*”दामिनी का दम”* (भाग-33) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

एसपी कोठी में दामिनी ,राघव ,प्रभा और राजेश आपस में चर्चा कर रहे थे।

राघव ने कहा_ मैडम अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है केवल नेताओं के सह पर इसलिए ये लोग इतना होने के बाद भी आप पर हमला करने की सोचते भी नहीं है।

इनको पता है आप कितनी बहादुर और खरतनाक लड़की है फिर भी इनको जरा भी भय नहीं लगता है।

प्रभा ने कहा _ कहावत तो आपने सुनी होगी _ जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की तरफ भागता है।

उसी तरह अपराधियों की मौत आई हुई है इसलिए ये लोग बार बार उलझ रहे हैं।

उलझने दो प्रभा तभी तो इनको अपनी औकात पता चलेगी।तभी तो इनकी समझ में आयेगा कि ईमानदार और कर्मठ पुलिस से उलझने का नतीजा क्या होता है।न तो हम बेईमान पुलिस ऑफिसर हैं और न नेताओं के तलुवे चाटने वाले हैं।ट्रांसफर तो हो ही गया है । जहां भी जाएंगे  इसी निडरता,ईमानदारी और कर्मठता के साथ काम करूंगी।दामिनी ने ठोस लहजे में कहा।

मैडम मेरी अभी आपके पिता जी से बात हुई है।सुनकर वे सीएम साहब से बहुत नाराज हुए थे।

उन्होंने कहा है कि वे डीजीपी और सीएम साहब से बात करेंगे।

राजेश ने कहा।

तुमने पापा को मेरे ट्रांसफर के बारे में क्यों बता दिया राजेश ।उनको बहुत दुख हुआ होगा।इसलिए मैने उनको नहीं बताया।दामिनी ने गंभीर होकर कहा।

वे आपके पापा है मैडम उनको नहीं बताएंगे तो किसको बताएंगे।राजेश ने कहा।

दूसरी बात ये है कि अभी जो मुझ पर हमला हुआ था वो मुझ पर नहीं था।आपको समझकर किया गया था।इसलिए सावधानी जरूरी है ।

राघव साहब ने आपकी सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त कर दिया है फिर भी हमे सतर्क रहना होगा ।मेरी सूचना के मुताबिक हमला कभी भी रात में हो सकता है।राजेश ने कहा।

तभी दामिनी के मोबाइल पर एक डीएसपी का फोन आया उसने बताया कि गांधीनगर थाना में हाजत में एक कैदी की मौत हो गई है। रात में उसके परिवार जन हंगामा कर रहे हैं।

सुनकर दामिनी चिंतित हो गई।उसने उस डीएसपी से कहा _ आप तुरंत उस थाना में जाए और मामला का संभाले ।कल सुबह मुझे उसकी पूरी रिपोर्ट भेजे आखिर किसी कैदी की पुलिस कस्टडी में मौत कैसे हो सकती है।इससे पुलिस विभाग की बड़ी बदनामी होगी ।थाना प्रभारी पर केस हो सकता है।

अभी उसने फोन काटा ही था कि फिर बज उठा।राजा नगर थाना के इंचार्ज का फोन था उसने बताया _ मेरे थाना क्षेत्र के बाल्मीकि नगर गांव में दबंगों ने हरिजन बस्ती में आग लगा दिया है।

सुनकर दामिनी चौंक गई ।उसने उस घटना के बारे में सबको बताया और कहा कि मैं उस गांव में जाती हूं।

राघव ने कहा मैडम आप अभी अपनी कोठी से बाहर कही नहीं जाए।मुझे आदेश करे मैं जाकर मामले को हैंडल करता हूं और आपको रिपोर्ट देता हूं ।सभी दोषियों को ढूंढ कर गिरफ्तार करता हूं ।

ठीक है आप फौरन जाए।दामिनी ने कहा ।

राघव उसका आदेश मिलते ही अपनी   टीम को लेकर तुरंत निकल गया।

उसके जाते ही प्रभा के छोटे दरोगा ने फोन कर बताया कि _ उसके थाना क्षेत्र के केवट मोहल्ला में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है। गांव वाले लड़की को लेकर थाना में आए है और हंगामा कर रहे हैं।

प्रभा ने दामिनी को घटना की जानकारी देते हुए कहा ” _ मैडम आज रात में एक साथ इतनी घटनाएं।यह सब क्या हो रहा है।

अभी यह सब सोचने का समय नहीं है।जो ही रहा है उसको संभालना है तुम जल्दी पुलिस बल लेकर जाओ और बलात्कारियों को हर हाल में गिरफ्तार करो ।

भक्त भोगी लड़की को अस्पताल। भेजकर उसका तुरंत मेडिकल जांच करवाओ।चलो मैं भी तुम्हारे साथ चलती हूं।

लेकिन प्रभा ने कहा_ नहीं मैडम  आप यही रहे आपकी जान को खतरा है ।मैं जा रही हूं ।आप चिंता न करे । विधि व्यवस्था बिगड़ने नहीं दूंगी ।कोई भी बलात्कारी नहीं बचने पाएगा।

इतना कहकर प्रभा अपने बल के साथ चली गई।

कालीचरण अपने आदमियों के साथ बातचीत कर रहा था।हमलोग अपने नेता का बदला एसपी दामिनी से लिए बिना चुप नहीं बैठेंगे।

तभी उसका मोबाइल बजने लगा।जाने उसे ऑन कर बात किया।

फोन सुनते ही उसने अपना सिर पकड़  लिया।

उधर से बताया गया कि जिन पांच लोगों को एसपी को मारने के लिए भेजा गया था वे बुरी तरह घायल हो गए हैं पुलिस मुठभेड़ में उनको गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

वो काफी क्रोधित हो गया  और बोला इसलिए आज हमने एसपी के खिलाफ जाल बिछा देंगे ।जिला में एक ही रात में इतनी घटनाएं घटा देंगे कि वो संभाल नहीं पाएगी और हमें मौका मिल जाएगा उसका काम तमाम करने का।

हमलोग आज ही रात एसपी कोठी पर हमला करेंगे ।उसने गुस्से में कहा।

रात में मुख्य मंत्री के निजी सचिव ने फोन सीएम को देते हुए कहा_ सर केंद्रीय गृह मंत्री सत्य प्रकाश  जी है लाइन पर है वे आपसे बात करना चाहते हैं।

मुख्य मंत्री ने फोन उठा लिया और नमस्कार किया।

उसका जवाब दिए बिना गृह मंत्री ने कहा_ किस गलती के लिए तुमने एसपी दामिनी का ट्रांसफर किया है ।

सर वो हमारी कोई नहीं सुनती है। सीएम ने जवाब दिया।

मतलब तुम्हारे सारे बुरे कामों में वो तुम्हारा साथ देगी तो तुम्हारे लिए अच्छी आईंपीएस  ऑफिसर होगी।

तुम्हारे पाले गए गुंडों को मनमानी करने दे तो वो अच्छी कहलाएगी चाहे तुम्हारे गुंडे क्षेत्र में कितना भी उत्पात करे।हत्या,बलात्कार,,अपहरण ,हथियारों की तस्करी और न जाने क्या क्या ।

गृह मंत्री ने गुस्से में कहा।

अरे नहीं सर ऐसा नहीं है आप खामखाह मुझ पर नाराज हों रहे है।

देखो  मुझे तुम्हारा सारा काला चिट्ठा मालूम है।आखिर मैं देश का गृह मंत्री हूं ।बहुत जल्दी ही एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर को परेशान करने  और उसपर जानलेवा हमला करवाने की सजा तुमको मिलेगी ।

इतना कहकर गृह मंत्री ने फोन काट दिया ।

सीएम साहब के माथे से पसीना टप टप टपकाने लगा था।

उसने तुरंत फोन कर डीजीपी को कहा _ आप तुरंत दामिनी का ट्रांसफर रोक दे ।

सबके जाने के बाद दामिनी ने कहा _ राजेश तुमको भूख लगी होगी चलो मैं तुमको अपने हाथों से खाना बनाकर खिलाती हूं ।

अरे नहीं मैडम आप तकलीफ मत कीजिए इतने सारे लोग हैं वे लोग बना देंगे ।

अभी तुम कुछ नहीं बोलोगे चुप चाप चलो मेरे साथ रसोई में ।तुम अपनी पसंद बताओ मैं वही बनाऊंगी।

राजेश चुप हो गया उसके पीछे पीछे रसोई घर में चला गया।

दामिनी ने अपने रसोइया से कहा _ तुम लोग अपना खाना बना लो। मेरा और राजेश का खाना मैं खुद बनाऊंगी।

उससे पहले मैं चाय बना लेती हूं। चाय के साथ  बिस्कुट खाते हैं  फिर खाना बनाती हूं ।

अभी उसकी बात पूरी भी नहीं हुई थी कि कोठी के बाहर जोर का धमाका हुआ । पूरी कोठी हिल उठी।

उसके जवानों ने तुंरत अपना मोर्चा संभाल लिया।

दामिनी ने अपने बाकी स्टाफ को कमरे में हथियार लेकर छिपने को कहा और राजेश का हाथ पकड़कर उसे अपने कमरे की तरफ भागी ।उसने उसे एक रिवाल्वर दिया ।उसने कई शक्ति शाली बम और गोलियां एक बैग  में भर लिया और टेलीस्कोपिक ऑटोमैटिक रायफल लेकर फिर छत की तरफ दौड़ी।राजेश भी उसके पीछे भागा।मोच की वजह से उसे चला नहीं जा रहा था फिर भी वो हिम्मत जुटाकर दामिनी के पीछे छत पर चढ़ कर उसके साथ पोजीशन ले लिया ।

उसने पहले पुलिस कंट्रोल रूम को कोठी पर हमले की सूचना दे दिया।

और बाहर की तरफ देखने लगा।

बाहर की तरफ से गोलियों की आवाजे आ रही थी।

अंदर से भी पुलिस के जवान जवाबी कार्रवाई में गोलियां चला रहे थे।

दामिनी ने देखा _ गेट के ठीक सामने कुछ बदमाश खड़े होकर कोठी के अंदर गोलियां चला रहे थे।

उसने टेलीस्कोप से देखकर सटीक निशाना लगाया और दनादन गोलियां दागना शुरू किया । लगातार पांच चीखे सुनाई दी।

उसने राजेश को बचकर रहने को कहा ।लेकिन राजेश अपनी जान की परवाह किए बिना दामिनी को कवर करने में लगा हुआ था।मतलब कोई भी गोली अगर दामिनी की तरफ आती तो पहले उसे ही लगनी थी।

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*”दामिनी का दम”* (भाग-34) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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