दिखावे से दूर – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 शिल्पी, मोनिका  को फोन करके बोली, “मोनिका चल आज शाम को साथ में कॉफी पीने चलते हैं और तुझसे एक जरूरी बात भी करनी है। तो मिल रही है ना शाम को ” 

 मोनिका -” शिल्पी, आज तो नहीं मिल पाऊंगी कल आ सकती हूं कल मैं बिल्कुल फ्री हूं। आज शाम को मेरे पति ऑफिस के काम से टूर पर जा रहे हैं और और मेरा बेटा कल सुबह स्कूल के साथ पिकनिक पर जा रहा है। ” 

 शिल्पी -” अच्छा फिर ठीक है कल मिलते हैं और थोड़ी जल्दी आ जाना ताकि खूब सारी देर तक गप्पे मार सके। ” 

 मोनिका-” अरे शिल्पी ऐसा क्यों नहीं करती कि कल तू मेरे घर पर ही आजा। मस्त,बाहर से  खाना ऑर्डर करके आराम से खाएंगे और एसी में बैठे रहेंगे बातें करेंगे।” 

 शिल्पी -” चल ठीक है मैं आ जाऊंगी। ” 

 मोनिका-” शिल्पी ऐसा करते हैं, पूनम को भी बुला लेते हैं। ” 

 शिल्पी-” मोनिका,वह नहीं आएगी। ” 

 मोनिका -” तुझे कैसे पता कि वह नहीं आएगी। ” 

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 शिल्पी-” हां मुझे पता है तू यह बता कि मैं आऊं या नहीं। ” 

 मोनिका ने कहा -“अच्छा चल ठीक है तू आजा। ” 

 अगले दिन शिल्पी मोनिका के घर बहुत ही जल्दी पहुंच गई और सुबह से लेकर शाम तक दोनों सहेलियां खूब बातें करती रही। तब मोनिका ने कहा कि हमारी तीसरी सहेली पूनम भी होती तो कितना अच्छा होता। तब शिल्पी ने कहा -“अरे मैं तुझे यह बताना तो भूल ही गई कि पूनम तलाक ले रही है, क्या तुझे पता है। ” 

 मोनिका हैरान होते हुए बोली-” शिल्पी यह तू क्या बोल रही है, पूनम और उसके पति राकेश के बीच में तो बहुत ही प्यार था। अब इतने साल बीत जाने पर तलाक? यह तो हो ही नहीं सकता,,तूने गलत खबर सुनी होगी। ” 

 शिल्पी-” अगर मैंने कहीं और से यह बात सुनी होती तो मैं भी यकीन नहीं करती लेकिन कुछ दिन पहले मुझे पूनम रास्ते में मिली थी। उसने खुद बताया मुझे।” 

 मोनिका -” लेकिन यार शिल्पी, उन दोनों के बीच में तो इतना प्यार था और उसका पति तो कितने अच्छे-अच्छे फोटो सोशल मीडिया पर डालता था। यार कई बार तो उनका प्यार देखकर हमें भी जलन होने लगती थी। फिर ऐसा क्या हो गया अचानक? ” 

 शिल्पी-” वह उन दोनों की दिखावे की जिंदगी थी, झगड़ा तो उनके बीच कई वर्षों से चल रहा है। बस पूनम सब्र किए बैठी थी। अब बच्चे बड़े हो गए हैं, वह कह रही थी कि अब मैं और अपमान सहन नहीं कर सकती। ” 

 मोनिका ने पूछा-” शिल्पी पूरी बात बताओ कि पूनम ने तुझे क्या बताया? ” 

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 शिल्पी-” पूनम को मैं अपने घर ले गई थी,वहां उसने मुझे रो-रो कर बताया कि बात-बात में गाली गलौज करना, और पूनम पर हाथ उठाना, बच्चों को भी गालियां देना यह राकेश की आदत बन गई है। बच्चे अब बड़े हो गए हैं उनसे अपने पिता का यह व्यवहार अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है और पूनम भी दिखावे की जिंदगी से तंग आ चुकी है।

अपने को बहुत प्यार करने वाला पति साबित करने के लिए राकेश पूनम के साथ जानबूझकर हंसती खिलखिलाती फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डालता था, ताकि लोगों को वालों की सब कुछ बढ़िया चल रहा है, और उसकी गलती कोई ना निकाल सके। दोस्तों के सामने भी वह जानबूझकर कहता रहता है कि मैं तो अपनी बीवी को बहुत प्यार करता हूं अब मुझे चाहे भले कोई जोरू का गुलाम कहे तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।

दूसरों के सामने हमेशा हंस मुस्करा कर बातें करता है और बहुत ही भला इंसान लगता है। जब कोई पूनम से पूछता कि तुम्हारे हाथ पर या चेहरे पर या निशान कैसे तो कहता है कि बेचारी को खाना बनाते समय अचानक चक्कर आ गया और इसका हाथ गरम-गरम कुकर से छू गया और जल गया,

जबकि सच्चाई यह होती थी कि वह पूनम पर अक्सर हाथ उठाता था। एक बार माथे की चोट देखकर मैं खुद उससे पूछा था कि क्या हुआ, तब उसका पति बीच में बोल पड़ा था कि मैंने इसको मना किया था की कपड़ों से भरी बाल्टी छत पर मैं रख कर आता हूं तुम कपड़े सुखा लेना, लेकिन मैडम जी मानी नहीं

और सीढी में इनका पैर फिसल गया सिर दीवार से टकरा गया। इसी तरह वह झूठ बोल बोल कर खुद अच्छा बन जाता था।पूनम और बर्दाश्त नहीं कर सकती, इसीलिए वह उससे तलाक लेना चाहती है। कह रही थी अब इस दिखावे की जिंदगी से पीछा छुड़ाकर अपने बच्चों के साथ चैन से रहना चाहती हूं। ” 

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 मोनिका -” हद है यार, कितना दिखावटी इंसान है, उसके बारे में यह सच जानकर बड़ा धक्का लगा है मुझे, मैं तो समझ रही थी की बहुत अच्छा इंसान है। वैसे पूनम का फैसला मुझे सही लग रहा है। इस दिखावे की जिंदगी से तो अच्छा है कि वह चैन के दो पल बच्चों के साथ बिताए। 

 शिल्पी-” हां मोनिका तू सही कह रही है, हम तो समझते थे कि हम तीनों में से सबसे ज्यादा खुश नसीब पूनम है, लेकिन असलियत कुछ और ही निकली। पूनम के घर वाले भी हैरान है क्योंकि उसने कभी भी किसी से अपनी दुख भरी बातें नहीं बताई थी। वह यही सोचती थी कि अपने मायके वालों को परेशान क्यों करूं। लेकिन अब तो पानी सर से ऊपर चला गया है। अच्छा मोनिका,अब शाम हो गई है मैं घर के लिए निकलती हूं। अगर कभी तुझे पूनम मिले तो उससे बात करना,,उसे अच्छा लगेगा। ” 

 मोनिका-” तेरी बातें सुनकर अब मुझे लग रहा है कि जब भी हम मिलने का प्रोग्राम बनाते थे तो पूनम क्यों नहीं आती थी, हम सोचते थे कि उसका पति उसे इतना चाहता है कि उसे कहीं जाने नहीं देता जबकि असलियत कुछ और ही थी, वह उसके ऊपर अपना पूरा कंट्रोल रखता था और उसे कहीं नहीं जाने देता था। ” 

 शिल्पी-” हां तेरी बात सही लग रही है। चल अच्छा मोनिका बाय। ” 

 मोनिका -” ओके बाय शिल्पी, फोन पर बात करती रहना, मैं भी समय मिलते ही पूनम से बात करूंगी। ” 

   थोड़े दिनों बाद खबर मिली कि पूनम का तलाक हो गया है और वह अपने बच्चों के साथ बेहद खुश है। अपने पति के दिखावे से दूर है। 

 अप्रकाशित स्वरचित गीता वाधवानी दिल्ली 

#दिखावे की जिंदगी

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