एक बार फिर (भाग 20) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

प्रिया की मुलाकात शेखर से डिनर टाइम में होती है।
डिनर के बाद शेखर प्रिया के रूम में आता है जहां ‌प्रिया और उसके बीच बातचीत होती है वो उसे चिढ़ाता है। पर प्रिया के कहने पर वो रुम से बाहर चला जाता है ।
प्रिया सोचती है वो इस फ्लोर पर नहीं रहेगी
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सोचते-सोचते उसे नींद आ गई। सुबह जल्दी उठी नहा कर पूजा के लिए तैयार होने लगी।
सोनिया आ गई थी। उसने अपने बालों को धो रखा था सोनिया ड्रायर करते हुए बोली मैम आपके बाल बहुत सुंदर हैं। “अच्छा”वो मुस्कुराई और आप बहुत खूबसूरत हैं।
आपकी पैदाइश पहाड़ की है???
क्यों???? आपका रंग इतना अधिक गोरा है इसलिए पूछ रही हूं।
मैं यहां देखती हूं अधिकतर पहाड़ी लड़कियां बहुत फेयर होती हैं।
तुम यहां की रहने वाली नहीं हो।
नहीं, मैं यहां जॉब के लिए आई हूं।
चलिए आपको साड़ी पहना दूं। सासू मां ने जो साड़ी भिजवाई थी बहुत खूबसूरत गोल्ड महरून कांबिनेशन की सिल्क साड़ी जिसको पहन कर उसका रूप खिल उठा साड़ी का रंग और उसका रंग एक दूसरे को कॉम्पलीमेंट कर रहे थे।
ब्लाउज स्लीवलेस था। उसे आश्चर्य हुआ कि उसे इतने अच्छे से फिट कैसे हुआ???
हेयर स्टाइल कैसा रखूं??? ऐसे ही रहने दो।
उसने बालों को खुला छोड़ दिया।
तभी डोर खुला और शेखर रूम में दाखिल हुआ।
ऑफ व्हाइट शेड का कुर्ता पहने हुए बहुत ही हैंडसम लग रहा था। प्रिया को देख कर तो जैसे पलकें झपकाना ही भूल गया।
गुड मॉर्निंग सर!
गुड मॉर्निंग सोनिया, उसने सोनिया को जाने का इशारा किया।
सोनिया के जाने के बाद उसने बड़ी अदा से उसकी तरफ देखा, और सीटी बजाई “वाऊ” बिल्कुल कातिल
मुझे पता है प्रिया ने लापरवाही से कहा।
बहुत लोग ऐसा कहते हैं। उसने उसे चिढ़ाने के लिए कहा।
ये हक सिर्फ मेरा है।
अगर कोई तारीफ करता है तो मैं उसे मना नहीं कर सकती।
अभी तो मेरी शादी भी नहीं हुई है। फिर तारीफ किसे पसंद नहीं होती।
मुझे बहुत तारीफें मिलती हैं।
उसे महसूस हो रहा था कि जनाब कुढ़ रहे हैं।
चलिए अब ऐसे क्या देख रहे हैं??? मुझे मम्मी ने नीचे बुलाया है।
वो नीचे उतर कर मम्मी के रूम चली गई पीछे पीछे शेखर भी आ गया।
उसने उनके पैर छुए तो वो उसे अपलक निहारने लगीं।
बहुत खूबसूरत लग रही हो। ‌ प्रिया ने धीरे से शेखर की तरफ देखा।
मानो कहा हो कि सुन लो।
प्रिया बेटे यहां आओ।
शेखर ये नेकलेस प्रिया को पहना दो। तुम्हारी दादी मां ने मुझे दिया था अब मैं ये प्रिया को दे रही हूं। ये खानदान की निशानी है ये रिवाज पीढ़ियों से चल रहा है। पूजा में इसको पहन कर बैठना शुभ होगा।
बहुत कीमती सोने का जड़ाऊ हार उसके साथ इयरिंग्स भी थे।
शेखर ने उसे प्रिया को पहना दिया।
ये इयरिंग्स भी पहन लो। और मंदिर में आ जाओ पंडित जी आ ग‌ए हैं। ऐसा कह कर वह बाहर निकल ग‌ईं।
लाओ मैं पहना देता हूं। नहीं आप दूर खड़े रहिए मैं खुद पहन लूंगी।
अब तो मैं पहना कर रहूंगा। कैसे रोकोगी??? वो मुस्कराया।
उसने जबरदस्ती उसे अपनी तरफ खींचा।
देखिए मुझे दर्द हो रहा है।
ये तुम्हारा ऑलटाइम फेवरेट बहाना हो गया है।
एक तो हैल्प कर रहा हूं और तुम हो कि हैल्प नहीं लेना चाहती हो।
उसने उसे इयरिंग्स पहना दिए। सच में जब से तुम्हें मुझसे प्यार हुआ है तुम निखर गई हो।
हां सब आपकी मेहरबानी है। चलें???
दोनों मंदिर चले गए। वहां दादी और शेखर के मम्मी पापा मौजूद थे। दादी ने उसे देखते हुए कहा अब लग रही हो बाधवा खानदान की बहू
उसने भगवान जी के चरणों में माथा टेका और फिर पंडित जी और सब बड़ों को प्रणाम किया।
साक्षात लक्ष्मी है बहू पंडित जी ने आशीर्वाद देते हुए कहा।
पूजा पूरे विधि-विधान के साथ सम्पन्न हुई। दादी ने दादा जी की तस्वीर के आगे दोनों को खड़ा करके इमोशनल होते हुए कहा कि ये आपकी पतोहु है इसे आशीर्वाद दीजिए। काश! आप यहां होते उनकी आंखें भर आईं।
तभी शेखर ने प्यार से दादी को गले लगा लिया। दादी आप दादा जी की तरफ से भी आशीर्वाद दो। अब तो आप ही सब कुछ हो । इस घर की फाउंडेशन आप हो और हमारे घर की फाउंडेशन, मेरी दादी बहुत स्ट्रांग है।
प्रिया महसूस कर रही थी इस इंसान के कितने रूप हैं।हर बार चौंका देता है कभी तो बेहद लापरवाह छिछोरा लगता है।पर अगले पल ही बहुत समझदार लगने लगता है।
ब्रेकफास्ट करते वक्त शेखर की मम्मी बोलीं प्रिया! हनीमून पर कहां जाने का सोचा है??? प्रिया ये सवाल सुन अचकचा गई। उसे सासू मां से कम से कम ऐसी उम्मीद नहीं थी।
उसके गाल सुर्ख हो ग‌ए उसने नजरें नीची कर ली शेखर उसे ही देख रहा था।
मॉम किसी को शर्म से लाल होने से फुर्सत मिले तो ही कुछ डिसाइड हो पाएगा।
चुप करो सब तुम जैसे बेशर्म नही होते। दादी ने उसे डांट दिया।
दादी आप मेरे साथ कुछ ज्यादा ही रूड नहीं हैं हर समय आपको मुझे डांटने का बहाना चाहिए।
नाश्ते के बाद प्रिया उठ कर अपनी सासू मां के साथ चली गई।
मम्मी ये लीजिए उसने हार और इयरिंग्स उतार कर सासू मां को दे दिए।
बेटा ये अब तुम्हारा है।
मम्मी मैं यहां बहू बन कर आऊंगी तब भी सब कुछ आप ही संभाल कर रखेंगी। केवल ये सब ही नहीं मुझे भी जैसे आप इन्हें प्यार करती हैं वैसे ही मुझे भी करेंगी न??? मम्मी मैंने अपनी मां को काफी पहले खो दिया था। मुझे मां चाहिए।
मुझे सिर्फ आपका साथ चाहिए और कुछ नहीं उसकी आंखों में आसूं आ ग‌ए।
ओहो!! मेरी बहू रानी उन्होंने उसे गले लगा कर उसके आंसू पोंछ दिए।
देखना मैं हमेशा तुम्हारे साथ खड़ी रहूंगी।
प्रिया वहां से अपने रूम में आ गई। आज उसे अपनी मां बहुत याद आ रही थी वो बेहद उदास हो गई। काफी देर तक रोती रही।
शेखर ऊपर आया तो प्रिया के रूम का डोर ओपन था।
प्रिया को उसके आने का पता नहीं चला। वो आकर उसके साथ बैठ गया।
उसका चेहरा देख कर वह समझ गया कि वो रो रही थी।
क्या हुआ???
कुछ नहीं उसने मुंह दूसरी तरफ फेर लिया।
उसने उसके फेस को अपनी तरफ घुमाया।
मेरी तरफ देखो??? क्या बात है??? उसके स्वर में नरमी थी।
आज मां याद आ रही है। वो फफक कर रो पड़ी।
शेखर ने उसे गले लगा लिया। धीरे धीरे उसने उसके सिर को सहलाते हुए कहा तुम रो सकती हो।
इन आंसुओं को रोको मत। तुम अकेली कहां हो???
मैं हूं तो तुम्हारे साथ। इनफैक्ट मैं ही नहीं हम सब हैं तुम्हारे साथ फिर निभा दीदी भी हैं न।
वो चुपचाप उसके सीने से लगी हुई रोती रही कुछ मिनट ऐसे ही बीत ग‌ए।
आज डाक्टर तुम्हारी ड्रेसिंग करने आ रहे हैं । मैं सोच रहा हूं कि उस समय खुद मौजूद रहूं। कितना ठीक हुआ है?? ये देखना पड़ेगा।
दर्द कम है पहले से ??? हां थोड़ा कम तो है।
एक बात पूछूं आपसे??? प्रिया अभी भी उसके करीब थी
पूछो???
जिंदगी में चाहे जैसी भी सिचुएशन हो आप कभी मुझे
छोड़ेंगे तो नहीं???
तुम्हें क्या लगता है?? पता नहीं
कभी नहीं छोडूंगा। मेरी तरफ देखो मैं कभी ऐसा नहीं करूंगा। उसने उसके आंसुओं को पोंछ दिया।
मुझे आपको कुछ बताना है। हां कहो उसने उसकी आंखों में देखते हुए कहा।
प्लीज पहले डोर बंद कीजिए। शेखर ने उठ कर डोर बंद कर दिया।
वो वापस उसके पास आकर बैठ गया। बताओ क्या बात है उसका स्वर गंभीर था।
ये बात मेरे अतीत से जुड़ी हुई है। जब मैं पढ़ाई कर रही थी उस दौरान मुझे किसी से प्यार हुआ था??? कहते हुए उसकी हिचकियां बंध गई।
उसका नाम अभय था। जानते हैं मुझे उससे प्यार था पर उसे मुझसे प्यार नहीं था वो तो बस मुझे एक गरीब घमंडी लड़की समझता था। एक ऐसी लड़की जो उसे कहती थी कि शादी से पहले इंटीमेट होना गलत है।
मेरी सेल्फ रेस्पेक्ट, मेरी इज्जत को अपने पैरों तले रौंदना चाहता था। मेरे करीब आने के बहाने तलाश करता था। पर मेरी मां ने मुझे एक बात सिखाई थी कि गरीब लोगों के पास इज्जत के सिवा कुछ नहीं होता। इसलिए लड़कियों को बहुत सभंल कर रहना चाहिए। एक दिन मैंने उसे किसी से बात करते हुए सुन लिया कि उसे मुझसे कोई प्यार नहीं है वो मुझे अपने बिस्तर तक ला कर मुझे सबक सिखा कर रहेगा।
मैंने उसे उसी समय छोड़ दिया।
ये मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा धोखा था। उसने एक गहरी सांस ली फिर मैंने किसी भी पुरुष पर यकीं करना छोड़ दिया।
बड़ी मुश्किल से मैंने खुद को खड़ा किया और अपनी एक पोजीशन बनाई।
दी ने मुझे मना किया था कि मैं आपको इस बारे में कुछ न बताऊं वो कहती हैं कि कोई भी पति अपनी पत्नी की लाइफ में किसी और का होना बर्दाश्त नहीं कर सकता।
चाहे वह अतीत ही क्यों न हो।
आप जब मेरी लाइफ में आए तो मुझे शुरूआत में आपसे बहुत डर लगता था।
फिर धीरे धीरे आप पर भरोसा करने लगी।
बहुत दिनों से सोच रही थी आपको बताने का जिंदगी की शुरुआत झूठ के साथ सही नहीं है।
आपसे बहुत प्यार करती हूं इसलिए आपको धोखा नहीं दे सकती।
आपका हर फैसला मुझे मजूंर है। मैंने सपने में भी ऐसी जिंदगी के बारे में नहीं सोचा था। न ये सोचा था कि
एक बार फिर
मुझे प्यार होगा। शेखर मुझे माफ़ कर दीजिए वो सुबक रही थी।
इतने में शेखर का मोबाइल बज उठा।
हैलो! डीजीपी सिंह का‌ फोन था।
गुड मॉर्निंग सर !
मिस्टर बाधवा! आप पर हमला करने वाला पकड़ा गया है।
आपको यहां आना होगा।
जी मैं वहां पहुंचता हूं।
अटैकर पकड़ा गया है मुझे वहां पहुंचना होगा।
वो तेजी से बाहर निकल गया।
प्रिया अब खुद को बहुत हल्का महसूस कर रही थी।
अलबत्ता दी से उसे बहुत डर लग रहा था।
और शायद इस बात का भी‌ डर था कि शेखर ने उसकी बात पर कोई रियेक्सन नहीं दिया था। और वह बिना कुछ बोले निकल गया था।
वो सोचने लगी कि क्या दी सही थीं??? अब क्या होगा???
शेखर कुछ भी सोच सकता है। हो सकता है वो ये सोचे कि मेरा अभय के साथ फिजिकल रिलेशन था और मुझे कैरेक्टर लूज लड़की समझेगा।
अब मैं क्या करूंगी??? सोचते सोचते उसके हाथ पैर ठंडे हो ग‌ए।
क्रमशः

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