कोठी के बाहर कालीचरण के सैकड़ों हथियार बंद गुंडे दामिनी की हत्या की की मंशा से कोठी पर गोलियां बरसा रहे थे ।लेकिन दामिनी राजेश और उनके जवान अपनी जान की बाजी लगाए हुए उनका मुंह तोड़ जवाब दे रहे थे ।एक एक कर कालीचरण के गुंडे धाराशाई हो रहे थे।
अपनी हार होते देख गुंडे आवेश में आ गए और घातक बम के गोले फेंकने लगे । धाय धाय की आवाज से पूरा इलाका थर्राने लगा।कुछ पुलिस के जवान भी घायल होने लगे थे।
यह सब देख कर दामिनी काफी क्रोधित हो गई।उसने राजेश से कहा _ राजेश तुम यहां दीवारों को ढाल बनाकर नीचे हमलावरों को निशाना बनाओ मै नीचे जाकर सारे गुंडों को बमों से उड़ा देती हूं।
उसकी बात सुनकर राजेश घबड़ा गया उसने उसे रोकते हुए कहा _ नहीं मैडम हरगिज नहीं मै आपको अकेले जाने नहीं दूंगा ।उसने दामिनी के हाथ पकड़कर रोक लिया और कहा_ मैडम वे लोग यही तो चाहते है आप बौखला कर उनके सामने जाए और वे आप पर जानलेवा हमला कर सके।हमारे जवान भी बहादुरी से लड़ रहे है ।आप यहां सुरक्षित है। उसकी बात अभी खत्म भी नहीं हुई थी की अचानक एक बम उनकी तरफ आता दिखाई दिया ।राजेश ने उसे देखा लिया वो ठीक दामिनी के ऊपर गिरने ही वाला था कि उसने तुरंत दामिनी को अपनी तरफ खींच लिया।वो उसके ऊपर गिर पड़ी ।बम ठीक उनके बगल में गिरा लेकिन उसके फटने के पहले राजेश ने दामिनी को अपनी बांहों में उठाया और नीचे सीढ़ियों की ओर भागा।इस दरम्यान उसके पैरो की मोच में असहाय पीड़ा हुई ।लेकिन उसने पीड़ा को अपने दांतों तले दबा लिया ।
दामिनी बेहद क्रोधित हो गई।जैसे ही राजेश ने उसे सीढ़ियों पर खड़ा किया उसने राजेश के हाथ का रिवाल्वर ले लिया और दोनों हाथों से गुंडों पर गोलियां चलाने के लिए दीवार की ओट ले ली और दनादन गोलियां दागने लगी उसका निशाना बिल्कुल सटीक लग रहा था।हर गोली पर एक चीख सुनाई देती थी ।उसने चिल्लाकर राजेश से कहा _ राजेश तुम मेरे बैग से बम निकालो और गुंडों पर निशाना लगाकर फेंको ।राजेश ने फुर्ती दिखाते हुए नीचे की ओर देख कर गुंडों पर बम बरसाने लगा।धाय धाय की आवाज से चारों तरफ अफरा तफरी मच गई ।
दामिनी भी अपना दांत भींचे हुए गोलियां चला रही थी।उसने चिल्लाकर अपने जवानों से कहा _ जो भी घायल हो उसे गिरफ्तार करने की कोशिश करो ।तभी एक गोली आकर राजेश के पैरो मे आकर लगी ।वो दर्द से चीख पड़ा और सीढ़ियों से लुढ़कता हुआ जमीन पर आ गिरा।
उसकी ऐसी हालत देखकर दामिनी क्रोध में आपे से बाहर हो गई।
उसने ऑटोमैटिक टेलीस्कोपिक रायफल उठा लिया और अपने नाम की तरह बिजली बनकर गुंडों पर टूट पड़ी । कितनो को धाराशाई करती हुई वो दौड़ते हुए राजेश के पास पहुंची।उसके सिर में काफी चोट आई थी। वहां से खून बह रहा था घुटनों और हाथों में भी कई जगह चोट लगी थी।उसने चिल्लाकर अपने दो जवानों को बुलाया और कहा _ इसे मेरे कमरे में ले जाओ और इसकी मरहम पट्टी करो तब तक इन लोगो को निपटा कर आती हूं।
दो जवान राजेश को उठाकर दामिनी के कमरे के तरफ ले जाने लगे।लेकिन राजेश अपनी परवाह न करते हुए दामिनी को आवाज देते हुए कहा,_ मैडम आप अकेले कोठी से बाहर मत जाना ।लेकिन दामिनी पर तो जैसे खून सवार था।वो गोलियां बरसाते हुए कोठी के गेट की तरफ बढ़ने लगी ।उसकी उधर जाते देख उसके जवान इसका घेरा बनाकर उसकी सुरक्षा कार्य हुए गुंडों पर गोलियां दाग ने लगे।
उसने अपने गार्ड से गेट खोलने को कहा।लेकिन वो हिचकिचाया।दामिनी ने चिल्लाकर कहा _ मेरा आदेश है जल्दी गेट खोलो ।उसने गेट खोल दिया।दामिनी ने तुरंत गेट की आड़ ले ली और खुलकर गुंडों को निशाना बनाने लगी।उसे आगे आते देख उसके जवान भी गेट की आड़ लेकर भीड़ गए।कुछ ही देर में कितने गुंडे मारे गए और कुछ घायल हो गए।
दामिनी ने एक गुंडों को पकड़कर उस पर लात हुए बरसाने लगी और उसके सिर पर रायफल सटा कर बोली _ जल्दी बताओ तुम लोगो को किसने भेजा था ।
अपनी जान जाने के भय से उसने काली चरण का नाम बता दिया
।दामिनी ने अपने एक इंस्पेक्टर से कहा _ तुरंत पुलिस की पांच गाड़िया तैयार करो ।कंट्रोल रूम फोन कर एम्बुलेंस मंगाओ ।जिंदा और मारे गए गुंडों को हॉस्पिटल भेजवाओ ।किसी डॉक्टर को अपने मेडिकल स्टाफ के साथ उसे कोठी में बुलाओ राजेश के पैरो मे गोली लगी है और काफी चोट भी आई है उसका इलाज करवाओ तब तक मैं कालीचरण का काम तमाम करके आती हूं।
उसने उस घायल बदमाश को अपनी गाड़ी में लाद ली और खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गई और गाड़ी आगे बढ़ा दी।उसने बाकी गाड़ियों को पीछे पीछे आने को कहा ।बाकी जवानों को कोठी की निगरानी में लगा दिया।
उस गुंडे के बताए निशान देही पर उसने कालीचरण का घर चारों तरफ से घेर लिया।
उसने अपने जवानों को ललकार कहा _ सामने जो भी आए उसे उड़ाते जाओ कोई भी बचना नहीं चाहिए।
उस घर में भी काफी संख्या में बदमाश पाए गए हथियार गोला बारूद ,आभूषण और करोड़ों रुपयों का जखीरा पकड़ा गया।
उस मुठभेड़ में काली चरण बुरी तरह मारा गया ।दामिनी इतने गुस्से में भी थी कि कालीचरण के मरने के बाद भी उसपर गोलियां बरसाती रही ।उसने गिरफ्तार किए गए और मारे गए सभी बदमाशो को हॉस्पिटल भेजवा दिया।
जब्त किए सामानों को उस क्षेत्र के पुलिस थाना के जब्तखाना में रखवा दिया।
जब वो कोठी पहुंची राजेश के पैरो की गोली निकाल कर बाकी चोटों का इलाज हो चुका था।
थोड़ी देर में डीएसपी राघव और महिला दरोगा प्रभा भी अपने दल बल के साथ पहुंच गए। वहा का हाल देखकर सब लोग भौचक्के रह गए।
दामिनी ने राघव और प्रभा के लिए भी खाना बनवाया और राजेश से बोली आज तुमको मेरे हाथ का बना खाना खाना नसीब नहीं था ।इसलिए आज तुम रसोइया का बना खाना ही खाओ ।लेकिन कल जरुर खिलाऊंगी।
उसे राजेश की यह दशा देखी नहीं जा रही थी ।राजेश ने पूछा _ आप ठीक तो है मैदानी।
मैं तो ठीक हूं राजेश लेकिन जिन लोगों ने तुम पर गोली चलाई थी सबको ठिकाने लगा के आ रही हूं।
राजेश ने कहा _ आपके नाना डीजीपी का फोन आया था।उन्होंने एक खुशखबरी दिया है कि आपका ट्रांसफर रोक दिया गया।खुद मुख्य मंत्री ने रुकवाया है।
राजेश की बात शुक्रवार राघव और प्रभा खुशी से तालिया बजाने लगे ।
चलो उस जिले के गुंडों की खैर हुई ।वरना जहां जाती मै वहां भी बदमाशो के नाक में दम कर देती।
उसकी बात सुनकर सब ठहाका मारकर हंसने लगे ।
शेष अगले भाग _ 35 में
लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो झारखंड