“राजशेखर वेड्स प्रिया”
शेखर और प्रिया की शादी के लिए दोनों परिवार जोधपुर में उम्मेद भवन पैलेस पहुंच चुके थे।
मेहंदी में प्रिया ने बेहद ख़ूबसूरत आरेंज कलर का लहंगा पहना हुआ था
हुस्न और नजाकत जैसे आसमान से प्रिया का रूप लेकर उतर चुकी थी।
शेखर ने उसे देखा तो बस देखता ही रह गया।
उसने प्रिया को आंखों से इशारा किया,औ प्रिया ने इशारा समझ कर गर्दन झुका ली तो उसने इंटेंस नजरों से उसे घूरते हुए दिशा बदल दी।
मेहंदी उसके हाथों और पैरों पर लग चुकी थी।
तीन घंटे तक बैठे बैठे उसकी कमर अकड़ गई।
दी मुझे पानी पिला दीजिए प्यास लगी है दी ने चुपके से शेखर को इशारा किया।
शेखर उठ कर पानी का गिलास लाकर उसकी बगल में बैठ गया।
सामने उसकी दादी, मम्मी,बुआ मासी, कविता सब मेहंदी में बिजी थे।
प्रिया उसे देखकर हड़बड़ा गई उसने शेखर की तरफ गुस्से से देखा, ऐसे क्या देख रही हो मेरी जान! वो जानबूझकर कर मुस्कराया।
आओ तुम्हें बाहों में ले लूं उसने जानबूझ कर हाथ आगे
बढ़ाया, शेखर जाइए यहां से वो इधर-उधर देखने लगी।
अच्छा! कैसे जाऊं???
तुमने अभी तक ये तो बोला ही नहीं कि लोग क्या कहेंगे, लोग देख लेंगे ब्ला,ब्ला ??
आप मेरा मजाक उड़ा रहे हैं???? मेरी इतनी मजाल कि महारानी साहिबा की मजाक उड़ाऊं।
ना बाबा ना मैं ये गलती नहीं कर सकता।
दादी आपको बुला रही हैं।
अच्छा पानी तो पिला दूं???? दी पिला देंगी, ओह तब तो मैं यहीं बैठ जाता हूं।
अच्छा पिला दीजिए वो शर्म से सिमट गई।
पानी पीते हुए शेखर उसे ध्यान से देख रहा था बहुत खूबसूरत लग रही हो।
“थैंक्यू”
मेरे बारे में भी दो शब्द कहो,
वो धीरे से बोली “आलवेज हैंडसम”
मेरा नाम कहां पर लिखवाया है दिखाओ??? अभी नहीं वो भी रस्म होगी।
आप भी तो मेहंदी लगवाएंगे।
नहीं, लड़के नहीं लगवाते, किसने कहा???? लगवानी पड़ेगी आपको।
अच्छाआआआ, तुम्हें तो देख लूंगा
खाना भी मैं ही खिलाऊंगा तुम्हें समझ गई,दी खिलाएंगी आप नहीं समझ गए आप।
देखते हैं वो बड़ी अदा से मुस्कुरा कर दादी और मम्मी के पास आ कर बैठ गया।
लाओ शेखर मैं तुम्हें शगुन की मेंहदी लगाऊंगी कविता ने मेहंदी का कोन उठा कर कहा।
भाभी! आपको मेहंदी लगानी आती है ??? लो कर लो बात ऐसी मेहंदी लगाऊंगी कि देखते रह जाओगे।
भैय्या! मुझे अपनी बीवी से बचा लो वह जाकर उन की बगल में खड़ा हो गया।
उन्होंने उसे धक्का दे कर कविता के आगे खड़ा कर दिया।
कविता ने उसे पकड़ा और उसके हाथ के बीच में एक मेहंदी का गोला चेप दिया।
उसने मुंह बना कर कहा मुझे नहीं पता था आप इतनी फेमस मेहंदी डिजाइनर हैं।
दादी देखिए इसके नखरे इसे डिजाइनर मेहंदी चाहिए अरे लड़के ऐसे ही मेहंदी लगाते हैं कविता जोर से हंस पड़ी।
आप तो चुप ही रहिए मैंने मेहंदी के डिजाइन के कैसे-कैसे सपने देखे थे आपने सब पर पानी फेर दिया उसने गुस्सा हो कर कहा।
आज पता चला कि लड़के भी मेहंदी के डिजाइन के सपने देखते हैं कविता हंस कर उसे चिढ़ाते हुए आगे बढ़ गई।
खाना लग चुका था।
प्रिया ने दी को इशारे से बुलाया और कहा दी खाना मुझे आप खिलाएंगी प्लीज शेखर को तंग करने मत भेजिएगा।
उन्हें तो हर समय मुझे परेशान करना होता है।
तुम तो बेवकूफ हो दी ने उसे डांटते हुए कहा डेस्टिनेशन वैडिंग है दोनों परिवार यहां पर हैं और शेखर अगर तुम्हें खाना खिलाना चाहेगा तो क्या मैं उसे मना कर दूंगी???
दी कभी कभी मुझे लगता है आप मेरी कुछ नहीं लगतीं आपको तो बस शेखर ही नजर आते हैं।
हां दी मुस्करा कर चलती बनीं।
शेखर फिर से खाना लेकर हाजिर था। तुम्हारे उन सो काल्ड लोगों का देखना हो गया हो तो तुम्हें खाना खिला दूं।
चलो मुंह खोलो वैसे भी हर किसी की किस्मत में नहीं होता राजशेखर बाधवा के हाथ से खाना।
शेखर ने उसे पहला निवाला खिलाते हुए कहा
हां मैं भी ऐसा ही सोच रही हूं।
खुश हो?????? शेखर ने इधर उधर देखते हुए उसकी कमर पर हौले से छुआ।
बस मुझे और नहीं खाना है आप मुझे…
क्या??? कर रहा हूं उसने दोबारा उसकी कमर पर उंगलियां चलाते हुए उसकी आंखों में देखा।
कसम से मैं आपको……. प्रिया ने इधर उधर देखते हुए कहा।
अब तुम्हारा खुद पर कोई हक नहीं है समझीं तुम ?
या और समझाऊं उसने उसे टीज किया।
ऐसा करो तुम इसे समझा ही दो कविता ने हंसते हुए पीछे से शेखर के कंधे पर हाथ रखा।
शेखर इस अप्रत्याशित गतिविधि से हड़बड़ा कर उठा और उठ कर खाने की प्लेट कविता के हाथ में पकड़ा कर प्रिया की तरफ मुड़ा भाभी अब आप ही खिला दीजिए अपनी फ्रेंड को मेरे हाथ से तो नहीं खा रही है।
और छिप कर किसी की बातें सुनना बैड मैनर्स है कह कर वह तेजी से चलता बना।
खाने पीने के बाद सब डांस परफॉर्मेंस के लिए तैयार थे।
मम्मी और मासी ने एक ही गाने पर डांस किया जो सबने बहुत एन्जॉय किया।
दी ने भी शर्माते हुए थोड़ा बहुत कमर मटका ली।
जेन्ट्स का तो एक अलग ही डांस था सबने ढोल के साथ भांगड़ा किया।
कविता ने भी “लौंग दा लश्कारा” पर हाथ साफ कर लिया।
शेखर! तुम डांस कब करोगे??? समर ने शेखर से कहा,
काश! इतनी खूबसूरत,जहीन लड़की मुझे मिलती तो मैं….. चुप करो अपनी बुरी नीयत मेरी वाइफ पर मत डालना शेखर ने उसे घूरा
तो वो हंस पड़ा अरे यार! मजाक कर रहा हूं।
“मेहंदी लगा के रखना डोली सजा के रखना लेने तुझे ओ गोरी आएंगे तेरे सजना” पर शेखर ने परफार्मेंस दी।
जिसे देखकर सबका मुंह खुला रह गया।
प्रिया चोरी छुपे उसे देख कर मन ही मन इतरा रही थी शेखर “आइ एम लकी” आप हर चीज में परफेक्ट हैं। नजर न लगे उसने मन ही मन उसकी नजर उतार ली।
शेखर डांस परफॉर्मेंस के बाद प्रिया के पास आया और उसने सबके सामने अनाउंस कर दिया।
अब मिसेज राजशेखर बाधवा भी परफार्मेंस देंगी जिसे सुनकर प्रिया के रोंगटे खड़े हो गए उसने शेखर को खा जाने वाली नज़रों से देखा।
हां भाभी अब आपकी बारी है समर ने भी शेखर का साथ दिया।
मैं…… मुझे डांस नहीं आता।
हां मैडम को डांस नहीं आता पर अपने पतिदेव को उंगलियों पर नचाना अच्छे से आता है शेखर ने हंसते हुए समर से कहा।
अरे यार! थोड़ा सा तो बनता है कविता ने उसकी तरफ हाथ से इशारा किया इत्तू सा।
बता कौन से song पर करेगी????
उसने कविता के कान में कहा तो कविता ने song प्ले करवा दिया।
मनवा लागे.. ओ मनवा लागे
लागे रे.. सांवरे, लागे रे.. सांवरे
ले तेरा हुआ जिया का, जिया का
जिया का ये गाँव रे..
मनवा लागे.. ओ मनवा लागे
लागे रे.. सांवरे, लागे रे.. सांवरे
ले तेरा हुआ जिया का, जिया का
जिया का, ये दांव रे..
प्रिया ने सेमी क्लासिकल डांस करके महफिल लूट ली दी को तो उसके डांस के बारे में पता था।
शेखर और बाकी सब उसका डांस परफॉर्मेंस देख कर चकित रह गए।
डांस के बाद शेखर को अपनी तरफ इस तरह देखते हुए प्रिया शरमा गई।
वो एक्साइटमेंट में उसके पास आया
वाकई में तुम तो तुम हो, बहुत चालाकी से मना कर रही थी कि तुम्हें डांस नहीं आता।
अब अचानक से आ गया।
जी नहीं कुछ भी अचानक नहीं होता मैं एक ट्रेंड कत्थक डांसर हूं।
लोग तो अपनी खूबियां गिन गिन कर बताते हैं और तुमने कभी जिक्र नहीं किया।
मैं जो भी हूं बस आपके लिए रहना चाहती हूं।
अच्छा इसलिए ही तो जी करता है कि तुम्हें…… वो उसकी तरफ एकटक देखने लगा।
बहुत खुशगवार माहौल में मेहंदी सम्पन्न हो गई।
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©® रचना कंडवाल
एक बार फिर भाग 42