बडी मुश्किल से काम मिलता है बडबडाई बाई”
तूने ही कुछ किया होगा!
अन्नू,,,, देख बाई, तू मेरा भरोसा तो करेगी नही “”
सुम्मी,,, तू यही रूक मै जाकर पूछ कर आती हूँ!
अचानक मोबाइल बज उठा, जिसकी धुन अंचल के लोकगीत की थी!
हेल्लो,,, कोन,
आभा ” सामने से आवाज आयी.
सुम्मी बहन तू काम करने आयेगी की नही”
आभा ने पूछा “
सुम्मी,,,,देख सेठानी मेरी छोरी जब से आयी है, चिल्ला रही है!
की तूने उसे चिल्लाकर भगा दिया, वो तो न आयेगी “
आभा,,,,,, मै तेरी बात कर रही हूँ!
सुम्मी, ,, अन्नू ने किया है!
आभा, ,, अभी तो कुछ नही बहन, पर आगे कुछ गडबड हुई, तो जिम्मेदारी कौन लेगा “
सुम्मी “”” मतलब”
आभा “”” घर आ बताती हूँ!
आभा “”” आती हूँ!
सुम्मी ने चाय बनायी, और थैली से टोस्ट के पैकेट निकाल कर अन्नू के हाथ में पकडाया “
वो चिंता में थी!
आज यदि काम छूट गया तो, कर्ज कैसे चुकाऐगी,
हर महिने किश्त भरना होती है,
बरिश का मौसम है, एक साल हो गये, कर्ज लिए “
पिछले वर्ष बारिश में, छत टूट गयी थी!
तो आनन फानन में कार्ज लेना पडा था,
सेठानी ने निसंकोच बिना देरी कियें एकमुश्त चालीस हजार दिये थे,
वो भी बिना ब्याज के, अब तक उतार न पायी थी कर्ज,
साल खत्म होने आ गया था!
वो मन ही मन डर रही थी, कही आभा जी, पैसे न मांग ले,
काम से हटाने के बाद “”
जाने क्या करके आयी होगी, अन्नू “
कुछ गल्ती की होगी अन्नू ने तो वो हाथ पैर जोडकर माफी मांग लेगी “”” हा यही करेगी सुम्मी ने मन ही मन सोचा!
सोचते सोचते कब वो, गंतव्य पर पहुँच गयी, पता ही नही चला “
अरे सुम्मी आओ,,
आभा गेट के बाहर ही सूम्मी को मिल गयी!
सुम्मी की नजर आभा पर पडी तो वो अपने आंसू न रोक सकी””
सुम्मी बहन अंदर चलो ” आभा ने सुम्मी को बोला!
आभा भाभी क्या हुआ पडोसन ने पूछा,
ये कामवलियों के चोचले है!
आभा,,, कुछ नही दीदी ”
दो टूक जबाब दिया आभा ने “
आभा के उत्तर से पडोसन संतुष्ट न हुई और बुरा सा मुहं बनाकर, घर के अंदर चली गई!
आगे आगे आभा पीछे पीछे सुम्मी दोनों ने अंदर आ गये!
सुम्मी बहन बैठो मै चाय बनाकर लाती हूँ!
सुम्मी,,,,नही पहले मुझे बताओ, अन्नू ने क्या किया!
आभा अभी तो कुछ नही पर आगे का अंदेशा है,
इतना कहने के साथ ही, रात को घटित सारी घटनाऐं
जैसे की तैसी सुम्मी को सुना दी’,,
सारी बात सुनने के बाद सुम्मी ने निर्णय लिया की आज से काम पर वही आऐगी!
अब आभा बेफिक्र हो गयी थी “
संजय भी अब आभा का ध्यान रखने लगा था!
समय की गति रूकती कहाँ है!
आभा के पडोस में रहने नये कपल आऐ थे!
आभा से उनका मकान चार पांच घर छोड़कर था!
एक रोज आभा छत पर खडी दूर कही निहार रही थी!
की उसकी नजर नये पडोसी की छत पर चली गयी!
वहाँ अन्नू कपड़े सूखा रही थी!
तभी एक नवयुवक ने अन्नू को पीछे से दबोच लिया “
आभा चौंक उठी, उसने अन्नू को आवाज दी, पर दूरी की वजह से उसकी आवाज अन्नू तक न पहुँची “
आभा घबरा गयी, वो तेजी से सीढ़ियां उतर कर पडोसी के घर पहुँच गयी!
दरवाजा अंदर से बंद था!
आभा दरवाजा पीटने लगी!
अंदर से एक खूबसूरत सी युवती ने दरवाजा खोला!
आप कौन “
अन्नू कहाँ है”
कौन है आरती, अंदर से किसी पुरुष की आवाज आयी!
आरती,,, पता नही वेदांत, अन्नू को पूछ रही हैं!
सीढियों से ऊतर कर, एक खूबसूरत नौजवान छह फुट के आसपास हाइट वाला आरती के पीछे आकर खडा हो गया!
आभा पहचान गयी, ये वही युवक था, जिसने अन्नू को दबोचा था!
क्रमश;