एक दूजे बिन अधूरे – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ क्या देख रही हो काव्या?” दूर किसी जोड़े को देखकर मन ही मन मुस्कुराती काव्या को ऐसे देख रमन ने पूछा

“ देखो ना रमन  वो कपल कितने प्यार से एक दूसरे का हाथ थामे बैठा है और उपर आसमान में उड़ते बैलून , पैराग्लाइडिंग ये सब देख कर उसकी पत्नी बहुत खुश हो रही है….. पति उसे बार बार कह रहा है उसपर चलने को पर वो मना कर दे रही है ।” काव्या अभी भी उन्हें ही देखते हुए बोल रही थी 

काव्या और रमन शादी के बाद हनीमून पर आए हुए थे…. शादी के बाद अक्सर टूरिस्ट प्लेस पर नवविवाहितों की तादाद ज़्यादा ही देखने को मिलती है उन्हीं में से एक जोड़ा वो भी था जो काव्या की नज़रों में चढ़ गया था ।

रमन और काव्या घूम फिर कर जब अपने होटल आकर अपने कमरे की ओर बढ़ रहे थे…. तभी सामने से वो जोड़ा भी आते हुए दिखाई दिया….काव्या और रमन ने आगे बढ़कर हैलो किया।

“आप भी इसी होटल में रूके हुए हैं मैं अभी उधर आप लोगों को ही देख रही थी…. सभी जोड़े हॉट एयर बलून में घूमने का मजा ले रहे थे पर आप लोग नहीं गए… जाना चाहिए था बहुत मजा आता।” काव्या ने कहा 

“ जी हम कल ही इधर आए हैं…. ये मेरी पत्नी कौशिकी …इसे बहुत डर लगता है….. कितना मनाया इसे….मैं साथ में हूँ  फिर भी ये तैयार नहीं हो रही थी …अब पत्नी की मर्ज़ी के आगे किसकी चली है।”कहकर वो हँसने लगा 

“ मैं रमन और ये काव्या ..रूम न. 405 में रूके हुए हैं कुछ जरूरत हो तो कहिएगा।” रमन ने कह कर हाथ मिलाया 

” मैं किशोर…. आपका और मेरा कमरा पास ही है 402…. चलिए यही पास में एक मॉल है घूम कर आते है अभी तो डिनर में वक़्त है।” किशोर कहकर रमन के जवाब का इंतज़ार करने लगा

काव्या का सारा ध्यान कौशिकी पर टिका हुआ था वो बस मुस्कुरा रही थी कुछ बोल नहीं रही थी ।

रमन और काव्या भी किशोर और कौशिकी के साथ मॉल के लिए निकल गए।

किशोर कौशिकी के लिए कुछ भी लेना चाहता तो वो इशारे से मना कर देती या फिर अच्छा लगने पर ख़ुशी से गर्दन हाँ में हिला देती ।

काव्या और कौशिकी एक एक ड्रेस लेकर ट्रायल  करने ट्रायल रूम में चली गई…. काव्या तो ड्रेस पहन कर बाहर आ गई पर कौशिकी बाहर नहीं निकली….तभी काव्या ने नोटिस किया कौशिकी जिस कमरे में गई थी उसे कोई जोर जोर से पीट रहा है

और खोलने की कोशिश कर रहा साथ ही रोने की आवाज़ भी आ रही है…वो वहाँ के स्टाफ को बुला कर लाई और दरवाज़ा खुलवाई…. दरवाज़ा खुलते कौशिकी भाग कर किशोर के पास गई और उसे कसकर गले लगा ली…..

“ कमाल करती हो कौशिकी लॉक हो गया था तो आवाज़ देना चाहिए था…. पीटने और रोने से किसी को पता नहीं चलता तो…. तुम मुझे आवाज़ दे सकती थी ना।”काव्या उस वक़्त सब की नज़रें उस ओर उठी देख कर बोली

“ सही बात है मैडम आप किसी को आवाज़ देती ।” स्टाफ ने भी कहा

” काश मेरी कोशिकी बोल पाती तो इन हादसों को खुद ही निपटा लेती।” किशोर कौशिकी को कस कर भींचते हुए बोला 

” क्या बोल रहे हैं आप…. कौशिकी बोल नहीं सकती…?”काव्या आश्चर्य से पूछी 

“ हाँ काव्या जी…. शायद वो इसलिए ही हर जगह जाने से डरती है।”किशोर ने कहा 

काव्या बहुत आश्चर्य से किशोर और कौशिकी की जोड़ी को देख रही थी….. किशोर कस कर कौशिकी का हाथ अपने एक हाथ से पकड़े हुए था… दूसरा हाथ हमेशा उसके पैंट के पॉकेट में ही रहता था ।

रमन किशोर के शॉपिंग के पैकेट उसे देने के लिए बढ़ाया तो किशोर ने कौशिकी को इशारे से उन पैकेट को पकड़ने बोला पर उसका हाथ नहीं छोड़ा…ये देख कर रमन ने कहा,“ अम्मा यार अब क्या बीबी से ये पैकेट पकड़वा कर चलोगे…. दूसरे हाथ से पैकेट पकड़ लो।”

“ काश मैं उस हाथ से पैकेट पकड़ सकता रमन।”कहकर  किशोर ने अपना बायाँ हाथ बाहर निकाला पूरी हथेली नक़ली थी… जिसे किशोर पैंट की जेब में रख कर सबसे छुपाए रखता था ।

कौशिकी जल्दी से किशोर का हाथ पकड़कर सहलाते हुए अंदर रखने का इशारा की।

“हम दोनों पति पत्नी अपनी कमियों को जानते है …. और कोशिश करते है इसे अपने रिश्ते पर हावी नहीं होने दे….कौशिकी की बात मैं उसके इशारों से समझ जाता हूँ और मेरा बायाँ हाथ कौशिकी बन जाती है..

और हम यूँ एक दूसरे को पूरा कर लेते हैं…. कौशिकी तो घूमने भी नहीं आना चाहती थी पर मैं ही ज़िद्द करके ले आया… कौन से नए जोड़े को हनीमून का शौक़ नहीं होता…… फिर हम पीछे क्यों रहें..?” कह कर किशोर मुस्कुरा दिया 

कौशिकी किशोर को पकड़ कर ही खड़ी थी …. इतना प्यार देख काव्या और रमन भी सोचने पर मजबूर हो गए क्या वाक़ई में ऐसे भी लोग होते है जो एक दूसरे की कमियों को ना देख एक दूसरे को पूरा करने का प्रयास करते हैं

शायद इसलिए ही कहते हैं दिल पर कोई जोर चलता नहीं जब जिसपर आ जाए… कितने भी हो अधूरे हम अकेले एक दूजे संग मिलकर पूरे हो जाते ।

प्यार हो तो कमियाँ मायने नहीं रखती….. प्यार इशारे भी समझता है और मौन भी बस समझने वाला दिल प्यारा प्यारा होना चाहिए… प्यार में डूबा हुआ होना चाहिए ।

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धन्यवाद 

रश्मि प्रकाश 

#वाक्यकहानीप्रतियोगिता 

# दिल पर कोई जोर चलता नहीं

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