शेखर प्रिया के जाने से अकेला हो जाता है। वो अपने दोस्त समर को बुलाता है। वो दोनों आपस में बातचीत करते हैं। समर उसे हौसला देता है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। शेखर अपने को काम में बिजी कर लेता है। दो दिन बाद जब शेखर ऑफिस से निकल रहा होता है तभी उसे कुंदन का फोन आता है
अब आगे-
हैलो! सर मैं कुंदन बोल रहा हूं आपको एक बहुत जरूरी बात बतानी थी।
बोलो!
सर आपकी वाइफ कल से ऑफिस ज्वाइन कर रही हैं।
उन्हें गवर्नमेंट ने सिक्योरिटी दी है।
अब हमें क्या आर्डर हैं???
तुम अपना काम करते रहो।
शेखर ड्राइव करते हुए सोचने लगा, क्या जरूरत थी उसे ऑफिस जाने की???
जाने क्या करना चाहती है?? जिद के अलावा उसे और आता ही क्या है???
वैसे भी अपनी तरफ से तो वह हमारा रिश्ता खत्म कर ही चुकी है।
उसने एक गहरी सांस ली।
वो बहुत अपसैट था इसलिए घर पहुंच कर वह सीधे अपने रूम में चला गया।
दादी और मम्मी ने एक दूसरे की तरफ देखा दादी कहने लगी कि इसे क्या हुआ है?? जबसे प्रिया गई है तबसे शायद इसका मन नहीं लग रहा है।
हो सकता है।
बहुत प्यार करता है उससे। शुक्र! है कि वो इसके जैसी नहीं है।
समझदार लड़की चुनी है। इसके जैसी नासमझ होती तो हमें दो दो नासमझ लोगों को सम्हालना पड़ता कहते हुए शेखर की मम्मी हंस पड़ी।
तुमने प्रिया से बात की???
जी कल हुई थी।
जरा मेरी भी बात कराओ दादी ने कहा। उन्होंने फोन मिलाया।
हैलो प्रिया!
प्रणाम! मम्मी
कैसी हो बेटा?? जी मम्मी मैं ठीक हूं। आप और दादी कैसे हैं?? पापा जी कैसे हैं??
सब ठीक हैं बेटा
बस मेरे बेटे को कुछ हो गया है। प्रिया ये सुनकर घबरा गई।
क्या हुआ मम्मी??
लो दादी से बात करो।
हां बहू रानी कैसी हो???
दादी प्रणाम
खुश रहो
मैं बिल्कुल ठीक हूं। पर जब से तुम गई हो मेरा पोता कुछ बावला सा हो गया है उन्होंने हंसते हुए कहा।
वो चुप रही। सुन रही हो जी दादी!
वो खाना भी सही से नहीं खा रहा है न हमसे सही से बात कर रहा है। तुम तो पक्की जादूगरनी हो। मेरे पोते का क्या हाल कर दिया है??
लगता है जब तुम आओगी तभी सब कुछ सही होगा।
जी दादी
उनसे बात करने के बाद प्रिया बहुत परेशान हो गई।उसे बार बार शेखर का ख्याल आ रहा था।
काफी सोच कर उसने शेखर को फोन मिला दिया।
फोन नहीं उठा जरूर इतनी रात में बाहर ही होंगे।
उसने अपने फोन की गैलरी खोली और शेखर के
फोटोज देखने लगी। पता नहीं क्यों?? पर उसका मन भीग गया।
उसने फोटो पर हाथ फेरा और आप ऐसा क्यों कर रहे हैं शेखर??? उसकी आंखे नम हो गईं।
उसने दोबारा फोन मिलाया। इस बार शेखर ने फोन उठा लिया।
हैलो शेखर!
कुछ देर चुप्पी छा गई।
कहीं बाहर हैं??? नहीं
घर पर हूं।
कैसे हैं????
मेरा हाल सुनोगी???
तो सुनो! घुट घुट कर मर रहा हूं उसने बेहद गुस्से से कहा।
जिससे तुम खुश रह सको और खुशी से अपने इगो के साथ जी सको।
शेखर! ऐसा न कहें।
आज दादी और मम्मी का फोन आया था लगता है,
आपने अभी तक किसी को कुछ नहीं कहा है ???
नहीं मेरी हिम्मत नहीं है।
ऐसा करो तुम फोन करके खुद बता दो।
जब सब कुछ खत्म कर रही हो तो उन्हें भी पता चलने दो।
मैं उनका दिल नहीं तोड़ पाऊंगा।
अच्छा ही है जितनी जल्दी ये सब खत्म होगा उतनी जल्दी तुम आजाद हो जाओगी।
शेखर! प्रिया का स्वर बहुत कोमल था।
इतना गुस्सा ठीक नहीं है।
शेखर ने फोन रख दिया।
शेखर प्रिया के बारे में सोच रहा था
ओह! तुम कितनी बेरहम हो।
मेरी तो क्या तुम्हें किसी की परवाह नहीं है।
मैं दादी और मम्मी को क्या जवाब दूंगा???? वो बिस्तर पर लेट कर सोच ही रहा था। इतने में मम्मी आ गई उन्हें देख कर वह सकपका गया।
मॉम मैं नीचे आ रहा था।
इतने उदास क्यों हो??? नहीं उदास तो नहीं हूं।
प्रिया से मिलने गए थे।
“नहीं”
बुद्धू इतनी याद आ रही है तो कल मिल आओ।
ये आजकल के बच्चे भी न…… मुस्कराते हुए उन्होंने उसकी तरफ देखा।
आओ डिनर करते हैं। चलिए मॉम मैं चेंज करके आता हूं।
उधर शेखर से बात करके प्रिया का दिल बहुत बेचैन हो गया। वो बाहर लॉन में घूम रही थी।
बच्चे उसके पास आए मौसी हम आपके साथ सोएंगे। उसने हंस कर दोनों को गले लगा लिया। दी भी बाहर आ गई। शेखर से बात हुई उसने हां में सिर हिला दिया।
जरा मुझसे बात कराओ ये सुन कर प्रिया डर गई। दी वो सो गए होंगे। अभी तो साढ़े नौ बजे रहे हैं। इतनी जल्दी कोई नहीं सोता। दी उनके सिर दर्द हो रहा है।
दी ने फोन मिलाने लगीं तो प्रिया ने उनके हाथ से फोन ले लिया।
दी अभी रहने दीजिए। दोनों बहनें कुछ देर तक बात करतीं रहीं फिर सोने चली गईं।
प्रिया की आंखों में नींद नहीं थी। वो दी को अगर बता देगी तो दी उसे कभी माफ नहीं करेंगी।
अगले दिन जब वह ऑफिस गई तो वहां उसका बहुत वार्म वेलकम हुआ। सब उससे बातें करने को बेताब थे।
आशुतोष और सुधीर डंग ने मुस्करा कर विश किया।
मैम आप बहुत दिनों बाद वापस लौटी हैं हम तो सोच रहे थे कि मिस्टर राजशेखर बाधवा की वाइफ को इस जॉब की जरुरत होगी भी या नहीं????
वो मुस्कुरा दी मेरा काफी काम पैंडिंग पड़ा हुआ है उसे निबटा कर फिर आप सबसे बात करती हूं।
वो बाहर निकले ही थे कि कंचन अंदर आ गई।
“गुड मार्निंग मैम” आप कैसी हैं। मैं बिल्कुल ठीक हूं।
आपको देख कर खुशी हुई। हम तो सोच रहे थे कि शायद आप हनीमून के बाद ऑफिस ज्वाइन करें।
मैम शादी में हमें बुला रही हैं न
क्या ऐसा हो सकता है कि तुम्हें ना बुलाऊं???
उसके जाने के बाद प्रिया सोचने लगी कि सब शादी का इंतजार कर रहे हैं और मैं किसी से कुछ कह भी नहीं सकती।
शाम को ऑफिस से घर आ कर वह बेहद थक गई थी। फ्रैश हो कर दी के पास किचन में चली गई।
दी उसे देखकर बड़े प्यार से बोलीं बहुत थक गई हो।
आज काफी दिनों बाद गई हो इसलिए देखो चेहरा कितना मुरझा गया है।
चाय पी कर बाहर बैठते हैं।
देखो! डिनर में सब तुम्हारी पसंद का बनवा रही हूं। ग्रिल्ड चिकन, फिश करी, ग्रिल्ड वेजिटेबल देख कर प्रिया चौंक गई। दी मैं तो वेजीटेरियन हूं। कुछ दिन मैं यहां नहीं आई तो आप मेरी पसंद भूल गई।
ये सब कैसा खाना है दी???
अरे! तेरे जीजा जी के दोस्त आ रहें हैं इसलिए उनके लिए बनवाया है।
तेरे लिए भी बहुत कुछ बन रहा है। अब तू अच्छे से तैयार हो जा तू भी तो साथ में डिनर करेगी।
वो लोग आने वाले हैं।
प्रिया अंदर आई उसने मिरर में देखा चेहरा वाकई में बहुत बुझा हुआ लग रहा था।
उसने जल्दी से लैमन येलो कलर का सूट पहना कानों में मोती पहने हल्का सा टचअप करके खुद को देखा तो उसे शेखर याद आ गया।
अभी वो होता तो क्या कहता?? सोच कर एक पल के लिए उसके चेहरे पर स्माइल आ गई।
पर अगले पल आंखों में आसूं उमड़ पड़े।
सब कुछ खत्म हो रहा है उसने अपने आप से कहा।
तभी बाहर गाड़ी आ कर पोर्च में खड़ी हुई तो दी और जीजा जी दोनों बाहर चले गए।
जब मेहमान अंदर आए तो प्रिया देख कर चौंक गई।
मेहमान कोई और नहीं समर और शेखर थे।
प्रिया अजीब सी खुशी महसूस कर रही थी।
समर ने आगे बढ़कर उसे विश किया।
हैलो! भाभी
प्रिया ने हल्के से मुस्कुरा कर जवाब दिया।
वो शेखर की तरफ देख रही थी पर शेखर उसे इग्नोर कर रहा था।
शेखर! तुम यहां आने के लिए टाल-मटोल क्यों कर रहे थे?? क्या ससुराल से खफा हो?? दी ने मुस्कराते कहा।
नहीं दीदी कुछ जरूरी काम आ गया था आज नहीं आता तो दूसरे दिन आता।
आपने कहा तो मना करने का सवाल ही नहीं उठता।
मैं मेरे अपनों को कभी हर्ट नहीं करता उसने प्रिया की तरफ देखते हुए तंज कसा।
आप तो मेरी भी दीदी हैं।
ये बात तो है हमारा शेखर रिश्तों की बहुत कद्र करता है। दी ने बड़े प्यार से शेखर की तरफ देखते हुए कहा।
मैं मांजी से मिल कर आता हूं। वो खड़ा उठा कर मांजी से मिलने चला गया।
प्रिया को बड़ा आकवर्ड फील हो रहा था।
मांजी से मिल कर जब वह बाहर आया तो उसकी नजरें प्रिया से टकरा गई तो उसने मुंह फेर लिया।
समर प्रिया से बात करने लगा। भाभी! आपसे ढंग से बात करने का मौका ही नहीं मिला। पर आज मुझे आपसे ढेर सारी बातें करनी हैं।
“लैटस गो, यू हैव सम ड्रिंक्स” प्रिया के जीजा जी ने कहा।
“यस आई विल हैव” समर ने कहा
दी जीजा जी को डांटते हुए बोली नहीं आप बिल्कुल नहीं लेंगे।
मैं सिर्फ मेहमान नवाजी करूंगा जीजा जी मुस्कराते हुए कहा।
आओ शेखर!
शेखर तो ड्रिंक नहीं करता, समर ने शेखर की तरफ देख कर कहा।
आज मैं भी आप लोगों का साथ दूंगा कहते हुए उसने प्रिया की तरफ देखा।
समर! आप जीजा जी के साथ जाइए मुझे इनसे कुछ बात करनी है प्रिया ने बोलते हुए शेखर की तरफ देखा।
शेखर वहीं पर रूक गया।
चलो भई लव बर्डस को यहीं पर छोड़ दो और तुम भी डिनर का इंतजाम देखो जीजा जी ने दी से कहा।
दी मुस्कराते हुए अंदर चली गईं।
अब प्रिया और शेखर खड़े थे। शेखर ने प्रिया की तरफ पीठ करके खड़ा हो गया। आप ड्रिंक करेंगे???
वो चुपचाप खड़ा रहा।
शेखर! मैं आपसे कुछ पूछ रही हूं।
किस हक से??? अब मुझ पर तुम्हारा कोई हक नहीं है।
मुझसे दूर रहो।
मैं यहां सिर्फ दीदी की वजह से आया हूं क्योंकि मैं उन्हें दुःख नहीं देना चाहता था।
वो अंदर जाने के लिए मुड़ा तो प्रिया ने कहा
मैं मना कर रही हूं न आप नहीं जाएंगे वो उसके करीब आ कर खड़ी हो गई।
शेखर ने उसकी तरफ देखा तुम्हें कोई हक नहीं है।
मुझे हक है क्योंकि मैं आपकी….. वह कहते हुए रूक गई।
जिस रिश्ते को तुम बोल नहीं सकती उसको छोड़ दो।
इसलिए अब तुम आजाद हो और मैं भी, बख्श दो मुझे??
प्रिया की आंखें भर आईं।
ये आंसू क्यों?? तुम यही तो चाहती थीं।
बधाई! हो मिस प्रिया उसने व्यंग से कहा।
एक बात और ये हमारी आखिरी मुलाकात है। अब हम कभी नहीं मिलेंगे।
शेखर! वो उसके करीब आई और उसने शेखर के सीने पर अपना सिर रख लिया।
नहीं इतनी छोटी बात के लिए मैं आपको नहीं खो सकती।
मुझसे शादी करने के लिए आपके पास जो भी वजह हो
पर मेरे पास आपसे शादी करने की सबसे बड़ी वजह यह है कि मैं आपसे प्यार करती हूं। ये मुझे इन दो तीन दिनों में समझ आ गया है।
तुम्हें मुझसे ज्यादा अपने इगो की जरूरत है शेखर ने उसकी आंखों में देखा, तुम्हें एक पल के लिए भी ऐसा नहीं लगा कि मुझ पर क्या बीत रही होगी???
अब मैं तुम पर भरोसा नहीं करूंगा। क्या पता तुम कल दूसरी बात का इश्यू बना दोगी।
शेखर प्लीज माफ कर दीजिए प्यार से बढ़ कर कुछ नहीं है।
क्या आप सच में इस शादी को तोड़ना चाहते हैं???
मैं दादी, मम्मी,पापा, दी और जीजा जी का दिल नहीं तोड़ सकती उसका गला भर आया।
और मेरे दिल का क्या??? वो तो तुमने फुटबॉल समझ लिया है जब चाहे इधर उधर फेंक दो।
शेखर ऐसा नहीं है उसके आंसू निकल आए।
आपके बिना मैं जी नहीं पाऊंगी रोते हुए उसका चेहरा लाल हो गया।
रोना बंद करो, शेखर ने कस कर उसे अपनी बाहों में बांध लिया अब उसका लहजा नर्म था।
मुझे पता है कि तुम एक शक्की वाइफ बनोगी और मेरा जीना हराम कर दोगी।
हां बिल्कुल, प्रिया ने उसके बालों को छुआ।
वो अपने होंठ उसके होंठों के करीब ले आया। उस नशे के लिए मना कर रही हो तो मैं ये नशा कर लेता हूं।
प्रिया सभंल कर दूर हट कर गई, अच्छा तो आप मुझे तंग करना मिस कर रहे थे।
शेखर ने उसका हाथ पकड़ लिया।
आपको समझ आ रहा है कि आप कहां खड़े हैं??
ये मेरी दी का घर है।
तो क्या हुआ? जब लाइसेंस मिल जाएगा फिर कैसे रोकोगी???
मुस्करा कर इधर उधर देखते हुए प्रिया ने अपना हाथ छुड़ा लिया।
इतने में शेखर का फोन बज उठा।
उस पर जो नाम फ्लैश हुआ वो था “रिनी खन्ना”
क्रमशः
©® रचना कंडवाल