वो थाना उस क्षेत्र का काफी व्यस्त और मुख्य पुलिस थाना था । वह शहर का का प्रमुख थाना था।
जिस समय दामिनी उस थाना में प्रवेश की वहा गेट पर कोई पुलिस का जवान पहरेदारी में नही था।
अंदर कुर्सियों और टेबल पर इधर उधर पुलिस के जवान गहरी नींद में सो रहे थे।उनकी बंदूके इधर उधर पड़ी हुई थी। साथ में राजेश भी था वह भी वहा का हाल देख कर हैरान रह गया।
जिस थाना के जवान और थाना प्रभारी इस तरह घोड़े बेचकर सोएगा ।वो आम नागरिकों की सुरक्षा कैसे करेगा।अगर अभी कोई असामाजिक तत्वों का ग्रुप थाना पर धावा बोल कर सारा हथियार लूट ले जाए या पुलिस पर हमला कर दे तब ये लोग बेमौत मारे जाएंगे।
अगर थाना क्षेत्र के अंदर कोई लो इन ऑर्डर की घटना घट जाए तो क्या होगा ।
यह सब सोचकर दामिनी को बहुत गुस्सा आया। उसने राजेश से कहा _ इनके सारी बंदूके और रिवाल्वर जमा कर सामने वाली खाली अलमारी में रख दो ।राजेश हिचकिचाने लगा ।वो वैसे भी पुलिस और थाना से बहुत डरता था।
दामिनी ने जोर देकर कहा _ डरो मत मैं हूं ।जल्दी करो सब हथियार अलमारी में रखो और ताला लगाकर मुझे दो ।बेचारा राजेश सहमते सबके हथियार अलमारी में रखकर ताला लगाकर चाबी दामिनी को दे दिया।
दामिनी थाना प्रभारी के चेंबर में गई और उसे जगाया ।थाना प्रभारी ने नींद में ऊंघते हुए कहा_ अभी जाओ कल सुबह आना ।दामिनी ने जोर से कहा _ मेरे साथ छेड़छाड़ हुई और जानलेवा हमला हुआ है मुझे अभी एफआईआर दर्ज करानी है।
उसकी कड़क आवाज सुनकर वो ऑफिसर हड़बड़ा कर नींद से जागा और गुस्से से कहा _ तुमने सुना नही लड़की मैंने क्या कहा। जल्दी जाओ वर्ना तुमको ही हाजत में बंद कर दूंगा।
बहुत खूब मैं अपनी शिकायत दर्ज कराने आई हूं मेरी रिपोर्ट लिखने के बजाय उल्टा मुझे हाजत में बंद करने की धमकी दे रहे हैं।किस जुर्म में बंद करेंगे।जल्दी बताइए।
इतना कहकर दामिनी उसके सामने रखी एक कुर्सी पर बैठ गई।
उस ऑफिसर ने हवलदार को आवाज लगाते हुए कहा _ इस लड़की को तुरंत थाना से बाहर करो।
लेकिन कोई नही आया।
दामिनी ने कहा _ कोई नहीं आएगा ,सभी आपकी तरह घोड़ा बेचकर सो रहे हैं।
ओ ऑफिसर गुस्से में पागल होते हुए उठ खड़ा हुआ और दामिनी की तरफ लपका और बोला _ मैं खुद तुम्हे हाजत में बंद कर देता हूं फिर देते रहना भाषण।
तभी दामिनी ने अपनी रिवाल्वर निकालकर उस पर तानते हुए कहा _ खबरदार आप किसी महिला को छू नही सकते ।किसी अपराधी महिला को अगर गिरफ्तार भी करना है तो महिला पुलिस कांस्टेबल करेगी।
ओ ऑफिसर हैरत से दामिनी को देखने लगा।
दामिनी ने कहा_ मैने आपके ऊपर रिवाल्वर तान रखी हुई है आप अपनी सर्विस रिवाल्वर क्यों नही निकालते।
ओ ऑफिसर अपने कमर पर हाथ डाला वहा रिवाल्वर नही थी ।उसके होश उड़ गए ।
आपकी रिवाल्वर नही मिलेगी ।दामिनी ने कहा ।
मुझे हाजत में डालने से पहले आप सोचिए आप पुलिस विभाग को क्या जवाब देंगे ।क्या आप ऑफिसर इंचार्ज के लायक है।क्या थाना में इसी तरह बेहोश होकर ड्यूटी की जाती है।
उस ऑफिसर के मुंह से कोई बोल नही फूटा ।
उसने हैरत से कहा,_ आप कौन है ।आप साधारण लड़की मालूम नही लगती है ।कोई अपराधी भी नहीं है।क्योंकि अगर आप कोई क्रिमिनल होती तो मुझ निहत्थे पर गोली चला चुकी होती या मुझसे कुछ भी मनमानी करवा चुकी होती ।
दामिनी ने कहा_ में एक आम नागरिक हूं और अपनी रिपोर्ट लिखवाने आई हूं ।
खैर छोड़िए और मेरे साथ आइए और चलिए देखिए अपने थाना का क्या हाल है ।
ओ ऑफिसर उसके आगे आगे थाना में अपने पुलिस के जवानों का हाल देखकर शर्मिंदा हुआ ।कुछ बोला नहीं।उसने आवाज देकर सबको जगाया।सब लोग हड़बड़ा कर उठ बैठे।
सामने अपने ऑफिसर के साथ एक सुंदर और जवान लड़की को देख आश्चर्य चकित हुए।
दामिनी ने कहा_ बहुत ईमानदारी से ड्यूटी हो रही है।जरा अपना अपना हथियार दिखाना।सबने देखा उनका हथियार गायब था।
सबके चेहरे से हवाइयां उड़ रही थी।पता नही ये लड़की कौन है। बेधड़क सबसे सवाल कर रही है।पता नही अब क्या होगा।
उनकी सोच को झटका देते हुए दामिनी ने अपनी जेब से अलमारी की चाबी निकाला और ऑफिसर इंचार्ज के हाथो में देते हुए कहा _ लीजिए चाबी और अपनी रिवाल्वर के साथ बाकियों का भी हथियार उन्हे दे दे ।
मैं चाहती तो ये चाबी पुलिस के बड़े ऑफीसर को देकर आप सबकी शिकायत करती लेकिन पुलिस थाना और क्षेत्र की सुरक्षा का ख्याल करते हुए चाबी आप सबको दे रही हूं।
उस ऑफिसर ने कहा,_ मैं अपनी और थाना के सभी जवानों को तरफ से माफी मांगते हुए पुछता हुं आप कौन हैं।
किसी साधारण लड़की की हिम्मत नही है को वो बेधड़क थाना में आकर सबका हथियार अलमारी में बंद कर दे।
मैं जो भी हूं आप लोग अपने विभाग को जवाब देने के लिए तैयार रहे ।अभी मैं जा रही हूं लेकिन दुबारा फिर आऊंगी ।इतना कहकर उसने राजेश से कहा _ चलो जल्दी अपनी गाड़ी निकालो तुमको घर भी जाना है।
राजेश ने सोचा जान बची तो लाखों पाए।उसे जल्दी अपने घर जाना था।
उसने तुरंत अपनी ड्राइविंग सीट का गेट खोला और गाड़ी स्टार्ट किया वो गाड़ी आगे बढ़ाता तभी बहुत ही तेज रफ्तार से दो बाइक सवार थाने के अंदर प्रवेश किए।
अपनी बाइक को जैसे तैसे खड़ा कर ऑफिसर इंचार्ज के पास गए और बोले _ दरोगा जी जल्दी चलिए हमारे मोहल्ले के गणेश पंडाल पर कुछ लोगो ने पत्थर से हमला कर दिया है।
दो गुटों में खूनी संघर्ष हो सकता है।जान माल का काफी खतरा हो सकता है।उन दोनो की बात सुनकर उस ऑफिसर के होश उड़ गए ।तुम दोनो क्या कह रहे हो उसकी समझ में नही आ रहा था अब क्या करे ।
उन दोनो की बात दामिनी ने भी सुन लिया था गाड़ी में बैठने ही वाली थी लेकिन उनकी बात सुनकर वो रुक गई और लपकते हुए उस ऑफिसर के पास पहुंच गई और पूछी _ अभी थाना में कुल कितने जवान है ।
उस ऑफिसर ने कहा कुल पन्द्रह है ।
और गस्ती दल में कितने जवान और ऑफिसर क्षेत्र में है ।
जी तीन ऑफिसर और लगभग बीस जवान होंगे ।
उसने बताया।
ठीक है आप पहले अपने दस जवानों को फटाफट तैयार होकर गाड़ी में बैठने बोले ।जो दल पेट्रोलिंग में गया हुआ है उनसे फोन कर घटना स्थल का पता बताकर पूछे वे लोग वहा से कितने दूर है ।
उस ऑफिसर ने वैसा ही किया ।लेकिन तीन गश्ती दल से संपर्क नही हो पाया।एक गश्ती दल से बात हुई ।
दामिनी ने ऑफिसर से कहा _ उन लोगों को बोले वे लोग फौरन उस घटना स्थल के पास पहुंचे लेकिन थोड़ी दूरी बनाकर निगरानी रखे ।जबतक पुलिस पार्टी वहा न पूछे वे लोग वहा हरगिज न जाए वर्ना उन पर भी हमला हो सकता है।
उसने दोनो लडको से कहा _ तुम लोग अपनी बाइक यही छोड़ दो और एक मेरे साथ आओ दूसरा इनके साथ घटनास्थल तक ले जाओ ।
दामिनी ने उस लड़के को अपनी गाड़ी में बैठाया और राजेश से कहा _ जल्दी गाड़ी भगाओ जितना तेज भगा सकते हो ।
उसने अपनी रिवाल्वर में खाली चेंबर में और भी गोलियां भर लिया।
वो लड़का बड़ी हैरत से दामिनी को देख रहा था.।
राजेश ने कहा_ मैडम मुझे घर जाने दो ।आपने कहा था थाना के बाद मुझे छोड़ देंगी ।लेकिन देखिए अब आप दंगा वाली जगह पर मुझे ले जा रही है ।भगवान जाने मेरा क्या हाल होगा ।
दामिनी उसकी बात सुनकर ठहाका मार कर हंसने लगी ।
तुमको मुझ पर विश्वास रखवा चाहिए ।मैं तुम्हारा बाल भी बांका नहीं होने दूंगी ।
तुम अपना मोबाइल नम्बर दे दो ।तुम मुझे घटना स्थल से दूर छोड़ कर किसी सुरक्षित स्थान पर छिप जाना ।जब मैं तुम्हे फोन करूं तभी आना ।
राजेश ने बेमन से अपना मोबाइल नम्बर उसे दे दिया ।
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*”दामिनी का दम”* (भाग-6) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi
लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो झारखंड