रीमा और अंजलि दोनों एक ही मोहल्ले में रहती थी, एक ही स्कूल और एक ही क्लास में थी।
ज़ाहिर सी बात है अक्सर ऐसे में दोनों में घनिष्ठता बढ़ती है।
रीमा और अंजलि में भी काफी घनिष्ठता थी, उस पर कुदरत का करिश्मा ही कहेंगे कि दोनों का जन्म दिन केवल एक दिन के अन्तराल में आता था अर्थात रीमा का 14 जुलाई और अंजलि का 15 जुलाई को लेकिन दोनों अपना जन्मदिन एक साथ ही मनाती।
स्कूल के बाद दोनों ने एक ही कालिज में एडमिशन लिया।
वहां उनकी क्लास में एक हैंडसम लड़का राहुल भी था, जिसे देखते ही रीमा दिल दे बैठी ।
और इधर राहुल अंजलि को देखते ही उसका दीवाना हो गया।
अब राहुल अंजलि को चाहता था, मगर मन ही मन रीमा राहुल को चाहती थी।
यहां रीमा का स्वार्थ आढ़े आ गया। रीमा हर कीमत पर राहुल को पाना चाहती थी। वो अक्सर ऐसी हरकतें करती कि राहुल का ध्यान अंजलि से हटकर उस पर केन्द्रित हो जाता। उसने बहुत कोशिश की कि राहुल उसकी तरफ आकर्षित हो मगर राहुल उससे एक अच्छे दोस्त की तरह पेश आता।
आखिर एक दिन वेलेंटाइन डे पर राहुल ने सरेआम अंजलि से इज़हार-ए-मोहब्बत कर दिया।
अंजलि भी राहुल को पसंद करने लगी थी, मगर वो रीमा की मोहब्बत से अनजान थी इसलिए उसने राहुल कुछ मोहब्बत को सहर्ष अपनी मजबूरी दे दी।
राहुल और अंजलि का प्यार परवान चढ़ने लगा, उधर रीमा मन ही मन राहुल की मोहब्बत में घायल हो रही थी।
कहते हैं घायल शेरनी ज्यादा ख़तरनाक होती है।
वही हाल रीमा का हो रहा था।
अंजलि और राहुल के माता-पिता अमीरी-गरीबी की ऊंची दीवारों के कारण शादी के लिए राज़ी नहीं थे। जिसके लिए रीमा ने तरकीब निकाली और उन दोनों को अपना प्लान बताया,” तुम दोनों मंदिर में शादी कर लो, जिसमें मैं और हम कुछ और दोस्त भी साथ होंगे, जब एक शादी हो गई तो दोनों के माता-पिता को मानना ही होगा”
लेकिन जिस दिन शादी होती है उस दिन जब अंजलि तैयार है रही है, उस समय रीमा, ” अंजलि राहुल ने किसी के हाथ ख़त भेजा है”
“ये राहुल भी ना, अबु थोड़ी देर में शादी होने वाली है मगर फिर भी सब्र नहीं, अभी भी लव लेटर भेज रहा है” अंजलि हंसते हुए कहती है।
अंजलि जैसे ही ख़त लेने लगती है रीमा उसे नहीं देती, रीमा,” इस लव लेटर को तो हम पढ़ेंगे” ऐसा कहते हुए ख़त खोल कर पढ़ने लगती है।
जिसमें राहुल की तरफ से शादी ना करने पर माफी मांगी है।
उधर राहुल जब मन्दिर में अंजलि का इंतजार कर रहा है, अंजलि नहीं पहुंची तो रीमा कहती हैं, ” राहुल ये अंजलि ने ख़त दिया है और उसे माफ करने को कहा है”
उस खत में अंजलि ने शादी ना करने पर माफी मांगी।
और रीमा राहुल से कहती है, “इस वक्त तुम्हारा साथ देने के लिए मैं दुल्हन बनने को तैयार हूं, ताकि तुम आहत ना हो”
राहुल शादी के बाद खत लिख कर अंजलि को पोस्ट करता है, जब अंजलि को खत मिला रीमा और राहुल एक हो चुके हैं।
अंजलि खत पढ़ कर हैरान रह जाती है कि राहुल ने उस पर सरासर धोखा देने का इल्ज़ाम लगाया है।
अंजलि सारी बात जानने के लिए राहुल से मिलती है, तब सारी बात खुल जाती है कि रीमा ने ही उन दोनों में गलतफहमी पैदा करके उन्हें दूर कर दिया।
अंजलि रीमा जैसी अच्छी दोस्त का स्वार्थी रूप जानकर इतना आहत होती है कि वो आत्महत्या कर लेती है।
राहुल रीमा से,” रीमा अब तुम मेरी धर्मपत्नी हो, इस नाते मैं तुम्हारी इज्ज़त करता हूं और तुम्हारी सुरक्षा का दायित्व भी मेरा है, लेकिन तुम्हारे स्वार्थ ने एक इन्सान की जान ले ली और मुझे भी आहत किया, मै प्रेम और नफ़रत के दो हिस्सों में बंट चुका हूं, ना तुम्हे प्रेम कर सकता हूं ना नफ़रत”
रीमा और राहुल पति-पत्नी का रिश्ता निभा रहे हैं, जी नहीं रहे।
प्रेम बजाज ©®
जगाधरी ( यमुनानगर)