दूसरे पन्ने पर तीन दृश्य थे। उसने पन्ने पलटें करीब साठ पृष्ठों की कथा थी।
करीब घंटे भर बाद …
” बेहद शक्तिशाली स्क्रिप्ट है ” नैना ने पन्नों पर से नजर उठाई,
” दिल को मथने वाली,इसमें शब्दों के प्रयोग कम से कम और माध्यम का प्रभावी इस्तेमाल करना है “
शोभित और राॅय बाबू एक चित्त हो कर उसके इस कथन को सुन रहे थे। एक साथ बोल उठे ,
” तुम्हारी भाव प्रवण आंखों के माध्यम से ये दृश्य जीवंत हो जाएंगे “
तभी गेट पर गाड़ी के पहियों की आवाज …
कुसुम आ चुकी थी।
वो नैना से पहली बार रूबरू हुई , नैना उसे एक नजर में भा गई है। उस पर मुग्ध दृष्टि डालती ,
अहा… तुम ही हो नैना! “
मुझे मेरी नाट्य कंपनी के लिए तुम सरीखी ही सांवली – सलोनी नायिका चाहिए थी।
” दिल से धन्यवाद शोभित दा , मुझे मेरी कल्पना से साक्षात्कार करवाने के लिए ,
मैं निश्चिंत हो कर अपनी कंपनी आप दोनों के हवाले कर सकती हूं “
वह अंदर फ्रेश होने चली गई।
नैना को लगा जैसे वह कोई ख्वाब देख रही है।
इतनी जल्दी उसके सपनों के कार्यान्वयन की अवधि निकट आ जाएगी।
” देखा तुम दोनों ने, कुसुम किसी ताजे हवा के झोंके जैसी आई और किस तरह मौसम बदल कर रख दिया। “
उनकी आवाज में कुसुम की भूरि-भूरि प्रशंसा की ध्वनि गूंज रही थी।
थोड़ी देर बाद …
कुसुम लाल किनारी वाली सफेद बंगाली साड़ी पहन कर कमरे में आई।
नैना ने नोटिस किया गले में पतली सोने की जंजीर को छोड़ और कोई भी आभूषण नहीं है।
उसके इस सादगी पूर्ण सौन्दर्य से अभिभूत नैना उसे निहारे जा रही है।
कुसुम नैना की एकटक दृष्टि अपने चेहरे पर महसूस कर मुस्कुराई ,
” हां , तो अब शुरू करें आगे की प्लानिंग ” कहती हुई ऐशट्रे में पड़ी राख झाड़ने लगी।
यह बातचीत काफी देर तक लंबी चली।
अगले दो हफ्तों में जुमा के दिन जीशान के साथ कुसुम की कोर्ट मैरिज होना तय हुआ ।
फिर एक सादे समारोह में परंपरागत बहुभात का होना तय किया गया।
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डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -88)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi