Moral stories in hindi :
जब कविता के साथ शेखर प्रिया के घर आया तो उसने कहा कि वो दो दिन यहीं रूकेगा उसे किसी से मिलना है।
तो प्रिया बेचैन हो गई। कि ये मेरी ही बात कर रहा है अब आगे-
उसने अपने आप से कहा ऐसे नहीं चलेगा ये मेरी नरमदिली का फायदा उठा रहा है। जब एक बार मैं इसे फटकार दूंगी फिर यह समझेगा।
अगले दिन सुबह का नाश्ता करके ऑफिस के लिए तैयार हो रही थी। याद आया कि गाड़ी तो सर्विस के लिए गई है।
इस समय टैक्सी में चली जाती हूं शाम को ऑफिस की गाड़ी से आ जाऊंगी।
आज दिन बड़ा थका देने वाला था ऑफिस में ढ़ेर सारा काम था।
शाम को ऑफिस से लौटी तो थकान के मारे हालत खराब थी।
मालती को खाना बनाने के लिए मना कर दिया था। सोच रही थी कि कुछ हल्का फुल्का खुद बना लूंगी।
आज वो चैन से थी क्योंकि शेखर से उसका कोई सामना नहीं हुआ था।
उसने वेजीटेबल सूप बनाया मालती सब्जियां काट कर रख गई थी।
सूप पीकर छत पर आ गई।
पूर्णिमा का चांद बेहद खूबसूरत लग रहा था। ठंडी ठंडी हवा उसके बालों को छूकर निकल रही थी।
उसने अपना फोन निकाला और दी को कॉल की।
पर उन्होंने नहीं उठाया इस समय वह बहुत अकेला फील कर रही थी।
घूम फिर कर ध्यान शेखर पर चला गया।
उसके लिए लड़कियों की कमी नहीं है कामयाब है गुड लुकिंग है अच्छे खानदान का है रिच है।
फिर क्यों??? फ्लर्ट करके थकता नहीं है ये इंसान
सोचते सोचते उसने पुराने गाने सुनने शुरू कर दिए।
एक बात तो उसमें और मुझमें कॉमन है कि मुझे भी पुराने गाने पसंद हैं बाकी कुछ भी नहीं है उसमें मुझे जैसा
अब उसे नींद आ रही थी तो नीचे आ कर सो गई।
आज सुबह उठने में देर हो गई जल्दी जल्दी शावर लिया
शिफान की लैमन येलो साड़ी पहन कर गीले बाल खुले छोड़ दिए।
मालती पुकारती रही मेमसाब नाश्ता कर लीजिए पर वह चल दी।
ऑफिस में जल्दी जल्दी पहुंची आज सुबह ग्यारह बजे मीटिंग थी।
ऑफिस में शेखर को देख कर उसकी जुबान खुश्क हो गई।
उसके ऑफिस के एक कुलीग ने उससे कहा राजशेखर सर यहां कभी नहीं आते हैं हमेशा उनका स्टाफ आता है आज पहली बार यहां आए हैं।
मीटिंग में और भी कई लोग थे। शेखर भी वहां था।
मीटिंग खत्म हुई तो वह उसके पीछे-पीछे बाहर आया।
मैम आपसे कुछ डिस्कस करना था।
मौके की नजाकत वो समझ सकती थी
क्योंकि सीनियर अधिकारी शेखर के साथ चल रहे थे।
प्रिया सर को अपने साथ ले जाओ।
वो उसे अपने साथ ले गई।
बैठने का इशारा करके खुद बैठ गई।
कहिए
मैम क्या ड्रैसिंग सेंस है आपका???
वाकई इस साड़ी में तो आप बेहद हसीन लग रही हैं।
पर ऐसी साड़ी अगर ऑफिस में पहनेंगी तो लोग अपना काम खाक करेंगे??
आपको उस नज़र से देखने का हक सिर्फ……. बात को अधूरा छोड़ कर मुस्कराया
आपसे कहना था कि
आज शाम आपके घर चाय पीने आ रहा हूं।
मैं शाम को नहीं मिल सकती मुझे कहीं जाना है
“और हां “आप मुझे ना नहीं कर सकती हैं।
कितनी भी दूर जाएंगी वापस मुझ तक ही आना होगा।
वो मुस्कराते हुए उठ खड़ा हुआ
क्यों मैं इस इंसान के सामने आते ही बेबस हो जाती हूं सारे मंसूबे धरे के धरे रह जाते हैं।
यहां तो आप आप करके बात कर रहा था। और अकेले में तो हद पार कर देता है घटिया कहीं का।
अब उसे शाम का डर सताने लगा था।
पर बात तो करनी ही होगी इससे
इस आदमी का मैं कतई भरोसा नहीं कर सकती।
घर देर से पहुंची तो मालती खाना बना कर जा चुकी थी।
सात बज चुके हैं अब कोई चाय का टाइम नहीं है।
उसने फ्रैश होकर चेंज किया और बैठ गई।
इतने में बाहर गाड़ी की आवाज आई समझ गई कि
उसकी परेशानी का सबब आ गया है।
बाहर ही बैठूंगी अंदर पता नहीं क्या कर दे??
वैसे भी इसके लक्षण सही नहीं हैं।
फटाफट बाहर जा कर लॉन में चली गई।
ओह तो मैडम यहां हैं?? उसने चेयर खींची और उसके आगे बैठ गया।
अगर हम दोनों यहां बैठे तो तुम्हारे सो कॉल्ड लोग बातें नहीं बनाएंगे??
कहिए??
पहले चाय बनाओ। मैं लैमन टी लेता हूं विदाउट शुगर
ये कोई चाय का वक्त नहीं है।
नो टेंशन मैं किसी भी वक्त पी लेता हूं।
अंदर आकर मदद कर देता हूं तुम्हारी
आप यही बैठिए मैं खुद बना कर लाती हूं वो गुस्से से बोली।
“ओके” वो बड़े ढीठ पने से मुस्कराया।
बड़ा आया मदद करने वाला अपने घर का किचन कभी देखा भी होगा।
वो अंदर गई लैमन टी बना कर ले आई और उसके आगे टेबल पर पटक दी।
लगता है अपना गुस्सा भी मिला कर लाई हो इसमें
फिर तो ये पक्का जहर बन गया होगा
इसके साथ कुछ स्नैक्स तो ले आती।
अरे! हां मैं तो भूल ही गया था
सिंपल लोग दूसरों को चाय के साथ स्नैक्स नहीं देते बल्कि खुद खाते हैं उसने सिर के पीछे दोनों हाथ बांध कर चेयर पर टिक कर हंसते हुए कहा।
वैसे तुम्हारी शक्ल पर लिखा है कि तुम बहुत कुछ कहना चाहती हो।
जो कहना चाहो तो कह सकती हो ये हक मैं तुम्हें दे चुका हूं।
मुझे कोई हक नहीं चाहिए
अमीर लोगों की फितरत से मैं अच्छी तरह से वाकिफ हूं।
आज मुझ पर दिल आया है तो हक की बात है।
मैं वो लड़की नहीं हूं जिसे आप इस्तेमाल कर सकें।
मुझे आपमें कोई इंटरेस्ट नहीं है।
शेखर ने चाय का सिप लिया।
और जबरदस्ती उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया।
तुम्हें मुझमें इंटरेस्ट नहीं है पर मुझे तुममें है।
अब क्या करोगी???
नाउ आइ एम सीरीयस
उसने अपना हाथ छुड़ा लिया।
हां जानती हूं आपके इंटरेस्ट तो दुनिया भर में फैले हुए होंगे उन्हीं में से मैं भी एक हूं।
तुम ऐसा कैसे कह सकती हो???
क्या कमी है आपके अंदर कुछ भी तो नहीं
चलो तुमने ये तो माना कि मैं हर तरह से तुम्हारे लायक हूं वो मुस्कराया।
सच में कहीं ऐसा न हो कि ये तारीफ सुनकर मैं तुम्हें अभी अपनी बाहों में कैद कर लूं उसने उसे देखते हुए कहा।
आइंदा हम कभी नहीं मिलेंगे प्रिया बोली
ये तुम नहीं मैं डिसाइड करुंगा।
आप इतने बड़े बिजनेस घराने से हैं आपने किसे डेट किया है मैं जानती हूं।
आपको अपना वक्त मुझ जैसी साधारण लड़की पर जाया नहीं करना चाहिए।
तुम क्या हो मुझसे और मेरे दिल से पूछो और एक बात
तुमसे मुहब्बत के लिए मेरे पास वक्त ही वक्त है चाहो तो आजमा कर देख लो।
वैसे मेरे बारे में काफी जानकारियां इकट्ठी कर रही हो।
देखो तुम मेरा प्यार हो और मेरी जिद भी और मेरी जिद के आगे कोई नहीं जीत सकता तुम भी नहीं वो मुस्कराया।
अब आप जा सकते हैं काफी रात हो गई है।
और अगर ना जाऊं तो वह उसकी तरफ बढ़ा तो उसने घबरा कर उसे रोकने के चक्कर में उसने अपना हाथ उसकी छाती पर रख दिया।
शेखर ने उसके इर्द-गिर्द अपने हाथ बांध दिए।
उसने घबरा कर उसे पीछे धकेलने की कोशिश की पर पीछे नहीं नहीं कर सकी।
तमाशा मत करो तुम्हारे सो कॉल्ड देखने वाले लोग बाहर आ जाएंगे। जो ठंड में अंदर टीवी देख रहें हैं।
कुछ कहना चाहता हूं ध्यान से सुनो वो उसके कान के पास आकर बोला। वो अब भी उसकी पकड़ में थी।
उसने पकड़ ढीली की तो वो छिटक कर खड़ी हो गई।
बड़ी बेरहम हो तुम तुम्हें मुझ पर तरस नहीं आता।
लगता है मेरी शक्ल तुम्हें इतनी पसंद है कि बार बार देखना चाहती हो।
इसलिए मेरा नंबर ब्लॉक कर दिया। वो पैंट की पॉकेट में हाथ डालकर उसके सामने खड़ा हो गया।
मुझे अनब्लाक करो नहीं तो रोज यहां आ जाऊंगा और हां अनब्लाक करने से ही काम नहीं चलेगा फोन सुनना भी पड़ेगा।
देर हो गई है आप जाइए बड़ी मुश्किल से उसके मुंह निकला।
ठीक है जा रहा हूं।
अगर फोन नंबर ब्लाक मिला तो कल फिर मिलेंगे।
तुम्हारे करीब आने के लिए तो मुझे लाइसेंस लेना पड़ेगा
क्यों ठीक कहा मैंने ???
बड़े ढीठपने से मुस्कराते हुए बोला
“बाय डार्लिंग”
उसके जाने के बाद उसने राहत की सांस ली।
“निहायती बेशर्म इंसान” उसने गहरी सांस भरी और घर के अंदर चली गई।
डिनर करने के बाद टहलते हुए सोचने लगी कि इसे
अनब्लाक करूं तो मुसीबत ना करूं तो मुसीबत।
पुलिस कम्पलेन करूं तो क्या कहूंगी???
काफी देर सोचने के बाद उसने शेखर को अनब्लाक कर दिया।
क्रमशः
रचना कंडवाल
Absolutely
Please merge it with nothing else