एक बार फिर (भाग 24) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

प्रिया और उसकी सासू मां डिजाइनर के पास जाते हैं।

पर शेखर नहीं आता।

वो एक सुनसान जगह पर खड़ा था। तभी एक ब्लैक कलर की मस्टैंग आ कर रूकती है। उसमें से दो लंबे चौड़े आदमी निकलते हैं और वह उनसे कहता है कि काम हो गया???

यस सर

“ओके”

अब आगे-

ये मेरी गाड़ी की चाबी लो और वापस ले जाओ।

पर सर आप अकेले जाएंगे???

हमें आपके साथ रहने का आर्डर है।

डोंट वरी

जैसा कहा है वैसा ही करना।

वो उसकी गाड़ी में चले गए।

शेखर दूसरी गाड़ी लेकर चला गया।

निभा प्रिया की सासू मां के जिद करने पर वापस चली आई।

निभा! बेटा तुम भी मेरे लिए प्रिया जैसी हो। कोई भी तकलीफ हो तो बेझिझक हमें बताना। तुम पहले ही इतनी परेशान हो ऊपर से प्रिया की शादी भी नजदीक आ रही है। दादी ने कहा।

नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। प्रिया की शादी मेरी मां का आखिरी सपना था उसे पूरा होते हुए देख कर मैं बहुत खुश हूं मां भी शायद देख रही होगीं। कहते हुए उसकी आंखें नम हो गई।

प्रिया की सासू मां निभा के करीब बैठी हुई थीं उन्होंने उसकी पीठ पर हाथ फेरा।

निभा! ये खुशी का मौका है उदास नहीं होते।

जिस मां की ऐसी संस्कारी बेटियां हों वो मां बहुत खुशकिस्मत है।

उन्हें तुम पर जरूर गर्व हो रहा होगा।

अच्छा तुम्हें एक बात पूछ रही हूं कि अब एक दिन हमारे ज्वेलर्स के पास भी जाना पड़ेगा तुम बता देना तुम्हें कब टाइम है???

हमारे घर की इकलौती शादी है। मैं चाहती हूं कि मेरे सब अरमान पूरे हों।

मेरी बहन बहुत किस्मत वाली है जो उसे आप जैसा परिवार मिला है।

प्रिया सुन कर शरमा रही थी।उसके चेहरे की चमक उसकी खुशी बयां कर रही थी।

अब तुम दोनों बहनें बात करो ड्राइवर तुम्हें घर छोड़ आएगा निभा और तुम्हारा फैमली डिनर भी यहीं से पैक हो कर जाएगा।

बच्चों से पूछ लो वो क्या खाएंगे मैं शेफ को कह देती हूं।

आप परेशान न हों घर पर खाना तैयार हो रहा है।

बल्कि मुझे निकलना चाहिए देर हो रही है।

दी थोड़ी देर मेरे साथ बैठिए न प्रिया ने कहा

वो उसके साथ ऊपर रूम में चली गई।

वहां उन्हें ‌प्रिया ने कस कर गले लगा लिया दी प्लीज गुस्सा थूक दीजिए। सॉरी दी

छोड़ो मुझे दी ने कहा मैं तब तक नहीं छोडूंगी जब तक आप गुस्सा हैं।

अच्छा बाबा नहीं हूं गुस्सा दी ने हंसते हुए कहा।

उसने छोड़ दिया दोनों बहनें खिलखिला कर हंस पड़ीं।

तुम कब आओगी?? दी‌ बोली

दी इन्होंने कहा है कि ये ही मुझे आपके घर छोड़ेंगे।

बहुत जिद्दी हैं। नाराज हो गए थे कि तुम यहां से क्यों जा रही हो।

तो ऐसी बात है प्यार बढ़ता ही जा रहा है। दी ने हंसते हुए कहा।

प्रिया इस घर में सब बहुत अच्छे हैं शादी के बाद शिकायत का कोई मौका मत देना।

हां सब बहुत अच्छे हैं दी

मुझे देर हो रही है बच्चे इंतजार कर रहे होंगे मैं निकलती हूं।

वो दोनों नीचे आ ग‌ए।

नीचे दादी और शेखर की मां से मिल कर दी निकल ग‌ईं।

दी के मना करने पर भी प्रिया की सासू मां ने बहुत सारे गिफ्ट्स बच्चों के लिए भेज दिए।

उधर शेखर एक लंबे सफर के बाद ऊंचाई पर बने एक खूबसूरत बंगले के गेट पर पहुंच चुका था। उसने हा‌र्न बजाया

दरबार ने गेट खोल दिया। बंगला हाई सिक्योरिटी से लैस था।

वो अंदर दाखिल हुआ।

उसने इधर उधर नजरें दौड़ाई वहां उसे कोई नहीं नजर आया।

इतने में एक आदमी आया और उसके सामने कर खड़ा हो गया।

गुड इवनिंग सर!

क्या यहां कोई नहीं है???

इतने में एक खूबसूरत लड़की आई और उसे देखकर मुस्कुराते हुए उसके गले से लग गई।

हाय डियर! आज तो एक अर्से बाद यहां आए हो।

शेखर ने एक सरसरी निगाह उस पर डाली और उसे एक तरफ कर दिया।

तुम्हारे भाई और पापा कहां हैं???

पापा तो घर पर हैं।

पर विक्रांत भाई पता नहीं कहां ग‌ए हैं???

फोन करो उसे और बताओ कि मैं आया हूं।

इतने में एक बूढ़ा आदमी स्टेयर से नीचे उतरा गोरा रंग,ग्रे हेयर, लंबा कद उसने ऑफ व्हाइट कलर का कुर्ता पायजामा पहना हुआ था। गले में सोने की मोटी सी चेन हाथ में रोलेक्स की घड़ी कुल मिलाकर चेहरे से र‌ईसी टपक रही थी।

ओहो! आज राजशेखर साहब तशरीफ लाए हैं उसने व्यंग से कहा।

वो आकर हॉल में लगे सोफे पर बैठ गया।

उसने शेखर को बैठने को नहीं कहा और लग रहा था कि शेखर भी बैठने में इंटरेस्टेड नहीं था।

शेखर ने उसे देखते हुए कहा कैसे हैं मिस्टर खन्ना???

अब हम इतने गैर हो ग‌ए हैं कि न कोई आदर न सम्मान??

अंकल से सीधे मिस्टर खन्ना पर भेज दिया तुमने

वो लड़की वहीं पर खड़ी थी।

तुम क्यों खड़ी हो??? यहां आकर मेरे पास बैठो।

वो जाकर बैठ गई।

आपका बेटा कहां है मुझे उससे बात करनी है।

पहले मुझसे भी कुछ बात कर लो ऐसी क्या नाराजगी है??

मानना पड़ेगा तुममें काफी हौसला है। इसलिए शेर की मांद में अकेले चले आए।

क्योंकि राजशेखर बाधवा जानवरों से मुकाबला करना जानता है। शेखर ने तल्ख लहजे में कहा।

मेरे पास फिजूल बहस और फिजूल लोगों के लिए वक्त नहीं है।

विक्रांत! उसने जोर से आवाज दी।

मेरे घर में खड़े हो कर इतनी जोर से चिल्लाने की तुम्हारी जुर्रत कैसे हुई??? मिस्टर के के खन्ना ने गुस्से में गुर्राते हुए कहा।

तभी एक शख्स ने घर में ‌प्रवेश किया और वह आकर शेखर के सामने खड़ा हो गया।

आने वाला बंदा लगभग शेखर की उम्र का देखने में हैंडसम ऊंची कद काठी का था।

तुम यहां क्या लेने आए हो ??? यहां तुम्हारे साथ कुछ भी हो सकता है।‌

ओह गॉड भाई चुप करें वो यहां मेरे लिए आया है वो हमेशा यहां मेरे लिए आता है। वो लड़की बड़ी अदा से मुस्कुरा दी।

रिनी चुप करो दो दुश्मनों के बीच में तुम मत आना।

शेखर बाधवा तुम्हारी यहां आने की हिम्मत कैसे हुई। हो सकता है कि तुम यहां से बाहर न जा पाओ मैं तुम्हें यहीं दफन कर सकता हूं।

या मैं मीडिया में यह कह दूं कि तुमने मेरे घर आकर मुझ पर गोली चलाई है तो???

कोशिश कर के देख लो। अगर राजशेखर बाधवा यहां अकेला आया है तो कुछ न कुछ इंतजाम तो किया ही होगा??

क्या मैं तुम्हें इतना बेवकूफ नजर आता हूं???

एक बात सुनो बाहर जो मस्टैंग खडी है उसका तो अभी नंबर भी नहीं है क्यों??? जरा सोच कर देखो

अगर मैं निश्चित समय पर घर नहीं पहुंचा तो मेरे आदमी मुझे ट्रैक करते हुए यहां पहुंच जाएंगे। वो मुझे ट्रैक कर रहे हैं।

नंबर ‌एक मैं अपने दुश्मनों को कभी नहीं भूलता

दूसरा मैं झुंड लेकर साथ नहीं चलता।

तीसरा मुझे तुम्हारी तरह हाय-तौबा मचाने का शौक नहीं है।

अब‌ मैं जो तुमसे कहने आया हूं उसे गौर से सुनो।

मुझ पर जो गोली चली थी वो तुमने चलवाई थी मैं अच्छे से जानता हूं।

और क्यों चलवाई थी ये तुम जानते हो?

उस दो टके की लड़की ने मेरी बहन की जगह ले ली मैं ये कैसे बर्दाश्त कर सकता हूं?? विक्रांत गरज उठा।

खबरदार ! उसके लिए एक शब्द भी कहा तो मैं किसी भी चीज का लिहाज नहीं करूंगा। शेखर ने गुस्से में उसका कॉलर पकड़ लिया।

तभी रिनी ने कहा शेखर छोड़ो उसे। ‌शेखर ने उसे छोड़ दिया।

तुम्हारे साथ रिश्ता खत्म होने की‌ वजह तुम खुद थी और कोई था तो तुम्हारा ये भाई और ‌तुम्हारे पापा

तुम मुझसे प्यार करती थीं या ये रिश्ता बिजनेस डील का पर्पज था।

शादी से पहले अपनी‌ डिमांड्स याद‌‌ हैं तुम्हें

अच्छा हुआ तुम लोगों की सारी सच्चाई मुझे पता चल गई।

और हां रिनी तुम तो मेरी लांग टाइम गर्ल फ्रेंड रही हो। तुम अच्छे से जानती हो कि मैं जितनी शिद्दत से प्यार करता हूं। नफरत भी उतनी ही शिद्दत से करता हूं।

और प्रिया तुम क्या बराबरी करोगी उसकी ???

आज सिर्फ समझाने आया हूं और उम्मीद कर रहा हूं कि अब तुम्हें समझ आ गया होगा।

उसने विक्रांत की तरफ़ देखते हुए कहा।

तुम्हारी वजह से हमें बिजनेस में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हम आज तक कर रहे हैं।

अपनी इस बहन के जरिए हमारे बिजनेस में फिफ्टी पर्सेंट की पार्टनरशिप का सपना देख रहे थे लेकिन इस की वजह से ये सपना टूट गया क्योंकि तुमने इसे हर चाल सिखाई पर सब्र करना नहीं सिखाया।

लेकिन ये तो तुम्हारे खून में है चालाकी धोखेबाजी है न मिस्टर खन्ना

विक्रांत खन्ना क्रोध में उबलने लगा उसने मुट्ठियां भींच लीं।

निकल जाओ मेरे घर से कि इससे पहले मैं कुछ कर बैठूं।

तुम चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते।

“बाइ द वे” ये चोरी छिपे अटैक करना बंद करो नहीं तो किसी दिन ऐसे फंसोगे कि तमाम रास्ते बंद हो जाएंगे।

वो बाहर जाने के लिए मुड़ा ही था कि पीछे से रिनी ने आवाज दी

शेखर माई लव तुमने तो मुझे भुला दिया पर तुम्हारी प्यारी होने वाली वाइफ के लिए मेरे पास बहुत कुछ है जो दुनिया की नजरों से छिपा हुआ है।सोच रही हूं कि उसे दिखा दूं वो हंसते हुए बोली।

तुमसे मुझे और कोई उम्मीद नहीं है यह कह कर वह झटके से बाहर निकल गया।

“बास्टर्ड” विक्रांत गुस्से से चिल्लाया।

भाई अब बस करो क्यों अपना बीपी हाई कर रहे हो वो चला गया है।

इसे मैं मिट्टी में मिलाकर रहूंगा।

इधर शेखर ड्राइव करते हुए रिनी के बारे में सोच रहा था कि कितनी गिरी हुई लड़की है मैंने तो उसे दिल से चाहा था। बात शादी तक पहुंच चुकी थी। सेल्फिश गर्ल

सोचते सोचते उसका सिर दुखने लगा।

घर पहुंचा तो दस बज चुके थे।

डिनर करने का उसका मन नहीं था। वो सीधे अपने रूम में चला गया।

उसने अपना फोन ऑन किया तो पापा, मम्मी प्रिया सबके कॉल थे।

वो मम्मी पापा के रूम में गया। तो पापा बेहद नाराज थे। उन्होंने उसे बुरी तरह डांट दिया।

मम्मी ने उससे बात नहीं की।

वहां से डांट खा कर वह अपने रूम में आया उसने ब्लेजर उतार कर बैड पर फेंक दिया और आंखें बंद कर के लेट गया।

यही कोई पंद्रह मिनट तक लेटे रहने के बाद वह उठा बाथरूम में जाकर हाथ मुंह धोकर थकान उतारने के लिए सोने की तैयारी करने लगा। पर सिर दर्द से फटा जा रहा था।

एक पेन किलर खा लूं नींद भी आ जाएगी।

इतने में डोर पर नॉक हुआ। उसने खोला तो देखा कि प्रिया थी

वह अंदर आ गई।

आज आप देर से वापस आए‌ हैं।

वो चुप था।

क्या हुआ

वो उसका चेहरा देख रही थी।

बहुत सिर दर्द है। पेन किलर ले लेता हूं।

कुछ खाया आपने???

मन नहीं है।

खाली पेट दवा न खाएं।

उसने दूध और बिस्किट मंगा लिए।

शेखर ने एक बिस्किट खा लिया।

दूध नहीं लूंगा। इससे नींद अच्छी आएगी। पी लीजिए।

उसने जिद करके उसे दूध पीने को कहा।

दवा लेने के बाद प्रिया ने उससे पूछा यहां ऑयल है ‌लाइए मैं सिर पर मसाज कर देती हूं आपको आराम मिलेगा।

वो नीचे कार्पेट पर बैठ गया।

प्रिया उसके सिर पर मसाज करने लगी वो खामोश था।

बहुत ज्यादा दर्द है उसने कोमलता से कहा।

उसने हां में सिर हिलाया।

काफी देर तक मसाज करने के बाद शेखर को अपना सिर हल्का महसूस होने लगा।

अब थोड़ा आराम आया।

तुम्हारे हाथों में तो जादू है।

उसने उसके हाथों को अपनी गर्दन के इर्द गिर्द लपेट लिया।

थैंक्यू मेरी लाइफ में आने के लिए कहते हुए वो इमोशनल हो गया।

क्या बात है??? देख रही हूं आप परेशान हैं।

इस समय आराम करें। ज्यादा बात करेंगे तो आराम नहीं मिलेगा।

कुछ देर बैठोगी???

वो बैड पर लेट गया। उसने आंखें बंद कर ली।

प्रिया बैठ कर उसके बालों में उंगलियां फेरने लगी।

उसे देखकर उसके दिल में प्यार उमड़ आया। उसने झुक कर उसका माथा चूम लिया।

उसके होंठों का स्पर्श पाकर शेखर आंखें खोल उसे देख कर मुस्कराया। प्रिया शरमा कर उठ खड़ी हुई।

मैं चलती हूं अब आप सो जाइए।

उसने उसका हाथ पकड़ लिया।

मैंने कुछ नहीं देखा। तुम बैठो न

मुझे तुम्हें कुछ बताना है?? कुछ ऐसा जो तुम नहीं जानती।

मेरे लिए किसी भी बात से ज्यादा जरूरी आप हैं। इस समय बात करेंगे तो सिर दर्द बढ़ जाएगा कल बात करते ह

नहीं करूंगा बैठ जाओ कोई बात नहीं करूंगा।

वो बैठ कर उसके बालों में उंगलियां फेरने लगी। उसे नींद आ रही थी।

वो जब तक सो नहीं गया वो बैठी रही।

क्रमशः

©® रचना कंडवाल

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