एक बार फिर (भाग 17) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :

शेखर और प्रिया बाहर डिनर के लिए जाते हैं।
शेखर उसे लांग ड्राइव पर ले जाता है। आखिर कार प्रिया शेखर को आईलवयू कह ही देती है अब आगे-
शेखर ने उसका हाथ पकड़ लिया।
प्यार करती हो मुझसे ?
मैंने कहा था न कि एक दिन मैं जीत जाऊंगा।
प्यार में जीत नहीं होती खुद को हार जाना ही प्यार है।
प्रिया ने धीरे से कहा।
मैंने तो तुम्हें जीत लिया है आज मैं बहुत खुश हूं बहुत ज्यादा।
वह गाड़ी किनारे पर रोक कर बाहर निकल कर खड़ा हो गया।
बहुत रात हो गई है देर हो रही है अब घर चलते हैं।
बाहर आओ न ऊपर की तरफ चढ़ते हुए उसने कहा
ये जगह बहुत शांत है।
देखो आज चांद कितना सुन्दर लग रहा है बिल्कुल साफ आसमान ये तारे ये ठंडक जानती हो मैं तुम्हें यहां क्यों लाया हूं।
यहां से शहर को देखो।
कितना खूबसूरत है नीचे घाटी में शहर की लाइटें कैसी चमक रही हैं।
प्रिया उसके पीछे आकर खड़ी हो गई।
वाकई बहुत खूबसूरत नजारा था। मौसम में ठंडक बढ़ रही थी। शॉल गाड़ी में ही रह गया था।
दोनों नीचे देखते रहे। तुम यहां पहले आई हो???
नहीं इधर तो नहीं
मैं यहां अक्सर आता हूं।
बहुत ठंड है प्रिया ने कहा
ठंड लग रही है वह पीछे घूमा और उसे अपने आगोश में ले लिया।
कहां हैं ठंड ??वह उसे अपने सीने में भींच कर मुस्कराया।
प्रिया चुपचाप खड़ी रही।
अब रात भर यहीं खड़े रहेंगे??? हां उसने उसके बालों को छुआ।
तुम्हारे बाल बहुत खूबसूरत हैं। खुले हुए ज्यादा अच्छे लगते हैं।
अच्छा???? कितनी लड़कियों को आपने ये बात कही है।
ईमानदारी से कहुं तो जो मेरी गर्लफ्रेंड थी उसके बाद लंबे नहीं थे। इसलिए उसे ऐसा कहने का मौका नहीं मिला।
तुम्हें जब पहली बार देखा था तो तुम्हारे खुले बाल थे। क्या लग रही थी तुम ??
तुम क्या सोचती हो मेरा यही काम है?? लड़कियों को इम्प्रैस करना। वैसे लड़कियां मुझसे खुद ही इम्प्रैस हो जाती हैं।
शादी के बाद मैं भी आपकी गर्लफ्रेंड के जैसे बन जाऊंगी बालों को कटवा दूंगी।
तुम तुम हो तुम्हें किसी की तरह बनने की जरूरत नहीं है।
वैसे वो भी बहुत खूबसूरत थी अरे! हां तुमने तो सर्च किया हुआ है उसे।
ऐसा है तो आपको उसके पास वापस जाना चाहिए।
उसने उसकी कमर पकड़ कर उसे उसे अपने करीब कर लिया।
चला जाऊं??? सच में
हां! उसने बनावटी गुस्से से उसके सीने को छूते हुए कहा।
जाएंगे तो तब जब यहां से चलेंगे।
ऐसी भी क्या जल्दी है???
चलिए देर हो रही है। शेखर प्लीज चलिए यहां से वो उससे अलग होते हुए बोली।
दोनों नीचे उतरने लगे।
आप हमेशा अकेले आते हैं। आपको अकेले नहीं आना जाना चाहिए।
तो अपनी डेट से मिलने बॉडीगार्ड का झुंड लेकर आऊं।
मुझे तो कोई प्राब्लम नही है तुम्हे ही वीडियो वायरल होने का खतरा लगता है।
शेखर ने गाड़ी स्टार्ट की।
प्रिया ने बैठते हुए उसकी तरफ देख रही थी क्या हुआ? ऐसे क्यों देख रही हो??
उसने नजरें फेर ली।
तुम्हारा ही हूं शौक से देखो अब मुझ पर सिर्फ तुम्हारा ही हक है। उसने हंसते हुए कहा।
प्रिया सोच रही थी ये मेरी किस्मत है या कुछ और पता नहीं जो भगवान ने शेखर को मेरी किस्मत में लिखा है।
आराम से ड्राइव कीजिए ग्यारह बज रहे हैं।
कितनी देर हो गई है।
दी के घर जाओगी ?? हां सुबह वहीं से ऑफिस चली जाऊंगी।
शेखर का ध्यान ड्राइविंग पर था।पर प्रिया देख रही थी कि एक कार लगातार उनके पीछे चल रही थी।
सुनिए! ऐसा लग रहा है कि कोई हमारा पीछा कर रहा है।
आप भी दी के घर चलिए आज आप भी वहीं रूकेंगे।
क्यों मुझे छोड़ने का मन नहीं कर रहा है???
आपको हर समय मजाक सूझता है।
प्रिया का ध्यान उसकी बातों से ज्यादा पीछे आती कार पर था।
दी के घर के बाहर आकर शेखर ने कार रोकी। दोनों बाहर निकले।
इतने में पीछे वाली कार उनसे कुछ दूरी पर रूकी उसमें से एक शख्स निकला। प्रिया का ध्यान उसी पर ही था।
उसने गन निकाल कर निशाना साधा और गोली चलाई।
प्रिया ने घूम कर शेखर को धक्का दे दिया। गोली प्रिया के कंधे को चीरती हुई निकल गई।
वो जोर से चीख कर नीचे गिर गई। शेखर पीछे घूमा उस आदमी ने दूसरा फायर किया वो मिस हो गया।
तभी सामने से आती हुई कार को देख कर वो शख्स गाड़ी में बैठ कर फरार हो गया।
शेखर प्रिया को खून में लथपथ देख कर बदहवास हो गया। उसने उसे गोद में उठा कर गाड़ी की पिछली सीट पर डाला और अस्पताल के लिए निकल गया। अस्पताल पहुंच कर उसे एड्मिट कराया।
और तुरंत डीजीपी को कॉल की।
प्रिया की दी और अपने पापा को भी बता दिया।
पुलिस भी पहुंच चुकी थी।
इसे कुछ नहीं होना चाहिए डाक्टर से कहते हुए उसकी आंखें भर आई।
खून ज्यादा बह गया है। पर गोली अंदर नहीं है।
डोंट वरी सब ठीक हो जाएगा।
प्रिया की दी रोने लगीं।
पुलिस शेखर के बयान ले रही थी।
ये मेरी होने वाली वाइफ है दो महीने बाद हमारी शादी है। हम डिनर के बाद वापस लौट रहे थे वो कह रही थी कि कोई हमारा पीछा कर रहा है पर मैंने उसकी बात को इग्नोर किया।
उनकी किसी से कोई दुश्मनी???
वो गोली उसके लिए नहीं मेरे लिए चली थी।
क्योंकि गोली चलाने वाले ने दोबारा मुझ पर गोली चलाई थी।
जब गोली चली तो उसने मुझे धक्का दिया। इसलिए वो गोली उसे लगी।
आपका किसी से कोई झगड़ा है।
हम लोग बिजनेस वर्ड से ताल्लुक रखते हैं। हमारे तो सौ दुश्मन होते हैं।
पिछले दिनों एक डील के सिलसिले में धमकी भरे कॉल आए थे।
मैंने उसके बारे में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आपको तो पता है।
डीजीपी सिंह खुद पहुंच ग‌ए थे।
टेक केयर हम उसे ढूंढ लेंगे। आपको प्रोटेक्शन देना होगा।
शेखर ने कार का ब्योरा भी दे दिया।
शेखर के मम्मी पापा आ गए थे।
प्रिया कैसी है???
अभी बेहोश है।
शेखर की मम्मी प्रिया की दी को ढांढस बंधाने की कोशिश करने लगी।
दी रोते हुए कहने लगीं पहले इसके जीजा जी और अब ये हमारे घर को तो किसी की नजर ही लग गई है।
सब मेरी गलती है।
वो मुझे बहुत देर से कह रही थी कि चलते हैं मैंने ही देर की कहते हुए शेखर इमोशनल हो गया।
शेखर के पापा उसे डांटते हुए कहने लगे।
तुम्हें हमने हजार बार कहा हुआ है सिक्योरिटी साथ ले जाओ। पर तुम हमेशा मनमानी करते हो।
सब बहुत बेचेन और परेशान थे।
चार घंटे हो बाद प्रिया को होश आया।
डाक्टर ने शेखर से कहा अभी थोड़ा डरी हुई हैं आपका नाम लिया आप उनसे मिल सकते हैं।
पर ज्यादा देर के लिए नहीं उन्हें आराम की जरूरत है।
शेखर अंदर चला गया।
प्रिया! उसका गला भर आया।
प्रिया उसे देखती रही उसके आंसू निकल पड़े।
फिर उसने आंखें मूंद ली।
आइ एम सॉरी ये मेरी वजह से हुआ। न तुम मेरे साथ जाती न ये सब होता।
उसने प्रिया के सिर पर हाथ फेरा।
डाक्टर ने उसे बाहर आने को कहा।
बाकी सबसे कहा आप लोग उन्हें देख लीजिए अभी आराम जरूरी है। बातचीत मत कीजिएगा।
प्रिया को देख कर निभा दी भावुक हो गईं। यही मेरा इकलौता रिश्ता है जो मां से जुड़ा हुआ है। अगर इसे कुछ हो गया तो मैं क्या करूंगी…
शेखर की मां ने उनकी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा देखो अब वो खतरे से बाहर है।
सुबह न्यूजपेपर्स,मीडिया में खबर फैल गई कि शेखर बाधवा की गर्लफ्रेंड पर हमला हुआ है।
मीडिया वाले बाधवा मेंशन पहुंच चुके थे।
शेखर ने ही उन्हें हैंडल किया।
वो मेरी गर्लफ्रेंड नहीं मेरी होने वाली वाइफ है।
जल्द ही पता लग जाएगा कि इसके पीछे किसका हाथ है???
शेखर घर के अंदर आया। उसके मम्मी पापा भी आ चुके थे।
पापा अगर प्रिया को हम यहां ले आएं तो???
क्योंकि दीदी के घर जीजा जी पहले से बीमार हैं। दीदी बहुत परेशान हो जाएंगी।
हालांकि उनके घर में हैल्पर हैं।
फिर भी…. कुछ देर चुप रहने के बाद उसने कहा वो बहुत इंट्रोवर्ट है। किसी से कुछ नहीं कहती।
उसके मम्मी पापा एक दूसरे को देखने लगे।
क्रमशः
©® रचना कंडवाल

10 thoughts on “एक बार फिर (भाग 17) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi”

    • और कितना समय लगेगा आगे का हिस्सा अपडेट होने में हमें बहुत बेसब्री से इंतजार है

      Reply
  1. मेम आप आगे की कहानी नहीं दे रहे हैं तो हम आपकी कहानी देखना ही बंद कर देते है ओर आप हमारे बातो ka कोई ज़वाब भी नहीं देते हैं|

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  2. मेम आप आगे की कहानी नहीं दे रहे हैं तो हम आपकी कहानी देखना ही बंद कर देते है ओर आप हमारे बातो का कोई ज़वाब भी नहीं देते हैं|

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