एक बार फिर (भाग 16) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :

शेखर प्रिया के बुलाने पर उसके घर मिलने जाता है।
वहां उस लड़की के बारे में बातचीत होती है जिसने शेखर का फोन रिसीव किया था। शेखर प्रिया की गलतफहमी दूर करता है। साथ ही वह दोनों शादी की डेट के बारे में बात करते हैं।
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शेखर चला गया। प्रिया ने डोर लॉक कर दिया। वो सोफे पर पीछे सिर टिका कर आंखें मूंदकर बैठ गई। शेखर के परफ्यूम की खुशबु उसे अपने इर्द-गिर्द महसूस हो रही थी। उसकी बाहों का स्पर्श उसकी छुअन अब भी उसे बांधे हुई थी।
वो जितना उसके बारे में सोच रही थी उतना ही उसे अपने करीब पा रही थी।
कभी मेरा भरोसा मत तोड़ना शेखर मैं जी नहीं पाऊंगी आपसे सच में प्यार करने लगी हूं उसने अपने आप से कहा।
उफ़ मैं इमोशनल होती जा रही हूं।
वो उठ कर किचन में गई प्लेट में खाना लिया खा कर
थोड़ी देर टहल कर बेडरूम में आ गई।
जब बिस्तर पर लेटी तो जेहन में विचार चलने लगे।
सच में मैं बहुत जल्द उसकी बातों में आ जाती हूं।
मुझे उससे प्यार हो गया है इसलिए ही मेरा दिमाग खराब हो गया है। सच में प्यार में इंसान होशो-हवास खो देता है।
उसकी आंखों में देखती हूं तो छलावा नहीं दिखता मैं ही नहीं समझ पा रही हूं या हो सकता है वो सही हो। शायद मैंने विश्वास करना छोड़ दिया है इसलिए मुझे सिर्फ गलत ही दिखाई देता है।
सोचते सोचते उसे नींद आ गई।
ऑफिस के लिए तैयार हो रही थी कि दी का फोन आ गया। आज तुम आओगी??? हां दी शाम को आती हूं।
ठीक है शाम को मिलते हैं।
उसने आज उसने ऑफ व्हाइट कलर साड़ी गोल्डन और ब्लैक बार्डर पहनी साथ ऑक्सीडाइज्ड इयरिंग्स के साथ लुक कम्पलीट किया। लंबे बालों को ढ़ीली चोटी में गूंथ दिया।
खुद को मिरर में देख कर खुश हो गई सच में बहुत फ्रैश लग रही थी।
ऑफिस ग‌ई तो उसके सीनियर मिस्टर अर्जुन चौहान उसे देख कर मुस्कुराए ” यू लुक गार्जियस”
“थैंक्यू सर”
ऑफिस में दो मीटिंग्स थी। एक लंच से पहले एक लंच के बाद दोनों खत्म करके जूनियर्स को कुछ फाइल्स सौंपी बहुत काम था तो आज ऑफिस में ही देर हो गई।
दी के घर पहुंची दी उसे डांटते हुए बोली आज इतनी देर क्यों कर दी??? दी आज बहुत काम था उसने उबासी लेते हुए कहा
कितनी थक गई हो????
चेंज कर लो शेखर भी आने वाला होगा।
उसने हाथ मुंह धोकर हल्का टच‌‌अप कर लाइट मिंट ग्रीन कलर का सूट पहना उसके साथ व्हाइट शिफान दुपट्टा लिया खुद को ध्यान से देखा सोचने लगी वो भी सोचेगा कि मेरे लिए इतना……‌
दी उसे देखकर कर मुस्कुराती हुई बोली अब ठीक है।
वो दी के साथ किचन में चली गई दी चाय के साथ कुछ स्नेक्स तैयार करवा रही थीं।
दी जीजा जी‌ अब कैसा फील कर रहें हैं। घर आकर उन्हें बेहतर लग रहा है।
शेखर आ रहा है।‌ इनसे ‌बेडरुम में ही मिल लेगा।
दी बोलने लगीं नया नया रिश्ता है अच्छा नहीं लगता पर
मजबूरी है।ये अभी ज्यादा देर बैठ नहीं पाएंगे।
दी इतना मत सोचिए। वो शहजादा अपने घर में होगा यहां नहीं।
कैसी बात कर रही है सोच समझकर बोला कर दी ने उसे डांट दिया।
पोर्च में गाड़ी एंटर हुई दी बोली लगता है आ गया।
जाओ उसे वेलकम करो???
क्या कहूं ???आइए आइए आप बहुत दिनों बाद आए
दी ने उसे घूरा और खुद बाहर चली गई। पीछे पीछे वो भी आ गई।
उसने आगे बढ़ कर दी के पैर छुए।
आओ शेखर कैसे हो???
मैं ठीक हूं दीदी जीजा जी कैसे हैं??? अब काफी ठीक हैं।
दीदी मांजी कहां हैं ??
मांजी पूजा कर रही हैं। अभी आती होंगी।
उसने एक सरसरी निगाह प्रिया पर डाली और मुस्कुरा दिया।
दीदी मैं तब तक जीजा जी से मिल लेता हूं।
आओ दी उसे बेडरूम में लेकर चली गई।
उसने जीजा जी के पैर छुए और सामने पड़ी चेयर पर बैठ गया।
कैसी तबीयत है अब ?
अब ठीक महसूस कर रहा हूं।
“थैंक्यू शेखर”
किस बात के लिए ‌??? निभा बता रही थी कि तुमने कितना सपोर्ट किया। तुम साथ खड़े रहे । वो इमोशनल हो ग‌ए।
ऐसी बात मत कीजिए मैं अपने परिवार के लिए कुछ भी कर सकता हूं।
उन दोनों में बातें हो ही रही थी।
कि दी ने कहा शेखर चाय बाहर बैठ कर पीएंगे।
अगर जीजा जी को दिक्कत नहीं हो रही है तो मैं चाय यहीं पर ले लूंगा।
प्रिया चाय वहीं पर ले आई।
शेखर ने कुछ देर बाद कहा
हम दोनों यहां पर शादी की डेट के बारे में बात करने आए हैं। दो महीने बाद शादी है। आपकी तबीयत ठीक होने में वक्त लगेगा इसलिए शादी की डेट आगे बढ़ा देते हैं।
दो महीने में मैं बिल्कुल फिट हो जाऊंगा। शादी की डेट आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है।
वैसे भी हमने वैडिंग प्लानर हायर किया है।
फिर भी भाग-दौड़ तो हो ही जाएगी शेखर ने कहा।
अरे यार! मैं तो शादी में “एज अ शो पीस रहूंगा” बाकी डिपार्टमेंट तो इन दोनों का है।
तभी दी की सासू मां भी आ गई। शेखर ने उनके पैर छुए तो उन्होंने उसका माथा चूम लिया।
हमेशा खुश रहो।
प्रिया शेखर को देख रही थी कि हद है मुझसे कैसी बातें करता है और दीदी और जीजा जी के सामने कितनी समझदारी दिखा रहा है।
बातचीत के बाद डिसाइड हो गया कि शादी की डेट चेंज नहीं होगी।
दी प्रिया को डिनर पर ले जाऊं। शेखर ने प्रिया से न पूछ कर दीदी से पूछा।
नेकी और पूछ-पूछ ले जाओ अब तो ये तुम्हारी है दी मुस्कराई।
दी आप भी चलिए प्रिया ने कहा। ऐसा करो हम सब चलते हैं तुम्हारी डिनर डेट पर बेअक्ल लड़की
शेखर इसे जल्दी ले जाओ नहीं तो ये पड़ोसियों को भी ले जा जाएगी।
चलिए शेखर ने उसे देखते हुए कहा।
शेखर ने गाड़ी स्टार्ट की प्रिया आ कर बैठ गई।
तुम सोच रही थी कि मैं कितना समझदार हूं।
तुम और तुम्हारा मौन दोनों अजब गजब हैं।
क्या हुआ??अकेले डर लग रहा है??? तो फिर ये बताओ कि हनीमून पर किस किस को साथ लेकर जाना है???
धीरे ड्राइव कीजिए।
डिनर पर क्यों नहीं आना चाह रही थी?
आपकी पसंद और मेरी पसंद अलग है।
अच्छा सिंपल वाली थ्योरी फिर चालू हो गई???प्रिया ने गुस्से से उसे देखा।
“यूं प्यार से मेरी तरफ ना देखो प्यार हो जाएगा” उसने उसकी तरफ देख कर हंसते हुए कहा।
आपने मुझसे बगैर पूछे डिनर का प्लान बना लिया।
अच्छा तुमसे पूछने के चक्कर में रहूंगा तो बूढ़ा ही हो जाऊंगा।
वैसे आज कहर ढा रही हो।
अच्छा मैंने तुमसे एक बात पूछी थी तुमने उसका जवाब नहीं दिया था। याद है तुम्हें??? उसने गाड़ी की रफ्तार धीमी कर दी।
बताओ ??? मुझे कुछ याद नहीं है प्रिया समझ गई कि वो किस बारे में बात कर रहा है।
चलो मैं फिर से पूछ लेता हूं कि तुम्हें मुंह दिखाई में क्या चाहिए???
प्रिया खामोश हो गई। देखो अगर तुमने जवाब नहीं दिया तो मैं फिर दूसरी तरह से पूछ सकता हूं। “आइ मीन तुम्हारे करीब आ कर” वो मुस्कराया तुम्हें मैं इतना पसंद हूं कि तुम हर वक्त मेरे करीब रहना चाहती हो।
कहां लेकर जा रहे हैं प्रिया ने धीरे से पूछा।
जहां तुम चाहो
क्या खाओगी???
जो आप चाहें
मैं तो बहुत कुछ चाहता हूं। तुम ही कुछ नहीं चाहती।
चलो आज वाधवा ग्रुप्स के होटल रॉयल पैलेस में चलते हैं।
जैसे ही उन्होंने एंटर किया बहुत वार्म वैलकम हुआ।
वहां बहुत खूबसूरत लाइट्स बेहद रोमांटिक माहौल धीमा म्यूजिक सब कुछ क्लासी था।
प्रिया इधर उधर देख रही थी उसे बेहद अजीब लग रहा था। तभी मैनेजर आया उसने शेखर को हाथ से इशारा किया वो दोनों उधर जाकर बैठ ग‌ए। कैडिंल लाइट डिनर का अरेंजमेंट किया गया था।
आर्डर करो।
आप कीजिए???
शेखर ने आर्डर किया जब टेबल सजी तो सब उसकी पसंद का था।
शेखर ने उसकी तरफ देखा।
आप ये सब खाएंगे??? अरे मैं भी इंसान हूं। चलो शुरू करो।
डिनर खत्म हुआ।
मीठे में क्या खाओगी???
कुछ नहीं
आप ले लीजिए
मैं मीठा अवाइड करता हूं।
बाहर आ कर शेखर ने उससे पूछा लांग ड्राइव पर चलोगी??? क्या ख्याल है??? एक बेहतरीन लवर के साथ लांग ड्राइव कैसी रहेगी ‌???
अपनी इतनी तारीफ कोई कैसे कर सकता है ??? प्रिया सोच रही थी।
देर हो जाएगी उसने धीरे से कहा।
नहीं होगी। आज मौसम कितना हसीं है चांदनी रात और लंबे रास्ते
वो समझ गई कोई फायदा नहीं है करेगा तो अपने मन की ही तंग करने के मौके खोज रहा है।
वो चुपचाप गाड़ी में बैठ गई।
शेखर ने गुनगुनाना शुरू कर दिया।
“मैं तेरे इश्क में मर न जाऊं कहीं तू मुझे आजमाने की कोशिश न कर”
प्रिया ने सीट में पीछे सिर टिका कर आंखें बंद कर ली वो सचमुच उसका गाना एंज्वॉय कर रही थी।
उसने थोड़ी देर गाने के बाद गाना बंद कर दिया??
प्रिया ने आंखें खोल कर देखा
वो उसे ही देख रहा था।
आप बहुत अच्छा गाते हैं। इस इज्जत अफजाई के लिए शुक्रिया
एक बात पूछूं ???
प्रिया ने सिर झुका लिया धीरे से बोली वो मुंह दिखाई वाली बात ही पूछेंगे।
नहीं कुछ और उसकी आवाज में कोमलता थी???
मैं तुमसे जितना प्यार करता हूं क्या तुम भी मुझे…..
प्रिया चुपचाप सुन रही थी। नहीं कहोगी???
अगर मुझे कुछ हो जाए तब भी तुम्हें
कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सोचोगी चलो जान छूटी।
प्रिया ने पलट कर उसके कंधे पर हाथ रख दिया।
ऐसा कभी मत कहिएगा कभी नहीं उसकी आवाज में डर था जो शेखर ने महसूस किया।
“आईलवयू शेखर”
क्या आप महसूस नहीं कर सकते ??? सच में आप बहुत……
कहते हुए वो इमोशनल हो गई।
शेखर ने झटके से गाड़ी रोक दी।
क्या कहां तुमने??? दोबारा से कहो???
प्रिया पलट कर बाहर देखने लगी। सच में तुम भी मुझसे प्यार करती हो। उसकी आवाज में खुशी थी।
घर चलें बहुत देर हो गई है। मुझे तुम्हें ढंग से देख तो लेने दो ।
ताकि कल तस्वीरें वीडियो वायरल हो जाएं।
होने दो मुझे परवाह नहीं है।
अपनी होने वाली बीवी से इश्क करना क्या गुनाह है????
सड़क पर तो गुनाह ही है।
ऐसा न कहो उसने उसका हाथ पकड़ लिया।

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