दास्तान इश्क़ की (भाग -24)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

अब तक आपने पढ़ा …

राघव और कावेरी के साथ भुवन की की भी शादी लाजो के साथ तय हो जाती है

राधिका का प्लास्टर कट जाता है और वो एक हादसे का शिकार होने से बच जाती है

अब आगे…..

भुवन गाड़ी ले कर घर आ जाता है लेकिन उसे आदित्य का यूँ चुप रहना समझ नही आ रहा था….

आदित्य ने भुवन से कहा आज जो हुआ उसका ज़िक्र किसी से मत करना …..सब परेशान हो जायेंगे …..भुवन ने हाँ में सिर हिलाया और गाड़ी पार्क करने चला गया ..

आदित्य राधिका को ले घर के अंदर आया ….वहाँ  वीर प्रताप जी और रूपाली आए हुए थे  राधिका और आदित्य झुक कर दोनो के पैर छुए और वहीं सबके साथ सोफे पर बैठ गए

रूपाली राधिका से पूछा – सब ठीक है ना राधिका डॉक्टर ने क्या बताया?

जी काकी सब ठीक है बस भारी चीज़ उठाने का मना किया है कुछ दिन राधिका ने कहा

वैसे हम खुशखबरी लाए है दो दिन बाद हम राघव और कावेरी की सगाई करेंगे और शादी की डेट के लिए हमने पंडित जी को बुलाया वो आते ही होंगे… रूपाली ने कहा

ये तो बहुत अच्छी खबर है… शीतल ने कहा

हाँ मैं तो चाहती हूँ की जल्दी से जल्दी कावेरी को मैं अपनी बहू बना लूँ – रूपाली ने खुश होते हुए कहा

हमें थोड़ा समय दीजियेगा समधन जी तैयारी करने का – देवेंद्र जी ने हँसते हुए कहा

मिल कर करेंगे तैयारी हम सब आप उसकी बिल्कुल फिकर ना करें – वीर प्रताप जी ने कहा

हाँ वो भी बात करनी है – शीतल ने कहा

तभी पंडित जी भी आ गए   सबने पंडित जी को हाथ जोड़कर प्रणाम किया… और बैठने के लिया बोला रूपाली न पंडित जी से शादी की डेट निकालने के लिया बोला….. पंडित जी ने अपनी पोथी पत्री में कुछ देर देखा फिर बताया कि दो डेट है…….. एक आज से दो हफ्ते बाद और दूसरी तीन महीने बाद आप इन दोनों में से किसी भी डेट में शादी कर सकते हैं ..

रूपाली ने कहा –  ठीक है पंडित जी हम लोग मिलकर डिसाइड कर लेंगे अभी राघव यहाँ नही है वो भी आ जाए फिर करते है….

रूपाली ने पंडित जी को दक्षिणा दी और पंडित जी जलपान करके चले गए

राधिका ने कहा – तीन महीने बाद वाली डेट रख लेते है … हमें तैयारी के लिए कुछ वक़्त भी तो चाहिए…… वैसे काकी आप सगाई की डेट बताने वाली थी

हाँ….. अब तुम ठीक हो तो दो दिन बाद रख लेते है मैंने वैसे तो सब तैयारी कि हुयी है बस सबको डेट बतानी  है

दो दिन बाद??? ये तो बहुत जल्दी है शीतल ने कहा

कोई जल्दी नहीं है सब हो जायेगा आप फिकर ना करें – देवेंद्र जी ने कहा

हमें लाजो की माँ से भी तो बात करनी है… लाजो तुम्हारी माँ से कब बात हो सकती है ??? – राधिका ने पूछा

ठाकुराइन आप जब चाहे बात कर लें वो बहुत दूर नही है बस तीन घंटे का ही रास्ता है मेरे गाँव का

ठीक है तो बात क्या करनी हम वहीं चलते हैं उनके दामाद का लेकर …..लाजो बता दो उनको कि हम लोग कल आ रहे है….राधिका ने कहा

कहाँ जा रहे है सब?? राघव ने कावेरी के साथ अंदर आते हुए पूछा  

राघव जा कर आदित्य के पास बैठ गया कावेरी ने वीर प्रताप जी के और रूपाली के पैर छुए और राधिका के पास आ कर बैठ गयी

हम लाजो के गाँव जा रहे है उनकी माँ से मिलने उनके दामाद को लेकर….. राधिका ने कहा

अरे वाह.. मतलब भुवन का टेस्ट होने वाला है क्यों लाजो जी  राघव ने कहा तो लाजो मुस्कुराने लगी

एक खुशखबरी और भी है…..

पंडित जी ने डेट निकाली है आपकी  शादी की….एक दो हफ्ते बाद की और एक तीन महीने बा की हमने तीन महीने बाद की डेट फाइनल की है – राधिका ने सब एक ही बार में बोल दिया…

तो दो हफ्ते बाद की फाइनल करते हैं ना तीन महीने की क्यों?? राघव ने कहा

ये तो मुझसे भी ज़्यादा उतवाला हो रहा है……तैयारी के लिए कुछ  वक़्त चाहिए सबको समझे – रुपाली ने कहा

ठीक है…. राघव ने थोड़ा उदास होते हुए कहा

वैसे आदि आज तुम क्यूँ चुप हो?? कुछ हुआ है क्या?? राघव ने कहा

नहीं कुछ नही हुआ …

तो तबियत ठीक नहीं है क्या?

नहीं ठीक है तबियत मेरी

कुँवर आपको शादी की डेट को लेकर कोई परेशानी है – देवेंद्र जी ने पूछा

नहीं ताऊजी ऐसी कोई बात नही है हम बिल्कुल ठीक है और डेट भी ठीक है

राधिका ने देखा आदित्य परेशान है….. उसने कहा – कुँवर आप आराम करिए यहाँ हमें देख लेंगे

राधिका की बात सुनकर आदित्य उठा और अपने कमरे की तरफ चला गया

थोड़ी देर में वीर प्रतापजी  रूपाली और राघव अपने घर चले गए

शीतल राधिका को अपने कमरे में लेकर गयी और उससे पूछा – क्या हुआ है राधिका कुँवर ठीक नही लग रहे थे ना ही वो किसी बात में कुछ बोले नहीं…… ???

कोई बात नहीं है मम्मी ऑफिस की कोई बात होगी आप परेशान ना हो मैं देखती हूँ.. कल चलना है सुबह तो आप आराम करें …

राधिका शीतल के कमरे से निकल कर अपने कमरे में गयी…. उसने देखा आदित्य कमरे की खिड़की पर अपने दोनों हाथ बांधे हुए खड़ा हुआ है….. वो जाकर खिड़की के दूसरी तरफ खड़ी हो गयी और पूछा – क्या हुआ आप????  राधिका ने अपनी  बात  पूरी  भी नही की थी की आदित्य ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खीचा और उसे कस के गले से लगा लिया….. राधिका ने पूछा क्या हुआ??

आदित्य चुप था …….राधिका ने अपने एक हाथ से उसकी पीठ को सेहलते हुए फिर पूछा –  क्या हुआ आपको…… ????

आदित्य ने वैसे ही राधिका को पकड़े हुए रुंधी हुयी आवाज़ में कहा –   आज अगर आपको कुछ हो जाता तो क्या होता??

राधिका ने उसे कहा आप शांत हो जाए और चलिए बैठिए….. राधिका ने उसका हाथ पकड़ कर उसे बिठाया…. और पानी दिया

आदित्य ने कहा – हमने आपसे शादी करके आपकी  जिंदगी को खतरे में डाल दिया…. हमने ठीक नही किया आज एक सेकेंड की भी देरी की होती मैंने तो वो गाड़ी ….

राधिका ने कहा – कुछ नही होता हमें क्योकिं भगवान् के घर जाने का वक़्त नहीं आया अभी हमारा …… और ये सब तो होता ही रहेगा हमें पता है कि आपके बहुत दुश्मन हैं ताऊजी ने हमें बताया

आप अपने घर चली जाइए वहाँ ये सब नही होगा….. आदित्य ने इस बात पर थोड़ा ज़ोर देते हुए कहा

कुँवर आप कैसी बातें कर रहे है हम आपको छोड़ कर चले जाए वो भी ऐसे हालातों में जी सब तरफ से लोग घात लगाए बैठे है… और आपको क्या लगता है हम वहाँ चले गए तो सुरक्षित रहेंगे?? वो लोग वहाँ भी आ जायेंगे…. और वहाँ हमें कुछ हो गया तो??

राधिका……..

कुँवर आप ज़्यादा सोचिए मत…. जो होगा हम मिल कर देख लेंगे…… घर में शादी है भूल जाइये आज जो हुआ….सब पूछ रहे कि क्या हुआ आपको??? फिल्हाल तो हमने बोला कि ऑफिस की किसी बात से आप परेशान हैं

आदित्य ने राधिका का हाथ अपने हाथों में लिया और बोला हमने आपसे शादी करके अच्छा किया….

अच्छा जी…..अब आप चेंज कर लीजिए  चलिए हम चलें

बाहर

..आदित्य ने वहीं बेड पर लेटते हुए कहा कर लेंगे थोड़ी देर में…. और राधिका का हाथ अपनी तरफ खींच….राधिका आदित्य के ऊपर आ कर गिर गयी उसने अपनी पलकें झुका ली और उठने की कोशिश करने लगी आदित्य ने उसे पकड़ा पलटा और उसके ऊपर आ गया

राधिका कुछ बोलने जा रही थी कि आदित्य ने अपने होंठ राधिका के होंठों पर रखा दिए राधिका की आँखे बंद हो गयी…

आदित्य ने अपने होंठों को उसके होंठों से अलग किया और उसके गालों को अपने गालों से छूते हुए बोला — आई लव यू

राधिका ने जब ये सुना तो शर्मा गयी…

आदित्य ने कहा आप कुछ नहीं कहेंगी???

राधिका ने अपनी झुकी हुयी पलकों को ऊपर उठाया और धीरे से कहा – कुँवर

हम्म् आदित्य ने कहा

राधिका ने आदित्य को पीछे धक्का दिया आदित्य बेड पर गिर गया…. राधिका जल्दी से उठी और अपने कपड़े ठीक किए और मुस्कुरा कर बोली आप चेंज कीजिए हम आते है

आदित्य ने अपने दोनों हाथ सिर के पीछे किए और बोला – आपने बात जवाब नही दिया ??

राधिका ने जाते हुए पलट कर देखा मुस्कुराई और बाहर चली गयी

आदित्य मुस्कुराया और बोला –

ज़ुबाँ से जो कहना था वो

आप आँखों से कह गयी

उफ्फ़ ये अदा आपकी

हमको दीवाना सा कर गयी….. !!!

राधिका बाहर आयी तो कावेरी ने पूछा क्या हुआ कुँवर जी को सब ठीक है ना?? उनकी तबियत??

हाँ ठीक है थोड़ी ऑफिस की टेंशन और कुछ नही तुम ये सब छोड़ो चलो सगाई के लिये तुम्हारे कुछ लेने चलते है वैसे कुछ सोचा है तुमने क्या पहनना.. …..

नहीं मैंने तो कुछ सोचा नही वैसे भी हमेशा तो तुम ही बताती थी तो आज भी तुम ही  बताओ ….

इंडो वेस्टर्न देखें कुछ…??

हाँ ठीक है..

किस बारे में बात हो रही है – शीतल ने आते हुए कहा

मम्मी कावेरी के लिए सगाई की ड्रेस decide कर रहे थे….

अच्छा तो क्या सोचा??

इंडो वेस्टर्न देखते है….. अभी चले जाते है फिर रात हो जायेगी

हाँ ठीक है लाजो को भी ले जाओ और भुवन को भी…. कुँवर को बता कर जाना . .

हम्म राधिका ने लाजो और भुवन से साथ चलने के लिए कहा…. वो आदित्य को बताने के लिए रूम में गयी तो आदित्य ने भी साथ चलने के लिए बोला

सब रैडी हो कर आ गए भुवन ने गाड़ी निकाली सब बैठ कर मार्केट के लिए निकल गए

सब अभी रास्ते में ही थे कि आदित्य का फोन बजा…. उसने देखा तो राघव का कौल था…..उसने पिक किया उधर से राघव बोला  – “आदि मेरे भाई मुझे इस मुश्क़िल से निकाल “

आदित्य ने पूछा – क्या हुआ अब क्या कर दिया तुमने ???

“अरे किया कुछ नही दो दिन बाद मेरी सागई है और मुझे ये समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या पहनू  ???  तुम कहाँ हा मुझे शॉपिंग के लिए जाना है..

हम सब भी शॉपिंग के लिए ही निकले है

हम सब मतलब???

मतलब…. राधिका, कावेरी, लाजो भुवन और मैं  तुम भी  आ जाओ वहीं देख लेंगे..

गुड आईडिया…. कहाँ जा रहे हो तुम मैं आता हूँ

पहुँच कर तुमको बताता हूँ..

ठीक है…..

कावेरी जी आपके साहब भी आ रहे है आदित्य ने कहा तो कावेरी थोड़ा सा शर्मा गयी उसने अपनी पलकें नीची कर ली

कुछ देर में वो लोग मार्केट पहुँच गए आदित्य ने राघव को बता दिया कि वो लोग कहाँ है

वो सब एक शॉप में गए जहाँ बहुत सुंदर इंडो वेस्टर्न ड्रेसेस थी और इंडियन थी

राधिका ,कावेरी और लाजो शॉप में घूम कर ड्रेस देख आदित्य बाहर राघव का इंतज़ार कर रहा और भुवन गाड़ी पार्क करने गया था…

शॉप वाले ने राधिका को बैठने के लिये  बोला उनको क्या चाहिए पूछा  और ड्रेसेस दिखाने लगा ..

तब तक राघव भी आ गया आदित्य राघव  के साथ अंदर बात करते हुए ज ही रहा था कि किसी से टकरा गया उसने सॉरी बोला खुद संभाला और जिस से टकराया था उसे भी संभाल लिया…. वो एक लड़की थी उसने कहा कोई बात नही …. और ऊपर देखा….. आदित्य और राघव उसे देख कर हैरान थे….

आकांशा ???? आदित्य और राघव ने एक साथ बोला

आदि… आकांशा ने आदित्य की तरफ देख कर बोला….. !!!!

 आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा 

अगला भाग

दास्तान इश्क़ की (भाग -25)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहनी

अनु माथुर

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