डाक्टरों ने हिमांशु को क्लीनिक में ऐडमिट कर लेने की सलाह दी है।
यद्यपि नैना ने इस संबंध में शोभित से सीधे तौर पर कोई बात नहीं की है।
लेकिन अनुराधा ने उसे मुसीबत में पड़ी हुई महसूस कर विनोद की तरह ही शोभित को भी फोन करके इस बिगड़े हुए हालात की सूचना दी है।
रात में शोभित आया था। हल्के असमंजस के साथ आज वो नैना को कुछ अजनबी सा लगा।
“माफ करना नैना ,
मैं इस वक्त जाती रूप से तुमसे मिलना नहीं चाहता था क्योंकि तुम खुद परेशान हो।
लेकिन नाटक के प्रदर्शन की तारीख तीन महीने पहले तय हो चुकी थी।
और उसके सफल मंचन की ज़िम्मेदारी मेरे साथ- साथ तुम्हारी भी उतनी ही बनती है “
नैना ने ठंडी सांस ली,
” मैं समझ सकती हूं। लेकिन मैं इस दुनिया में सिर्फ तुम्हारी अपेक्षाएं पूर्ति करने के लिए ही नहीं हूं “
नैना ने स्थिर आवाज में कहा।
शोभित को खांसी आ गई थी। वह कुछ दुबला भी लग रहा है ,
” तुम्हारी तबियत तो ठीक है ? “
” पर्फेक्ट ” शोभित ने नैना की ओर सवालिया निगाह से देखा ,
” काश मुझे पहले पता होता हमारी अपेक्षाएं एक दूसरे से अलग भी जा सकती हैं “
नैना नीचे देखने लगी,
” खैर … तुमने क्या सोचा ?
” सोचने का समय ही नहीं मिलता है वैसे भी सोचने से क्या होता है ? “
नैना की आवाज में विवशता झलक रही है।
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डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -107)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi