. उम्रदराज से कीजिए या दिव्यांग से कीजिए.. एक पैसा भी शादी में हम खर्च नहीं होने देंगे, उल्टे चाहिए तो पार्टी से कुछ दिलवा भी देंगे.. “
” छीः! छीः!.. मैं अपनी बच्ची की जिन्दगी बर्बाद नहीं करूंँगी किसी भी कीमत पर। “
” ठीक है!..तो तैयार रखिए फंड खर्च करने के लिए.. हीरो ऐसा सर्विस करने वाला लड़का भी मेरे हाथ में है, ऐसी शादी में डबल खर्च करना पड़ेगा.. “
” डबल खर्च करना पड़ेगा? “
” तब क्या समझ रहे हैं जजमानी, शादी-विवाह इतना आसान भी नहीं होता है। “
पल-भर रुककर पंडित ने पुनः समझाते हुए कहा,
” आप अपना हाथ खोलिएगा तभी न लड़का भी अपने हाथ से मांग भराई की रस्म पूरी करेगा। एक हाथ से ताली नहीं बजती है।इसके लिए दोनों हाथों का इस्तेमाल करना पड़ता है।”
वह विस्मय से पंडित का चेहरा देखती रह गई।
स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित
मुकुन्द लाल
हजारीबाग(झारखंड)
23-01-2025
# मुहावरा प्रतियोगिता