एक बार फिर (भाग 12) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :

प्रिया की फैमिली शेखर के यहां डिनर पर जाती है वहां शादी की डेट पक्की होती है।
वापसी में वो सोचती है कि वो शेखर को अपने पास्ट के बारे में सब बता देगी अब आगे-
उधेड़-बुन में रास्ता तय करते हुए उसका सिर भारी हो गया।
जीजा जी ने म्यूजिक ऑन कर किया। और गाना कौन सा था?????
हर तरफ हुस्न है जवानी है
आज की रात क्या सुहानी है
रेशमी जिस्म
हाँ रेशमी जिस्म
थरथराते हैं मरमरी ख्वाब
गुनगुनाते हैं
धड़कनों मैं सुरूर फैला है
रंग नजदीक-ओ-दूर फैला है
दावत-इ-इश्क़ दे रही है फ़ज़ा
आज हो जा किसी हसीं पे फ़िदा
के
मुहब्बत बड़े काम की चीज़ है
काम की चीज़ है
मुहब्बत बड़े काम की चीज़ है
काम की चीज़ है
प्रिया ने गाना सुन कर आंखें बंद कर ली। आंखें बंद करते ही शेखर का मुस्कराता हुआ दिखाई दिया। मुझे याद कर रही हो। उसने हड़बड़ा कर आंखें खोल दी।
हे! भगवान अब तो मैं पागल ही हो जाऊंगी। लगता है मुझ पर भी उसकी फिजूल बातों का असर होने लगा है।
नहीं मैं उसके जैसी कत‌ई नहीं बन सकती।
कहता है कि होने वाली मिसेज वाधवा से बात कर रहा हूं।
वो भी जबरदस्ती बाहों में लेकर
उसकी खुशबू उसकी छुअन का अहसास उसके शरीर में दौड़ गया।
वो उसे महसूस कर रही थी। इसलिए उससे ध्यान हटाने के लिए उसने दी से बात करनी शुरू कर दी।
घर पहुंचते हुए काफी देर हो गई थी।
अगले दिन सेकेंड सैटरडे था तो देर से उठी। सब ब्रेकफास्ट कर चुके थे।
उसने दीदी की सासू मां के पैर छुए उन्होने मुस्करा कर रहा बिटिया जितना आराम करना है कर ले फिर तो ससुराल चली जाएगी।
निभा देख तो जबसे शादी तय हुई है हमारी प्रिया कितनी खिल गई है।
दी उसे देखकर मुस्कुराने लगी हां मां आप सच कह रही हैं।
वो झि‌झक कर वहां से उठ गई।
मौका लगते ही उसने दी से बात की दी मैं उसे सब कुछ बताना चाहती हूं। दी चौंक पड़ी सब कुछ मतलब अभय के बारे में???
दी ने गुस्से से अपना माथा पकड़ लिया। तुम जैसी पागल लड़की मैंने आज तक नहीं देखी। क्या है बताने जैसा मुझे बताओ वो बहुत गुस्से से बोल पड़ीं।
मुझे लगता है कि तुम ये शादी ही नहीं करना चाहती। चाहती हो ये रिश्ता टूट जाए। मैं उसे बुलाती हूं और ये किस्सा यहीं खत्म कर देते हैं।
पर दी उसने मुझे अपने पास्ट के बारे में सब कुछ बताया है। उसके पास्ट की छोड़ो तुम अपनी बात करो। पुरूष सौ गुनाह करे तो भी वो अपने गुनाह नहीं गिनता और स्त्री की एक भी गलती बर्दाश्त नहीं कर सकता।
जो कुछ था ही नहीं तुम्हें उसके बारे में बात करनी है और जो तुम्हें प्यार करता है उससे तुम बात ही नहीं करना चाहती।
आप ऐसा कैसे कह सकती हैं???
क्या मैं ब्लाइंड हूं जो मुझे तुम्हारी रुडनेस नहीं दिखती।
जाओ मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी है जो जी में आए वो करो।
सॉरी दी ऐसा मत कहो। आपके सिवा मेरा है ही कौन उसकी आंखें नम हो गई।
मैं तो बस आपसे पूछ रही थी।
तो ठीक है आज के बाद इस बारे में कोई बात नहीं करेंगे दी ने उसे देखते हुए कहा।
तुम यहीं से ऑफिस जाया करो।
शादी की तैयारी करनी है। जरूरी कामों की लिस्ट बनानी होगी। उसने गर्दन हिला कर हां कर दी।
हो सके तो बीच-बीच में छुट्टियां करो और खुश रहो।
दिन तो जैसे पंख लगा कर उड़ने लगे थे। जैसे जैसे डेट नजदीक आ रही थी। उसके दिल में एक अजीब सा डर समाता जा रहा था।
दी ने उससे कहा प्रिया आज शेखर आएगा तुम्हें उसके साथ जाना है। उसने अपनी शॉपिंग करनी है।
दी मैं क्या करूंगी जा कर मुझे जेंट्स के लिए शॉपिंग का कोई अनुभव नहीं है।
पसंद वो खुद करेगा तुम्हें सिर्फ उसके साथ जाना है।
अब प्रिया चुप हो गई दी से बहस करना बेकार है सोचते हुए चुपचाप बैठ गई।
शेखर आ गया। दी के साथ बेतकल्लुफी से बातें करता रहा।
दीदी शाम को मिलता हूं।
गाड़ी का डोर खोल कर बड़ी अदा से मुस्कराया
” आइए योअर हाईनेस”
वो चुपचाप बैठ गई।
गाड़ी चलाता हुआ अलमस्त गुनगुनाते हुए उसकी तरफ देख रहा था।
“एक अजनबी हसीना से यूं मुलाकात हो गई। फिर क्या हुआ ये न पूछो कुछ ऐसी बात हो गई।”
अरे! मैम मुस्कुरा भी दीजिए न आप तो कुछ भी पहनें हर चीज आपको कामप्लीमेंट करती है।
“सो आइ वांट अस टू बी टूगेदर” वो चुपचाप सुनती रही उसने गाड़ी साइड पर रोक दी उसकी तरफ झुक कर उसके करीब आ गया बात नहीं करोगी ??? प्रिया के पास पीछे हटने का आप्शन नहीं था। उसने नजरें झुका ली। तुम्हारे इसी अंदाज पर तो मर मिटा हूं उसने कोमलता से उसके बालों को छुआ। वो उसके आफ्टर शेव की फ्रेगरेंस महसूस कर रही थी। चलो आज ही शादी कर लेते हैं उसने धीरे से फुसफुसा कर कहा।
मैं चाहता हूं कि…….
प्रिया का चेहरा लाल हो रहा था उसने नर्वसनेस में अपने हाथों की उंगलियां आपस में बांध ली।
हमें देर हो रही है उसने धीरे से कहा।
नहीं तो देर कहां हो रही है। वो मुस्कराया।
लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे??? प्रिया ने धीरे से कहा
देखते रहें मुझे परवाह नहीं है।
प्लीज चलिए न प्रिया ने अपने हाथ से उसे पीछे किया
शेखर ने उसका हाथ पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया।
मेरे को हार्ट अटैक दिलवा कर रहोगी हार्टलेस गर्ल।
उसने फिर से ड्राइव करना शुरू कर दिया।
आपने जिद करके अपने घरवालों को इस शादी के लिए मनाया???
हां बिल्कुल उसने मस्त अंदाज में गर्दन हिलाते हुए कहा।
जिद से जब दिल भर जाता है तब उसे छोड़ दिया जाता है।
मेरे बारे में बड़े नेक ख्याल हैं तुम्हारे
जिद और जिंदगी में फर्क होता है। मैं जिद छोड़ सकता हूं जिंदगी नहीं और तुम मेरे लिए क्या हो??? काश! तुम समझ सकती। वो गंभीर होकर बोला।
ये सब बातें छोड़ो ये बताओ हनीमून के लिए कहां चलोगी
ग्रीस,स्विट्जरलैंड, या फिर कहीं और ???
प्रिया चुपचाप सुन रही थी।
कहीं नहीं जाना चाहती हो तो ठीक है मुझे तो तुमसे मतलब है ……. वो उसकी तरफ देख कर मुस्कराया।
रूखेपन की भी हद होती है। सब कुछ किया पर रोमांस की पढ़ाई नहीं की।
प्रिया मन में सोच रही थी आपने तो रोमांस में पीएचडी कर रखी है।
चलिए कहां चलना है?? चलो हमारे विला पर चलते हैं तुमने देखा नहीं है चलो दिखा देता हूं कुछ पल अकेले में सुकून से गुजार लेंगे वो मुस्कुरा दिया।
प्रिया का दिल बैठ गया। चल रही हो न चलें???
अरे इतना मत डरो मजाक कर रहा हूं तुम्हारी शादी तक मुझसे दूर रहिए वाली फीलिंग की कद्र करता हूं।
प्रिया ने एक गहरी सांस ली। शेखर ने उसकी तरफ देखा।
मैं तुम्हें तकलीफ़ कैसे दे सकता हूं।
शॉपिंग का तो सिर्फ बहाना था तुम्हारे साथ कुछ वक्त बिताने का इसलिए दीदी से रिक्वेस्ट की।
सीधे तुम्हें कहता तो तुम नहीं आती।
इतने में प्रिया का फोन बज उठा। उसने देखा तो दी का फोन था रिसीव किया तो वो बेतहाशा रो रहीं थीं।
© रचना कंडवाल

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