नीला एक गरीब परिवार की लड़की थी।घर में मां थी।पिताजी का देहांत हो चुका था।ज्यादा पढ़ीलिखी भी नहीं थी अंग्रेजी का जान भी कम था।पर मां बेटी सुखी थी।नीला के लिए एक रिश्ता आया जो उसके दूर के चाचाजी लाए थे।लड़के का नाम वरुण था जिसकी पहले शादी हो चुकी थी
पर तीन महीने में ही खत्म हो गई।लड़का बाहर अच्छी नौकरी करता था।चाची जी ने समझाया अच्छा घर परिवार है लड़की भी बाहर चली जाएगी तो नीला की मां इस रिश्ते के लिए तैयार हो गई।नीला सीधी सादी थी। घर में बसने की कोशिश कर रही थी।ससुराल में पहुंची की सास पूछती बच्चा कर जल्दी से ये उसके हाथ में थोड़ी था ।
फिर तीन महीने बाद नीला वरुण के साथ नॉर्वे आ गई।नॉर्वे आकर कुछ दिन सब ठीक रहा फिर वरुण का बर्ताव बदलने लगा।वो जरा जरा सी बात पर चिल्लाता ।नीला को दो दो दिन खाना ना देता।इस बीच नीला एक बच्चे की मां बन गई उसे लगा शायद अब सब ठीक होगा पर नहीं ।वरुण अपनी मां से घंटे तक बात करता वो पता नहीं
उसे क्या सीखती की वो और ज्यादा बुरा व्यवहार करता।नीला का फोन मेल्स चेक करता वो किससे बात करती हैं अपनी मां को पैसे तो नहीं देती।नीला जब कभी भारत आती अपनी मां से सब बाते करती ।मां भी बहुत दुखी थी पर पैसा न होने के कारण वो कुछ नहीं कर सकती थी।
अब नीला वापस गई तो उसने हाथ पैर मारकर एक फैक्ट्री में नौकरी पकड़ ली।उस पर भी वरुण ने इतना हंगामा किया पर सास ससुर के बीचबचाव से नीला नौकरी करती रही।इस बीच नीला दोबारा मां बनी उसका करने उसकी सास वहां गई पर नीला को आराम कहा वहां रहकर सास और पति दोनो का जानवरों जैसा बर्ताव करती।
बच्चे बड़े हुए और वरुण का पागल पान बढ़ता गया।बच्चो को खाना पहले दिया तो मारना।बच्चो ने वरुण के हाथ से खाना नहीं खाया तो बच्चों को बेरहमी से मरना।एक दिन नीला फैक्ट्री जाने के लिए तैयार हो रही थी उसने वरुण से कहा कि छोटे बेटे गर्व को नाश्ता करवा दो मैं आती हु ।नीला ने कपड़े बदले भी नहीं थे कि चिल्लाने की आवाज आने लगी
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नीला भागती नीचे आई तो देखा गर्व खून में लथपथ पड़ा था।वरुण ने उसे बहुत मारा था क्योंकि वो खाना नहीं खा रहा था।आज नीला की हिम्मत जवाब दे गई कहते है ना मां खुद सब बर्दाश्त पर बच्चो के लिए नहीं ।नीला ने धीरे धीरे पैसे जोड़ने शुरू किए।वरुण के ऑफिस जाते ही उसने अपना और बच्चों का पासपोर्ट निकला
और वो छुपा कर रख दिया।इसी बीच वरुण के पापा का ऑपरेशन हुआ और वो एक हफ्ते के लिए इंडिया आया उधर नीला ने भी सारी तैयारी कर ली थी वरुण से अलग होने की।उधर वरुण नीला की मां से मिलकर उनकी काफी बेजती भी की और उनको अपने घर से भी निकाल दिया।
उन्होंने नीला को जब ये बताया कि मुझे घर से निकाल दिया।नीला बोली आप गांव पहुंचे मैं आ रही हूं।वरुण भारत से निकला नॉर्वे के लिए और उधर नीला नॉर्वे से निकल पड़ी पर आज वो डरी हुई नीला नहीं एक बहादुर नीला थी।भारत पहुंचते ही नीला ने वकील से संपर्क किया
और वरुण के दिमागी मरीज होने के सबूतों के आधार पर उसे तलाक़ मिल गया ।वरुण और उसके माता पिता ने नीला को बहुत डराने की कोशिश की उस पर गंदे गंदे इल्ज़ाम लगाए।पर नीला अपने बच्चों के लिए कदम उठा चुकी थी उसे तलाक़ मिल गया।आज वो बारह साल के नरक से आजाद होकर खुली हवा में सास ले रही थी।आज उसे एक घुटन भरे रिश्ते से आजादी मिली थी।आज नीला बहुत सालों बाद हंसी थी अपने बच्चों के लिए।
दोस्तो हमारा समाज ऐसा है बहु को दबाना उसे पागल बनाना। अपने बेटे की मानसिक कमजोरी भी दूसरो पर थोपना।
स्वरचित
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आपकी
खुशी