*”दामिनी का दम”* (भाग-6) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

घटना स्थल पर पहुंचकर दामिनी ने देखा करीब डेढ़ सौ की संख्या में पत्थरबाज गणेश पंडाल से कुछ दूर खड़े थे।

सामने घायल अवस्था में कुछ मोहल्ले वाले और पूजा समिति के लोग लाठी डंडा लेकर उनको ललकार रहे थे।

दामिनी ने अपने साथ आए लड़के से पूछा’ _ पत्थरबाज कौन हैं।क्या ये लोग इसी मोहल्ले के है।

जी नहीं मैडम हमलोग इनको नही पहचानते पता नही कौन है ये लोग और कहा से आए है।

बस अचानक आए और पंडाल पर पत्थर बरसाने लगे ।कई लोग घायल हो गए हैं।उस लड़के ने बताया।

उसकी बात सुनकर दामिनी बहुत गंभीर हो गई।

उसने राजेश से कहा तुम अपनी गाड़ी यही रोक दो और सुरक्षित स्थान पर छिप जाओ ।मैं तुम्हे फोन कर बुला लूंगी ।ये लो मेरा मोबाइल नम्बर किसी इमरजेंसी पर मुझे फोन कर देना ।इतना कहकर वो उतरने से पहले इस लड़के से कहा_ तुम फौरन एक आदमी राजेश के पास भेज दो ।ताकि जरूरत पर वो इसका साथ दे  सके ।

फिर वो उस लड़के को लेकर पंडाल की तरफ बढ़ गई ।

उसने पूजा समिति और मोहल्ले वालों का हौसला बढ़ाते हुए कहा _ आप लोग घबड़ाए नही ।पुलिस आ रही है। पत्थर बाज अब आप लोगो का कुछ नही कर सकते ।

थोड़ी देर में थाना प्रभारी अपने दस जवानों को लेकर पहुंच गया।दामिनी ने देखा पुलिस के जवान बिना हेमलेट और जैकेट के आए हुए थे।

उसने प्रभारी से पुछा  _ किसी दंगा फसाद में पुलिस क्या इस तरह जाती है।अगर हालत बिगड़ गए तो कोई भी पुलिस का जवान सही सलामत  बच कर नही जा पाएगा।

उधर सौ डेढ़ सौ उपद्रवी है और पुलिस के मात्र दस जवान ।कैसे काबू पाएंगे उस उपद्रव को दामिनी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा।

आप तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर कुछ अतिरिक्त पुलिस के जवान को भेजने के लिए बोले।

थाना प्रभारी को एक मामूली लड़की की बात मानने में बहुत कुढन हो रही थी लेकिन हालात ही कुछ ऐसे थे की उसे मानना पड़ रहा था।उसने तुरंत कंट्रोल रूम फोन कर हालात की जानकारी देते अतिरिक्त पुलिस बल भेजने का अनुरोध किया।

दामिनी ने पूछा आपके गश्ती दल के जवान कहा है वे आए या नहीं।

नहीं  अब तो किसी से संपर्क नही हो पा रहा है।प्रभारी ने झुंझला कर कहा।

दामिनी ने गुस्से से कहा_ क्या हाल बना रखा है अपने पुलिस थाने का ।कुछ भी सही नही है।

उसने उन दोनो लड़को से कहा _ तुम लोग अपनी मोहल्ले वालों और पूजा समिति के लोगो को एक जगह इक्कठा करो।

वे दोनो तुरंत भागते हुए गए और सबको इकट्ठा किया.।

दामिनी ने कहा _ देखिए पुलिस तो आई है मगर उनके पास मात्र दस पुलिस के जवान है ।लेकिन उपद्रवी सैकड़ों की तादात में है।

इसलिए उनको बल से नही बुद्धि से काबू करना होगा ।पुराना फार्मूला अपनाना पड़ेगा।

सबसे पहले जितना गमछा, धोती और सूती साड़ी मिले ले आओ और उसकी पगड़ी बांध लो सब लोग ताकि पत्थर से सर बचाया जा सके।

दूसरा जितना हो सके लाल मिर्ची का पावडर जमा करो।कुछ लोग गर्म पानी जमा कर लो ।

ये लोग जब इस मोहल्ले के नही है तब इनका इस तरह पूजा पंडाल पर हमला करना किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है।इनका इरादा बहुत खतरनाक मालूम पड़ता है।ये को किसी समुदाय के नही बल्कि असामाजिक तत्व है।ये लोगो दोनो समुदायों के बीच दंगा भड़काना चाहते हैं।

दामिनी ने सबको जो कहा है जल्दी तैयार करने को कहा।

सभी दामिनी के कहे अनुसार तैयारी में जुट गए।उधर उपद्रवी रुक रुक कर पत्थर फेंक कर दूर खड़े हो जाते थे।

उसने प्रभारी से कहा _ आप  किसी तरह दो दो की संख्या में उपद्रवियों के पीछे जाकर पांच जगहों पर घेरा बंदी करे ।जब मैं हवा में गोली चलाऊं आप सब केवल हवाई फायरिंग करेंगे ताकि इनको लगे की ये लोग चारो तरफ से पुलिस से घिर चुके हैं।

इन सबको केवल घायल करके गिरफ्तार करना है।

जाइए जल्दी किसी तरह उनसे बचकर अपनी अपनी जगह पर मोर्चा संभाले।प्रभारी अपने पुलिस दल को लेकर धीरे से निकल गया।उसे दामिनी पर शक होने लगा था ।ये लड़की किस तरह योजना बना रही है और आदेश दे रही है जरूर कोई पुलिस ऑफिसर होगी या खुफिया विभाग से । जितनी निडर और साहसी है जरूर कोई बात है।इसलिए वो चुपचाप उसकी बात मानने लगा।

उसके जाते ही उसने उन दोनो लड़को से पूछा_ सारी तैयारी हो गई क्या ? जी मैडम ।उन दोनो ने कहा ।

एक काम और करो जितना भी तलवार भाला गंडासा है सब निकालो।

थोड़ी देर में वह भी इंतजाम हो गया ।

दामिनी ने अपनी योजना बताते हुए सबसे कहा_ बीस लोगो के हाथो  में लाठी डंडा होगा जो सबसे आगे चलेंगे ।उनके पीछे लाल मिर्च पाउडर लिए बीस लोग होंगे ।

उनके पीछे गर्म पानी वाले बीस लोग होंगे ।

सबसे पीछे तलवार भाला और कहा गंडासा लिए बीस लोग होंगे ।

सबसे आगे मैं रहूंगी  ।जब मैं बोलू टीम नंबर वन हमला  लाठी चार्ज वाली टीम हमला बोल देगी ।उसी तरह टीम टू ,थ्री और फोर मेरे आदेश पर तुरंत हमला करेगी ।

साथ में इस मोहल्ले की मेन बिजली के स्विच बोर्ड के पास दो लोग तैयार रहेंगे जैसे ही मैं उनके मोबाइल पर मिस कॉल करूं ।तुरंत बिजली काट देनी है।

ठीक उसी समय कुछ लोगो के हाथो में टार्च देकर रखना  है जो लाइन कटते ही टॉर्च पत्थर बाजों की तरफ जला दे ।ताकि उनको कुछ नही दिखे और तुम लोग आसानी से उन पर हमला कर सको।

फिर उसने पूजा पंडाल का माइक लेकर घोषणा किया _ यहां शांतिपूर्ण तरीके हैं पूजा पाठ चल रहा था फिर यहां पत्थर मारने की क्या जरूरत थी ।

तुम सबको पुलिस ने चारो तरफ से घेर लिया है।अब कोई बच कर जा नही सकता है।इसलिए चुपचाप खुद को पुलिस को समर्पण कर दे या वापस चले जाएं।

दामिनी कि घोषणा सुनते ही पत्थर बाज और हरकत में आ गए।शायद उन्हें वहा की पुलिस की क्षमता का अंदाजा था ।मानो उन्हे पुलिस का जरा भी भय नहीं था।

दामिनी समझ गई इन लोगो को पुलिस का जरा भी परवाह नही है ।आप उनकी इसी गक्तफहमी का फायदा उठाना चाहती थी ।आज उनको बता देना चाहती हैं पुलिस क्या होती है।

उन लोगो ने पत्थर बरसाना और तेज कर दिया.।

दामिनी अपनी रिवाल्वर निकाल कर सबसे आगे खड़ी हो गई और जोरदार आवाज में चिल्लाई आगे बढ़ो ।उसका आदेश मिलते ही मोहल्ले वाले पंक्ति बद्ध होकर जैसे कोई ट्रेंड पुलिस  दल हो आगे बढ़ने लगा।

कुछ दूर जाकर उसने सबको रुकने का आदेश दिया। वहा से थोड़ी दूर पत्थर गिर रहे थे।तभी पेट्रोल बम फेंके जाने लगे ।दामिनी ने कहा _ पूरी टीम पीछे हटो।तुरंत पूरी टीम थोड़ी पीछे हट गई।फिर उसने अपना रिवाल्वर हवा उठा कर फायर कर दिया।

उसका फायर होते ही  पत्थर बाजों के पीछे मोर्चा संभाले पुलिस ने भी हवाई फायर करना शुरू कर दिया।

अब पत्थर बाज घबड़ाने लगे ।उनमें भगदड़ मचने लगी ।

उन्हे विश्वाश होने लगा था कि वे सचमुच पुलिस से घिर चुके हैं।तभी दामिनी ने  पावर कट कहकर  कोड़ी नंबर पर मिस कॉल कर दिया।तुरंत  बिजली चली गई ।तभी मोहल्ले वालों को टीम से टॉर्च पत्थर बाजों पर जल उठी । दामिनी ने तुरंत टीम नंबर वन को हमला करने का आदेश दे दिया ।

इसी तरह एक एक कर उसने पूरी टीम को आदेश देकर हमला करवा दिया।

पत्थर बाज कभी सपने में भी नही सोच सकते थे  की एक साधारण मोहल्ले के लोग इतने योजना बद्ध तरीके से इनपर इतना घायल हमला कर सकते हैं ।

कुछ अंधेरे में भाग खड़े हुए ।कुछ बुरी तरह घायल होकर जमीन पर गिरकर दर्द से कराह रहे थे।कुछ को लडको ने पकड़कर बांधना शुरू कर दिया ।

थोड़ी ही देर में सारे पत्थर बाज काबू में कर लिए गए।।तभी पता नही कैसे एक पत्थर बाज ने मौका देख कर दामिनी के सिर पर पत्थर दे मारा।वो दर्द से चीख पड़ी और अपना सर पकड़कर बैठ गई।

मोहल्ले वालों ने उस पत्थर बाज को लाठी डंडों से पिट पीट कर अधमरा कर दिया।

कुछ लोग उसकी तरफ दौड़े और उसे सहारा देकर पंडाल की तरफ भागे ।

दामिनी ने अपनी रूमाल निकालकर अपने सिर पर बांध दिया।लेकिन खून नही बंद हो रहा था।

दामिनी ने राजेश को फोन कर तुरंत गाड़ी लेकर पंडाल के पास आने को कहा।

थाना प्रभारी को पता चला उसने तुरंत अपनी एक पुलिस की जिप में दो जवानों को बैठाकर बोला तुरंत उस लड़की को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाओ।तब तक मैं यहां संभालता हूं ।

दामिनी ने उससे कहा _ दोनो तरफ से जीतने भी घायल हुए है सबको अस्पताल भेजने का प्रबंध करे।

काबू में किए गए पत्थर बाजों को किसी बस से पुलिस थाना भेजे ।

तभी राजेश अपनी कार लेकर पंडाल के पास पहुंच गया।जैसे ही उसने दामिनी को घायल अवस्था में देखा बल चौंक गया ।उसे बड़ा धक्का लगा।

भला शेरनी कैसे घायल हो गई ।लेकिन उसने तुरंत कार का पिछला दरवाजा खोला और दामिनी को उसमे बैठा दिया ।लडको ने मोहल्ले की दो लड़कियों को दामिनी के साथ बैठा दिया ।इनका ख्याल रखना हम लोग भी पीछे पीछे से आ रहे हैं उन लडको ने कहा।

राजेश बुलेट की गोली की तरह अपनी कार को उड़ाता चला गया।कुछ घंटे दामिनी के साथ रहते हुए उसे उसके साथ बड़ी हमदर्दी हो रही थी ।उसे इस हालत में देखा नही जा रहा था।

इसके पीछे मोहल्ले के लड़के भी पांच बाइक से तेजी से आ रहे थे।उन्हे भी दामिनी की बहादुरी और सूझबूझ पर नाज हो रहा था।उसी की वजह से उनके मोहल्ले को पत्थर बाजों से राहत मिली थी।उन्हे भी उसकी इस हालत पर अफसोस हो रहा था।उनके पीछे पुलिस की जिप भागी चली आ रही थी।

अगला भाग

*”दामिनी का दम”* (भाग-7) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

 

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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