अब तक आपने पढ़ा….
कुलदेवी के मन्दिर जाते वक़्त आदित्य पर हमला हो जाता है….. उसमें सबको काफ़ी चोट आ जाती है….
अब आगे…..
नर्स सबको बेनडेज करके रूम में जाने के लिए और आराम करने को बोलती है और सबको अलग – अलग रूम दे देती है
.आदित्य राधिका के रूम में जाता है राधिका नींद में थी……आदित्य उसके पास बैठ गया….उसने राधिका के माथे पर जहाँ बेनडेज की हुयी थी उस पर हाथ फेरा…… माथे पर आ रहे उसके बालों को ठीक किया…. और उसके माथे पर चूमा आदित्य की आँखें नम हो गयी…
राधिका ने अपनी अधखुली आँखों से उसे देखा वो हल्के से मुस्कुरायी और अपना हाथ आदित्य की तरफ बढ़ाया….. आदित्य ने उसका हाथ को थाम लिया और पूछा – “आप ठीक हैं? “
राधिका ने अपनी आँखों को झपका कर हाँ कहा…..
आदित्य कुछ नहीं बोला वो बस राधिका को देखे जा रहा था… राधिका भी उसकी तरफ देख रही थी….
आदित्य ने राधिका से कहा – आप आराम करिए मैं यहीं हूँ…..
राधिका ने अपनी आँखों को बंद किया और सो गयी..
आदित्य बाहर आ गया जहाँ वीर प्रताप जी और बाक़ी सब बैठे थे.. देवेंद्र जी ने उसे आते हुए देखा तो खड़े हो गए… उन्होंने आदित्य से पूछा – “क्या हुआ आप यहाँ लाडो ठीक है ना ? “
“हाँ ताऊजी वो ठीक है और सो रहीं हैं …”
आदित्य वहीं सबके साथ बैठ गया
रुपाली सबको देख कर बहुत दुखी हो रही थी….वीर प्रताप जी उसे समझाते हैं……
रुपाली कहती है -” किसी को नहीं पता था कि हम कहाँ जा रहे है? फिर ये सब हुआ कैसे?? “
देवेंद्र जी और शीतल ने भी यही सवाल किया
वीर प्रताप जी ने कहा – अगर किसी को नहीं पता था तो सिर्फ ये बात ओम ठाकुर पता होगी….. सारे रीति रिवाजो के बारे में सिर्फ उस को पता है..उसको पता है कि शादी के बाद कुलदेवी के मन्दिर जाते है….. ये सब उसी ने किया है..
“तो हम पुलिस को बता देते हैं “-देवेंद्र जी ने कहा
“कोई फायदा नहीं ताऊजी वो छूट जायेगा ” -आदित्य ने कहा
सब चुप बैठ गए
राघव कावेरी के साथ था…. वो उठ कर जाने लगा तो कावेरी ने उसका हाथ पकड़ा राघव ने पलट कर उसकी तरफ देखा…. वो कावेरी के पास बैठ गया उसने कावेरी से कहा- ” कुछ कहना है आपको?? “
कावेरी ने कहा – ” ये सब राधिका के साथ ही क्यों हो रहा है…???जब से उसकी शादी हुयी है … कुछ ना कुछ हो ही रहा है… चैन से वो अपनी जिंदगी बिता ही नहीं पा रही है….” उसकी आँखों से आँसू बहने लगे
राघव ने उसके बहते आँसुओं को पोंछा और उसे गले से लगा लिया…. कावेरी थोड़ा शांत हुयी तो राघव ने कहा – भाभी के साथ सब हो रहा है…. इसका कारण शायद वो सब है जो आदि के दुश्मन हैं.. जो नहीं चाहते की आदि खुश रहे…इसलिए वो आदि के साथ – साथ भाभी को भी परेशान कर रहे है… लेकिन कुछ नही होगा किसी का हम सब साथ है… आप परेशान मत हो… “
राघव ने कावेरी के चेहरे हो ऊपर उठाया और उसके गालों को चूम लिया… कावेरी कि पलकें झुक गयी… राघव ने उसे फिर से गले से लगा लिया
दूसरे कमरे में लाजो और भुवन थे…भुवन को काफ़ी चोट आयी थी ….भुवन ने लाजो का हाथ अपने हाथ में ले रखा था
भुवन ने लाजो से पूछा – “आप डर तो नहीं गयी थी .. ? “
लाजो ने सांस भरी और बोली – थोड़ा सा.. लेकिन मुझे डर इस बात का था कि ठाकुराइन को कुछ ना हो जाए…. पता नहीं क्यूँ सब उनके पीछे पड़े हैं.??
भुवन ने कहा -” जब इंसान कामयाब होता है तब उसके दुश्मनों की संख्या उसके दोस्तों से ज़्यादा होती है और कुँवर के साथ कुछ ऐसा ही है…. सब कुँवर को मारने के पीछे पड़े है और इसलिए ठाकुराइन का भी इन सबका सामना करना पड़ रहा है ….*
लाजो ने भुवन की तरफ देखते हुए कहा – “लेकिन हम उन्हें कभी कुछ होने नहीं देंगे ढाल बन कर खड़े रहेंगे “
भुवन हँसा और बोला – “हाँ मेरी झाँसी की रानी ये वादा है मेरा आपसे कि हम कुँवर को और ठाकुराइन को कुछ नहीं होने देंगे
और… “
और ??? लाजो ने कहा
भुवन लाजो के थोड़ा क़रीब आया और उसके माथे को चूम लिया… लाजो शर्मा कर जाने लगी तो भुवन ने उसका हाथ पकड़ा और मुस्कुराकर उसकी तरफ देखने लगा…
“छोडिए अभी कोई आ जायेगा” – लाजो ने कहा
भुवन ने उसे अपनी तरफ खींचा और गले से लगा लिया लाजो ने भी भुवन को अपने दोनों हाथों से थाम लिया ..
राघव कमरे से बाहर आया और सबके पास जाकर बैठ गया….. आदित्य ने राघव से पूछाl कावेरी ठीक है?
हाँ..”राघव ने कहा
“अगर वो जाग रहीं हैं तो क्या हम तुम्हारे रूम में चल कर बात कर सकते है” – आदित्य ने पूछा
हाँ …चलो वो जाग रहीं है…. राघव ने कहा
सब राघव के रूम में आ गए भुवन और लाजो भी आ गए थे .सबबैठ गए
क्या बात करनी है आदि बताओ?
आदित्य ने कहा – ” हम कल यहाँ से चले जायेंगे…… राघव तुम और कावेरी कुलदेवी के दर्शन करने जाओ….. यहाँ से आधा घंटा लगेगा जाने में? “
“लेकिन आदि”?? राघव ने बीच में कहा
“पहले पुरी बात सुनो तुम ” – आदित्य ने कहा …”.इतनी दूर आ गए है तो दर्शन करके ही जायेंगे और वो कुलदेवी हैं तो और भी ज़रूरी है कि हम उनके दर्शन कर लें .. “
“आदित्य तुम सही कह रहे हो -“वीर प्रताप जी ने
“लेकिन रास्ते में भी तो कुछ हो सकता है ? “- रुपाली ने कहा
“हाँ आप सही कह रहीं है ” – इस बार शीतल ने कहा
“नहीं इतनी जल्दी कोई कुछ नहीं करेगा उनके आदमियों को पुलिस ने पकड़ा कम से कम कल तो कुछ नहीं करेंगे वो तुम्हें पूरी सुरक्षा के साथ भेजेंगे और तुम्हें सुबह जल्दी निकलना होगा हम सब 10 बजे तक निकल जायेंगे यहाँ से मैं डॉक्टर से बात कर लेता हूँ ….भुवन तुम गार्ड्स को बुलाओ और इस बार गन लेकर कोई भी आए मार देना उसे “. -आदित्य ने कहा
“जी कुँवर “- भुवन ने कहा
“अभी आप सब आराम करें..हॉस्पिटल की.सुरक्षा का पूरा इंतज़ाम करो भुवन कोई परिंदा भी भी अंदर ना आ सके -” आदित्य ने कहा और बाहर चला गया
आदित्य राधिका के रूम की तरफ जा ही रहा था कि उसका फोन बजा… केशव का फोन था आदित्य ने इधर – उधर देखा और फोन उठा लिया
“ह्म्म” – आदित्य ने कहा
“कुँवर माफ कर दीजिए ऐसा कुछ हो जायेगा हमें इस बात की खबर नहीं हुयी कब उन लोगो ने ये सब कर दिया … “
“आगे से ये गलती ना हो ध्यान रखना ” आदित्य ने कहा
जी….ठाकुराइन कैसी हैं उनको बहुत लगी हैं?
“वो ठीक हैं वो… हम कल 10 बजे तक यहाँ से निकल जायेंगे….. बाक़ी तुम्हें पता है… “
जी कुँवर….
आदित्य ने फोन कट किया और रूम में आ गया… राधिका अभी भी सो रही थी जो नर्स उसके पास बैठी थी आदित्य को आया हुआ देख कर बाहर चली गये.. आदित्य राधिका के पास में रखे हुए बेड पर लेट गया..
किसी की आँखों में नींद नहीं थी सब चिंतित थे…
अगली सुबह पूरी सुरक्षा के साथ राघव और कावेरी को भुवन कुलदेवी के मन्दिर ले गया और वो लोग समय से वापस भी आ गए….
हॉस्पिटल में सब वापस जाने के लिए रेडी थे…. सब गाड़ियों में बैठे और वापस घर के लिए निकल गए… सब घर पहुँच गए
आदित्य ने वीर प्रताप जी से दूसरे दिन वापस जाने की बात कर ली थी… और वो तैयार भी हो गए थे…. परेशानी सबके चेहरे पर थी….. अब आगे कुछ ना हो बस सब ये ही प्रार्थना कर रहे थे…
राघव अपने रूम में अपने रूम में बैठा हुआ कुछ सोच था….. कावेरी आयी तो उसने देखा राघव कुछ परेशान लग रहा है
उसने राघव से पूछा – “क्या हुआ आप परेशान लग रहे हैं?? “
“परेशान भी हूँ और हैरान भी…. इतना कुछ हो गया और आदि कुछ कर नहीं रहा ना ही उसने उनलोगो के खिलाफ कोई कंप्लेंट की ना ही उसने पुलिस से बात की.. समझ नहीं आ रहा कि वो इतना शांत कैसे है?? ” राघव ने कहा
“हाँ सोच तो मैं भी यही रही हूँ कि कुँवर इतने शांत कैसे है? कुछ कर क्यों नहीं रहे?? “
सब यही सोच रहे थे कि आदित्य कुछ कर क्यों नहीं रहा लेकिन किसी की उस से कुछ पूछने की हिम्मत नहीं थी
अगले दिन आदित्य और बाक़ी सब वीर प्रताप जी से विदा लेकर घर आ गए… .. आदित्य फिल्हाल कहीं जा नहीं रहा था…… वापस से सब नोर्मल होने लगा… सब अपने कामों में लग गए..
राधिका की पूरी देखभाल लाजो खुद करती थी….. धीरे – धीरे सबके घाव भर गए……
अब राधिका काफी ठीक थी … कावेरी राधिका से रोज़ बात करती…. कभी राघव के साथ उस से मिलने आ भी जाती थी
15 दिन बीत गए…आज आदित्य को ज़रूरी काम से राघव के साथ जाना उसने कावेरी को भी आने के लिए बोल दिया था… कावेरी भी आना चाहती उसे कुछ राधिका से डिस्कस करना था…
राघव के साथ आदित्य चला गया था… कावेरी राधिका के पास बैठी कुछबात कर रही थी…
तभी लाजो राधिका के लिए जूस ले कर आ गयी…. उसने कावेरी को देखा तो जमहाई लेते हुए बोली – ” अरे दीदी आप कब आयी पता ही नहीं चला ” ?
“हम तो कब से आये है तुमको ही फुर्सत नहीं है -” कावेरी ने कहा
“नही दीदी आज आँख नहीं खुली रात को सोयी नही ठीक से “
“आए हाय रात को सोयी नहीं” ? भुवन जी ने परेशान किया किया ? ” कावेरी ने हँसते हुए कहा
“अरे दीदी शर्म करो क्या कुछ भी बोलती रहती हो आप ” ऐसा कुछ नही है
क्या कह रही हो कावेरी तुम भी….भुवन जी तो बहुत सीधे है – राधिका ने मुस्कुराते हुए कहा
सीधे …. ये मत बोलो ठाकुराइन आप पहले मुझे भी लगता था बहुत सीधे है…. लेकिन अब साथ में हूँ तो पता चल रहा है
हाँ …. रात भर सोने नहीं देते क्यों ??कावेरी ने हँसते हुए कहा
लाजो शर्मा कर हँस दी..और बोली ये भी कुछ कम नहीं है…… बता दूँ ठाकुराइन को?
“क्या बताना है ? “- राधिका ने पूछा
“लाजो “- कावेरी ने कहा
“अब अपनी बात आयी तो लाजो …पता है ठाकुराइन जब हम लोग इनकी शादी के लिए राघव बाबू के घर गए…. जब तक शादी नहीं हो गयी रोज़ रात को ये दोनों बाइक पर निकल जाते थे…. बस मुझे और भुवन जी को पता था..
क्या??? राधिका ने कावेरी की तरफ देख कर पूछा
कावेरी ने सिर नीचे कर लिया और बोली – मैं तो मना करती थी लेकिन राघव जी को मेरे साथ शादी से पहले बाइक पर घूमना था…. कसमें दे दी उनहोंने फिर मै क्या करती…… “
“वो तो हमने देख लिया इनको वरना पता भी नही चलता -“” लाजो ने कहा
“और बता भी दिया..” कावेरी ने कहा
वैसे राधिका तुम्हारे भी तो रोमांटिक पल होंगे बताओ ना…??कावेरी ने पूछा
कावेरी के पूछने पर राधिका को आदिय का पहली बार उसके क़रीब आना याद आ गया…. उसने कहा “छोड़ो हमारी तो शादी ही झगड़े से शुरू हुयी “
“और फिर प्यार में बदल गयी ‘- दरवाज़े पर खड़े हुए आदित्य ने कहा राघव और भुवन भी उसके साथ खड़े थे
“आप सब?? आप लोग कब आए? “राधिका ने पूछा
बस अभी जब आप हमारी शादी की बात कर रहीं थी …!!
“किसी की बात छुप कर सुनना गलत बाटर होती है…”. राधिका ने कहा
“किसी की कहाँ हम तो अपनी पत्नी की बात सुन रहे थे…” आदित्य ने जवाब दिया
राघव ने कहा – हाँ सही तो कह रहा है आदि…. तो क्या बात कर रहे थे आप सब? “
“आपकी बुराई कर रहे थे और आप सब कितने खराब है ये बता रहे थे एक दूसरे को “- लाजो ने कहा
“भुवन होंगे खराब हम तो नहीं है -” राघव ने कहा
“वो क्यों खराब होंगे वो तो आपकी संगत में रहते है इसलिए…” “
“ओहो!! बंद करो ये लड़ना जब देखो तब लड़ते रहते हो … लाजो खाना लगवाओ सब साथ में ही खा लेंगे -” राधिका ने कहा
लाजो मूँह बना कर बाहर चली गयी….सबने साथ में बैठ कर खाना खाया… राघव और कावेरी खाना खा कर घर वापस चले गए….!!
कहनी का ये भाग आशा करती हूँ पसंद आया होगा….. नए भाग के सात फिर मिलूँगी..
धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहनी
अनु माथुर