धन्य है तू भारत की नारी- संगीता अग्रवाल

” क्या हुआ प्रीतो तू यहां अंधेरे मे क्या कर रही है ?” रंजीत अपनी पत्नी के पास आ बोला।

” कुछ नही वो मैं बस यूँही !” प्रीति जिसे रंजीत प्यार से प्रीतो बोलता था वो नज़रे चुराती हुई बोली।

” तू रो रही है प्रीतो एक सच्चे सिपाही की बीवी होकर ऐसे रोना तुझे शोभा नही देता प्रीतो !” रंजीत उसका चेहरा अपने हाथ मे ले बोला।

” रंजीत मेरा दिल जाने क्यो बैठे जा रहा है आप नक्सलियों से लोहा लेने जा रहे हो ये बात जाने क्यो मुझे बैचैन कर रही है !” प्रीतो रोते हुए बोली।

” प्रीतो सिपाही की बीवी को इतना कमजोर दिल का नही होना चाहिए। उन्हे तो अपने पतियों को हँसते हँसते जंग के मैदान में भेजना चाहिये !” रंजीत ने समझाया।

” रंजीत तुम कभी मुझसे दूर तो नही जाओगे ना !” प्रीतो रंजीत का हाथ पकड़ कर बोली।

” प्रीतो सिपाही कभी दूर नही जाते वो सिर्फ देश के लिए कुर्बान होकर अजर अमर होते है और उनकी बीवियों को ऐसे सिपाहियो पर नाज़ करना चाहिए ना की ऐसे रोना चाहिए … अरी पगली वो तो रब ने मुझे एक ही जिंदगी बक्शी है नही तो मैं अपनी हर जिंदगी देश पर न्योछावर कर देता। देख अब तू शेर की पत्नी की तरह बड़ा जिगरा कर और मुझे हँसते हँसते विदा कर जिससे मैं सुकून से अपना सारा ध्यान अपने देश पर लगा सकूँ !” रंजीत पत्नी को गले लगाता हुआ बोला ।

 

” ठीक है जी अब आपको मेरी आँखों मे आंसू नज़र नही आएंगे !” प्रीतो आंसू पोंछ मुस्कुराते हुए बोली।

” ये हुई ना बात …पता है प्रीतो मैने तो सोच लिया मैं पांच बेटे पैदा करूंगा और अपने पांडवों को देश की रक्षा को भेज दूंगा… मेरा एक एक बेटा सौ सौ दुश्मनों पर भारी होगा !” रंजीत पत्नी को गले लगाए बोला । पर प्रीतो ने तो ये सब सुनकर भी नही सुना उसका सारा ध्यान तो अपनी आंख के आंसू पीने मे था। एक सिपाही की पत्नी जो थी वो उसे तो ये करना ही था हँसते हँसते विदा जो करना है पति को।

कैसी विडंबना होती है एक सिपाही की पत्नी की भी पति को देश से प्यार होता है और पत्नी को पति से । पति देश के लिए कुर्बान होने का जज्बा रखता है और पत्नी को हर पल उसकी सलामती की फ़िक्र रहती है।

खैर रंजीत को तो देश सेवा के लिए जाना था और वो चला गया पीछे प्रीतो उसकी याद मे गुम रहने के साथ साथ उसके परिवार के प्रति अपने फर्ज भी निभा रही थी । रोज रंजीत से जिस पल बात हो जाती मानो वही पल प्रीतो के अपने थे ।

वक़्त गुजरता रहा और आखिरकार वही हुआ जिसका डर था । नक्सलियों ने सेना की बस को उड़ा दिया था और उसमे रंजीत भी था। टीवी पर आई ये खबर काफी थी एक परिवार को तोड़ने के लिए । एक पत्नी के अरमानो को खाक करने के लिए जिसका अपने पति के साथ सिर्फ दो महीने का रिश्ता था। खामोश सी हो गई प्रीतो । सास ननदों को संभाल रही थी । ससुर को सहारा दे रही थी जबकि खुद बेसहारा हो गई थी।

रंजीत का पार्थिक शरीर पंचतत्व मे विलीन हो गया उसी के साथ प्रीतो के सारे सपने भी विलीन हो गये। कितना रोती है प्रीतो रात मे रंजीत को याद कर करके दिन मे तो उसको रोना भी नसीब नही होता क्योकि उसका रोना रंजीत के माँ बाप का गम और बढ़ा देता है ।एक दिन  बैठी बैठी प्रीतो अचानक बेहोश हो गिर पड़ी और जब होश मे आई तो रंजीत की निशानी उसके पेट मे है इस बात का पता लगा उसे।

” मुझे लगता है प्रीति को हमें अपने साथ ले जाना चाहिए !” उसके गर्भवती होने की खबर सुन उसके माँ बाप आये तो उसकी माँ उसकी सास से बोली।

” जैसी आपकी इच्छा आपकी बच्ची है वो वैसे भी यहाँ रह क्या करेगी बेचारी सारी उम्र …आप ऐसा कीजिये बच्चा गिरवा दीजिये और इसका दूसरा ब्याह कर दीजिये ।बच्ची के आगे सारी उम्र पड़ी है आखिर !” प्रीति की सास बोली।

 

” नही ….मेरा बच्चा इस दुनिया मे आएगा और अपने दादा दादी के प्यार की छाँव मे बड़ा होगा !” प्रीति सास की बात सुन चीख कर बोली और फूट फूट कर रो दी।

” बेटा तेरे आगे सारी जिंदगी पड़ी है ये बच्चा तेरी खुशियों की बेड़ी बन सकता है फिर रंजीत तो दुनिया मे है नही तू अपनी नई दुनिया बसा ले और खुशी खुशी रह !”  सास उसे कलेजे से लगा रोते हुए बोली।

” मेरी खुशियाँ इस घर मे है माँ और ये बच्चा रंजीत की निशानी है मैं इसे जन्म दूंगी और इसे तैयार करूंगी रंजीत की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए !” प्रीति अपने आंसू पोंछ दृढ़ शब्दों मे बोली।

” रंजीत की अंतिम इच्छा ?” सब हैरानी से उसे देखने लगे ।

” हां माँ बाऊजी रंजीत की  इच्छा थी उसके पांच बेटे हो और वो उन सबको फौज मे भेजे अब पांच तो मुमकिन नही पर अगर मुझे बेटा हुआ तो मैं उसे ही पांच के बराबर बनाउंगी जिससे वो अपने देश के काम तो आये ही अपने पिता की मौत का भी बदला ले सके …इसलिए मैं कही नही जाउंगी यही आप लोगों की सेवा करूंगी और अपने बच्चे को देश सेवा के काबिल बनाउंगी !” प्रीति बोली।

उसके शब्दों की दृढ़ता और उसके चेहरे का तेज देख वहाँ मौजूद हर शख्स के मुंह से यही निकला धन्य है तू भारत की नारी जो पति को खो कर बेटे को फौज मे भेजना चाहती है। तुझ जैसी नारियों की बदौलत ही आज देश सुरक्षित हाथो मे है।

#रक्षा

जय हिंद ..जय भारत

आपकी दोस्त

संगीता

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