*”दामिनी का दम”* (भाग-32) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

दामिनी के ट्रांसफर की खबर सुनकर राजेश की मां बहन और भाई सभी को बड़ा झटका लगा ।

राजेश की मां ने कहा _ बेटा बड़ा गलत काम किया है सरकार ने जिस लड़की ने अपनी जान की बाजी लगाकर इतने बड़े अपराधियों को इतनी मुश्किल से पकड़कर जेल भेजा है।उसने उसको सम्मान देने के बजाय ट्रांसफर कर दिया ।

इससे तो पूरे पुलिस विभाग में सभी ऑफिसरों का मनोबल नीचे गिरेगा ।पुलिस अपराधियों को क्यों पकड़ेगी ।क्यों उनसे पंगा लेगी।उनसे सांठ गांठ कर क्यों नहीं अपनी नौकरी बचाएगी ।

मां यही तो राजनीत है जो बुरी तरह गंदी और भ्रष्ट हो चुकी है।नेता अपनी कुर्सी बचाने और भोट पाने के लिए किसी हद तक नीचे गिर सकते है ।

खैर छोड़ो मै जा रहा मैडम के पास वो अभी बहुत टेंशन में होंगी।

राजेश ने कहा ।

हम सब भी चलते है बेटा ।उसने तुम्हारे साथ विवाह का प्रस्ताव रखा था और हमने उसे ठुकराया तो नहीं लेकिन हा भी नहीं कहा ।इससे भी और ज्यादा उसके दिल को ठेस पहुंची होगी ।उससे मिलकर उसका दुख दूर करेंगे ।उसकी मां ने कहा ।

मां मै भी चलूंगी मुझे दामिनी दीदी का उदास चेहरा बार बार याद आ रहा है।रागिनी ने कहा ।

नहीं अभी कोई नहीं जाएगा मैडम के पास ।में अकेले ही जाकर उनसे मिलकर बात करूंगा ।राजेश ने कहा ।तभी उसके दरवाजे पर पुलिस की गाड़ी की आवाज आई ।

राजेश तेजी से निकला और उसका अगला दरवाजा खोलकर बैठ गया।

उसके पीछे दो हवलदार रायफल लिए हुए बैठे थे।

अभी वो कुछ ही दूर गया होगा कि उसका फोन बज उठा ।उसने देखा फोन उसके एक ड्राइवर साथी का था।

उसने फोन को ऑन कर अपने कान से लगा लिया।उधर से जो कहा गया उसे सुनकर वो चौंक गया ।

इसके माथे से पसीना आने लगा ।उसने तुरंत डीएसपी राघव को फोन कर बताया _ राघव साहब मुझे अभी अभी सूचना मिली है कि आज रात को कभी भी दामिनी मैडम पर जानलेवा हमला हो सकता है।

आप तुरंत मैडम की कोठी के अंदर बाहर की सुरक्षा बढ़ा दीजिए।

सुनकर राघव भी घबड़ा गया।

उसने आनन फानन में पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर एक सौ जवानों को पूरी तैयारी के साथ दामिनी की कोठी पर भेजने को कहा ।

साथ ही फायर बिग्रेड की गाड़िया और एंबुलेंस के साथ डॉक्टर भी भेजने को कहा।

राघव भी जल्दी जल्दी तैयार होने लगा।

राजेश ने दामिनी को फोन किया और सारी जानकारी देकर कहा  कि मैडम आप सावधान रहे मैंने राघव साहब को आपकी कोठी की सुरक्षा बढ़ाने को बोल दिया है ।मैं भी तुरंत पहुंच रहा हूं।

दामिनी ने कहा _ तुम चिंता मत करो राजेश मुझे मरने का कोई डर नहीं है ।लेकिन मरने से पहले कितनो को बिदा कर दूंगी इसका अंदाजा किसी को नहीं है ।

लेकिन सब जन कर भी तुम मेरे पास मरने के लिए क्यों आ रहे हो ।जाओ वापस लौट जाओ ।मेरे साथ अगर तुम्हे कुछ हो गया तो तुम्हारे परिवार को कौन संभालेगा।

दामिनी की बात राजेश के दिल के अंदर तक धंस गई ।क्योंकि आज से पहले उसने उसे ऐसी बात कभी नहीं की थी।

जबकि वो जानती है कि मैं मैडम की हर लड़ाई में बिना जान की परवाह किए बिना साथ निभाता रहा हूं ।लेकिन आज उसने गैरो जैसी बाते कह दिया।

राजेश ने मन में सोचा।

क्या कभी मैने आपका साथ छोड़ा है मैडम जो आज अपनी जान के डर से छोड़कर भाग जाऊंगा हरगिज नहीं ।

उसने दामिनी से कहा ।यह सब कहते हुए उसकी आंखे भर आई थी ।

दामिनी की आंखे भी आंसुओं से भर आई थी ।

मैडम मैं एक मामूली टेक्सी ड्राइवर हूं ।मैं दिल का कमजोर हो सकता हूं ।लेकिन आप तो एक बहादुर और निडर शेरनी से भी खतरनाक आईपीएस ऑफिसर हो आप कबसे कमजोर होने लगी और रो रही हो ।

मत रोइए मैडम वरना मेरा कलेजा फट जायेगा ।आपको अंदाजा नहीं है आपके एक आंसू के लिए मै कुछ भी कर सकता हूं ।राजेश ने आंसुओं को रोक पाने में असफल होते हुए कहा।

उसकी बात सुनकर दामिनी फोन पर ही दहाड़े मार कर रोने लगी ।जब तुम्हे मेरे आंसुओं की इतनी परवाह है तो तुम मेरा प्यार स्वीकार क्यों नहीं कर लेते ।दामिनी ने रोते हुए कहा ।

बस कीजिए मैडम अब और कुछ मत कहिए अपने आपको संभालिए ।यह सब इतनी जल्दी जल्दी हो रहा है कि कुछ सोचने समझने का समय ही नहीं मिल रहा है।

एक तो आपने मुझसे पहली बार अपने प्यार का इजहार किया ।उधर मुझे देखने किए कल लड़की वाले आ रहे हैं।दूसरी तरफ आपका अचानक ट्रांसफर हो गया है और अब आपके ऊपर जानलेवा हमला होने वाला है।

अब आप ही बताइए मैं क्या करूं मैडम।राजेश ने रोते हुए कहा। उसकी आंखो से आंसू थे कि रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।वो दामिनी की बहुत ज्यादा इज्जत  और परवाह करता था ।वो उसे खाना भी नहीं चाहता था।वो उससे दूर चली जाए यह भी नहीं चाहता था।

मैं सब समझ रही हूं राजेश लेकिन मैं क्या करूं किसी के दिल पर किसी का कोई जोर नहीं चलता है। माना कि मैं एक पुलिस ऑफिसर हूं लेकिन इससे पहले एक लड़की हूं ।मेरी भी कुछ भावनाएं हैं।मैने जिंदगी में पहली बार तुमको चाहा है और तुमने मेरे प्रस्ताव पर चुप्पी साध लिया ।इससे मेरे दिल को गहरी ठेस लगी है राजेश ।दामिनी ने थरथराते होठों और भींगी पलकों से कहा।

नहीं मैडम ऐसी बात नहीं है ।मैं आपको कैसे समझाऊं अपनी मजबूरी  आप तो कुछ सुनने को तैयार ही नहीं हैं।राजेश ने दामिनी को समझाने की भरपूर कोशिश करते हुए कहा।

मैडम मैं फोन काट रहा हूं आप खुद को संभालिए मैं कुछ ही देर में पहुंच रहा हूं और आपसे मिल कर बात करता हूं ।इतना कहकर राजेश ने फोन काट दिया ।

तभी उसके फोन पर दामिनी के पापा केंद्रीय गृह मंत्री का फोन आया ।उसने तुरंत कहा है_ जय हिंद सर ।

उसके पापा ने कहा _ देखो मेरी बेटी ने किसी लड़के को पसंद कर लिया है अपनी शादी के लिए लेकिन उसने उसका नाम नहीं बताया है।तुम उससे उस लड़के का पता किसी तरह लगाओ में उस लड़के से मिलना चाहता हूं चाहे वो जो भी हो ।

मंत्री जी की बात सुनकर राजेश चौंक गया ।उसने सोचा उन्हें सारी सच्चाई बता दूं लेकिन वो चुप ही रहा।

ठीक है सर मैं मैडम से पूछकर आपको बता दूंगा।

उसने कहा।

और हां देखो तुम उसके बहुत करीब रहते हो वो तुम्हे बहुत मानती भी है ।इसलिए जरा ध्यान रखना मेरी बेटी बहुत भाऊक भी है।कही कुछ उल्टा सीधा न कर ले अगर लड़के ने मना कर दिया तो ।

जी सर आप चिंता न करे मैं सब सम्भाल लूंगा।

राजेश ने कहा।उसके माथे से और पसीना बहने लगा था।

उसने उन्हें दामिनी पर होने वाले जान लेवा हमले के बारे में बताते हुए कहा कि मैने सब तैयारी कर लिया है और अभी उन्हीं के पास जा रहा सर आप बिल्कुल चिंता न करे ।

सुनकर मंत्री जी चिंतित हो गए ।

क्या बोल रहे हो  तुम किसी चीज की जरूरत हो तो बताओ मैं अभी डीजीपी से बात करता हूं ।

उसने क्या बात करेंगे सर उन्होंने ही तो सीएम साहब के कहने पर मैडम का ट्रांसफर किया है थोड़ी देर पहले।

क्या कह रहे हो तुम और मेरी बेटी ने कुछ नहीं बताया मुझे ।

तुम चिंता मत करो मैं डीजीपी और सीएम दोनों की खबर लेता हूं।तुम दामिनी का ख्याल रखना।मंत्री जी ने गुस्से में कहा और फोन काट दिया ।

अभी उसने मंत्री जी से बात खत्म ही किया था कि उसकी गाड़ी पर गोलियों की बौछार होने लगी ।उसने दोनो हवलदारों से कहा अपनी अपनी रायफल संभालो और बचो।ड्राइवर को तेज गाड़ी भगाने को कहा ।

उसने अपनी रिवाल्वर निकालकर खिड़की से पीछे देखा एक बॉलरों गाड़ी उसकी कार का पीछा कर रही थीं।गोलियां उड़ी गाड़ी की तरफ से आ रही थी ।

उसने निशाना लगाया और ड्राइवर के ठीक सामने सीसे पर गोली चला दिया ।गोली निशाने पर लगी और ड्राइवर के सिर में जाकर लगी ।गाड़ी सड़क पर लहराने लगी और डिवाइडर पर जाकर टकरा गई ।

राजेश ने गाड़ी रोकने को कहा ।गाड़ी रुकते ही उसने गेट खोला और बाहर कूद पड़ा ।वो उस गाड़ी की तरफ दौड़ा।पीछे पीछे चलने दोनो हवलदार भी भागे ।

गाड़ी के अंदर पांच लोग थे सबके हाथो में बंदूके थी सभी बुरी तरह घायल हो गए थे।

राजेश ने हवालदारो से कहा इनकी बंदूके छीन लो और इनको बाहर निकालो।

राजेश ने तुरंत दामिनी को घटना की जानकारी दिया।

दामिनी ने घबड़ा कर पूछा तुम तो ठीक हो राजेश ।

जी मैडम राजेश ने कहा ।

तुम अपनी लोकेशन भेजो मैं अभी आ रही हूं ।

राजेश अभी उसे कुछ कहता उसने फोन काट दिया ।

दामिनी ने उस क्षेत्र के थाना प्रभारी को फोन कर घटना की जानकारी देते हुए कहा तुरंत वहां पहुंचो मैं भी आ रही हूं ।

थोड़ी ही देर में दामिनी दो पुलिस जीप में साथ घटना स्थल पर पहुंच गई ।

उस क्षेत्र का थाना प्रभारी भी अपने दल बल के साथ पहुंच गया ।

उन पांचों को घायल अवस्था में गिरफ्तार कर हॉस्पिटल भेज दिया गया।ड्राइवर मर चुका था ।उसे भी  पोस्टमार्टम हेतु वही भेज दिया गया।

तभी वाह राघव और प्रभा भी अपने दल बल के साथ पहुंच गए।

राघव ने कहा _ मैडम मुझे लगता है हमलावरों ने धोखा से आपकी गाड़ी को देखकर हमला कर दिया ।उन्हें लगा आपकी गाड़ी में आप होंगी इस लिए हमला किया ।

राजेश तो बाल बाल बाल बच गया और हवलदार भी बच गए ।प्रभा ने कहा मैडम ये आपके साथ रहकर आपकी तरह ही बहादुर और खरतनाक हो गया है।एक ही निशाने में खेल खत्म कर दिया वरना बड़ी घटना घट सकती थी।

सब लोग उसकी बात पर हंसने लगे ।दामिनी भी मुस्कुराने लगी ।

उसने राजेश को अपनी गाड़ी में बैठा लिया और अपनी कोठी की ओर निकल गई ।

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*”दामिनी का दम”* (भाग-33) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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