एक बार फिर (भाग 18) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि शेखर और प्रिया डिनर के बाद
लॉन्ग ड्राइव पर जाते हैं जहां से वापस लौटते हुए कोई उन पर गोली चलाता है जो प्रिया को लगती है।
वह उसे हास्पिटल ले जाता है। वहां उसको एडमिट करता है।
मीडिया वाले वाधवा मेंशन पहुंच जाते हैं
शेखर मीडिया को बयान देकर घर में दाखिल हुआ। उसके मम्मी पापा भी आ चुके थे। वो अपने मम्मी पापा से कहता है कि प्रिया को यहां ले आते हैं।
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मॉम अगर हम उसे यहां ले आएं तो???
उसने अपनी मॉम की तरफ देखा।
उसके पापा ने कहा हमें कोई एतराज़ नहीं है।
पापा जब तक अटैक करने वाले का पता नहीं चल जाता।
तब तक हमें अलर्ट रहना पड़ेगा।
हमारे घर में हाई सिक्योरिटी है। इसलिए वो यहां सेफ रहेगी।
हां एक बात और मेरे कहने से वो यहां नहीं आएगी मॉम आपको उससे बात करनी होगी।
कोई बात नहीं मैं निभा और और प्रिया दोनों से बात कर लूंगी।
पापा आपको कोई ऐतराज तो नहीं है।
नहीं भला क्या ऐतराज़ होगा???
तुमने जाने कितने दुश्मन पाल रखे हैं उन्होंने एक गहरी सांस भरी।
अगर तुम्हें कुछ हो जाता तो हम क्या करते???
वो तुम्हें कहती रही कि कोई पीछा कर रहा है तो तुमने गौर क्यों नहीं किया ????
तुम कितने लापरवाह हो हम अच्छी तरह जानते हैं।
ये बॉडीगार्ड्स कब काम आएंगे।??? पापा ने गुस्से से कहा।
तब तक शेखर की दादी भी वहां आ चुकी थी। दादी उसे प्यार करते हुए रोने लगीं।
मेरा बच्चा, तेरी बहुत लंबी उम्र हो। जब मैंने सुना तो कलेजा मुंह को आ गया।
तुम्हें मेरी उम्र भी लग जाए। दादी आपके बचे हुए दो चार सालों का मैं क्या करूंगा??? वो हंस पड़ा
देख प्रकाश! ये लड़का क्या कह रहा है??? दादी ने उसके सिर पर चपत लगाते हुए कहा।
प्रिया कैसी है??? बेचारी बच्ची उसका लाख धन्यवाद जो उसने ऐन मौके पर तुझे बचा लिया।
अब वो खतरे से बाहर है।
दादी! हम आपकी उस बच्ची को यहां लाने की सोच रहे हैं।
पर शादी से पहले ऐसा ठीक नहीं लगता बेटा।
दादी उसके घर में कोई नहीं है।उसकी दीदी के घर में उसके जीजा जी अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हैं। दीदी के बच्चे छोटे हैं।
फिर जिसने गोली चलाई थी जब तक वो नहीं पकड़ा जाता तब तक हमें अलर्ट रहना होगा।
उधर न्यूज पेपर्स में व मीडिया में खबरों के चलते प्रिया के ऑफिस में बहुत हलचल हो गई थी।
गॉसिप चालू हो गई थी। आशुतोष और कंचन आपस में बात करते हुए बोले।
मैम राजशेखर बाधवा से इंगेज्ड हैं आशुतोष ने कहा हम में से किसी को कानों-कान खबर नहीं हुई।
तभी सुधीर डंग मुस्कराया अपनी मैम के भी अलग ही जलवे हैं।
बहुत ऊंची हस्ती चुनी है।
सुधीर जी आप जल रहे हैं। कंचन मुस्कराते हुए बोली
मैं क्यों जलूंगा???? एक तो उनका जूनियर एंड “आइएम मैरिड” पर राजशेखर से जलन तो हो रही है वो हंस दिया।
जलन होगी तो मिस्टर सुबोध राय को होगी सुना है, उन्होंने एक बार प्रपोजल भेजा था जो मैम ने ठुकरा दिया दिया था।
वैसे एक बात तो माननी पड़ेगी जोड़ी लाजवाब है। कंचन
मुस्कराते हुए बोली उस दिन मुझे अटपटा जरूर लगा था जिस दिन राजशेखर सर खुद यहां आए थे।
क्योंकि इतना बिजी बंदा हमारे ऑफिस आया था मतलब ज्यादा ही खास काम था ये बात होगी कोई नहीं सोच सकता था।
मैं मैम लिए बहुत खुश हूं।
ऐसे में मैम को फोन नहीं कर सकते। इसलिए “गेट वेल सून” का मैसेज भेज देते हैं।
अस्पताल में मिलने जाएं क्या??
पता नहीं मिलने देंगे या नहीं ???
ये पुलिस केस है। कल मिलने जाना ठीक रहेगा। मिलने दिया तो ठीक है नहीं तो वापस आ जाएंगे।
सबने डिसाइड किया।
शेखर दोबारा अस्पताल पहुंच चुका था। साथ में उसकी मम्मी भी थीं।
अब प्रिया पूरी तरह से होश में आ चुकी थी।
शेखर की मम्मी को देख कर उसे संकोच हुआ।
उसने चेहरे पर मुस्कराहट लाते हुए सिर हिला कर उन्हें नमस्ते किया।
उसे पेन किलर दिया हुआ था। जिससे उसका दायां हाथ सुन्न महसूस हो रहा था।
कैसी हो बेटा??? दर्द हो रहा है?
अभी पेन किलर दिया है। उसने धीरे से कहा।
अभी यहीं रखेंगे शायद पांच दिन और प्रिया की दी बोली।
बेटा तुम आराम करो।
फिर वो लोग बाहर आ ग‌ए।
निभा प्रिया को हम अपने घर ले जा लेते हैं। शेखर की मां बोली।
तुम वैसे ही आजकल इतनी परेशान हो।
पहले से ससुराल में जा कर रहना ठीक नहीं है। लोग क्या कहेंगे??? कौन लोग हमें खुद के बारे में सोचना चाहिए लोग क्या कहते हैं हमें फर्क नहीं पड़ना चाहिए।
वैसे भी वो हमारी बहू है।
तुम्हारे ऊपर बच्चों की भी जिम्मेदारी है। मैं ये नहीं कह रही हूं कि तुम उसकी देखभाल नहीं कर पाओगी।
जब तक हमलावर पकड़ा नहीं जाता। तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता।
शायद आप सही कह रही हैं निभा ने गहरी सांस भर कर कहा।
अगले दिन प्रिया के ऑफिस से कुछ लोग अस्पताल पहुंच चुके थे।
मैम कैसी हैं आप??? कंचन ने पूछा। हम तो खबर सुनकर शाक्ड हो ग‌ए।
अब पहले से बेहतर हूं।
सबने हालचाल पूछा।
वैसे ये समय नहीं है ये सब कहने का
हम सबकी तरफ से बधाई स्वीकार करें मैम कंचन ने कहा।
वो मुस्कुराई
“गोली लगने के लिए”
नहीं मैम शादी फिक्स होने के लिए आपने तो हमें बताया ही नहीं।
सब बहुत जल्दी में हुआ इसलिए नहीं बता पाई।
आप दोनों की जोड़ी सुपर्ब है। कुछ देर रूक कर वो लोग चले गए।
उनके जाने के बाद प्रिया अपना फोन चैक करने लगी।
उस पर अटैक तो हर जगह छा रखा था। वो घबरा गई उसे इतने अटैंशन की आदत नहीं थी।
निभा दी भी अंदर आ कर बैठ गई। दी क्या ये सब न्यूज में आया???
हां लगभग सब जगह आई‌ है ये खबर।
एक तो आइआर‌एस अधिकारी पर हमला हुआ ऊपर से राजशेखर बाधवा की होने वाली वाइफ न्यूज में तो आना ही था।
सुनो प्रिया! शेखर की मम्मी तुम्हें यहां से अपने साथ ले जाएंगी।
प्रिया ये सुन परेशान हो ग‌ई।
दी उनके घर क्यों??? आपने कहा नहीं कि मैं आपके साथ चलूंगी।
शादी से पहले उनके घर ??? अच्छा नहीं है दी आप मना कर दो।
वो इतना इंसिस्ट कर रही थीं कि मैं मना नहीं कर सकी।
वो लोग तुम्हारी सेफ्टी को लेकर चिंतित हैं। कह रहे हैं कि जब तक अपराधी पकड़ा नहीं जाता तब तक तुम वहां रहोगी।
पर दी पुलिस प्रोटेक्शन तो मिलेगा न।
मिलेगा तो इसमें बाधवा फैमिली इनवाल्व है इसलिए पुलिस बहुत तेजी से अपना काम कर रही है वो जो भी है जल्द पकड़ा जाएगा।
उनका कहना है कि उनका घर ज्यादा सुरक्षित है।
तुम्हें मना करना है तो खुद कर देना।
शेखर की मम्मी अगले दिन आ गईं प्रिया! बेटा तुम्हें हमारे साथ चलना है।
पर मम्मी शादी से पहले….. उन्होंने उसकी बात सुनकर कहा क्या हम तुम्हारा ख्याल नहीं रख पाएंगे??
बेटा वैसे भी कुछ दिनों बाद तो वहीं आना है। ये इस समय जरूरी है।
अब उसने बहस करना ठीक नहीं समझा वो चुप हो गई।
पर उसे ताजुब था कि शेखर उससे मिलने आया पर उसने ऐसा कुछ नहीं कहा।
उसे अंदर ही अंदर डर लग रहा था। शेखर का घर है उसके घर में शादी से पहले रहने की कल्पना से उसे बेचैनी होने लगी।
उसके दिमाग में आ रहा था।
कि वो वैसे ही इतना बेसब्र है। प्यार करती हूं उससे पर वो…… उसके साथ शादी से पहले उनके घर में
उसकी ऑफिशियल वाइफ बनने के बाद तो वो जो भी करे।
अभी मुझे बहुत सावधानी से रहना होगा।
अगर वो खुद कहता तो वो उसे साफ मना कर देती।
ये सब उसका ही किया धरा है। मम्मी से इसलिए कहलवाया जिससे मैं मना न कर सकूं।
निभा दी उसके कपड़े बैग में डाल कर लें आई थीं।
दी जैसे मैंने कहा था वही सब लाई हैं न।
पक्की इडियट हो एक बात बताओ?? तुम्हारे राइट शोल्डर पर इंजरी है तुम साड़ी कैसे पहनोगी??? कुछ नाइट गाउन और सूट हैं।
हां अगर शेखर तुम्हें साड़ी पहना देगा तो दे दूंगी दी ने मुस्कराते हुए कहा। उसे पूछ लेती हूं
दी का कहना सुन कर उसे गुस्सा आ गया। ये सब उसकी ही साजिश है और आप भी इसमें इन्वाल्व हो।
क्या जरूरत है मुझे वहां भेजने की मैं अपना ख्याल खुद रख सकती हूं।
उसके घर में इतनी हाऊस हैल्पर्स हैं कोई भी साड़ी पहनने में मदद कर देगी।
नहीं तो मैं खुद किसी को हायर कर लूंगी।
रात को रूम में नाइट गाउन पहनना। वो इसलिए कि कम्फर्ट महसूस होगा। दिन में सूट पहनना। मैं तुमसे मिलने आ जाऊंगी।
वो मन में सोच रही थी कि शेखर मुझे अच्छी तरह जानते हैं जनाब इसलिए नजर नहीं आ रहें हैं।
अजब मुसीबत में धकेल दिया है दी ने मुझे। अजनबियों के बीच में रहना उफ़
शादी के बाद अधिकार भी होता इतनी झिझक भी नहीं होती।
ससुराल में अभी से….. ‌दी इतनी नासमझ हैं मुझे पता नहीं था।
क्या सोच रही हो??? दी ने उसका ध्यान भंग कर दिया।
क्या सोचना??? अपने लोग ही ऐसे हों तो दुश्मनों की क्या जरूरत है???
क्या अनाप-शनाप बोल रही हो??
उसकी मम्मी आती ही होंगी। वहां सबसे अच्छे से बिहेव करना। ऐसा मत करना जैसे मेरे साथ करती हो।
शेखर नहीं आया पर उसकी मम्मी आकर प्रिया को अपने साथ ले ग‌ईं।
प्रिया को अपने ससुराल में रहना कैसे लगा??? वो भी बिना शादी के ये अगले भाग में पता चलेगा।
क्रमशः

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