अब तक आपने पढ़ा….
राधिका के कहने पर राघव कावेरी को ऑफिस ले जाता है…. और उसको जॉब पर रख लेता है… भुवन कुछ औरतों को काम के लिए लाता है राधिका उन्हें रख लेती है….
अब आगे…….
भुवन जिन औरतों को काम के लिए लाया था उनमें से एक को राधिका बुलाती है और उसका नाम पूछती है …..वो कहती है वैसे तो मेरा नाम लाजवंती है लेकिन आप मुझे लाजो कह कर बुला सकतीं है….राधिका कहती है – ठीक है तो हम लाजो ही कह कर बुलाएंगे….
राधिका लाजवंती को काम के बारे में बताती है और कहती है कि वो काम सारे कमरों में जा सकती है लेकर कुँवर के कमरे में नहीं और ना ही वो उनकी किसी चीज़ को उनके बिना पूछे हाथ लगाए…
लाजवंती ठीक है कहती है
राधिका फिर पूछती है – खाना बना लेती हो लाजो ??
अरे ये क्या बात पूछी आपने ठाकुराइन खाना तो मैं ऐसा बनाती हूँ कि सारे वो क्या होते है रसोई में जो काम करते है… कूक उनसे भी अच्छा….
कूक….राधिका हँसती है और कहती है कूक नही कुक
हाँ वही कुक से भी अच्छा .. लाजो ने कहा
अच्छा घर में कौन – कौन है तुम्हारे ???
माँ है और एक भाई वो पढ़ रहा है…
तुम नहीं पढ़ती ???
पढ़ती थी….दसवीं तक पढाई की गाँव में फिर एक दिन बाबा चले गए… भाई छोटा है तो इसलिए मैंने काम करने का सोचा ….माँ नहीं चाहती लेकिन मैं चाहती हूँ
तो नौकरी कर लेती कहीं घर पर क्यों???.. राधिका ने कहा
नहीं ठाकुराइन मुझे ये ही काम ठीक लगता है… पहले जहाँ काम करती थी वो विदेश चले गए और ये भुवन जी ने कहा काम के लिए तो हम यहाँ आ गए …
ठीक है ….तो आज दोपहर का खाना तुम बनाओ.. राधिका ने कहा
मुझे आप रसोई बता दें… और हमें कहाँ रहना है वो भी हम बस अभी आते हैं कपड़े बदल कर फिर बना देंगे – लाजो ने कहा
राधिका एक नौकर से लाजो को कमरा दिखाने को बोलती है…
थोड़ी देर में लाजवंती कपड़े बदल कर आयी और किचन में जा कर खाना बनाने लगी….. राधिका ने बाक़ी नौकरों को लाजवंती की मदद करने के लिए बोला और अपने कमरे में पढ़ने चली गयी
दोपहर तक खाना बन कर रेडी हो गया…… आदित्य आज घर पर ही था और स्टडी रूम में बैठा हुआ काम कर रहा था…
कावेरी को भी ऑफिस में ज़्यादा काम नहीं था…. राघव उसको छोड़ने आया था…
राधिका पढ़कर बाहर आयी तब तक सब आ गए थे….राधिका ने लाजवंती को खाना लगाने के लिए बोला….लाजवंती ने बाक़ी नौकरों के खाना मिलकर खाना टेबल पर लगा दिया था……..सब टेबल पर बैठ गए और खाना खाने लगे…
लाजवंती साइड में खड़ी थी तभी भुवन अंदर आया और आदित्य को खाना खाते हुए देख कर वहीं खड़ा हो गया…..
लाजवंती ने भुवन को देखा तो मुस्कुरा कर बोली – जी आपको भी दे दूँ खाना ??
भुवन ने उसकी तरफ बिना देखे कहा – ” नही.. मैं खा कर आया हूँ …
लाजवंती ने फिर कहा – आज खाना मैंने बनाया है… खा कर तो देखो
कहा ना मुझे नहीं खाना… भुवन ने थोड़ा तेज़ बोला तो सबने उस तरफ देखा…
भुवन ने लाजवंती को आँख दिखायी… तो वो हँस पड़ी ..
आदित्य ने भुवन की तरफ देखा और बोला – क्या हुआ भुवन वहाँ क्यों खड़े हो??
कुँवर कुछ बात करनी थी आप खाना खा लें फिर बताते हैं “
ठीक है आदित्य ने कहा…..
आज खाना बहुत बढ़िया बना है भाभी मज़ा आ गया…. वो पापा कहते हैं ना कि पेट भर गया लेकिन मन नहीं भरा… राघव ने कहा
आज तारीफ़ आप हमारी नहीं वो जो वहाँ खड़ी हैं ना..लाजवंती उनको करिए राधिका ने मुस्कुराते हुए कहा
राघव ने लाजवंती की तरफ देखा जो भुवन के साथ खड़ी हुयी मुस्कुरा रही थी… उसने कहा….. भुवन ये कौन है??
भुवन ने कहा – कौन राघव जी ??
ये जो आपके साथ खड़ी है जिन्होंने खाना बनाया है और मुस्कुरा रहीं है…. आपकी गर्ल फ्रेंड हैं??
सब राघव की बात पर हँसने लगे लाजवंती भी हँसने लगी….
राघव जी आप ये क्या कह रहे है?? भुवन ने कहा
क्यों.. ये आपके पास खड़ी है तो मुझे लगा ?
लाजवंती हँसी तो भुवन ने उसकी तरफ गुस्से से देखा लाजवंती मूँह बना कर दूसरी तरफ देखने लगी…
राधिका ने लाजवंती को सबसे मिलवाते हुए कहा – ये लाजवंती है भुवन ले कर आए हैं इनको
अरे तो मैं भी तो वही कह रहा था भुवन ले कर आए हैं इनको….राघव ने कहा
राघव जी ले कर आया हूँ ये मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं हैं – भुवन ने थोड़ा नाराज़ होते हुए कहा
“क्या पता बन जाए.”… राघव ने धीऱे से कहा उसकी इस बात को पास बैठी कावेरी ने सुन लिया उसने राघव की तरफ देखा और मुस्कुराने लगी … राघव भी उसे देखकर मुस्कुरा दिया
सबने खाना खा कर लाजवंती की बहुत तारीफ़ की…….राघव आज अपने घर चला गया था
भुवन आदित्य से कुछ बात करके वापस लौटने लगा तो उसने देखा लाजवंती दरवाज़े पर खड़ी थी.. वो फिर से उसे अनदेखा करके जाने लगा… लाजवंती ने उसे देखा तो बोली…. सुनिए जी …..
भुवन ने ना चाहते हुए भी उसकी तरफ देखा तो लाजवंती ने एक टिफिन बॉक्स उसे देते हुए कहा – आपने खाना तो नहीं खाया लेकिन खीर तो खा ही सकते हैं
मुझे नहीं खाना कुछ भी… भुवन ने कहा और हटो मेरे सामने से
लाजवंती ने भुवन का हाथ आगे किया और बॉक्स पकड़ाते हुए बोली खाने को मना नहीं करते…… भुवन ने कहा ये क्या कर रही हो??
लाजवंती ने जाते हुए कहा – बताना ज़रूर कैसी बनी खीर….
भुवन बॉक्स पकडे हुए उसे हैरानी से जाते हुए देख रहा था…
अगले दिन आदित्य और भुवन काम से बाहर चले गए….. राधिका ने कावेरी से कहा आज तुम ऑफिस से वापस आ जाओ तो हम शॉपिंगय करने चले??
हाँ गुड आईडिया…. चलते है … लाजो को भी ले चलते है क्यों लाजो चलोगी बाज़ार ??
जी दीदी चलेंगे ना कब चलना है ??
शाम को कावेरी ने कहा..
ठीक है फिर तैयार रहना
कहाँ जाने की बात हो रही है?? राघव ने अंदर आते हुए कहा
बाज़ार जाने की लाजवंती ने कहा
अच्छा…. वैसे लाजो जी आज नाश्ते में क्या बनाया?
आज मैंने नही ठाकुराइन ने बनाया नाश्ता
अरे हम तो ये सोच कर आए थे कि आपके हाथों का नाश्ता मिलेगा… खैर भाभी क्या बनाया था आज आपने??
पोहा क्योकि कुँवर को कुछ हल्का खाना था इसलिए आप खायेंगे
हाँ बिल्कुल
लाजो ले आना ज़रा पोहा
और साथ में मसाला चाय राघव ने कहा लाजवंती किचन में चली गयी
राघव जी आज आपको देर नहीं हो रही वैसे तो रोज़ कहते हैं आपकी वजह से देर हो गयी
अरे अपना ही ऑफिस है बस खा के चलते है….
लाजवंती चाय और पोहा ले आयी
राघव ने नाश्ता किया और कावेरी को साथ लेकर ऑफिस चला गया
राधिका ने सबके जाने के बाद देवेंद्र जी को फोन किया उनके हाल चाल पूछे थोड़ी पढाई की और कुछ अपने काम किए…..
शॉपिंग के लिए बाहर जाएंगे ये बात उसने आदित्य को बता दी थी आदित्य ने भुवन से कह कर राजीव को उन सबके साथ में जाने को बोला और नज़र रखने को बोला ……शाम को राजीव के साथ राधिका कावेरी और लाजवंती को लेकर बाज़ार में पहुँची….
राजीव ने गाड़ी पार्किंग में पार्क की और उन तीनों के साथ बाज़ार में गया राजीव की और उसके गार्ड्स की नज़र चारों तरफ थी….
राधिका और कावेरी ने शॉपिंग की कुछ सामान अपने लिए लिया और कुछ लाजवंती के लिए… लगभग 2 घंटे की शॉपिंग करने बाद राधिका ने कहा – और कुछ लेना हैं या चलें ??
नहीं और कुछ मुझे तो नहीं लेना….. लाजवंती तुम्हें कुछ लेना है???
नहीं दीदी हो गया मेरा भी….
ठीक है हम राजीव को बोल देते हैं वो आ जाए… राधिका ने कहा
राधिका कुछ खा लें तब तक आ जायेंगे राजीव भी ….कावेरी ने कहा
राधिका ने कहा – ठीक हैं मैं फिर खाने का ऑर्डर कर के फोन कर दूँगी… वो देखो रेस्टुरेंट है
तीनों वहीं एक रेस्टुरेंट में जा कर बैठ गयी
राधिका ने खाने का ऑर्डर किया …. और फोन कावेरी को देते हुए बोली तुम मेरा फोन रख लो ज़रा कावेरी ने उसका फोन अपने पर्स में रख लिया …
लाजवंती वॉशरूम का कह कर गयी…..कावेरी का फोन बजा तो नेटवर्क ना होने की वजह से वो रेस्टुरेंट के बाहर जा कर बात करने लगी… थोड़ी देर बाद वो वापस आयी तो देखा राधिका वहाँ नहीं थी
सामने से उसे लाजवंती आती हुयी दिखायी दी उसने सोचा कि राधिका लाजो के साथ गयी होगी वो वहीं बैठ गयी…..
लाजवंती आयी तो उसने पूछा दीदी
ठाकुराइन कहाँ हैं……???
. “कावेरी ने कहा हमें लगा तुम्हारे साथ गयी है वो “
“नहीं मैं तो अकेली गयी थी वो यहीं बैठी थी… “
अच्छा फिर यहीं कहीं होगी देखते है
कावेरी अपनी जगह से उठ कर खड़ी हो गयी और दोनों इधर – उधर देखने लगी … उसे और लाजवंती को राधिका कहीं दिखायी नहीं दी.. …
कावेरी ने राजीव को फोन किया राजीव ने फोन उठाया और बोला – जी मैडम आप सबका खाना हो गया मैं आ जाऊँ.. ???
कावेरी ने कहा – राजीव राधिका कहीं दिख नहीं रही है
राजीव ने कहा कहीं दिख नहीं रहीं हैं मतलब आप सब एक साथ थे ना ??
हाँ थे लेकिन मैं फोन पर बात करने बाहर आ गयी थी और लाजवंती वॉश रूम में गयी थी वापस आयी तो राधिका नहीं थी
मैं वहीं आता हूँ रुकें आप… राजीव ने गार्ड्स से रेस्टुरेंट में आने को कहा सब वहाँ पहुँचे तो कावेरी और लाजवंती बहुत परेशान लग रहीं थी
कावेरी ने राजीव को देखा तो बोला – राधिका कहीं नहीं दिख रहीं है …
राजीव ने कहा – आप फिक्र ना करें हम देखते हैं …. राजीव ने गार्ड्स को राधिका को खोजने के लिए बोला ….. उसने कावेरी से कहा उनका फोन ट्राई करिए
फोन उसका मेरे पास ही है…. कावेरी ने कहा
राजीव के साथ दोनों कावेरी को ढूँढने लगी .. उन्होंने राधिका की फोटो दिखायी लेकिन किसी ने उसे नहीं देखा था….
मैं कुँवर जी को फोन करती हूँ…. कावेरी ने आदित्य को फोन किया
आदित्य ने एक की रिंग में फोन उठा लिया और बोला – कहें साली साहिबा हो गयी आपकी शॉपिंग??
कुँवर जी राधिका कहीं मिल नहीं रही है…
आदित्य एक झटके में अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया भुवन भी उसे वक़्त आदित्य के साथ था वो भी आदित्य की उठने पर अपनी कुर्सी पर से खड़ा हो गया….
आदित्य ने कहा – क्या मतलब मिल नहीं रही है ???
कुँवर जी हमने बहुत देखा लेकिन राधिका कहीं नहीं है
.
राजीव कहाँ है ??? फोन दें उसे आदित्य ने कह कर भुवन को इशारे से गाड़ी निकालने को कहा
कावेरी ने राजीव को फोन दिया …. आदित्य ने कहा — राजीव कहाँ है आप और राधिका??आपकी ज़िम्मेदारी पर भेजा था हमनें फिर कहाँ थे आप?
कुँवर हम देख रहें हैं लेकिन वो कहीं नहीं मिल रहीं है … उनका फोन भी कावेरी जी पास है
हमें लोकेशन भेजो हम आ रहे है… आदित्य ने kahs
जी कुँवर … कह कर राजीव ने लोकेशन भेज दी
भुवन लोकेशन देखो और चलो….भुवन ने लोकेशन देखी और गाड़ी उस लोकेशन पर दौड़ा दी
कावेरी ने इतनी देर में राघव को फोन किया …. राघव ने कावेरी का फोन देखा तो मुस्कुरा कर बोला ओहो!!!हमारी याद कैसे आ गयी ??
उसने बड़े प्यार से कहा — हैलो जी हमारी याद कैसे आ गयी आपको?
राघव जी राधिका कहीं नहीं मिल रही है आप जल्दी आए मैं लोकेशन भेज रहीं हूँ… ..
क्या मतलब कहीं नहीं मिल रहीं हैं भाभी आप तो शॉपिंग पर गयी थी ना… राघव ने कहा
वो सब मैं आपको बाद में बताऊंगी पहले आप आ जाए कुँवर भी आ रहे हैं….
राघव ने देखा तो आदित्य का फोन आ रहा था उसने कावेरी को आने का बोल कर आदित्य का फोन पिक किया….
आदित्य ने कहा – राघव
हाँ….
अभी कावेरी जी का फोन आया मैं आ रहा हूँ… कुछ नही होगा भाभी को
ह्म्म आदित्य ने कहा और फोन कट कर दिया…!!
आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा…. फिर मिलूँगी जल्दी ही नये भाग के साथ …. !!
अगला भाग
दास्तान इश्क़ की (भाग -18)- अनु माथुर : Moral stories in hindi
धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
अनु माथुर